सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

वर्षांत समीक्षा-2022: सड़क यातायात और राजमार्ग मंत्रालय


2.8 लाख करोड़ रुपये से अधिक कीमत की परियोजनाओं का उद्घाटन, शिलान्यास

ऑनलाइन नागरिक सेवाओं की संख्या 18 से बढ़कर 58 हुई, जिसके तहत आरटीओ जाने की जरूरत नहीं

भारत सीरीज का दायरा बढ़ाया गया; नियमित पंजीकरण निशान वाले मौजूदा वाहनों को भी बीएच श्रृंखला में बदला जा सकता है

बीएस VI वाहनों में सीएनजी और एलपीजी किट लगाने की अनुमति

भारत एन-कैप सुरक्षा रेटिंग की शुरूआत, ताकि उपभोक्ता निर्णय कर सकें

हिट-एंड-रन सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों का मुआवजा गंभीर दुर्घटना में 12,500 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये और मृत्यु होने पर 25,000 रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये किया गया

हरित ईंधन और वाहनों को बढ़ावा; बैटरी से चलने वाले वाहनों में सुरक्षा सुधार के उपाय किये गये

राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ-साथ अमृत सरोवर का निर्माण

एनएचएआई इन्व-आईटी बॉन्डस बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज एवं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध

अवसंचरना परियोजनाओं के लिये अपने तरह का पहला ‘श्योरिटी बॉन्ड इंश्योरेंस’ की शुरूआत

सड़क, यातायात और लॉजिस्टिक्स सेक्टर के मुद्दों पर चर्चा करने के लिये बेंगलुरु में “मंथन” सम्मेलन

Posted On: 04 JAN 2023 12:09PM by PIB Delhi

सड़क यातायात और राजमार्ग मंत्रालय की प्रमुख विशेषतायें 2022

विषयवस्तु

  1. मुख्य विशेषताएं 2022
  2. राष्ट्रीय राजमार्ग: निर्माण और उपलब्धियां
  3. 2022 की प्रमुख घटनाएं
  4. पर्वतमाला
  5. सड़क परिवहन
  6. सड़क सुरक्षा
  7. लॉजिस्टिक्स और संबद्ध राजमार्ग बुनियादी ढांचा
  8. नई तकनीक
  9. हरित पहल
  10. वाहन स्क्रैपिंग नीति
  11. आईएएचई
  12. रिकॉर्ड / मान्यतायें

 

i मुख्य विशेषतायें 2022

1. राजमार्ग विकास पर विशेष जोर

a. प्रधानमंत्री ने 57,020 करोड़ रुपये से अधिक कीमत की परियोजनाओं का उद्घाटन/शिलान्यास किया

b. प्रधानमंत्री ने 230,802 करोड़ रुपये से अधिक कीमत की परियोजनाओं का उद्घाटन/शिलान्यास किया

2. कनेक्टीविटी पर विशेष जोरः

a. प्रदत्त निर्माण कार्य/निर्मित कार्यः 5337 किमी लंबे राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया गया और 6318 किमी लंबे राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण कार्य दिया गया। यह 29 दिसंबर, 2022 (अनन्तिम आंकड़ें) तक के आंकड़े हैं।

b. पर्वतमाला के तहत रोप-वे के निर्माण पर जोर

3. प्रधानमंत्री द्वारा घोषित राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति के अनुपालन में देश में लॉजिस्टिक्स विकास को गति

a. देशभर में 27 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे का विकास किया जा रहा है

b. पीपीपी प्रणाली में प्रथम एमएमएलपी दिया गया

c. तीन और एमएमएलपी के लिये बोली की प्रक्रिया

4. ऑनलाइन नागरिक सेवाओं की संख्या 18 से बढ़ाकर 58 कर दी गई है, जिसमें आरटीओ के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है

5. भारत श्रृंखला का दायरा बढ़ाया गया; वर्तमान में नियमित पंजीकरण चिह्न वाले वाहनों को भी बीएच श्रृंखला में परिवर्तित किया जा सकता है

6. बीएस VI वाहनों में सीएनजी और एलपीजी किट लगाने की अनुमति

7. भारत एन-कैप सुरक्षा रेटिंग पेश की गई, ताकि उपभोक्ता निर्णय ले सकें

8. हिट-एंड-रन मोटर दुर्घटनाओं के पीड़ितों को मुआवजा गंभीर दुर्घटना के लिए 12,500 से बढ़ाकर 50,000 और मृत्यु होने पर 25,000 रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये किया गया।

9. हरित ईंधन और वाहनों को बढ़ावा; इलेक्ट्रिक वाहनों की सुरक्षा में सुधार के लिए पहलें

10. राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे अमृत सरोवर का निर्माण

11. एनएचएआई इन्व-आईटीबॉन्ड बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध

12. सड़क, परिवहन और लॉजिस्टिक्स क्षेत्रों के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए बेंगलुरु में "मंथन" सम्मेलन आयोजित किया गया

 

ii.    राष्ट्रीय राजमार्ग: निर्माण और उपलब्धियां

1. देश में सड़कों का नेटवर्कः भारत में सड़कों का नेटवर्क लगभग 63.73 किमी है, जो दुनिया में सबसे विशाल है।

विभिन्न श्रेणियों की सड़कों की लंबाई इस प्रकार हैः

  • राष्ट्रीय राजमार्ग: 1,44,634 किमी
  • राज्य राजमार्गः 1,86,908 किमी
  • अन्य सड़कें:59,02,539 किमी

राष्ट्रीय राजमार्ग माल और यात्रियों की सहज आवाजाही और बाजार तक पहुंच में सुधार करके देश के आर्थिक और सामाजिक विकास में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मंत्रालय और उसकी कार्यान्वयन एजेंसियों ने भारत में राष्ट्रीय राजमार्ग अवसंरचना की क्षमता बढ़ाने के लिए पिछले आठ वर्षों में अनेक पहलों को लागू किया है।

30 नवंबर 2022 तक देश में राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लंबाई 1,44,634 किलोमीटर थी।

 

30 नवंबर, 2022 के अनुसार

 

प्रदत्त कार्य / निर्माण: मंत्रालय ने 5337 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया और 29 दिसंबर, 2022 (अनंतिम) तक 6318 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों का आबंटन किया।

 

Sr. No.

वर्ष

लंबाई (किमी में)

1

2014-15

97,830

2

2015-16

1,01,010

3

2016-17

1,14,158

4

2017-18

1,26,500

5

2018-19

1,32,500

6

2019-20

1,32,995

7

2020-21

1,38,376

8

2021-22

1,41,345

9

2022-23

1,44,634*

 

(* 30 नवंबर, 2022 तक)

 

 

वर्ष 2014-15 और 2021-22 के बीच राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच) के निर्माण की गति लगातार बढ़ी है, जिसका कारण कॉरीडोर आधारित राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास के जरिये निरंतर जोर दिया जाना है। वर्ष 2014-15 में एनएच निर्माण की गति लगभग 12 किमी/दिन थी जो 2021-22 में बढ़कर लगभग 29 किमी/दिन हो गई।

 

Sr. No.

वर्ष

प्रदत्त कार्य (किमी में)

निर्माण (किमी में)

निर्माण (किमी/दिन में)

1

2014-15

7,974

4,410

12.1

2

2015-16

10,098

6,061

16.6

3

2016-17

15,948

8,231

22.6

4

2017-18

17,055

9,829

26.9

5

2018-19

5,493

10,855

29.7

6

2019-20

8,948

10,237

28.1

7

2020-21

10,964

13,327

36.5

8

2021-22

12,731

10,457

28.6

9

2022-23

6318(29 दिसंबर, 2022 तक)

5337 (29 दिसंबर, 2022 तक)

 

 

         

 

 

2. भारतमाला परियोजनाः भारतमाला परियोजना को देश भर में माल और लोगों की आवाजाही को सहज बनाने के लिये शुरू किया गया था। अक्टूबर 2017 में स्वीकृत भारतमाला परियोजना के पहले चरण में 34,800 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास के माध्यम से महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के अंतराल को पाटने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। परियोजना ने बुनियादी ढांचे की समरूपता और सड़कों का उपयोग करने वालों को बेहतर अनुभव हो, जिसके लिये "कॉरिडोर आधारित राष्ट्रीय राजमार्ग विकास" पर जोर दिया गया। परियोजना के प्रमुख घटकों में आर्थिक गलियारों का विकास, अंतर-गलियारा और फीडर मार्गों का विकास, राष्ट्रीय गलियारों की दक्षता में सुधार, सीमा और अंतर्राष्ट्रीय संपर्क सड़कें, तटीय और बंदरगाह संपर्क सड़कें और एक्सप्रेस-वे शामिल हैं।

