सूचना और प्रसारण मंत्रालय
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एससीओ फिल्म महोत्सव आज से मुंबई में शुरू हुआ


फिल्म महोत्सव, फिल्मकारों के लिए विश्व सिनेमा के सर्वश्रेष्ठ स्तर के सहयोग और अनुभव का अवसर प्रदान करता है: सूचना एवं प्रसारण मंत्री

"भारत द्वारा महोत्सव आयोजित करने का लक्ष्य, एससीओ क्षेत्र की फिल्मों की विविधता और फिल्म निर्माण की शैलियों को प्रदर्शित करना है: सूचना एवं प्रसारण मंत्री

"भारतीय फिल्में एससीओ देशों में बहुत अधिक पसंद की जाती हैं, जिसने लोगों के बीच परस्पर संबंधों में महान भूमिका निभाई है": सूचना एवं प्रसारण मंत्री

इस क्षेत्र के हमारे सभी साथियों को कहानी सुनाने, दृष्टिकोण विकसित करने, एक-दूसरे को करीब से जानने के इस उत्सव में प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिलता हैः विदेश एवं संस्कृति राज्यमंत्री

भारत में एससीओ फिल्म महोत्सव के पहले संस्करण में कंपीटिशन और नॉन-कंपीटिशन दोनों श्रेणियों में 14 देशों की लगभग 58 फिल्में दिखाई जाएंगी

Posted On: 27 JAN 2023 8:52PM by PIB Delhi

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) फिल्म महोत्सव, आज मुंबई के एनसीपीए में फ़िल्मी-सितारों से भरे एक भव्य उद्घाटन समारोह और भारत की विविधता को प्रदर्शित करने वाली एक रंगीन सांस्कृतिक शाम के साथ शुरू हुआ। भारतीय सिनेमा के साथ-साथ एससीओ देशों की लोकप्रिय फिल्म हस्तियों की उपस्थिति में, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण तथा युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर एवं केन्द्रीय विदेश कार्य और संस्कृति राज्य मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने एससीओ फिल्म महोत्सव का उद्घाटन किया।

उद्घाटन समारोह में विशिष्ट अतिथि सुश्री हेमा मालिनी और अक्षय कुमार, टाइगर श्रॉफ, साजिद नाडियाडवाला, ईशा गुप्ता, पूनम ढिल्लों, एली अवराम, ऋषिता भट्ट और जैकी भगनानी जैसी अन्य प्रतिष्ठित फिल्मी हस्तियों का इस अवसर पर सम्मान किया गया।

एससीओ फिल्म महोत्सव के सात ज्यूरी सदस्य-चीन की फिल्म निर्देशक सुश्री निंग यिंग, कजाकिस्तान के संगीतकार श्री दिमाश कुदाईबर्गेन, किर्गिस्तान की फिल्मकार और फिल्म समीक्षक सुश्री गुलबारा तोलोमुशोवा, रूसी फिल्म निर्माता और पत्रकार श्री इवान कुद्रयावत्सेव, तजाकिस्तान के फिल्म निर्माता अभिनेता और लेखक श्री मेहमदसैद शोहियों; उज्बेकिस्तान के अभिनेता श्री मत्यकुब सादुल्लायेविच माचानोव और ज्यूरी के अध्यक्ष एवं प्रशंसित भारतीय फिल्मकार राहुल रवैल- को भी सम्मानित किया गया।

स्वागत भाषण देते हुए, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा, "एससीओ फिल्म महोत्सव फिल्मकारों के लिए नेटवर्क, प्रस्तुति, सहयोग और सिनेमा की दुनिया के सर्वश्रेष्ठ अनुभव के लिए अद्वितीय अवसर और अविश्वसनीय संभावनाएं प्रस्तुत करता है।

