विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
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डॉ. जितेंद्र सिंह ने अनुसंधान अनुदान और फंड के लिए एक विशेष महिला पोर्टल की घोषणा की जो 1 अप्रैल से चालू हो जाएगा


महिला वैज्ञानिकों से प्रस्ताव आमंत्रित करने के लिए विशेष कॉल उसी दिन शुरू होगी

महिला वैज्ञानिकों के लिए विशेष अनुसंधान अनुदान प्रदान करेगा सीएसआईआर: डॉ. जितेंद्र सिंह

पीएम मोदी महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को भारत की प्रगति का केंद्रीय आयाम मानते हैं-डॉ. जितेंद्र सिंह

"जैसा कि हम अमृत काल की ओर बढ़ रहे हैं, यह भारत की विकास यात्रा में नारी शक्ति को सबसे आगे रखने के प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों की दिशा में एक और दूरदर्शी कदम है"

डॉ. जितेंद्र सिंह ने सीएसआईआर के अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस समारोह को संबोधित किया

Posted On: 09 MAR 2023 3:44PM by PIB Delhi

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी; राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान; राज्य मंत्री पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष, डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज अनुसंधान अनुदान और फंड के लिए एक विशेष महिला पोर्टल की घोषणा की। 1 अप्रैल से पोर्टल काम करना शुरू कर देगा।

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मंत्री यहां वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस समारोह कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि काउंसिल सीएसआईआर ने सीएसआईआर-एस्पायर के तहत महिला वैज्ञानिकों के लिए विशेष अनुसंधान अनुदान शुरू करने का फैसला किया है और इस संबंध में एक विशेष पोर्टल 1 अप्रैल, 2023 से उपलब्ध होगा। महिला वैज्ञानिकों से प्रस्तावों को आमंत्रित करने के लिए विशेष कॉल उसी दिन खुलेगी।

उल्लेखनीय है कि डॉ. जितेंद्र सिंह की अध्यक्षता में 17 दिसंबर, 2022 को सीएसआईआर की गवर्निंग बॉडी की 200वीं बैठक के दौरान बाह्य अनुसंधान योजना के तहत महिला वैज्ञानिकों से अनुसंधान अनुदान प्रस्तावों को आमंत्रित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी।

देश भर में केवल महिला वैज्ञानिक ही विज्ञान और इंजीनियरिंग के प्रमुख विषयों जैसे जीवन विज्ञान, रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान, इंजीनियरिंग विज्ञान और इंटर/ट्रांस अनुशासनिक विज्ञान में अनुसंधान और विकास करने के लिए अनुसंधान अनुदान के लिए आवेदन करने की पात्र होंगी। कर्मचारियों (जेआरएफ/एसआरएफ/आरए), आकस्मिकता और छोटे उपकरणों के लिए धन उपलब्ध कराया जाएगा। रिसर्च फेलो के स्टाइपेंड सहित एक शोध प्रस्ताव का कुल बजट आम तौर पर 25-30 लाख की सीमा से अधिक नहीं होना चाहिए।

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डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, यह पहल महिलाओं को सशक्त बनाने और देश में 'नारी शक्ति' को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की पहल से जुड़ी है। उन्होंने कहा, "जैसा कि हम अमृत काल की ओर बढ़ रहे हैं, यह भारत की विकास यात्रा में नारी शक्ति को सबसे आगे रखने के प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों की दिशा में एक और दूरदर्शी कदम है।"

सीएसआईआर महिला सशक्तिकरण की दिशा में कई कदम उठा रहा है, जिसमें सीएसआईआर- केंद्रीय चमड़ा अनुसंधान संस्थान द्वारा महिला उद्यमियों के लिए सीएसआईआर प्रौद्योगिकियों पर 15% छूट और सीएसआईआर डोमेन के पूरे स्पेक्ट्रम में प्रशिक्षण कार्यक्रमों की एक श्रृंखला शामिल है। पिछले साल अगस्त में, सीएसआईआर के इतिहास में पहली बार, वरिष्ठ विद्युत रसायन वैज्ञानिक सुश्री नल्लाथम्बी कलैसेल्वी देश भर में 38 अनुसंधान संस्थानों का गठन करने वाले प्रमुख वैज्ञानिक अनुसंधान एवं विकास निकाय की प्रमुख बनने वाली पहली महिला महानिदेशक बनीं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, प्रधानमंत्री श्री मोदी महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को भारत की प्रगति का केंद्रीय आयाम मानते हैं और भारत को मजबूत बनाने के लिए आवश्यक हैं।

पिछले नौ वर्षों में, प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के तहत, सरकार ने कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं, जिनका उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना और उन्हें भारत की विकास यात्रा का नेतृत्व करना है। उनका प्रयास महिलाओं को सामाजिक बाधाओं को दूर करने और उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने में सक्षम बना रहा है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि 2 करोड़ पीएम आवास-ग्रामीण लाभार्थियों में से 68% महिलाएं हैं और 23 करोड़ से अधिक मुद्रा ऋण महिला लाभार्थियों को दिए गए हैं। एनएफएचएस-5 के सर्वेक्षण के मुताबिक, पहली बार भारत में लिंगानुपात सुधर कर प्रति 1,000 पुरुषों पर 1,020 महिलाओं का हो गया है।

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पीएम मोदी ने महिलाओं को बेड़ियों से मुक्त करने और उन्हें रोजमर्रा की जिंदगी की नीरसता से मुक्त करने को नीति बनाने का एक प्रमुख उद्देश्य बनाया है। मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई हर प्रमुख कल्याणकारी योजना ने देश भर में महिलाओं के जीवन में सुधार किया है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, पिछले 9 वर्षों में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। 2018 में, प्रधानमंत्री श्री मोदी ने सशस्त्र बलों में महिलाओं के लिए स्थायी आयोग की अनुमति देने के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय की घोषणा की। सशस्त्र बलों में 10,000 से अधिक महिला अधिकारी सेवारत हैं, जिनमें अधिकांश चिकित्सा सेवाओं में हैं।

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अब महिलाएं हर क्षेत्र में ऊंचाई छू रही हैं। हाल ही में, भारतीय वायु सेना ने ग्रुप कैप्टन शालिजा धामी को पाकिस्तान के सामने पश्चिमी क्षेत्र में एक मिसाइल स्क्वाड्रन की कमान संभालने वाली पहली महिला अधिकारी के रूप में नियुक्त किया। महिला सीआरपीएफ लड़ाकों को माओवादी विरोधी कोबरा यूनिट में शामिल किया गया है। महिला अधिकारियों ने सेना की विभिन्न इकाइयों की कमान भी संभालनी शुरू कर दी है। नौसेना ने फ्रंट लाइन वारशिप पर महिला अधिकारियों को शामिल करना भी शुरू कर दिया है।

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