कार्यक्रम के पहले चरण के हिस्से के रूप में, 9,000+ किलोमीटर की कुल लंबाई के साथ 27 ग्रीनफील्ड कॉरिडोर की योजना बनाई गई है। भारतमाला परियोजना के एक हिस्से के रूप में, भारत का सबसे बड़ा एक्सप्रेस-वे, यानी, 1,386 किलोमीटर लंबा दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे विकसित किया जा रहा है। इसके साथ ही दिल्ली-दौसा (जयपुर), वडोदरा-अंकलेश्वर जैसे कुछ हिस्सों का काम पूरा होने वाला है। अंबाला-कोटपुतली कॉरिडोर और अमृतसर-जामनगर कॉरिडोर ऐसे अन्य प्रमुख कॉरिडोर हैं, जो पहले ही पूरे हो चुके हैं/पूरा होने वाले हैं।

भारतमाला परियोजना के तहत, हाइब्रिड वार्षिकी मोड पर 60 प्रतिशत परियोजनायें, बीओटी (टोल) मोड पर 10 प्रतिशत परियोजनायें और ईपीसी मोड पर 30 प्रतिशत परियोजनाओं की परिकल्पना की गई है।

 

भारतमाला परियोजना चरण-1 के तहत स्वीकृत ~24,800 किमी में से कुल 17,555 किमी लंबी सड़क निर्माण की अनुमति प्रदान की जा चुकी है। इसी प्रकार, शेष एनएचडीपी घटक में से भारतमाला चरण-1 को पूरा करने के लिए 10,000 किलोमीटर की कुल 5,972 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण कार्य दे दिया गया है।

3. वित्तवर्ष 2022-23 में जोड़े गये टोल वाले राजमार्ग

क्रम संख्या

मापदंड और इकाई

2022-23

1

टोल युक्त राजमार्ग की लंबाई (किमी)

2782*

2

टोल संकलन (करोड़ रुपय में)

15958.13**

*नवंबर, 2022 तक

** नवंबर, 2022 तक

 

 

 

4. कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सड़क निर्माण-क्षेत्र के ठेकेदारों/डेवलपर्स के लिए राहत: मंत्रालय ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर राहत उपाय उपलब्ध/प्रदान किये।

(i) ठेकेदारों और रियायत प्राप्तकर्ताओं के पास उपलब्ध धनराशि की तरलता में सुधार के लिए अनुसूची एच/जी में छूट का विस्तार 31 मार्च 2023 तक।

(ii) स्वीकृत उप-ठेकेदार को एस्क्रो खाते के माध्यम से सीधे भुगतान की व्यवस्था 31 मार्च 2023 तक या उप-ठेकेदार द्वारा कार्य पूरा करने, जो भी पहले हो, तक जारी रखी जा सकती है।

(iii) प्रदर्शन सुरक्षा में कमी/प्रतिधारण धन जारी करना: मंत्रालय ने सभी मौजूदा अनुबंधों के लिए अनुबंध के मूल्य के मौजूदा 5-10 प्रतिशत से तीन प्रतिशत तक काम पूरा करने की जमानत को कम करने का निर्णय लिया है (विवाद के तहत अनुबंधों को छोड़कर जिसमें मध्यस्थता/ अदालती कार्यवाही पहले ही शुरू हो चुकी है या पूरी हो चुकी है)। 31 मार्च, 2023 तक जारी/समाप्त सभी निविदाओं/संविदाओं में घटी हुई निष्पादन सुरक्षा का भी प्रावधान अभीष्ट है।

5. राजमार्ग परियोजनाओं के लिए बोलियों में अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट (ईएमडी) के प्रावधान की बहाली:व्यय विभाग के कार्यालय ज्ञापन की प्रयोज्यता की समाप्ति पर दिनांक 31 दिसंबर, 2021 को बोली सुरक्षा के संबंध में संख्या 9/4/2020-पीपीडी दिनांक 12.11.2020, जीएफआर, 2017 के नियम 170 के प्रावधान, जो पूर्वोक्त डीओई ओएम के जारी होने से पहले मौजूद थे, को बोली सुरक्षा के प्रावधान की अनुमति देकर बहाल कर दिया गया है। ईपीसी सहित पीपीपी के तहत सड़क निर्माण के सभी तरीकों के लिए बोली सुरक्षा के स्थान पर बोली सुरक्षा घोषणा को शामिल किया गया है।

6. परिसंपत्ति मुद्रीकरण:

 (i) अगस्त 2021 में तीन टीओटी बंडलों के तहत 20 साल की रियायत अवधि के लिए चार परियोजनाओं (382 किमी) के लिए बोलियां आमंत्रित की गईं (टीओटी बंडल छह और सात के लिए विस्तारित बोली तिथि 27 जनवरी, 2022 और टीओटी बंडल आठ के लिए 31 जनवरी, 2022 नियत रही।

(ii) राष्ट्रीय राजमार्ग इंफ्रा ट्रस्टबॉन्ड:एनएचएआई इन्व-आईटी बॉन्डों को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में 28 अक्टूबर 2022 को सड़क यातायात और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी की उपस्थिति में सफलतापूर्वक सूचीबद्ध किया गया था। परिवर्तनीय डिबेंचर सिक्योरिटीज ("बॉन्ड") 25 साल की लंबी अवधि की परिपक्वता के साथ चालू किया गया। बॉन्ड 7.9 प्रतिशत छमाही के कूपन के साथ जारी किये गये थे, जिस पर एक वर्ष में 8.05 प्रतिशत ब्याज बनता है। खुदरा निवेशकों की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए न्यूनतम निवेश राशि 10,000 रुपये रखी गई। एनएचआईटी बॉन्डों को कई निवेशक वर्गों ने बढ़-चढ़कर खरीदा। अधिक सब्क्रिप्शन के कारण दूसरे दिन इसे जल्दी बंद करना पड़ा।

7. अमृत ​​सरोवर: "आजादी का अमृत महोत्सव" के तत्त्वावधान में "अमृत सरोवर अभियान" नामक पहल की गई, ताकि तालाबों का विकास और कायाकल्प किया जा सके। इन जलाशयों से निकाली गई मिट्टी, दाज और अन्य चीजों का उपयोग राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण कार्य में किया जा रहा है।

8. ज़मानती बॉन्ड की शुरूआतः केंद्रीय सड़क यातायात और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए अब तक का पहला 'ज़मानती बॉन्ड बीमा' लॉन्च किया। ज़मानती बांड के इस नए साधन से, तरलता और क्षमता दोनों की उपलब्धता निश्चित रूप से बढ़ जाएगी।ऐसे उत्पाद बुनियादी ढांचा क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिये तत्पर हैं।

C. वर्ष 2022 की प्रमुख घटनायें

(i) प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उद्घाटन/शिलान्यास

1. बनिहाल-काजीगुंड सड़क सुरंग का उद्घाटन (3100 करोड़ रुपये); दिल्ली-अमृतसर-कटरा पैकेज (7500 करोड़ रुपये) के 3 सड़क पैकेजों का शिलान्यास (24 अप्रैल)

2. 28,540 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बन रही छह परियोजनाओं का शिलान्यास।262 किलोमीटर लंबा बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे14,870 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया जाएगा। लगभग 21 किलोमीटर लंबी चेन्नई पोर्ट को मदुरावोयल (एनएच-4) से जोड़ने वाली 4 लेन डबल डेकर एलिवेटेड रोड, 5850 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाई जाएगी। यह चेन्नई बंदरगाह तक मालवाहक वाहनों के चौबीसों घंटे पहुंचने की सुविधा प्रदान करेगा। लगभग 3870 करोड़ रुपये और 720 रुपये की लागत से बनाए जा रहे एनएच-844 के नेरलुरु से धर्मपुरी सेक्शन के 94 किमी लंबे 4 लेन और एनएच-227 के मीनसुरुत्ती से चिदंबरम सेक्शन के पेव्ड शोल्डर के साथ 31 किमी लंबे 2 लेन यातायात में सहायक होगी, जिससे क्षेत्र में निर्बाध कनेक्टिविटी मिलेगी (26 मई)।

3. एमएमएलपी चेन्नई की आधारशिला रखी गई (26 मई)।

4. 2,280 करोड़ से अधिक की लागत से विकसित होने वाली बेंगलुरु रिंग रोड परियोजना के दो खंडों की आधारशिला रखी गई (20 जून)।

