जनजातीय कार्य मंत्रालय
नई दिल्ली में जवाहर लाल नेहरु स्टेडियम में आज दो दिवसीय भव्य कार्यक्रम 'आदि शौर्य:पर्व पराक्रम का’ के पहले दिन के कार्यक्रम सम्पन्न
जीवंत और आकर्षक जनजातीय नृत्य प्रदर्शन आकर्षण का मुख्य केंद्र रहे
लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए
श्री अर्जुन मुंडा केंद्रीय कैबिनेट मंत्री जनजातीय मामले और रक्षा एवं पर्यटन राज्यमंत्री श्री अजय भट्ट भी इस अवसर पर उपस्थित रहे
Posted On:
23 JAN 2023 10:45PM by PIB Delhi
मुख्य विशेषताएं
- लोकसभा के अध्यक्ष श्री ओम बिरला और केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने नई दिल्ली के जवाहर लाल नेहरु (जेएलएन) स्टेडियम में आदि शौर्य : पर्व पराक्रम का' की शोभा बढ़ाई ।
- आदिशौर्य आदिवासियों के साथ सशस्त्र बलों के सहजीवन को प्रदर्शित करता है क्योंकि दोनों ही साहस, संस्कृति और विरासत के आदर्शों की रक्षा करते हैं
- भव्य समापन में पद्मश्री एवं प्रसिद्ध पार्श्व गायक, श्री कैलाश खेर द्वारा एक प्रस्तुति दी गई जिसके बाद सशस्त्र बलों के कलाकारों और आदिवासी नृत्यों का एक रंगारंग प्रदर्शन हुआ, जो देशभक्ति के गीतों के लिए भावों को झकझोरने वाले संगीत से गुंजायमान था ।
- जीवंत, रंगारंग प्रदर्शनों के इस सम्मिश्रण ने दर्शकों के बीच उत्साह को प्रज्वलित करते हुए जोरदार करतलध्वनि और तालियां बटोरीं
जनजातीय कार्य मंत्रालय ने रक्षा मंत्रालय के सहयोग से समन्वयक एजेंसी के रूप में भारतीय तटरक्षक बल के साथ आज नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती (पराक्रम दिवस) के अवसर पर नई दिल्ली के जवाहर लाल नेहरु स्टेडियम में आयोजित एक रंगारंग कार्यक्रम आदि शौर्य-पर्व पराक्रम के पहले दिन के समारोह का आयोजन किया,जिसमें सशस्त्र बलों द्वारा हजारों लोगों की उपस्थिति में जनजातीय नृत्यों और प्रदर्शनों की रंगारंग प्रस्तुति दी गई ।
इस उल्लेखनीय अवसर पर, लोकसभा के अध्यक्ष श्री ओम बिरला, जनजातीय कार्य केंद्रीय मंत्री श्री अर्जुन मुंडा और रक्षा और पर्यटन राज्य मंत्री श्री अजय भट्ट ने उत्सव शुरू करने के लिए औपचारिक दीप जलाकर और डोंग बजाकर उत्सव का उद्घाटन किया ।
आदि शौर्य ने भारत की विविधता का प्रतिनिधित्व करते हुए रोचक सैन्य प्रदर्शनों और जनजातीय नृत्यों के बहुरूपदर्शन के माध्यम से उत्साह, ऊर्जा और उत्साह का प्रदर्शन किया ।
आयोजन के दौरान, जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि, "जिस प्रकार आदिवासी समाज के लोग 'जल, जंगल, जमीन' को महत्व देते हैं, वैसे ही हमारे सशस्त्र बल हमारी सीमाओं को सुदृढ़ करते हैं और हमारे देश की संपत्ति, आदिवासी समुदायों और उनकी विरासत की भी रक्षा करते हैं। यह उत्सव सशस्त्र बलों और आदिवासी नागरिकों के बीच सहजीवी संबंधों का आभार व्यक्त करता है।”
