वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय

पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान और राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (एनएलपी) मिलकर व्यवसायों और लोगों दोनों की बहुत अधिक सहायता करेंगे: वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल


गतिशक्ति प्रतिस्पर्धा करने की दिशा में सुधार करेगी और भारत में निवेश आकर्षित करेगी क्योंकि यह दुनिया को विश्वास दिलाती है कि भारत आगे बढ़ रहा है: श्री पीयूष गोयल

दुनिया आज भारत को नवाचार के नेतृत्व के रूप में पहचानती है: श्री पीयूष गोयल

गतिशक्ति न केवल बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण कमियों को दूर करेगी बल्कि सामाजिक बुनियादी ढांचे की बेहतर योजना बनाने में भी सहायता करेगी: श्री पीयूष गोयल

Posted On: 02 MAR 2023 2:35PM by PIB Delhi

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण तथा वस्त्र मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा है कि पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान और राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (एनएलपी) व्यवसायों और लोगों दोनों की सहायता करेंगे, प्रतिस्पर्धा में सुधार करेंगे, भारत में निवेश में सुधार करेंगे क्योंकि विश्व को विश्वास हो रहा है कि भारत प्रगति की ओर अग्रसर है।

श्री गोयल आज नई दिल्ली में गतिशक्ति पर इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) के राष्ट्रीय सम्मेलन में सभा को संबोधित कर रहे थे। श्री गोयल ने इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) , जो पूर्वी भारत में स्थित है, और गतिशक्ति जैसी महत्वपूर्ण पहल के साथ जुड़ने के लिए दिल्ली आने की सराहना की   

श्री गोयल ने कहा कि दुनिया आज भारत को नवाचार के अग्रणी देश के रूप में पहचानती है। उन्होंने देखा कि भारत तेजी से सुशासन, जीवनयापन में आसानी और व्यापार करने में सुगमता के लिए पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान जैसे नई योजनाओं का विकास कर रहा है। उन्होंने कहा कि वे दिन गए जब भारत को पश्चिम में नए विचारों और प्रौद्योगिकी के उभरने और हमारे व्यवसायों और हमारे लोगों की मदद के लिए उन्हें अपनाने के लिए दशकों तक प्रतीक्षा करनी पड़ती थी। उन्होंने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) फ्रेमवर्क को भारत के तकनीकी कौशल और एक पहल के उदाहरण के रूप में उद्धृत किया, जिसका देश की अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ा है। उन्होंने आगे बताया कि पिछले साल दिसंबर में, भारत ने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस की बदौलत एक महीने में 7.28 बिलियन डिजिटल वित्तीय लेनदेन किए थे। मंत्री महोदय ने कहा कि दुनिया अब डिजिटल वित्तीय लेनदेन के लिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस को अपनाने की इच्छुक है।

मंत्री महोदय ने जोर देकर कहा कि भारत प्रौद्योगिकी और नए विचारों में किसी से पीछे नहीं है, और पीएम गतिशक्ति पहल इस क्षमता का एक और उदाहरण है। उन्होंने याद किया कि कैसे लगभग 15 साल पहले प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने बुनियादी ढांचे की बेहतर योजना बनाने और अहमदाबाद में बीआईज़ेडएजी-एन की स्थापना के लिए भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के विचार की कल्पना की थी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री बीआईज़ेडएजी के प्रारंभिक वर्षों के दौरान सक्रिय रूप से इसके साथ जुड़े रहे और संस्थान द्वारा उत्पन्न डेटा बिंदुओं का उपयोग करके गुजरात में बुनियादी ढांचे की योजना बनाई। श्री गोयल ने कहा कि परिणामस्वरूप, बुनियादी ढांचे के विकास की गुणवत्ता और गति के मामले में गुजरात कई अन्य क्षेत्रों से बहुत आगे है।