5. एमएमएलपी की आधारशिला रखी गई, जिसे बेंगलुरु से लगभग 40 किलोमीटर दूर मुदलिंगनहल्ली में विकसित किया जा रहा है।

6. 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की कई सड़क परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया गया। इन परियोजनाओं में एनएच-2 के गोरहर से बरवाड़ा खंड को छह लेन में बदलना; राजगंज-चास को एनएच-32 के पश्चिम बंगाल सीमा खंड तक चौड़ा करने सहित अन्य कार्य शामिल हैं। प्रमुख परियोजनाओं में एनएच-80 के मिर्जाचौकी-फरक्का खंड को चार लेन का बनाना; एनएच-98 के हरिहरगंज से परवा मोड़ खंड को चार लेन का बनाना; एनएच-23 के पाल्मा से गुमला खंड को चार लेन का बनाना; एनएच-75 के कचहरी चौक से पिस्का मोड़ सेक्शन का एलिवेटेड कॉरिडोर को रखा गया है (12 जुलाई)।

7. उत्तराखंड के माना में 3,400 करोड़ रुपये से अधिक की सड़क और रोपवे परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई। केदारनाथ में रोपवे की लंबाई लगभग 9.7 किलोमीटर होगी और यह गौरीकुंड को केदारनाथ से जोड़ेगा। हेमकुंड रोपवे गोविंदघाट को हेमकुंड साहिब से जोड़ेगा। इसकी लंबाई करीब 12.4 किलोमीटर होगी। यह रोपवे घांघरिया को भी जोड़ेगा, जो फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान का प्रवेश द्वार है। दो सड़क चौड़ीकरण परियोजनाएं - माना से माना पास (एनएच 07) और जोशीमठ से मलारी (एनएच 107बी) तक - हमारे सीमावर्ती क्षेत्रों को अंतिम छोर तक बारहमासी सड़क संपर्क प्रदान करने की दिशा में एक और कदम होगा (21 अक्टूबर)।

8. छह-लेन ग्रीनफ़ील्ड रायपुर-विशाखापत्तनम आर्थिक कॉरिडोर के एपी सेक्शन और कॉन्वेंट जंक्शन से शीला नगर जंक्शन तक एक समर्पित पोर्ट रोड की आधारशिला रखी गई (12 नवंबर)।

9. अगरतला बाईपास (खैरपुर-अमतली) एनएच 08 की चौड़ीकरण परियोजना का उद्घाटन (17 दिसंबर)।

10. 2200 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास हुआ,यानी एनएच-765डीजी का मेडक-सिद्दीपेट-एलकथुर्थी खंड; एनएच-161बीबी का बोधन-बसर-भैंसा खंड; तेलंगाना में एनएच-353सी के सिरोंचा से महादेवपुर खंड (12 नवंबर)।

(ii) सड़क यातायात और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी द्वारा उद्घाटन/शिलान्यास

1. उत्तर प्रदेश में 26778 करोड़ रुपये के 821 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों का उद्घाटन और शिलान्यास किया। श्री गडकरी ने कानपुर में 14,199 करोड़ रुपये की 8 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं, लखनऊ में 7409 करोड़ रुपये की 16 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं और श्रृंगवेरपुर धाम, प्रयागराज में 5169 करोड़ रुपये की 4 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया (5 जून)।

2. उत्तर प्रदेश में कौशाम्बी, अयोध्या और बस्ती में 12981 करोड़ रुपये की लागत से 572 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। उन्होंने कौशाम्बी में 2659 करोड़ रुपये की 6 एनएच परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया। अयोध्या में उन्होंने 8,698 करोड़ रुपये की 6 एनएच परियोजनाओं की आधारशिला रखी और बस्ती में मंत्री महोदय ने 1,624 करोड़ रुपये की 3 एनएच परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। अयोध्या में 84 कोसी परिक्रमा मार्ग बनने से श्रद्धालुओं को सुविधा होगी और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। अयोध्या रिंग रोड के बनने से जाम की समस्या का समाधान हो जाएगा। भगवान श्री राम वन गमन मार्ग के निर्माण से महत्वपूर्ण तीर्थस्थल प्रयागराज-चित्रकूट-कौशाम्बी और श्रृंगवेरपुर धाम जुड़ेंगे (6 जनवरी)।

3. उत्तर प्रदेश के मथुरा में 14169 करोड़ रुपये की 336 किलोमीटर लंबी 10 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की वर्चुअल आधारशिला रखी। आगरा इनर रिंग रोड और यमुना एक्सप्रेसवे को जोड़ने वाले बाईपास के निर्माण से आगरा शहर को जाम से निजात मिल जाएगी(7 जनवरी)।

4. बिहार के मुंगेर में एनएच333बी पर 696 करोड़ रुपये की लागत से गंगा नदी पर 14.5 किलोमीटर लंबे रेल-सह-सड़क-पुल का उद्घाटन किया(11 फरवरी)।

5. आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में 21,559 करोड़ रुपये के निवेश से कुल 1380 किलोमीटर लंबी 51 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया (17 फरवरी)।

6. मध्य प्रदेश में 5722 करोड़ रुपये की कुल 534 किलोमीटर लंबाई की 11 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखी (24 फरवरी)।

7. कर्नाटक में 19,930 करोड़ रुपये के निवेश वाली 46 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया (28 फरवरी)।

8. हरियाणा और राजस्थान में 1407 करोड़ रुपये की 19 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन किया (19 मार्च)।

9. महाराष्ट्र के सांगली में 2,334 करोड़ रुपये की दो राजमार्ग परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया। समर्पित राजमार्ग परियोजनाओं के दो खंडों की कुल लंबाई 96.78 किमी है (26 मार्च)।

10. 4,135.91 करोड़ रुपये की राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। राष्ट्र के लिए 3,500 करोड़ की जेएनपीटी पोर्ट रोड कनेक्टिविटी परियोजना और राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 48, मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे, कलंबोली जंक्शन सुधार परियोजना और प्रस्तावित नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के पूर्वी प्रवेश द्वार पर काम के लिए भूमि-पूजन समारोह (3 अप्रैल)।

11. हरियाणा के सोनीपत में 2,872 करोड़ रुपये की लागत से 297 किलोमीटर लंबी 5 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन किया (4 अप्रैल)।

12. रायपुर, छत्तीसगढ़ में 9,240 करोड़ रुपये की 33 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया (21 अप्रैल)।

13. जलगांव, महाराष्ट्र में 2,460 करोड़ रुपये की 16 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। धुले, महाराष्ट्र में 1,791.46 करोड़ रुपये की 2 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया (22 अप्रैल)।

14. महाराष्ट्र के औरंगाबाद में 5569 करोड़ रुपये की 7 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन किया। (24 अप्रैल)

15. महाराष्ट्र के सोलापुर में 8,181 करोड़ रुपये की 292 किलोमीटर लंबी 10 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन किया। (25 अप्रैल)

16. हैदराबाद में 8000 करोड़ रुपये की लागत से 460 किलोमीटर की कुल लंबाई की 12 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं और 7 सीआरआईएफ परियोजनाओं का उद्घाटन किया। राज्यमंत्री जनरल वी. के. सिंह भी उपस्थित थे। (29 अप्रैल)

17. बिहार के पटना और हाजीपुर में कुल 13,585 करोड़ रुपये की लागत से 15 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। (7 जून)

18. राजस्थान में 1357 करोड़ रुपये की 243 किलोमीटर लंबाई की 9 एनएच परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। (27 जून)

19. राष्ट्रीय राजमार्ग 547-ई के 28.88 किलोमीटर लंबे और 720 करोड़ रुपये की लागत से सावनेर-धापेवाड़ा-गोंदखैरी खंड का नागपुर में उद्घाटन किया। (24 जुलाई)

20. इंदौर, मध्य प्रदेश में 2300 करोड़ रुपये की लागत से 119 किलोमीटर की 6 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। (1 अगस्त)

21. 1,128 करोड़ रुपये की लागत वाली 7 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं और कुल लंबाई 222 किलोमीटर का उद्घाटन और शिलान्यास किया। (15 सितंबर)

22. आंध्र प्रदेश के राजा महेंद्रवर्मा में 3000 करोड़ रुपये की 8 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखी। (22 सितंबर)

23. जबलपुर, मध्य प्रदेश में 4054 करोड़ रुपये की 8 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं और 214 किमी लंबाई का उद्घाटन और शिलान्यास किया; 1261 करोड़ रुपये की लागत से मंडला, मध्य प्रदेश में कुल लंबाई 329 किलोमीटर की 5 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन किया। (7 नवंबर)

