कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी कल नई दिल्ली में 'ग्लोबल मिलेट्स (श्री अन्न) सम्मेलन' का उद्घाटन करेंगे


प्रधानमंत्री मोदी अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष 2023 पर एक डाक टिकट और सिक्का जारी करेंगे

इस सम्मेलन में छह देशों के कृषि मंत्री हिस्सा लेंगे; वैश्विक सम्मेलन में 100 से अधिक देश भागीदारी करेंगे

Posted On: 17 MAR 2023 7:27PM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी कल नई दिल्ली में 'ग्लोबल मिलेट्स (श्री अन्न) सम्मेलन' का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री प्रतिभागियों को संबोधित करेंगे। इस अवसर पर, श्री मोदी अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष (आईवाईएम)-2023 पर एक डाक टिकट और सिक्का जारी करेंगे। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर)-भारतीय कदन्न अनुसंधान संस्थान (आईआईएमआर) को वैश्विक उत्कृष्टता केंद्र के रूप में घोषित किए जाने के साथ ही कार्यक्रम के दौरान श्री अन्न पर एक वीडियो भी जारी किया जाएगा।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर भी उद्घाटन सत्र को संबोधित करेंगे। इस उद्घाटन समारोह के दौरान इथियोपिया और गुयाना के राष्ट्राध्यक्षों के वीडियो संदेश चलाए जाएंगे। इस कार्यक्रम में छह देशों के कृषि मंत्री भी उपस्थित रहेंगे। कृषि मंत्रियों के साथ गोलमेज सत्र और द्विपक्षीय बैठकें भी होंगी। वैश्विक सम्मेलन में 100 से अधिक देशों की भागीदारी होने की संभावना है और दुनिया भर से कई हितधारक इस कार्यक्रम में भाग लेंगे।

6 दिसंबर, 2022 को, संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) ने रोम, इटली में अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष- 2023 के लिए एक आधिकारिक उद्घाटन समारोह का आयोजन किया। अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष- 2023 के उत्सव को जारी रखते हुए, भारत ने इस पहले वैश्विक सम्मेलन को आयोजित करने का प्रस्ताव दिया है।

संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ने 5 मार्च, 2021 को 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में घोषित किया। भारत सरकार द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव को 72 देशों का समर्थन मिला था। इस घोषणा के माध्यम से, यूएनजीए का उद्देश्य खाद्य सुरक्षा और पोषण के लिए पोषक अनाज (श्री अन्न) के बारे में जागरूकता बढ़ाना, अनुसंधान एवं विकास और विस्तार में निवेश बढ़ाना व श्री अन्न की उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार के लिए हितधारकों को प्रेरित करना है। भारत सरकार का लक्ष्य अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष 2023 को किसानों, उपभोक्ताओं के समग्र लाभ और जलवायु के लिए एक जन आंदोलन बनाना है।

इसी सिलसिले को आगे बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने आईवाईएम 2023 के लक्ष्‍यों को हासिल करने और भारत को 'मोटे अनाजों के वैश्विक केंद्र' के रूप में स्थापित करने के लिए किसानों, स्टार्ट-अप्स, निर्यातकों, खुदरा व्यवसायों, होटल संघों तथा भारत और विदेशों में सरकार के विभिन्न अंगों को शामिल करते हुए एक बहु-हितधारक सहयोगपूर्ण दृष्टिकोण अपनाया है। वर्ष 2023 मोटे अनाजों को अपनाने और बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय व अंतर्राष्‍ट्रीय स्तर पर साल भर चलने वाले अभियान और अनेक गतिविधियों का साक्षी बनेगा।

दो दिवसीय ग्लोबल मिलेट्स (श्री अन्न) सम्मेलन के दौरान सभी प्रतिनिधियों और प्रतिभागियों के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) तथा भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई), फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्‍की), पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) जैसे उद्योग संघों द्वारा समानांतर सम्मेलन और तकनीकी सत्र आयोजित किए जाएंगे। इनमें मोटे अनाज मूल्य श्रृंखला, मोटे अनाजों  के स्वास्थ्य और पोषण संबंधी लाभों, जलवायु परिवर्तन और निरंतरता से संबंधित विषयों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। इन समानांतर सम्मेलनों/सत्रों में डॉ. जैकलीन ह्यूजेस, महानिदेशक, आईसीआरआईएसएटी; श्री जोंग-जिन किम, एफएओ के एशिया और प्रशांत क्षेत्र के सहायक महानिदेशक और क्षेत्रीय प्रतिनिधि; श्री कपिल देव, क्रिकेटर; सुश्री गीता फोगट, पहलवान, राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता; शेफ थॉमस गुगलर, अध्यक्ष, वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ शेफ आदि भाग लेंगे। इस दौरान पद्म पुरस्कार से सम्‍मानित किसानों जैसे प्रतिष्ठित दर्शकों की भी मौजूदगी रहेगी।

इस दौरान मोटे अनाजों को बढ़ावा देने के लिए मोटे अनाजों पर केंद्रित एक प्रदर्शनी-सह-क्रेता-विक्रेता बैठक (बीएसएम) भी आयोजित की जाएगी। इसमें 50 से अधिक घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय खरीदारों, आयातकों, निर्यातकों और प्रसंस्‍करणकर्ताओं की भागीदारी रहेगी। प्रदर्शनी में 100 से अधिक स्टॉलों में मोटे अनाजों पर आधारित स्टार्टअप्स, निर्यातकों द्वारा मोटे अनाजों पर आधारित रेडी-टू-कुक और रेडी-टू-ईट उत्पादों का प्रदर्शन किया जाएगा। इसके अलावा विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय रसोइयों द्वारा लाइव कुकिंग सत्र भी आयोजित किए जाएंगे।

इस दो दिवसीय सम्मेलन में किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ)/किसान स्वयं सहायता समूहों, स्कूलों, कृषि-विश्वविद्यालयों, कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके), ग्राम पंचायतों, कॉमन सर्विस सेंटरों (सीएससी), सहकारी संस्थानों, होटल प्रबंधन स्कूलों, भारतीय दूतावासों और प्रवासी भारतीयों आदि की भी व्यापक भागीदारी रहेगी।

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