मंत्री महोदय ने पीएम गतिशक्ति योजना को स्पष्ट करते हुए कहा कि इसने डेटा की परतें बनाईं जहां देश भर में विभिन्न भूगर्भीय, ईकोसिस्टम और अवसंरचनात्मक तत्वों को मैप किया गया और शामिल किया गया। वर्तमान में, डेटा की लगभग 1300 परतें हैं, जिनमें वन, वन्यजीव अभयारण्य, नदियाँ, यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल, अन्य शामिल हैं। उन्होंने कहा कि गतिशक्ति केवल बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण अंतराल को संबोधित करेगी बल्कि सामाजिक बुनियादी ढांचे जैसे, स्कूल, नर्सिंग होम, अस्पताल, आदि की योजना बनाने में भी मदद करेगी।

मंत्री महोदय ने आगे बताया कि गतिशक्ति के डेटा स्तर एपीआई के माध्यम से एक दूसरे के साथ जुड़ते हैं और यदि किसी विशेष परियोजना का सम्मिलन गतिशक्ति में किया जाता है, तो यह कार्यान्वयन की चुनौतियों को उजागर करेगा और समय और लागत की बचत करते हुए परियोजना को फिर से सम्मिलित करने में सहायता करेगा। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि 12 राज्यों ने अपनी भूमि का डिजिटलीकरण किया है, जिससे योजना को और मजबूती मिली है।

मंत्री महोदय ने कहा कि किसी भी राज्य ने गतिशक्ति का राजनीतिकरण नहीं किया है, क्योंकि यह एक पहल वह है जो हमारे व्यवसायों, हमारे लोगों और अर्थव्यवस्था को समग्र रूप से मदद करेगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2047 तक भारत के एक विकसित देश बनने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए लॉजिस्टिक्स की लागत को कम करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि अगर पीएम गतिशक्ति का अच्छी तरह से उपयोग किया जाता है, तो लॉजिस्टिक्स लागत में जबरदस्त कमी लाने में सहायता मिलेगी। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि सभी राजमार्गों, रेलवे, बंदरगाहों और हवाई अड्डों को गतिशक्ति योजना में शामिल किया गया था, जो निर्बाध कनेक्टिविटी नेटवर्क बनाने और लॉजिस्टिक्स ईकोसिस्टम के बारे में सकारात्मक प्रभाव पैदा करने में सहायता करेगा।

मंत्री महोदय ने विकसित और विकासशील दुनिया के बीच समानता और संतुलन के हित में उचित समझौते की मांग करने के लिए छोटे और विकासशील देशों को प्रेरित करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों की सराहना की, जिसे अंततः पेरिस में सीओपी-21 में अपनाया गया था। मंत्री महोदय ने कहा कि आज दुनिया का हर देश भारत की ओर देख रहा है और दुनिया का कोई भी हिस्सा ऐसा नहीं है जो चुनौतीपूर्ण वैश्विक समस्याओं का समाधान खोजने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की ओर नहीं देख रहा है।

मंत्री महोदय ने अपने नागरिकों के लिए भोजन, कपड़ा, आश्रय, स्वास्थ्य और शिक्षा सहित जीवन की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में सरकार की सफलता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने उल्लेख किया कि भारत के स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रम, आयुष्मान भारत ने 500 मिलियन से अधिक लोगों को शामिल किया गया है। श्री गोयल ने कहा कि नई शिक्षा नीति को सभी वर्गों में स्वीकार किया गया और सराहा गया है। श्री गोयल ने कहा कि इन पहलों ने भारत की आबादी, विशेष रूप से युवाओं को अत्यधिक महत्वाकांक्षी बना दिया है।

मंत्री महोदय ने बल देकर कहा कि गतिशक्ति एक राष्ट्रीय दृष्टिकोण है जो व्यापक परामर्श और अनगिनत हितधारकों के सामूहिक, सहयोगात्मक प्रयासों से निकला है। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए निष्कर्ष निकाला कि उन्होंने देश के लोगों के बीच जो उत्साह देखा है और कई क्षेत्रों में हो रहे तेज़ गति से संचालित कार्यों के साथ, भारत वर्ष 2047 तक 32 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य को पार कर सकता है।

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