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा कि एससीओ फिल्म महोत्सव का आयोजन, एससीओ में भारत की अध्यक्षता को रेखांकित करने के लिए किया जा रहा है और महोत्सव के आयोजन का लक्ष्य, एससीओ क्षेत्र की फिल्मों की विविधता और फिल्म निर्माण की विभिन्न शैलियों को प्रदर्शित करना है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, "हमारा उद्देश्य सिनेमाई साझेदारी करना, कार्यक्रमों का आदान-प्रदान करना, युवा फिल्म निर्माण प्रतिभाओं को सहयोग देना और इस अनूठे क्षेत्र की संस्कृतियों के बीच एक सेतु के रूप में काम करना है।"

केंद्रीय मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने कहा, सिनेमा की कला को एकजुट करने और बढ़ावा देने तथा  सिनेमाई साझेदारी करने की भावना के साथ, एससीओ और एनएफडीसी का उद्देश्य एससीओ फिल्म महोत्सव को भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समुदाय, नवोदित फिल्मकारों और एससीओ क्षेत्र के सिने-प्रेमियों के लिए एक सामूहिक सिनेमाई अनुभव प्रदान करना है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने आगे बताया कि नेटवर्किंग में तेजी लाना और भारतीय सिनेमा को आगे बढ़ाना, एससीओ फिल्म महोत्सव के मूल में है। उन्होंने कहा, "एससीओ की भारत की अध्यक्षता में, यह महोत्सव असंख्य जीवंत संस्कृतियों, सौंदर्य संवेदनाओं के प्रदर्शन और सिनेमाई उत्कृष्टता का एक अवसर सिद्ध होगा। उन्होंने यह भी कहा कि हमें इस प्लेटफार्म का उपयोग समकालीन समय की आवश्यक चिंताओं पर विचार-विमर्श करने और उस पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए करना चाहिए ताकि वे सिनेमा के माध्यम से वर्तमान सदी और हमारे लोगों की वास्तविकताओं को सटीक रूप से प्रतिबिंबित कर सकें।

एससीओ क्षेत्र में सिनेमा

केंद्रीय मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने कहा, “एससीओ क्षेत्र विविध सभ्यताओं और कला तथा संस्कृति की समृद्ध परंपराओं का संगम है। यह एससीओ देशों में निर्मित सिनेमा में परिलक्षित होता है, जिनकी विश्व स्तर पर सराहना की जाती है और पुरस्कार दिए जाते हैं। उन्होंने एससीओ सदस्यों से आग्रह किया, हमें एकजुट होना चाहिए और ऐसी फिल्मों का सह-निर्माण करना चाहिए जो हमारी सभ्यता, संस्कृति और सहयोग को दर्शाती हों।

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने याद किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2019 में मुंबई में भारतीय सिनेमा के राष्ट्रीय संग्रहालय के उद्घाटन के अवसर पर कहा था, फिल्में और समाज एक दूसरे के प्रतिबिंब हैं। जो फिल्मों में दिखता है, वो समाज में हो रहा है और जो समाज में हो रहा है, वही फिल्मों में दिखता है।

सिनेमा के बारे में केंद्रीय मंत्री ने कहा, सिनेमा किसी देश की समृद्ध संस्कृति, विरासत, आशाओं और सपनों, आकांक्षाओं, महत्वाकांक्षाओं व बदलाव के दौर में देश की कालातीत कहानियों को बेहतर रूप में प्रस्तुत करता है। उन्होंने आगे कहा, "सिनेमा वास्तव में समुदायों, संस्कृतियों, विरोधाभासों के मूल भाव को दिखाता है और विभिन्न सिनेमाई तरीकों से हमारे सामूहिक विवेक को दर्शाता है।" 

