रेल मंत्रालय
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भारतीय रेल ने विद्युत क्षेत्र द्वारा रेक की अनुमानित मांग को पूरा करने के लिए कोयले के परिवहन को प्राथमिकता दी


फरवरी 2023 के महीने में, फरवरी 2022 के 399 रेक प्रति दिन की तुलना में बिजली घरों के लिए प्रति दिन 426.3 रेक में कोयले की लदाई हुई

रेलवे ने कोयले की ढुलाई के लिए अतिसक्रिय रवैया अपनाया

Posted On: 09 MAR 2023 4:29PM by PIB Delhi

भारतीय रेलवे द्वारा कोयले की ढुलाई चालू वित्त वर्ष (फरवरी तक) के दौरान टनभार और एनटीकेएम के संदर्भ में 11.92 प्रतिशत और 24.51 प्रतिशत बढ़ी है। चालू वित्त वर्ष (अप्रैल-फरवरी) में विभिन्न स्रोतों से विद्युत क्षेत्र के लिए रेकों का लदान पिछले वर्ष के 344 रेक प्रति दिन की तुलना में 408 रेक प्रति दिन है, यानी 64 रेक प्रति दिन की वृद्धि। फरवरी 2022 में 399 रेक प्रतिदिन की तुलना में फरवरी 2023 के महीने में विद्युत गृहों के लिए प्रतिदिन 426.3 रेक लदान किया गया यानी 27.3 रेक की वृद्धि हुई है। आगामी वित्त वर्ष में विद्युत क्षेत्र द्वारा रेकों की अनुमानित मांग को पूरा करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए गए हैं:-

क) कोयला ले जाने वाले वैगनों का अपेक्षाकृत समावेश – अप्रैल 2022 से जनवरी 2023 के दौरान 7692 बीओएक्सएनएचएल और 1052 बीओबीआरएन वैगनों को शामिल किया गया है। लगभग 32,534 बीओएक्सएनएचएल और 2450 बीओबीआरएन वैगनों के मांगपत्र लंबित हैं।

ख) चालू वित्त वर्ष के दौरान, फरवरी 2023 के अंत तक भारतीय रेल के बेड़े में 1018 माल ढुलाई करने वाले इंजन शामिल किए गए हैं। इंजनों की संख्या में यह बढ़ोतरी जारी रहने की उम्मीद है।

ग) 2022-23 के दौरान 4500 किलोमीटर लंबी नई रेलपटरियों, जिनमें से अधिकांश कोयला की ढुलाई वाले रेलमार्गों पर स्थित हैं, पर आवागमन शुरू होने की उम्मीद है। इससे कोयला ले जाने वाले रेक के मामले में आमूलचूल बदलाव और बेहतर होगा।

घ) अगले कुछ वर्षों में बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए, लगभग 100 से अधिक परियोजनाओं में एक लाख करोड़ रुपये के नियोजित निवेश के साथ ऊर्जा गलियारे की व्यापक योजना बनाई गई है।

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