24. बिहार के बक्सर में 3,390 करोड़ रुपये की दो राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन किया; 1.5 किमी लंबी 2-लेन एलिवेटेड आर.सी.सी. का उद्घाटन किया। 210 करोड़ रुपये की लागत से बिहार के रोहतास में सोन नदी पर पांडुका के पास पुल का उद्घाटन किया (14 नवंबर)

25. रायगंज, पश्चिम बंगाल में 1082 करोड़ रुपये की 2 एनएच परियोजनाओं का उद्घाटन किया; पश्चिम मेदिनीपुर, पश्चिम बंगाल में 5351 करोड़ रुपये की 4 एनएच परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। सिलीगुड़ी, पश्चिम बंगाल में 1206 करोड़ रुपये की 3 एनएच परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। (17 नवंबर)

26. महाराष्ट्र के अहमदनगर में राष्ट्रीय राजमार्ग-61 पर 331.17 करोड़ रुपये की लागत से 3.8 किलोमीटर लंबे 4-लेन एलिवेटेड स्ट्रक्चर फ्लाईओवर के निर्माण का उद्घाटन किया। (19 नवंबर)

27. मध्य प्रदेश के रीवा में कुल 204 किलोमीटर लंबाई की 2,444 करोड़ रुपये की 7 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन किया। (10 दिसंबर)

28. इगतपुरी, नासिक, महाराष्ट्र में 1800 करोड़ रुपये की 226 किलोमीटर लंबाई की 8 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। (18 दिसंबर)

(iii) अन्य कार्यक्रम

  1. मंथनः सड़क यातायात और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय द्वारा 8-9 सितंबर को दो दिवसीय सम्मेलन-सह-एक्सपो "मंथन" का आयोजन किया गया था, जिसका उद्देश्य सड़क, परिवहन और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में कई मुद्दों और अवसरों पर चर्चा करना और राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और अन्य प्रमुख हितधारकों के साथ जुड़ना था। उत्कृष्ट व्यवहारों, नीति समर्थन और क्षमता विकास को साझा करने के लिए उद्योग से संपर्क साधना लक्ष्य था। मंथन का विषय था “कार्य के लिए विचार: एक स्मार्ट, सतत, सड़क अधोरचना, गतिशीलता और लॉजिस्टिक्सइको-प्रणाली की ओर”। पीडब्ल्यूडी, परिवहन और उद्योग मंत्रालयों के विभागों को संभालने वाले कई राज्य मंत्रियों और इन मंत्रालयों के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने सम्मेलन में भाग लिया। इसके अलावा उद्योग जगत की हस्तियां और विशेषज्ञ भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। इनके अलावा, मंत्रालयऔर एनएचएआई के वरिष्ठ अधिकारी, नीति नियोजक, विशेषज्ञ, कॉरपोरेट दिग्गज और टेक्नोक्रेट व अन्य लोगों ने भी इस कार्यक्रम के दौरान विचार-विमर्श में भाग लिया। इस अवसर पर बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार की सड़क सुरक्षा पर आधारित तीन लघु फिल्में भी रिलीज की गईं।
  2. पीएम गतिशक्ति दक्षिण क्षेत्र सम्मेलन: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने मंत्रालय द्वारा आयोजित दक्षिण क्षेत्र के लिए "पीएम गति शक्ति" पर एक वर्चुअल सम्मेलन का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि राज्य और केंद्र के बीच संवाद बढ़ाने की जरूरत है। इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले राज्य/केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, लक्षद्वीप, महाराष्ट्र, पुडुचेरी, तमिलनाडु और तेलंगाना थे।
  3. राष्ट्रीय राजमार्ग उत्कृष्टता पुरस्कार: "राष्ट्रीय राजमार्ग उत्कृष्टता पुरस्कार 2021" समारोह 28 जून को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में मंत्रालयट द्वारा आयोजित किया गया था। पुरस्कारों का विषय "सड़क निर्माण में नवाचार और उत्कृष्टता" था। समारोह के दौरान, निर्माण, संचालन और रखरखाव, नवाचार, हरियाली, राजमार्ग विकास के साथ-साथ 2021 के लिए सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में असाधारण रूप से काम करने वाले रियायत प्राप्त/ठेकेदारों को पुरस्कार प्रदान किए गए। कुल 122 नामांकन प्राप्त हुए, जिनमें से 13 को पुरस्कारों के लिए चुना गया। उसी दिन एक सम्मेलन "नए भारत की जीवन-रेखा: भविष्य के लिए राजमार्ग और सड़क (सड़क निर्माण में नवाचार और उत्कृष्टता)" का भी आयोजन किया गया।
  4. विशेष अभियान 2.0: "विशेष अभियान 2.0" के हिस्से के रूप में, मंत्रालय ने पूरे देश में विभिन्न गतिविधियों को अंजाम दिया, जिसमें विभिन्न टोल प्लाजा पर "स्वच्छता अभियान", लंबित फाइलों का निपटान, स्क्रैप की छंटाई और सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाना शामिल है रहा। ये गतिविधियां 2 से 31 अक्टूबर तक मंत्रालय,एनएचएआई, एनएचआईडीसीएल, आईआरसी और आईएएचईके मुख्यालयों और फील्ड कार्यालयों में हुईं। अभियान के हिस्से के रूप में, 694 सांसद संदर्भों में से 667,1,049 लोक शिकायतों में से1042, पीएमओ के 16 संदर्भों में से 1559 संसदीय आश्वासनों में से 35,  सरकार के 28 में से 28 संदर्भों का निस्तारण किया गया, जबकि 1262 दस्ती फाइलों के निस्तारण के लिए पहचान की गई थी, उनकी छंटाई कर दी गई। 2466 स्थानों पर सफाई अभियान चलाया गया, जिसमें टोल प्लाजा, क्षेत्रीय कार्यालय और मंत्रालय/एनएचएआई/एनएचआईडीसीएलके पीआईयू/पीएमयू शामिल हैं। मंत्रालय ने अभियान के दौरान कबाड़ का निस्तारण कर 7.09 लाख रुपये कमाए। फाइलों की छंटाई और कबाड़ के निस्तारण के बाद 1936 वर्ग फुट जगह को खाली कराया गया।
  5. पर्वतमाला

1. परिवहन का सुविधाजनक और इच्छित माध्यमः रोपवे परिवहन के एक सुविधाजनक, सुरक्षित और पसंदीदा साधन के रूप में उभरा है, जो ऐसे पहाड़ी और दुर्गम क्षेत्रों को पहले और साथ ही अंतिम मील तक की कनेक्टिविटी प्रदान करता है या शहरी भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों को कम करने में मदद करता है। इस पृष्ठभूमि में, केंद्र देश में रोपवे के विकास पर जोर दे रहा है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय देश भर में राजमार्गों के विकास और सड़क परिवहन क्षेत्र को विनियमित करने के लिए जिम्मेदार है। हालांकि, फरवरी 2021 में भारत सरकार (व्यवसाय का आवंटन) नियम, 1961 में एक संशोधन ने मंत्रालय को देश में रोपवे और वैकल्पिक आवाजाही समाधानों के विकास की देखरेख और कार्य करने में सक्षम बनाया।

2. प्रधानमंत्री ने 2 नई रोपवे परियोजनाओं की आधारशिला रखी: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तराखंड में गौरीकुंड को केदारनाथ और गोविंदघाट को हेमकुंड साहिब से जोड़ने वाली दो नई रोपवे परियोजनाओं की आधारशिला रखी। केदारनाथ में रोपवे लगभग 9.7 किलोमीटर लंबा होगा और गौरीकुंड को केदारनाथ से जोड़ेगा, जिससे दोनों स्थानों के बीच यात्रा का समय वर्तमान में 6-7 घंटे से घटकर केवल 30 मिनट रह जाएगा। हेमकुंड रोपवे गोविंदघाट को हेमकुंड साहिब से जोड़ेगा। यह लगभग 12.4 किलोमीटर लंबा होगा और यात्रा के समय को एक दिन से अधिक से घटाकर केवल लगभग 45 मिनट कर देगा। यह रोपवे घांघरिया को भी जोड़ेगा, जो फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान का प्रवेश द्वार है।

3. हिमाचल प्रदेश में रोपवे के लिए समझौता-ज्ञापन: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में रोपवे के माध्यम से पहले और अंतिम पड़ाव तक कनेक्टिविटी में सुधार के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी के साथ हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर, राज्यमंत्रीश्री वी. के. सिंह ने महत्वाकांक्षी पर्वतमाला योजना के तहत हिमाचल प्रदेश में रोपवे के निर्माण के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग लॉजिस्टिक्स प्रबंधन लिमिटेड और हिमाचल प्रदेश राज्य सरकार के बीच समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