भारतीय सिनेमा

सिर्फ एक सदी में भारतीय सिनेमा ने सीमाओं को पार किया है। उसे न केवल एक कला के रूप में देखा जाता है बल्कि वो दुनिया भर में लोगों व संस्कृतियों को जोड़ने और प्रभावित करने का एक शक्तिशाली माध्यम है। ये टिप्पणी करते हुए सूचना और प्रसारण मंत्री ने कहा, "हम भारत को दुनिया का कंटेंट और पोस्ट-प्रोडक्शन हब बनाने की तैयारी में है जिसे हमारे फिल्ममेकिंग की शानदार प्रतिभाओं के जुनून और कौशल से ऊर्जा मिल रही है!" उन्होंने कहा, "हम दुनिया में सबसे ज्यादा फ़िल्में बनाते हैं और लगातार अपडेट व इनोवेट कर रहे हैं और दुनिया की कुछ सबसे पसंदीदा फिल्मों के लिए हम एनिमेशन-वीएफएक्स का पसंदीदा विकल्प हैं और इसमें इजाफा होता जा रहा है।"

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, भारत में रचनात्मक प्रतिभाओं, तकनीकी कौशल, कौशल युक्त मैनपावर, लागत दक्षता और विश्व स्तरीय पोस्ट-प्रोडक्शन सुविधाओं की सबसे बड़ी कम्युनिटी है जो दुनिया भर में फिल्म उद्योगों को अपनी सेवाएं दे सके। उन्होंने कहा, "हमारी 'रचनात्मक अर्थव्यवस्था' ओटीटी प्लेटफार्मों का लाभ उठा रही है। मोदी सरकार की नीतियां भी उद्योग की जरूरतों के साथ तालमेल बिठाकर आगे की ओर देख रही हैं।"

भारत ने आधिकारिक रूप से ऑडियो-विजुअल सेवाओं को 12 'चैंपियन सेवा क्षेत्रों' में से एक के रूप में नामित किया है और इंडस्ट्री लीडर्स से युक्त एवीजीसी टास्क फोर्स ने इस क्षेत्र के कायापलट के लिए एक रोडमैप साझा किया है। इसके अलावा फिल्ममेकर्स और कंटेट क्रिएटर्स को भारत आकर शूट करने का प्रोत्साहन देने के लिए पिछले साल कान फिल्म फेस्टिवल में भारत ने दो योजनाओं की घोषणा की। सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने एससीओ सदस्य देशों से आग्रह किया कि वे ऑडियो-विजुअल को-प्रोडक्शन की प्रोत्साहन योजना और भारत में विदेशी फिल्मों की शूटिंग की प्रोत्साहन योजना को आज़माकर देखें। उन्होंने कहा, "ये वाकई में इस एससीओ क्षेत्र की संभावनाओं को रेखांकित कर सकता है।"

एससीओ देशों में भारतीय सिनेमा के प्रति दिखाए गए प्यार के लिए एससीओ प्रतिनिधियों को धन्यवाद देते हुए सूचना और प्रसारण मंत्री ने कहा, "भारतीय फिल्में एससीओ देशों में बेहद लोकप्रिय हैं और लोगों के बीच के संबंधों में इसने एक महान भूमिका निभाई है।" उन्होंने कहा कि भारतीय सिनेमा मध्य एशियाई क्षेत्र में बेहद लोकप्रिय रहा है।

उन्होंने याद किया कि 1957 में मदर इंडिया एक अंतर्राष्ट्रीय हिट बन गई थी और अभिनेता-निर्देशक राज कपूर को मास्को और बीजिंग की सड़कों पर प्यार से घेर लिया गया था। राज कपूर की 'आवारा' तत्कालीन सोवियत संघ में दिखाई जाने वाली पहली बॉलीवुड फिल्मों में से एक थी।

उन्होंने कहा, "इनमें से कई देशों में दिलीप कुमार, देव आनंद और नरगिस के लाखों प्रशंसक थे। 1970 और 1980 के दशक में बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने अपने कई हिट और प्रभावशाली संवादों के साथ सीमा पार जुनून पैदा कर दिया था! मिथुन चक्रवर्ती की लोकप्रियता और डांस मूव्स को एससीओ क्षेत्र में बड़े प्यार से याद किया जाता है और वो आज भी बेजोड़ हैं!"

