जनजातीय कार्य मंत्रालय
जनजातीय कार्य मंत्रालय अनुसूचित क्षेत्रों के जिलाधिकारियों और परियोजना अधिकारियों (आईटीडीए) के लिए सुशासन पर एक कार्यशाला का आयोजन करेगा
केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगे और अपने बहुमूल्य विचार साझा करेंगे
Posted On:
09 FEB 2023 6:20PM by PIB Delhi
जनजातीय कार्य मंत्रालय ने अनुसूचित क्षेत्रों के जिलाधिकारियों और परियोजना अधिकारियों (आईटीडीए) के लिए नई दिल्ली में सिविल सर्विस ऑफिसर्स इंस्टीट्यूट में 10 फरवरी, 2023 को सुशासन पर एक कार्यशाला के आयोजन का प्रस्ताव किया है। कार्यशाला में देश भर के अनुसूचित क्षेत्रों के सौ से ज्यादा जिलाधिकारियों और परियोजना अधिकारियों (आईटीडीए) के कार्यशाला में भाग लेने का अनुमान है। यहां पर नीतिगत और कार्यान्वयन में खामियों से जुड़े अनुभवों को साझा किया जाएगा। साथ ही पारस्परिक रूप से सीखकर कार्यान्वयन और इन खामियों को दूर करने के लिए सिफारिशें/सुझाव दिए जाएंगे।
केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा मुख्य अतिथि के रूप में इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगे और कार्यशाला में भाग लेंगे। साथ ही अपने बहुमूल्य विचार सामने रखेंगे।
जनजातीय कार्य मंत्रालय में सचिव श्री अनिल कुमार झा भी कार्यशाला में भाग लेंगे और विचार-विमर्श में शामिल होंगे।
इसके अलावा, अतिरिक्त सचिव, संयुक्त सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों सहित मंत्रालय के अधिकारियों को चार प्रमुख विषयों पर प्रस्तुतीकरण देने के लिए सामूहिक विचार-विमर्श कराने का काम सौंपा गया है।
- अनुसूचित क्षेत्रों में भूमि हस्तांतरण विनियमों, आदिवासी भूमि हस्तांतरण और मुआवजे, अत्याचार निवारण अधिनियम, राज्यपालों की विशेष शक्तियों का उल्लेख और उसके कार्यान्वयन एवं आईटीडीपी/आईटीडीए, एमएडीए पॉकेट और क्लस्टर/सूक्ष्म परियोजनाओं के कामकाज पर विशेष ध्यान देने के साथ पांचवीं अनुसूची के प्रावधानों के कार्यान्वयन का प्रशासनिक और समीक्षा तंत्र।
- अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायत विस्तार अधिनियम (पीईएसए) 1996 और वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) 2006 के प्रावधानों के कार्यान्वयन का प्रशासनिक और समीक्षा तंत्र।
- अनुसूचित क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के विकास के लिए पीएमएएजीवाई, शैक्षणिक, स्वास्थ्य, अन्य योजनाओं और केंद्र और राज्य की योजनाओं के एसटीसी का कार्यान्वयन और समीक्षा तंत्र।
- आजीविका, एमएसपी से एमएफपी और वन धन विकास केंद्र (वीडीवीके)
जिलाधिकारियों के फोकस ग्रुप चर्चाओं के निष्कर्षों पर प्रस्तुतीकरण देने का भी अनुमान है। इस दौरान किसी अन्य विषय से संबंधित प्रतिभागियों के लिए ओपन हाउस भी होगा।
जनजातीय कार्य मंत्रालय नए विचारों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से अनुभवों को साझा करने और सुझाव आमंत्रित करने के लिए विभिन्न हितधारकों के साथ संवाद पर एक वाहक के रूप में समय-समय पर इस तरह की सूचनात्मक कार्यशालाओं का आयोजन करता है। इससे इस अमृत काल के दौरान ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के ऊंचे लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।
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