स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय
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स्वास्थ्य कार्य समूह की दूसरी बैठक के पहले दिन भारत की जी-20 स्वास्थ्य क्षेत्र की प्राथमिकताओं के कई पहलुओं पर विचार-मंथन सत्र हुए


दूसरी जी-20 स्वास्थ्य कार्य समूह की बैठक में स्वास्थ्य आपातकालीन तैयारी और प्रतिक्रिया के बारे में प्रशासन को मजबूत करने और फार्मास्युटिकल क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए एक मंच बनाने के बारे में चर्चा की गई

Posted On: 17 APR 2023 6:23PM by PIB Delhi

भारत की जी-20 की अध्यक्षता के अंतर्गत दूसरी स्वास्थ्य कार्य समूह की बैठक वर्तमान में गोवा के पणजी में चल रही है। बैठक के पहले दिन भारत के जी-20 स्वास्थ्य क्षेत्र की तीन प्राथमिकताओं से जुड़ें विभिन्न पहलुओं पर कई विचार-मंथन सत्र हुए। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार, केंद्रीय पर्यटन, पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग राज्य मंत्री श्रीपद यसो नाइक उद्घाटन सत्र में मौजूद थे और बैठक में  मुख्य संबोधन और विशेष संबोधन किया।

डॉ. भारती प्रवीण पवार ने कहा, "भारत की जी-20 प्राथमिकताएं सुधारवादी बहुपक्षवाद पर ध्यान केंद्रित करती हैं जो 21वीं सदी में कई चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक उत्तरदाई, समावेशी, न्यायसंगत और प्रतिनिधित्व करने वाला मंच बनाता है।" श्री श्रीपद नाइक ने स्वास्थ्य और वैलनेस पर्यटन को प्रोत्साहन प्रदान करने में भारत के प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत चिकित्सा पर्यटन के लिए शीर्ष स्थलों में से एक बना हुआ है। दोनों मंत्रियों ने हाल के वर्षों में किए गए भारत के अभिनव हस्तक्षेपों, डिजिटल स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में सफलता की कहानियों को प्रदर्शित करने वाली एक प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया।

उद्घाटन सत्र के बाद, सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों और प्रमुख हितधारकों द्वारा मुख्य भाषणों के साथ तीन तकनीकी सत्र आयोजित किए गए। "स्वास्थ्य आपात स्थिति की रोकथाम, तैयारी और प्रतिक्रिया (एचईपीपीआर)" विषय पर पहले सत्र के दौरान प्रमुख वक्ता प्रोफेसर के. श्रीनाथ रेड्डी, पूर्व अध्यक्ष और विशिष्ट प्रोफेसर, पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया (पीएचएफआई), डॉ. हनान एच. बाल्खी, एएमआर, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के लिए सहायक महानिदेशक, डॉ. माइकल रयान, कार्यकारी निदेशक, विश्व स्वास्थ्य संगठन के स्वास्थ्य आपात कार्यक्रम ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए। स्वास्थ्य आपात स्थिति की रोकथाम, तैयारी और प्रतिक्रिया पर प्रशासन प्रणाली में एंटी-माइक्रोबियल रेजिस्टेंस को शामिल करने और विभिन्न प्रशासनिक स्तरों पर चल रहे स्वास्थ्य आपात स्थिति की रोकथाम, तैयारी और प्रतिक्रिया प्रयासों की सुसंगतता और पूरकता सुनिश्चित करने पर चर्चा हुई। सदस्यों ने प्रयोगशालाओं के उन्नत नेटवर्क और प्रासंगिक बुनियादी ढांचे द्वारा समर्थित महामारी प्रबंधन में सहयोगी निगरानी प्रणाली के निर्माण पर व्यापक प्रस्तावों पर भी चर्चा की।

दूसरे सत्र के दौरान "सुरक्षित, प्रभावी, गुणवत्ता और सस्ती चिकित्सा सेवा तक पहुंच और उपलब्धता पर ध्यान देने के साथ फार्मास्युटिकल क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करना" विषय पर चर्चा विभिन्न स्तरों पर बेहतर सहयोग बनाने पर केन्द्रित रही, चाहे वह सार्वजनिक और निजी भागीदारी हो या नेटवर्क-ऑफ़-नेटवर्क समन्वय मंच के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय सहयोग या चिकित्सा प्रतिउपायों तक समान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए मंच। नीति आयोग में सदस्य (स्वास्थ्य), डॉ. विनोद के. पॉल, ने भारत में फल-फूल रहे डिजिटल स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र और फार्मास्युटिकल क्षेत्र पर प्रकाश डाला और हितधारकों से जी-20 देशों के बीच सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान करने और सीखने का लाभ उठाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि प्रतिभागियों को कोविड-19 द्वारा प्रेरित पहलों द्वारा प्रदान किए गए अवसरों और गति को एक साथ शामिल करना चाहिए और इसका लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने वैश्विक चिकित्सा प्रतिउपाय समन्वय के लिए समर्थन बढ़ाने का भी आह्वान किया।

अन्य महत्वपूर्ण वक्ताओं में डॉ. ओलिव शिसाना, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति के विशेष सलाहकार, डॉ. ब्रूस आयलवर्ड, विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक की वरिष्ठ सलाहकार, सुश्री मैरी-अंगे सरका-याओ, प्रबंध न,रिसोर्स मोबिलाइजेशन निजी क्षेत्र की भागीदारी और अभिनव वित्त विभाग, जीएवीआई शामिल थे। तीन देशों के संगठन-ट्रोइका के सदस्य देशों, आमंत्रित देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के उपयोगी सुझावों की भी सराहना की गई।

परिणाम दस्तावेज़ के मसौदे पर विशेष रूप से जी-20 सदस्य देशों के बीच एक घंटे के सत्र के बाद चर्चा की गई। इस बात पर बल दिया गया कि किसी भी सहमति को साक्ष्य आधारित, समावेशी, निष्पक्ष, न्यायसंगत, पारदर्शी और आवश्यकता-आधारित उपायों के माध्यम से बनाया जाना चाहिए। इस समृद्ध सत्र के दौरान विभिन्न विशिष्ट हस्तक्षेपों और समाधानों पर चर्चा की गई।

माननीय राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार और वरिष्ठ अधिकारियों ने विभिन्न सत्रों के बाद, विभिन्न डिजिटल स्वास्थ्य सर्वोत्तम प्रथाओं की  प्रदर्शनी का अनावरण और अवलोकन किया, जो भारत और विदेशों में अपनाई जा रही हैं। बैठक का पहला दिन गोवा की समृद्ध संस्कृति और आतिथ्य को प्रदर्शित करने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ समाप्त हुआ, जिसमें गोवा के फोर्ट अगुआडा परिसर, में एक गाला डिनर शामिल था।

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