सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग ने डॉ. अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर, नई दिल्ली में एक कॉन्क्लेव के आयोजन के साथ विश्व सामाजिक न्याय दिवस मनाया
Posted On:
20 FEB 2023 6:46PM by PIB Delhi
यह कॉनक्लेव ऐसे उपयुक्त समय पर हो रही है, जब भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है और जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है। इस विश्व सामाजिक न्याय दिवस के अवसर पर, माननीय मंत्री के संदेश को पढ़ा गया, जिसमें स्पष्ट रूप से हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के सबका साथ सबका विकास के आह्वान पर जोर दिया गया है।
इस कॉनक्लेव में कर्मयोगी भारत के सीईओ श्री अभिषेक सिंह, पुनर्वास महानिदेशक मेजर जनरल शरद कपूर, श्री राहुल गुप्ता (प्रबंधकीय भागीदार और संस्थापक, वैल्यू-एबल कैपिटल), सुश्री इरा सिंघल (उपायुक्त, मंडलायुक्त कार्यालय, दिल्ली), चेंज इंक की सुश्री नूपुर झुनझुनवाला, सुश्री सुहाना भूटानी (छात्रा, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज), सिस्को में स्क्रम मास्टर शुभम गर्ग, अशोका विश्वविद्यालय के ऑफिस ऑफ लर्निंग सपोर्ट में निदेशक रीना गुप्ता, सीआईआई-आईबीडीएन नेटवर्क की सुश्री मधुबाला, श्री राजशेखरन (राजा) पझानियप्पन (सह-संस्थापक, वी-शेश), सुश्री ऋचा साहनी (पीआर प्रमुख, एटिपिकल एडवांटेज), डॉ. जितेंद्र अग्रवाल (संस्थापक, सार्थक एजुकेशन ट्रस्ट), अर्न्स्ट एंड यंग में पार्टनर और इंडिया डिसएबिलिटी स्पॉन्सर श्री अमरपाल चड्ढा सहि कई गणमान्य व्यक्ति और विभाग के विभिन्न अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे।
सचिव, श्री राजेश अग्रवाल ने दिव्यांग व्यक्तियों के उत्थान के लिए किए गए प्रगतिशील कदमों की श्रृंखला पर जोर दिया, जो 2016 में दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम द्वारा 21 अपंगताओं की मान्यता के साथ शुरू हुआ, जो शुरुआती स्तर पर 7 से ज्यादा हैं। उन्होंने यह भी बताया कि विभाग इकोसिस्टम में हितधारकों के साथ मिलकर काम कर रहा है, लेकिन अभी एक लंबा रास्ता तय करना बाकी है।
इस कॉन्क्लेव के जरिये महिलाओं, वंचितों और विभिन्न दिव्यांगों को शामिल करने के इस दृष्टिकोण की अनूठी क्षमता के लिए काम करने के उद्देश्य से हितधारकों को एक साथ लाने का भी इरादा है।
इस कॉन्क्लेव में इस बात पर जोर दिया गया कि दिव्यांग क्या नहीं कर सकते, इसका आकलन करने बजाय हमें उनके अद्वितीय दृष्टिकोण और योगदान को पहचानने की आवश्यकता है।
यह आजादी का अमृत महोत्सव एक नए भारत के बढ़ते उत्साह का उत्सव है जो दिव्यांगता के चलते पीछे नहीं रहेगा। एक समावेशी भारत का विजन यह है कि अब हम सतर्कता के साथ अनौपचारिक समावेशन के प्रयासों से दूर चले जाएं और समझें कि समावेशन को मुख्यधारा में लाना ही आगे बढ़ने का रास्ता है।
आच का मंच एक अनुस्मारक का काम करेगा और हम सभी को विकास की प्रक्रिया में एक भूमिका निभानी है। ऐसे में क्षमता की परवाह किए बिना हम जब तक संकल्प के साथ आर्थिक जीवन में दिव्यांगों को शामिल नहीं करते हैं, तब तक सबका साथ सबका विकास के विजन को साकार नहीं किया जा सकता है।
कॉन्क्लेव के अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं में थे- भारत में दिव्यांग लोगों के लिए रोजगार के अवसरों को कैसे सृजित करें, सर्वश्रेष्ठ प्रक्रियाओं की पहचान और समावेशन के सफल मॉडल और रोजगार के लिए हितधारक क्षमता को मजबूत बनाना और विकलांगता के शिकार लोगों का समावेशन।
******
एमजी/एएम/एमपी/डीवी
(Release ID: 1900841)
Visitor Counter : 348