उन्होंने कहा, "बाहुबली के एक्शन से भरपूर सीक्वेंस बेहद लोकप्रिय थे और इसने एससीओ क्षेत्र में कई सारे प्रशंसक जुटाए। ऐसे ही प्रशंसक अजय देवगन द्वारा अभिनीत 'दृश्यम' के भी रहे जिसे उनकी अदाकारी, कथानक और कहानी के लिए बड़े पैमाने पर सराहा गया!"

केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि हाल ही में जिस एससीओ युवा प्रतिनिधिमंडल की उन्होंने नई दिल्ली में मेजबानी की थी, वहां आए प्रतिनिधियों ने विभिन्न भारतीय गाने गाए और राज कपूर व मिथुन चक्रवर्ती के युग के कुछ पॉपुलर गानों की धुनों पर डांस भी किया। यह सिनेमा और फिल्म उद्योग की ताकत है!” उन्होंने कहा कि कजाकिस्तान में संगीत और सीडी स्टोर की लोकप्रिय मेलोमन चेन में भारतीय फिल्मों के लिए एक खास कॉर्नर बना हुआ है।

केंद्रीय राज्यमंत्री (संस्कृति और विदेश) श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने कहा, हम इस फिल्म महोत्सव के माध्यम से जिस बात को स्थापित कर रहे हैं, वह वास्तव में एससीओ, जो एक बहुपक्षीय निकाय है, के माध्यम से इस क्षेत्र में हमारी दोस्ती है, और यह पड़ोसी देशों के बीच दोस्ती के बारे में बहुत कुछ बताता है। 17 सितंबर 2022 को भारत ने एससीओ देशों की अध्यक्षता ग्रहण की। यह फिल्म महोत्सव एससीओ उत्सवों के हिस्से के रूप में होने वाले कार्यक्रमों में से एक है। उन्होंने कहा, इस क्षेत्र के हमारे सभी साथियों को कहानी सुनाने/किस्सागोई, दृष्टिकोण विकसित करने, एक-दूसरे को करीब से जानने के लिए इस उत्सव में प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिलता है क्योंकि तब तक कोई एकजुटता नहीं हो सकती जब तक कि हम सभी एक-दूसरे को समझ नहीं पाते और एक-दूसरे के साथ खड़े नहीं होते। रंगमंच को परिभाषित करने वाले प्राचीन भारतीय पाठ नाट्यशास्त्रका जिक्र करते हुए श्रीमती लेखी ने कहा कि भारत में कहानी सुनाने की महान परंपरा रही है।

इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में सांसद (मुंबई उत्तर-पूर्व निर्वाचन क्षेत्र) मनोज कोटक, सांसद (मुंबई उत्तर निर्वाचन क्षेत्र) गोपाल शेट्टी, महाराष्ट्र के पर्यटन, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता और महिला एवं बाल विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में अपर सचिव (फिल्म) नीरजा शेखर और महोत्सव के निदेशक एवं एनएफडीसी के प्रबंध निदेशक श्री पृथुल कुमार अन्य उपस्थित थे।

भारत में एससीओ फिल्म महोत्सव के पहले संस्करण में कंपीटिशन और नॉन-कंपीटिशन दोनों श्रेणियों में 14 देशों की लगभग 58 फिल्में दिखाई जाएंगी। इस महोत्सव का शुभारंभ श्री प्रियदर्शन द्वारा निर्देशित और श्रीमती उर्वशी द्वारा अभिनीत तमिल फिल्म अप्पथा की स्क्रीनिंग के साथ हुआ। फिल्म की स्क्रीनिंग के अवसर पर माननीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने निर्देशक प्रियदर्शन और मुख्य अभिनेत्री उर्वशी दोनों को सम्मानित भी किया।

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