4. मध्य प्रदेश में रोपवे के लिए समझौता-ज्ञापनः राज्य में 14 चयनित स्थानों पर रोपवे के निर्माण के लिए मध्य प्रदेश सरकार और एनएचएआई के बीच एक समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

E. सड़क परिवहनः

भारत में यातायात माध्यम और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में योगदान दोनों के मामले में सड़क परिवहन प्रमुख साधन है। माल और यात्रियों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के अलावा, सड़क परिवहन देश के क्षेत्रों में समान सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह देश के सामाजिक और आर्थिक एकीकरण और विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आसान पहुंच, संचालन में लचीलापन, घर-घर सेवा और विश्वसनीयता ने परिवहन के अन्य साधनों की तुलना में यात्री और माल यातायात दोनों में सड़क परिवहन को अधिक महत्व दिया है।

सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में आईटीएस को मजबूत बनाना: मंत्रालय ने अपनी पिछली आईटीएस योजना को नया रूप दिया है और पिछली योजना को जारी रखने के लिए 23 जून, 2022 को दिशानिर्देश जारी किए हैं। यह एसटीयू को उन्नत आईटीएस तकनीकों, बेहतर बस सेवाओं, संचालन, प्रदर्शन और ग्राहक सुविधाओं से लैस करने के लिए अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान करेगा। यह योजना वाहनों की प्रबंधन प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक टिकट और किराया संग्रह प्रणाली (एनसीएमसी सहित) और यात्री सूचना और प्रतिक्रिया प्रणाली के लिए हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर घटकों को समर्थन प्रदान करती है।

अभी तक मंत्रालय को टीएसआरटीसी, केएसआरटीसी, जीएसआरटीसी, बेस्ट, अहमदाबाद जलमार्ग लिमिटेड, भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड, केरल एसआरटीसी आदि जैसे कई एसटीयू से 200 करोड़ रुपये से अधिक के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। ये सभी प्रस्ताव मंत्रालय के विचाराधीन हैं और उनमें से अनेक का मूल्यांकन चल रहा है।

(i) नागरिक केंद्रित उपाय

1. आधार का उपयोग कर परिवहन संबंधी सेवाओं से लाभान्वित होने की सुविधा:मंत्रालय ने ड्राइविंग लाइसेंस, कंडक्टर लाइसेंस, वाहन पंजीकरण, परमिट, स्वामित्व के हस्तांतरण आदि से संबंधित 18 नागरिक-केंद्रित सेवाओं को बढ़ाकर 58 सेवाएं पूरी तरह से ऑनलाइन करने के लिए एक अधिसूचना जारी की, जिससे आरटीओ जाने की आवश्यकता समाप्त हो गई। स्वैच्छिक आधार पर आधार प्रमाणीकरण की मदद से इन सेवाओं का लाभ उठाया जा सकता है। संपर्क रहित और फेसलेस तरीके से ऐसी सेवाएं प्रदान करने से नागरिकों के समय की बचत होगी और बोझ कम होगा। नतीजतन, आरटीओ में आवाजाही काफी कम होने की संभावना है, जिससे उनके कामकाज में अधिक दक्षता आएगी।

1)     लर्नर लाइसेंस (एलएल) के लिए आवेदन।

 

2)     लर्नर लाइसेंस में पते का परिवर्तन।

 

3)     लर्नर लाइसेंस में नाम परिवर्तन।

 

4)     लर्नर लाइसेंस में फोटो और हस्ताक्षर में बदलाव।

 

5)     डुप्लीकेट लर्नर लाइसेंस जारी करना।

 

6)     लर्नर लाइसेंस तैयार होने का प्रावधान।

 

7)     डुप्लीकेट ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) जारी करना

 

8)     ड्राइविंग लाइसेंस का नवीनीकरण जिसके लिए वाहन चालन की क्षमता का परीक्षण आवश्यक नहीं है।

 

9)     ड्राइविंग लाइसेंस का प्रतिस्थापन।

 

10)    ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) जारी करने के लिए संबंधित क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) को मान्यता प्राप्त चालक प्रशिक्षण केंद्र से चालक प्रशिक्षण के लिए पंजीकरण के लिए आवेदन और पास होने का प्रमाण पत्र भेजने की आवश्यकता है।

 

11)    ड्राइविंग लाइसेंस में पते का परिवर्तन।

 

12)    ड्राइविंग लाइसेंस में नाम परिवर्तन।

 

13)    ड्राइविंग लाइसेंस में बायोमेट्रिक्स में बदलाव।

 

14)    ड्राइविंग लाइसेंस में जन्म तिथि में परिवर्तन।

 

15)    ड्राइविंग लाइसेंस में फोटो और हस्ताक्षर में बदलाव।

 

16)    ड्राइविंग लाइसेंस तैयार करने का प्रावधान।

 

17)    अंतर्राष्ट्रीय ड्राइविंग परमिट जारी करना।

 

18)    लाइसेंस से वाहन की श्रेणी का अभ्यर्पण।

 

19)    खतरनाक सामग्री ले जाने के लिए समर्थन।

 

20)    पहाड़ी क्षेत्र में ड्राइव करने के लिए समर्थन।

21)    रक्षा के लिए ड्राइविंग लाइसेंस जारी करना।

 

22)    रक्षा ड्राइविंग लाइसेंस धारक के लिए ड्राइविंग लाइसेंस (एईडीएल) पर अतिरिक्त समर्थन।

 

23)    . चालक को लोक सेवा वाहन (पीएसवी) बैज जारी करना।

 

24)    डुप्लीकेट लोक सेवा वाहन (पीएसवी) बैज जारी करना।

 

25)    चालक को अस्थायी लोक सेवा वाहन (पीएसवी) बैज।

 

26)    कंडक्टर लाइसेंस का नवीनीकरण।

 

27)    डुप्लीकेट कंडक्टर लाइसेंस जारी करना।

 

28)    कंडक्टर लाइसेंस तैयार करने का प्रावधान।

 

29)    अस्थायी कंडक्टर लाइसेंस जारी करना।

30)    कंडक्टर लाइसेंस में पते का परिवर्तन।

31)    कंडक्टर लाइसेंस में बायोमेट्रिक्स में बदलाव।

32)    कंडक्टर लाइसेंस में नाम परिवर्तन।

 

33)    मोटर वाहन के अस्थायी पंजीकरण के लिए आवेदन।

 

34)    पूर्ण निर्मित बॉडी वाले मोटर वाहन के पंजीकरण के लिए आवेदन।

 

35)    डुप्लीकेट रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) जारी करने के लिए आवेदन।

 

36)    निबंधन प्रमाणपत्र फीस जमा करना।

 

37)    पंजीकरण प्रमाण पत्र के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्रदान करने के लिए आवेदन।

 

38)    पंजीकरण प्रमाणपत्र में पते में परिवर्तन।

 

39)    शुल्क के विरुद्ध पंजीकरण प्रमाणपत्र (आरसी) विवरण।

 

40)    पंजीकरण संख्या का दर्ज किया जाना।

 

41)    मोटर वाहन के स्वामित्व के हस्तांतरण की सूचना।

 

42)    मोटर वाहन के स्वामित्व के हस्तांतरण के लिए आवेदन।

 

43)    अतिरिक्त लाइफ टाइम टैक्स का भुगतान (स्वामित्व का हस्तांतरण मामला)।

 

44)    किराया-खरीद समझौते का समर्थन।

 

45)    किराया-खरीद समझौते की समाप्ति।

 

46)    व्यापार प्रमाणपत्र जारी करना या उसका नवीकरण।

 

47)    नए सिरे से परमिट जारी करना।

 

48)    डुप्लीकेट परमिट जारी करना।

 

49)    गैर-उपयोग सूचना की अनुमति दें।

 

50)    परमिट का स्थायी समर्पण।

 

51)    परमिट का अंतरण।

 

52)    परमिट का हस्तांतरण (मृत्यु का मामला)।

 

53)    परमिट का नवीनीकरण।

 

54)    परमिट प्राधिकार का नवीनीकरण।

 

55)    विशेष परमिट के लिए आवेदन।

 

56)    अस्थायी परमिट के लिए आवेदन।

 

57)    परिवहन सेवाओं के लिए रिकॉर्ड में मोबाइल नंबर अपडेट करें।

 

58)    डुप्लीकेट फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करना।

 

 