उन्होंने कहा कि “जनजातीय लोग न केवल प्रकृति, पर्यावरण और संस्कृति के रक्षक हैं, बल्कि वे सीमाओं पर अग्रिम पंक्ति में खड़े होकर देश की सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि हमारे आदिवासी भाई-बहन सीमा पर हमारे जवानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। जब हम स्वतंत्रता संग्राम के संघर्ष के बारे में अध्ययन करते हैं, तो हमें यह समझना चाहिए कि हमारा इतिहास आदिवासी समुदाय की वीरता की गाथाओं से भरा पड़ा है।
इस उत्सव ने एक सैन्य प्रारूप में सशस्त्र बलों की शक्ति का प्रदर्शन किया और सैन्य और आदिवासी समुदायों द्वारा देश भर से भारत की विविध जनजातीय संस्कृति की सुंदरता को प्रदर्शित करने और एक भारत श्रेष्ठ भारत के संदेश को प्रचारित करने वाले विभिन्न शक्ति-भरे नृत्य प्रदर्शनों को भी प्रदर्शित किया।
इस कार्यक्रम में पैरामोटर ग्लाइडिंग, हॉट एयर बैलून, हॉर्स शो, मोटर साइकिल प्रदर्शन, एयर वारियर ड्रिल, नेवी बैंड और खुखरी नृत्य, गतका, मल्लखंब, कलारिपयतु, थंगटा जैसे पारंपरिक नृत्य प्रदर्शन के एक घंटे की एक सैन्य प्रस्तुति शामिल थी ।
जहां एक ओर सैन्य प्रदर्शनों ने मंत्रमुग्ध कर दिया, वहीं अरुणाचल प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, केरल, राजस्थान, झारखंड, लद्दाख, मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों के जनजातीय नृत्यों ने मन मोह लिया और दर्शकों को अपनी ताल से झूमने पर विवश कर दिया। दर्शक हिमाचल प्रदेश के गद्दी नाटी, गुजरात के सिद्धि धमाल, लद्दाख के बाल्टी नृत्य, जम्मू और कश्मीर के मंघो नृत्य, पश्चिम बंगाल के पुरुलिया छाऊ और कई अन्य उत्कृष्ट नृत्यों के साक्षी बने।
1200 से अधिक कलाकारों ने अपने प्रतिभाशाली प्रदर्शनों से इस महानगर को मंत्रमुग्ध कर दिया। दर्शकों को आकर्षित करने के लिए स्टेडियम परिसर के अंदर और बाहर रचनात्मक बैनर और जनजातीय कलाकृतियाँ भी लगाई गई हैं। इसके अलावा, विभिन्न स्ट्रोब लाइट इफेक्ट्स और आकर्षक श्रव्यदृश्य प्रस्तुतियों ने पावर-पैक प्रदर्शनों का पूरक बनाया।
ग्रैंड फिनाले में पद्म श्री पार्श्व गायक, श्री कैलाश खेर द्वारा एक प्रस्तुति भी दी गई , जिसके बाद सशस्त्र बलों के कलाकारों और आदिवासी नृत्यों का एक शानदार प्रदर्शन हुआ, जो देशभक्ति के गीतों के लिए आत्मा को उत्तेजित करने वाले संगीत के माध्यम से चला।
रक्षा मंत्रालय, भारतीय तटरक्षक बल के अन्य गणमान्य व्यक्तियों और जनजातीय कार्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।
इस कार्यक्रम में आज आयोजन स्थल पर 40,000 से अधिक लोगों का आगमन हुआ। इस कार्यक्रम में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) के छात्र भी शामिल हुए।
कार्यक्रम का समापन सभी उपस्थित लोगों द्वारा राष्ट्रगान के साथ किया गया।
कल फिर इसी स्थान और समय पर इस कार्यक्रम की पुनःप्रस्तुति का आयोजन होगा।
दर्शकों को https://in.bookmyshow.com/ पर निशुल्क अपने स्थान आरक्षित करने के लिए आमंत्रित किया जाता है।
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