कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि सभी पोर्टलों जैसे पेंशन संवितरण बैंक पोर्टल, अनुभव, सीपीईएनजीआरएएमएस, सीजीएचएस को नवसृजित 'एकीकृत पेंशनभोगी पोर्टल' के रूप में एक ही पोर्टल में एकीकृत किया जाएगा जिससे 'बुजुर्ग नागरिकों के लिए ईज ऑफ लिविंग' सुनिश्चित की जा सके


भोपाल में बैंकर्स जागरूकता कार्यशाला को संबोधित करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री के 'ईज ऑफ लिविंग के लिए एकीकृत दृष्टिकोण' वाले विजन के अनुरूप, यह कदम पेंशनभोगियों के सामने उत्पन्न होने वाली समस्याओं में कमी लाएगा

उन्होंने कहा सभी 18 पेंशन वितरण बैंकों को एकीकृत पेंशनभोगी पोर्टल में एकीकृत किया जाएगा

पेंशन विभाग ने नवंबर, 2022 को चेहरा प्रमाणीकरण अभियान के माध्यम से एक राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र शुरू किया है, जिसके परिणामस्वरूप 30 लाख पेंशनभोगियों ने अपना जीवन प्रमाणपत्र डिजिटल रूप से जमा किया है: डॉ. जितेंद्र सिंह

Posted On: 06 MAR 2023 4:28PM by PIB Delhi

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री, डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज कहा कि पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने सभी पेंशन पोर्टलों जैसे पेंशन संवितरण बैंक पोर्टल, अनुभव, सीपीईएनजीआरएएमएस, सीजीएचएस आदि को नवसृजित एकीकृत पेंशनभोगी पोर्टल (https://ipension.nic.in) के रूप में एक ही पोर्टल में एकीकृत किया जाएगा, जिससे 'बुजुर्ग नागरिकों के लिए ईज ऑफ लिविंग' सुनिश्चित किया जा सके।

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मध्य प्रदेश के भोपाल में बैंकर्स जागरूकता कार्यशाला को संबोधित करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री के 'ईज ऑफ लिविंग के लिए एकीकृत दृष्टिकोण' वाले विजन के अनुरूप, इस कदम से पेंशनभोगियों के सामने बैंक बदलने, जीवन प्रमाणपत्र जमा करने, पेंशनभोगियों का मृत्यु प्रमाणपत्र जमा करने, पेंशन पर्ची और पेंशन पर्ची की पुनर्प्राप्ति, आयकर कटौती डेटा/फॉर्म 16, पेंशन रसीद की जानकारी, पेंशन वितरण बैंकों की वेबसाइट जैसी बैंक संबंधित समस्याओं को कम करेगा।

मंत्री ने यह भी कहा कि एसबीआई और केनरा बैंक के पेंशन सेवा पोर्टल को भविष्य पोर्टल के साथ जोड़ने का काम पूरा किया जा चुका है। इस एकीकरण के साथ, पेंशनभोगी अब एकीकृत पेंशनभोगी पोर्टल के माध्यम से अपनी पेंशन पर्ची, जीवन प्रमाणपत्र जमा करने की स्थिति और फॉर्म-16 प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सभी 18 पेंशन वितरण बैंकों को एकीकृत पेंशनभोगी पोर्टल में एकीकृत किया जाएगा।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि डीओपीपीडब्ल्यू न केवल सेवारत या सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों का ख्याल रखेगा बल्कि पेंशनभोगियों के ईज ऑफ लिविंग की दिशा में भी काम करेगा और डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र इस दिशा में एक और कदम है। उन्होंने कहा कि नवंबर 2014 में, डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र को ऑनलाइन जमा करने के लिए एक आधार पर आधारित योजना, "जीवन प्रमाण", प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई, जिससे पेंशनभोगियों के लिए उनके जीवन प्रमाणपत्र जमा करते समय पारदर्शिता और ईज ऑफ लिविंगसुनिश्चित की जा सके।

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डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि शुरुआत में बायोमेट्रिक उपकरणों का उपयोग करते हुए डीएलसी जमा करना शुरू किया गया और बाद में विभाग ने यूआईडीएआई आधार सॉफ्टवेयर पर आधारित चेहरा प्रमाणीकरण तकनीक आधारित प्रणाली विकसित करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ काम किया, जिसके माध्यम से किसी भी एंड्रायड आधारित स्मार्ट फोन से डीएलसी प्रदान करना संभव हो सका। उन्होंने कहा कि इस सफल प्रौद्योगिकी ने बाहरी बायो-मीट्रिक उपकरणों पर पेंशनभोगियों की निर्भरता को कम कर दिया और स्मार्टफोन पर उपलब्ध बायोमेट्रिक पद्धति का लाभ उठाकर इस प्रक्रिया को जनता के लिए अधिक सुलभ और किफायती बनाया गया है।