2. भारत श्रृंखला के दायरे का विस्तार:मंत्रालय ने भारत (बीएच) श्रृंखला पंजीकरण चिह्न को नियंत्रित करने वाले नियमों में संशोधनों को अधिसूचित किया। मंत्रालयने 2021 में बीएच सीरीज़ पंजीकरण चिह्न पेश किया था। इन नियमों के कार्यान्वयन के दौरान, बीएच सीरीज़ इको-प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में कई प्रतिवेदन प्राप्त हुए हैं। बीएच श्रृंखला के कार्यान्वयन के दायरे को और बेहतर बनाने के साथ-साथ व्यापक बनाने के प्रयास में, मंत्रालय ने नई प्रमुख विशेषताओं के साथ नए नियमों को अधिसूचित किया है।

3. मान्यता प्राप्त चालक प्रशिक्षण केंद्र (एटीडीसी) नियम: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने मान्यता प्राप्त चालक प्रशिक्षण केंद्र (एटीडीसी) से संबंधित नियमों में संशोधन अधिसूचित किया। संदर्भित नियमों के कार्यान्वयन के दौरान, इस मंत्रालय के साथ-साथ अन्य हितधारकों द्वारा कुछ मुद्दों की पहचान की गई थी। नए नियम कई नई विशेषताओं के साथ प्रशिक्षण केंद्रों के कामकाज को और सुव्यवस्थित करेंगे।

4. भारत में गैर-परिवहन (व्यक्तिगत) विदेशी वाहनों की आवागमन:मंत्रालय ने भारत आने वाले मोटर वाहन गैर-परिवहन वाहन नियम, 2022 जारी किए हैं। ये नियम भारत के क्षेत्र में प्रवेश करने या चलने पर अन्य देशों में पंजीकृत गैर-परिवहन (व्यक्तिगत) वाहनों की आवागमन को औपचारिक रूप देते हैं।

5.अंतर्राष्ट्रीय ड्राइविंग परमिट (आईडीपी) का मानकीकरण: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने देश भर में अंतर्राष्ट्रीय ड्राइविंग परमिट (आईडीपी) जारी करने में नागरिकों की अधिक सुविधा के लिए 26 अगस्त 2022 को एक अधिसूचना जारी की। भारत, 1949 (जेनेवा कन्वेंशन) के अंतर्राष्ट्रीय सड़क यातायात पर कन्वेंशन का एक हस्ताक्षरकर्ता होने के नाते, अन्य देशों के साथ पारस्परिक आधार पर इसकी स्वीकृति के लिए, इस कन्वेंशन के तहत प्रदान किए गए आईडीपी को जारी करने की आवश्यकता है।

6. किसी भी खतरनाक या जोखिम भरे सामान को ले जाने वाले वाहन के लिए वाहन स्थान ट्रैकिंग डिवाइस: मंत्रालय ने अनिवार्य किया है कि एक सितंबर, 2022 को और उसके बाद निर्मित एन2 और एन3 श्रेणियों के प्रत्येक वाहन, नए मॉडल के मामले में और एक जनवरी 2023 को और उसके बाद, खतरनाक या जोखिम भरे सामान ले जाने वाले मौजूदा मॉडल के मामले में, एआईएस 140 के अनुसार वाहनों में ट्रैकिंग सिस्टम डिवाइस प्रणाली लगाई जायेगी।

7. दोपहिया वाहनों के परिवहन के लिए ट्रिपल डेक: मंत्रालय ने 25 फरवरी 2022 को केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 के नियम 93 में संशोधन के लिए एक अधिसूचना जारी की, जिसके तहत भारी वाहनों और ट्रेलरों में दोपहिया वाहनों को ढोने के लिए अधिकतम तीन डेक हो सकते हैं। ड्राइवर के केबिन के ऊपर उन्हें नहीं रखा जायेगा। इससे दोपहिया वाहनों की भार क्षमता 40-50 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी।

8. कैश वैन का टाइप अनुमोदन: मंत्रालय ने 23 फरवरी, 2022 को एक अधिसूचना जारी की, जिसके तहत कैश वैन ऑटोमोटिव उद्योग मानक -163:2020 में बताई गई न्यूनतम आवश्यकताओं का पालन करना जरूरी हो गया है। इसे समय-समय पर संशोधित किया जाता है। ऐसा तब तक किया जाता है,जब तक कि संबंधित बीआईएस निर्देशों को अधिसूचित नहीं किया जाता है। भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम, 2016 (2016 का 11) के तहत यह प्रक्रिया पूरी की जाती है।

9. ट्रैक्टर, कंबाइन हारवेस्टर और पावर टिलर के लिए उत्सर्जन मानदंड (टीआरईएम IV) के कार्यान्वयन की तारीख को टालना:तदनुसार, इस मंत्रालय ने जीएसआर 413 (ई) दिनांक 2 जून, 2022 के तहत उत्सर्जन मानदंड (टीआरईएम) के कार्यान्वयन की तारीख को टाल दिया है। ट्रैक्टर, कंबाइन हार्वेस्टर और पावर टिलर के लिए यह अवधि 1 अप्रैल, 2022 से 1 अक्टूबर, 2022 तक यानी छह महीने तक की है। जीएसआर 850 (ई) दिनांक 24 नवंबर, 2022 के आदेश द्वारा इसे आगे बढ़ाकर 1 जनवरी, 2023 कर दिया गया है।

10. एम और एन श्रेणियों के लिए निरंतर गति ईंधन खपत परीक्षण: इस मंत्रालय ने एस.ओ. 4144(ई) दिनांक 2 सितंबर, 2022 ने 3.5 टन से अधिक सकल वाहन वजन वाली गाड़ियों को छोड़कर एम और एन श्रेणी के वाहनों के लिए निरंतर गति ईंधन खपत परीक्षण के लिए बीआईएस मानक (आईएस: 11921: 2020) को अधिसूचित किया है।

11. व्यापार प्रमाणपत्र व्यवस्था: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने ट्रेड सर्टिफिकेट से संबंधित केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 के कुछ प्रावधानों में संशोधन के संबंध में 5 मई 2022 को एक मसौदा-अधिसूचना प्रकाशित की। यह प्रस्तावित किया जाता है कि कोई एजेंसी आरटीओ जाने की आवश्यकता के बिना वाहन पोर्टल पर एक ही आवेदन में कई प्रकार के वाहनों के लिए इलेक्ट्रॉनिक रूप से व्यापार प्रमाणपत्र और व्यापार पंजीकरण चिह्न के लिए आवेदन कर सकती है।

12. मोटर वाहन (तृतीय पक्ष बीमा आधार प्रीमियम और देयता), नियम 2022: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण के परामर्श से मोटर वाहन (तृतीय पक्ष बीमा आधार प्रीमियम और देयता) प्रकाशित किया है। इसे अधिसूचना दिनांक 25-5-2022के तहत प्रकाशित किया गया है। ये नियम 1 जून, 2022 से प्रभावी होंगे। उक्त नियमों में विभिन्न श्रेणी के वाहनों के लिए असीमित दायित्व के मद्देनजर तृतीय पक्ष बीमा के बुनियादी प्रीमियम को अधिसूचित किया गया है।

13. बीएस VI वाहनों में रेट्रोफिटमेंट: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय जी.एस.आर. 625 (ई) दिनांक 11 अगस्त, 2022के तहत बीएस (भारत स्टेज)-VI पेट्रोल वाहनों पर सीएनजी और एलपीजी किट के रेट्रोफिटमेंट और 3.5 टन से कम बीएस-VI वाहनों के मामले में सीएनजी/एलपीजी इंजनों के साथ डीजल इंजनों के संबंध में अधिसूचना जारी की गई है। अभी तक, बीएस IV उत्सर्जन मानदंडों का पालन करने वाले मोटर वाहनों में सीएनजी और एलपीजी किट के रेट्रोफिटमेंट की अनुमति है।

14. मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 की धारा 44 का कार्यान्वयन: मंत्रालय ने एस.ओ. 691 (ई) दिनांक 15 फरवरी, 2022 को मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 की धारा 44 के कार्यान्वयन को अधिसूचित किया। इसके जरिये यह अनिवार्य कर दियागया है कि चार वर्ष से ऊपर के हर व्यक्ति को, चाहे वह मोटरसाइकलि या उस जैसा कोई वाहन चला रहा हो या पीछे बैठा हो, उसे मानकों के अनुरूप बना हेलमेट पहनना होगा।

