इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय
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भारत ने 13 फरवरी से 15 फरवरी, 2023 तक लखनऊ में जी- 20 डिजिटल अर्थव्यवस्था कार्य समूह की पहली बैठक का सफलतापूर्वक आयोजन किया


डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई), डिजिटल अर्थव्यवस्था में साइबर सुरक्षा और डिजिटल कौशलता से संबंधित प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर गहन चर्चा हुई

डिजिटल कौशल में कमियों के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था को 2028 तक 11.5 ट्रिलियन डॉलर तक का नुकसान हो सकता है: नैसकॉम और यूनेस्को

जी-20 सदस्य देशों और 8 अतिथि देशों ने इस चर्चा में हिस्सा लिया

आईटीयू, यूएनडीपी, ओईसीडी, यूनेस्को और विश्व बैंक जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने ज्ञान भागीदारों के रूप में हिस्सा लिया

18,000 से अधिक लोगों ने प्रदर्शनी व डिजिटल इंडिया अनुभव केंद्र का दौरा किया और व्यापक अनुभव का आनंद लिया

डिजिटल वाहन ने 75 से अधिक स्थानों का दौरा किया और 120,000 से अधिक लोगों से बातचीत की

Posted On: 15 FEB 2023 5:53PM by PIB Delhi

भारत में पहली जी-20 डिजिटल अर्थव्यवस्था कार्य समूह (डीईडब्ल्यूजी) की बैठक आज संपन्न हुई। इसने भविष्य की डीईडब्ल्यूजी बैठकों के संबंध में एक परिणाम देने वाली और सार्थक चर्चा के लिए वातावरण तैयार की है। इस तीन दिवसीय बैठक का आयोजन उत्तर प्रदेश के लखनऊ में किया गया। इसमें भारत की डिजिटल परिवर्तन यात्रा को प्रदर्शित किया। इसके अलावा इसने डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, साइबर सुरक्षा व डिजिटल कौशलता पर चर्चा करने के लिए जी-20 सदस्यों, प्रमुख ज्ञान भागीदारों और अतिथि देशों को एक साथ लाने का कार्य किया।

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डीईडब्ल्यूजी बैठक में जी-20 के प्रतिनिधि

 

इसके उद्घाटन के दिन पांच कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। इनमें डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, एमएसएमई के लिए साइबर सुरक्षा समाधान, टिकाऊ विकास लक्ष्यों और भू-स्थानिक प्रौद्योगिकियों के उपयोग से संबंधित विभिन्न विषयों को शामिल किया गया। इसके अलावा बैठक में उत्तर प्रदेश के डिजिटल पहलों को भी प्रदर्शित किया गया।

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भारत के जी-20 शेरपा श्री अमिताभ कांत ने डीईडब्ल्यूजी बैठक को संबोधित किया

 

दूसरे दिन, डीईडब्ल्यूजी की बैठक भारत के जी20 शेरपा श्री अमिताभ कांत के मुख्य भाषण के साथ शुरू हुई। इसके बाद प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया और अपनी शानदार प्रस्तुतियां दीं। वहीं, प्रतिनिधियों ने दो प्राथमिकता वाले क्षेत्रों- डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना और साइबर सुरक्षा पर विस्तार से चर्चा की और अधिक साझा समझ को लेकर कार्यकारी समूह की आगामी बैठकों में और अधिक विचार-विमर्श के लिए अपनी इच्छा व्यक्त की।

इस दिन के दूसरे हिस्से में प्रतिभागियों ने ऐतिहासिक स्मारक बड़ा इमामबाड़ा का भ्रमण किया, जिसे व्यापक रूप से एक शानदार वास्तुशिल्प रचना माना जाता है। यह स्थल प्रतिभागियों के लिए स्थानीय संस्कृति व परंपराओं को देखने और उसका आनंद लेने के लिए एक आदर्श पृष्ठभूमि थी। ध्वनि, प्रकाश व नृत्य शो के साथ दिन की समाप्ति सभी के लिए एक जादुई और स्मरणीय वातावरण बनाने के साथ हुई।

इस बैठक का अंतिम और तीसरा दिन, डिजिटल कौशलता की प्राथमिकता पर केंद्रित रहा। इसमें भारत ने भविष्य के संबंध में डिजिटल रूप से तैयार कुशल कार्यबल के लिए प्रणालियों का प्रस्ताव रखा। जी-20 सदस्य राष्ट्रों ने डीईडब्ल्यूजी एजेंडे में डिजिटल कौशलता को शामिल करने की सराहना की और भारत की ओर से प्रस्तावित प्राथमिकता वाले क्षेत्रों का व्यापक रूप से समर्थन किया। इसके अलावा डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई), डिजिटल अर्थव्यवस्था में साइबर सुरक्षा और डिजिटल कौशलता जैसे तीन प्रमुख प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर संक्षिप्त चर्चा भी की गई। इस बैठक के सह-अध्यक्ष और मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री सुशील पाल ने समापन टिप्पणी की।

 

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मीडिया को संबोधित करने के दौरान जी20-डीईडब्ल्यूजी के अध्यक्ष और मंत्रालय के सचिव श्री अल्केश कुमार शर्मा

 

जी20- डीईडब्ल्यूजी के अध्यक्ष व इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव श्री अल्केश कुमार शर्मा ने अपने प्रेस वार्ता में पिछले तीन दिनों की प्रमुख बातों को साझा किया। उन्होंने प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर उत्साहजनक बातचीत के लिए जी-20 सदस्य देशों, अतिथि देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों को धन्यवाद दिया।

उन्होंने बताया कि इमर्सिव डिजिटल मोबाइल वाहन ने 75 से अधिक गंतव्यों की यात्रा की और भारत की डिजिटल परिवर्तन यात्रा पर लगभग 1,20,000 लोगों को एक संवादात्मक व इमर्सिव अनुभव प्रदान किया। वर्चुअल वास्तविकताओं व अभिनव समाधानों को दिखाने करने वाली प्रदर्शनी और अनुभव केंद्र ने लगभग 18,000 आगंतुकों को आकर्षित किया। उन्होंने इस डीईडब्ल्यूजी बैठक के आयोजन में अभूतपूर्व सहयोग करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को धन्यवाद दिया। उन्होंने आगे बताया कि यह डीईडब्ल्यूजी बैठक भारत में आयोजित होने वाली चार योजनाओं में से पहली है। इसके बाद तीन बैठकें- हैदराबाद, पुणे और बेंगलुरू में आयोजित होंगी।

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