मंत्री ने कहा कि पेंशन विभाग ने  नवंबर, 2022 को चेहरा प्रमाणीकरण अभियान के माध्यम से राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र शुरू किया है, जिसके परिणामस्वरूप 30 लाख पेंशनभोगियों ने अपना जीवन प्रमाणपत्र डिजिटल रूप से जमा किया है।

श्री वी. श्रीनिवास, सचिव, पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने अपने संबोधन में कहा कि डीओपीपीडब्ल्यू ने बैंक के क्षेत्रीय अधिकारियों को नवीनतम पेंशन नियमों/प्रक्रियाओं में किए गए सुधारों और कल्याणकारी पहलों के बारे में जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से बैंकरों के लिए जागरूकता कार्यक्रमों की एक श्रृंखला शुरू की है। उन्होंने कहा कि सरकार की पारदर्शिता, डिजिटलीकरण और सेवा वितरण के उद्देश्यों के अनुरूप भविष्य प्लेटफॉर्म ने पेंशन प्रक्रिया और भुगतान का एंड-टू-एंड डिजिटाइजेशन सुनिश्चित किया है। सेवानिवृत्त व्यक्ति द्वारा अपने कागजात ऑनलाइन जमा करने से लेकर इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में पीपीओ जारी करने तक, इस मंच ने सरकार की पूर्ण पारदर्शिता और दक्षता वाली सोच का प्रदर्शन किया है। 'भविष्य' प्लेटफॉर्म, एक एकीकृत ऑनलाइन पेंशन प्रक्रिया पद्धति है जिसे 01.01.2017 से केंद्र सरकार के सभी विभागों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है।

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इस प्रणाली को वर्तमान में 97 मंत्रालयों/विभागों के मुख्य सचिवालय में सफलतापूर्वक कार्यान्वित किया जा रहा है, जिसमें 818 संबद्ध कार्यालय, 7,941 डीडीओ भी शामिल हैं। वर्तमान में, 1,89,494 से ज्यादा मामलों को संसाधित किया गया है मतलब पीपीओ जारी किया गया है, जिसमें 1,23,249 से ज्यादा ई-पीपीओ शामिल हैं।

यह डिजीलॉकर में पीपीओ और नए पेंशनभोगियों को पीपीओ अग्रेषित करने में देरी को समाप्त करता है, साथ ही साथ यह पीपीओ की एक भौतिक प्रति सौंपने की आवश्यकता को भी समाप्त करता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए कि बहुत बड़ी संख्या में सेवानिवृत्त लोग सीएपीएफ से हैं जो कि देश के दूर-दराज इलाकों में सेवा करते हैं, इस तरह के सॉफ्टवेयर प्रक्रिया को आसान बनाने के साथ-साथ पेंशन प्रक्रिया में गति और सटीकता दोनों के लिए एक वरदान है।

उल्लेखनीय है कि पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने केंद्र सरकार के सभी ई-गवर्नेंस सेवा वितरण पोर्टलों में एनईएसडीए आकलन, 2021 के अनुसार भविष्य (डीपीओपीडब्ल्‍यू द्वारा विकसित पेंशन स्वीकृति और भुगतान के लिए एक ऑनलाइन ट्रैकिंग प्रणाली) के लिए तीसरा रैंक प्राप्त किया है। यह रैंकिंग सुलभता, कंटेंट उपलब्धता, उपयोग में आसानी, सूचना की सुरक्षा और गोपनीयता, अंतिम सेवा वितरण, एकीकृत सेवा वितरण, वस्तु-स्थिति और अनुरोध ट्रैकिंग पर प्रदान की जाती है। इन मापदंडों के आधार पर तीसरा रैंक प्राप्त करना बहुत ही प्रशंसनीय है।

यह जागरूकता कार्यक्रम पेंशनभोगियों के लाभ के लिए रणनीति बनाने और नई पहल का सोच विकसित करने के लिए एक मंच भी प्रदान करता है। इससे बैंकों के पेंशन भुगतान पोर्टलों का एकीकरण भविष्य पोर्टल के साथ करने के लिए मार्ग तैयार हुआ। अब तक भारतीय स्टेट बैंक और केनरा बैंक ने अपने पोर्टल को भविष्य-आईपीपी के साथ एकीकृत कर चुके हैं और पंजाब नेशनल बैंक इस प्रक्रिया से गुजर रहा है।

आयोजित की गई कार्यशालाएं दोनों तरफ से सीखने की एक उत्कृष्ट प्रक्रिया रही है और पेंशनभोगियों की बैंक संबंधित शिकायतों में कमी लाने की दिशा में बहुत आगे तक जाएगी क्योंकि पेंशन का काम देखने वाले बैंक अधिकारियों को पेंशनभोगियों के ईज ऑफ लिविंग के लिए डीओपीपीडब्ल्यू द्वारा किए गए/जारी किए गए सभी उपायों/ओएम से अवगत कराया गया है। इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम बैंकों से पेंशनभोगियों की अब तक उपेक्षित रही अपेक्षाओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए इस विभाग की गंभीरता का प्रदर्शन मजबूती से करते हैं।

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