15. बख़्तरबंद वाहनों के लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के प्रावधानों से विशेष छूट: मंत्रालय ने जी.एस.आर. 863 (ई) दिनांक 1 दिसंबर, 2022 को सीएमवीआर (केंद्रीय मोटर वाहन नियम), 1989 में एक नया नियम 125एल सम्मिलित करने के लिए अधिसूचना जारी की थी। इस अधिसूचना में यह तय किया गया है कि केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के तहत अधिसूचित प्रावधानों को मद्देनजर रखते हुये बख्तरबंद वाहनों के लिए विशिष्ट छूट, समय-समय पर यथासंशोधित एआईएस-194:2022के अनुसार दी जायेगी।

16. हल्के, मध्यम और भारी मोटर वाहनों के लिए ईंधन दक्षता मानदंड: मंत्रालय ने जी.एस.आर. 844 (ई) दिनांक 22 नवंबर, 2022 के जरिये केंद्रीय मोटर वाहन नियम (सीएमवीआर) 1989 के नियम 115जी में संशोधन किया है, जिसमें भारत में निर्मित या आयातित टिप्पर को छोड़कर विभिन्न श्रेणियों के हल्के, मध्यम और भारी वाहनों के लिए ईंधन खपत मानदंडों को शामिल किया गया है।

17. व्यापार सुगमता और पंजीकृत वाहनों की खरीद और बिक्री में पारदर्शिता: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय  ने डीलरों के माध्यम से पंजीकृत वाहनों की खरीद-बिक्री में आसानी और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए 12 सितंबर 2022 को एक मसौदा अधिसूचना जीएसआर 693 (ई) जारी की।

18. अखिल भारतीय पर्यटक वाहन (प्राधिकरण या परमिट) नियम, 2021:मंत्रालय ने 11 नवंबर 2022 को अखिल भारतीय पर्यटक वाहन (प्राधिकरण या परमिट) नियम, 2021  के स्थानापन्न के लिए एक अधिसूचना जारी की। वर्ष 2021 में अधिसूचित नियमों के तहत पर्यटक वाहनों के लिए परमिट व्यवस्था को सुव्यवस्थित और सरल हो जाने से भारत में पर्यटन सेक्टर में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी गई।

(ii) दिव्यांगजनों के लिये पहलें

1. सुगम्य भारत अभियान: माननीय प्रधानमंत्री ने इसकी शुरूआत की, ताकि पर्यावरण, परिवहन और सूचना व संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) इको-प्रणाली में दिव्यांगजनों के लिए सार्वभौमिक पहुंच बनाई जा सके। यह अभियान दिव्यांगता के सामाजिक मॉडल के सिद्धांतों पर आधारित है, जिसके तहत दिव्यांगता समाज के तौर-तरीकों के कारण होती है, और यह व्यक्ति की सीमाओं और दुर्बलताओं पर आधारित नहीं है। शारीरिक, सामाजिक, संरचनात्मक और व्यवहार संबंधी बाधाएं दिव्यांगजनों को सामाजिक-सांस्कृतिक और आर्थिक गतिविधियों में समान रूप से भाग लेने से रोकती हैं।

2. सुगमता दिशानिर्देश: मंत्रालय ने 29 अगस्त, 2022 को बस टर्मिनलों और बस स्टॉप के लिए सुगमता दिशानिर्देश जारी किए, जो बस अड्डों/बस टर्मिनलों और बस स्टॉप के क्षेत्रों की योजना और डिजाइन के पक्षों के विषय में हैं। इसका लक्ष्य है कि इन क्षेत्रों को सभी के लिए सुगम बनाया जा सके। अंतिम उपयोगकर्ताओं द्वारा इन सुविधाओं के उपयोग के लिए सुगमता सुनिश्चित करने पर विशेष बल दिया गया है।

देश भर में परिवहन अवसंरचना में इन दिशानिर्देशों का व्यापक उपयोग सुनिश्चित करने के लिए, दिनांक पांच सितंबर, 2022 को पत्र के माध्यम से, एसोसिएशन ऑफ स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग्स (एएसआरटीयू) के कार्यकारी निदेशक से भी सदस्य एसटीयू को दिशानिर्देशों की प्रतियां वितरित करने का अनुरोध किया गया था। इस संबंध में, एएसआरटीयू द्वारा 30 अक्टूबर, 2022 के पत्र के माध्यम से 62 एसटीयू के संबंध में आंकड़े जमा किये गये। बताया गया कि कुल परिचालन बसों की संख्या 146081 है, इंटरसिटी परिचालन में शामिल बसों की संख्या 101908 है और शहर में चलने वाली बसें 44173 हैं।

F. सड़क सुरक्षा

(i) रोकथाम के उपाय

1. भारत न्यू कार असेसमेंट कार्यक्रम के लिए नियम:मंत्रालय ने 24 जून को एक अधिसूचना जारी की, जिसमें भारत न्यू कार असेसमेंट कार्यक्रम के संबंध में केंद्रीय मोटर वाहन नियम,1989 में एक नया नियम 126ई सम्मिलित करने का प्रस्ताव है। भारत एनसीएपी रेटिंग उपभोक्ताओं को दी जाने वाली सुरक्षा के स्तर की जानकारी देगी।

2. साइड/साइड टोर्सो एयर बैग और साइड कर्टन/ट्यूब एयर बैग के संबंध में नियम: मंत्रालय ने 30 सितंबर, 2022की अधिसूचना के तहत सीएमवीआर, 1989 के नियम 125 में नया उप-नियम 9बी शामिल करने का प्रस्ताव किया है। यह प्रस्ताव एम-1 श्रेणी के वाहनों में साइड/साइड टोर्सो एयरबैग और साइड कर्टन/ट्यूब एयरबैग लगाने के बारे में है। ऐसे एयरबैगों की आवश्यकता को समय-समय पर संशोधित एआईएस-099 के अनुपालन के साथ प्रमाणित किया जाएगा। उक्त नियम का क्रियान्वयन दिनांक 01 अक्टूबर, 2023से प्रस्तावित है।

3. सीट बेल्ट: मंत्रालय ने 30 सितंबर 2022 की अधिसूचना के तहत एक अधिसूचना जारी की, जिसमें यह पेशकश की गई थी कि एम-1श्रेणी के वाहनों में सभी फ्रंट फेसिंग सीटें (यानी, ड्राइवर की सीट के अलावा यात्रियों को ले जाने के लिए आठसे अधिक सीटें नहीं हैं), ऐसे उन सभी वाहनों में, जिनका निर्माण 01 अप्रैल, 2023को और उसके बाद होगा, उनमें सीट बेल्ट लगाई जायें।

4. टायर रोलिंग रेजिस्टेंस, वेट ग्रिप और रोलिंग साउंड के लिए मानदंड:मंत्रालय ने28 जून को केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 के नियम 95 में संशोधन करते हुए एक अधिसूचना जारी की। यह वर्ग सी-1 (यात्री कारें), सी-2 (हल्के ट्रक) और सी-3 (ट्रक और बस)के अंतर्गत आने वाले टायरों के लिए रोलिंग रेजिस्टेंस, वेट ग्रिप और रोलिंग ध्वनि उत्सर्जन की आवश्यकताओं को अनिवार्य करता है, जैसा कि ऑटोमोटिव उद्योग मानक 142:2019 में परिभाषित किया गया है। उक्त टायर वेट ग्रिप आवश्यकताओं और रोलिंग रेजिस्टेंस और रोलिंग ध्वनि उत्सर्जन की स्टेज 2 शर्तों को पूरा करेंगे, जैसा कि इस एआईएस में निर्दिष्ट है।

5.महिला यात्रियों की सुरक्षा और सुरक्षा (निर्भया प्रारूप के तहत परियोजनाएं): भारत सरकार ने आर्थिक मामलों के विभाग, वित्त मंत्रालय द्वारा प्रशासित निर्भया प्रारूप के तहत एक समर्पित कोष की स्थापना की है। आंध्र प्रदेश सरकार, उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम और बैंगलोर मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन की आत्म-नियोजित परियोजनाओं को सार्वजनिक सड़क परिवहन में महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने के लिए निर्भया निधि योजना के तहत मंजूरी दी गई है, जो निष्पादन के विभिन्न चरणों में हैं।

6. चार साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सुरक्षा के उपाय: मंत्रालय ने सीएमवीआर, 1989 के नियम 138 में संशोधन किया और मोटर साइकिल पर लाने-ले जाने वाले चार साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सुरक्षा उपायों से संबंधित मानदंड निर्धारित किए। इसे मोटर वाहन अधिनियम की धारा 129 के तहत अधिसूचित किया गया है, जो यह आदेश देता है कि केंद्र सरकार, नियमों के अनुसार, चार साल से कम उम्र के बच्चों की सुरक्षा के उपाय कर सकती है, जो मोटर साइकिल पर सवारी कर रहे हों या उन्हें ले जाया जा रहा हो।

7. राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों (निर्भया प्रारूप के तहत) में राज्य-वार वाहन ट्रैकिंग प्लेटफॉर्म का विकास: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने "राज्य-वार विकास, अनुकूलन, तैनाती और प्रबंधन" के कार्यान्वयन के लिए एक योजना (15 जनवरी, 2020 को) को मंजूरी दी है। निर्भया प्रारूप के तहत राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों में एआईएस 140 दिशा-निर्देशों के अनुसार सुरक्षा और प्रवर्तन के लिए वाहन ट्रैकिंग प्लेटफॉर्म बनाने की कुल अनुमानित लागत  463.90 करोड़ रुपये होगी, जिसमें केंद्र और राज्यों की हिस्सेदारी शामिल है। मंत्रालय को 30 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इसने 192.95 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की है। अब तक, तीन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों यानी हिमाचल प्रदेश, पुदुच्चेरी और बिहार ने कुछ महीने पहले निगरानी केंद्रों को चालू कर दिया है और उम्मीद है कि जल्द ही और राज्य/केंद्र शासित प्रदेश भी इसका पालन करेंगे।

8.इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी और संबंधित घटकों के लिए सुरक्षा मानक:मंत्रालय ने एआईएस 156 और एआईएस 038(आरईवी-2), दोनों में संशोधन संख्या तीन को मंजूरी दे दी है। एआईएस 156-एल श्रेणी के लिए विशिष्ट आवश्यकताओं के बारे में है, जिनमें चार पहियों से कम वाले मोटर वाहन, क्वाड्रिसाइकिल वाहन, इलेक्ट्रिक पावर ट्रेन वाले वाहन और एआईएस 038 (आरईवी-2) एम श्रेणी के वाहन शामिल हैं। इनमें एम श्रेणी केवे इलेक्ट्रिक पावर ट्रेनवर्ग के वाहन हैं, जिनके चार पहिये हों तथा उनका उपयोग यात्रियों को ले जाने के लिए किया जाता हो। इसी तरह एन श्रेणी के वे मोटर वाहन हैं, जिनमें कम से कम चार पहियों का इस्तेमाल माल ले जाने के लिए किया जाता हो।

9. बसों में फायर अलार्म सिस्टम और फायर प्रोटेक्शन सिस्टम: मंत्रालय ने 27 जनवरी 2022 की अधिसूचना के तहत, ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड में संशोधन के माध्यम से बसों में यात्री कम्पार्टमेंट में फायर अलार्म सिस्टम और फायर प्रोटेक्शन सिस्टम की शुरुआत की। इस तरह के वाहनों में 135 टाइप III बसें, यानी लंबी दूरी वाली यात्री बसों और स्कूल बसें आती हैं।

10. रोड ट्रेन के लिए सुरक्षा आवश्यकतायें: इस मंत्रालय ने जीएसआर 200 (ई) दिनांक 14 मार्च 2022 के माध्यम से रोड ट्रेन के लिए सुरक्षा आवश्यकताओं के संबंध में नया नियम 125-केजोड़ने के लिए सीएमवीआर 1989 में संशोधन किया।

11. सेफ्टी ग्लास के लिए मानक: मंत्रालय ने एस.ओ. 1533(ई) दिनांक 31 मार्च के तहत सभी मोटर वाहनों को 31 मार्च, 2023 तक नियम 100 के आवेदन से छूट दी थी। इन वाहनों में केबिन के साथ लगे कृषि ट्रैक्टर, केबिन के साथ निर्माण उपकरण वाहन और कंबाइंड हारवेस्टर शामिल हैं। छूट यह दी गई कि इन वाहनों का निर्माण जारी रखा जा सकता है। इसके लिये 31 मार्च, 2021 के समय मौजूद नियम 100 के प्रावधानों का पालन करना होगा।

(ii) राहत के उपाय

1. हिट-एंड-रन दुर्घटनाओं के पीड़ितों को मुआवजा: हिट-एंड-रन मोटर दुर्घटनाओं के पीड़ितों को मुआवजा योजना: मंत्रालय ने बढ़े हुए मुआवजे को पूरा करने के लिए दिनांक 25 फरवरी, 2022 की अधिसूचना द्वारा हिट-एंड-रन मोटर दुर्घटनाओं के पीड़ितों के मुआवजे के लिए एक नई योजना चालू की है। गंभीर चोट के लिए 12,500 रुपये से 50,000 रुपये और मृत्यु की स्थिति में 25,000 रुपये से 2,00,000 रुपये तक मुआवाजा देय होगा। मुआवजे के लिए आवेदन की प्रक्रिया और पीड़ितों को भुगतान जारी करने की प्रक्रिया को भी समयबद्ध किया गया है। यह योजना 01 अप्रैल, 2022 से सांत्वना योजना, 1989 का स्थान ले लेगी।

2. दुर्घटना रिपोर्ट जमा करने की समय-सीमा: दावों के त्वरित निपटान के लिए मंत्रालय ने सड़क दुर्घटनाओं की विस्तृत जांच, विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट (डीएआर) और विभिन्न हितधारकों के लिए समय-सीमा तय करने के मद्देनजर की जाने वाली प्रक्रिया को अनिवार्य बना दिया। इसके लिये 25 फरवरी 2022 को अधिसूचना जारी की गई। दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) त्वरित निष्पादन करने में सक्षम होगा। इसके अलावा, बीमा प्रमाणपत्र में मान्य मोबाइल नंबर को शामिल करना भी अनिवार्य कर दिया है।

3. मोटर वाहन दुर्घटना कोष नियम: मंत्रालनय ने मोटर वाहन दुर्घटना कोष के निर्माण, संचालन, निधि के स्रोत आदि के संबंध में 25.2.2022 को नियम भी बनाये हैं। इस कोष का उपयोग हिट-एंड-रन दुर्घटना के मामले में मुआवजा प्रदान करने, दुर्घटना पीड़ितों के इलाज और केंद्र सरकार द्वारा निर्दिष्ट किसी भी अन्य उद्देश्य के लिए किया जाएगा।

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सड़क सुरक्षा से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के लिए 24 मार्च, 2022 को "सड़क सुरक्षा" पर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से संबद्ध संसद सदस्यों की सलाहकार समिति की पहली बैठक आयोजित की।

G. लॉजिस्टिक्स और संबद्ध राजमार्ग अवसंरचना

1. मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क (एमएमएलपी)

मंत्रालय ने अक्टूबर 2021 में अंतर-मंत्रालयी परामर्श की विस्तृत प्रक्रिया के माध्यम से भारतमाला परियोजना के तहत विकसित किए जाने वाले एमएमएलपी के लिए मॉडल रियायत अनुबंध (एमसीए) को अंतिम रूप दिया। यह दस्तावेज परियोजना के तहत व्यक्तिगत एमएमएलपी परियोजनाओं के लिए डेवलपर समझौतों/रियायत समझौतों के रूप में कार्य करता है। एमसीए के अलावा, मंत्रालय ने नवंबर 2021 में एमएमएलपीएस के विकास के लिए रियायत पाने वाले के चयन के मॉडल आरईपी दस्तावेज़ को भी अंतिम रूप दिया और अनुमोदित किया।

लगभग 46,000 करोड़ रुपये के कुल निवेश के साथ भारतमाला परियोजना के हिस्से के रूप में 35 मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्कों का एक नेटवर्क विकसित करने की योजना है, जो एक बार चालू हो जाने पर लगभग 700 मिलियन मीट्रिक टन कार्गो को संभालने में सक्षम होगा। इसमें से 15 प्राथमिकता वाले स्थानों पर एमएमएलपी को लगभग 22,000 करोड़ रुपये के कुल निवेश से विकसित किया जाएगा।

ये मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक्स पार्क विभिन्न औद्योगिक और कृषि केंद्रों, उपभोक्ता हब और एक्जिम गेटवे जैसे मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी वाले बंदरगाहों के लिए क्षेत्रीय कार्गो एकत्रीकरण और वितरण हब के रूप में काम करेंगे। कुछ मामलों में एमएमएलपी को सागरमाला परियोजना के तहत अंतर्देशीय जलमार्ग टर्मिनलों के साथ मिलाकर विकसित किया जा रहा है, ताकि पारंपरिक सड़क-आधारित आवागमन की तुलना में अंतर्देशीय कार्गो के आवागमन की लागत को बड़े पैमाने पर कम किया जा सके।

(i) एमएलपी जोगीघोपा (असम) उन्नत चरण में:15 एमएमएलपी में से जोगीगोफा (असम)   का विकास उन्नत चरण में है। परियोजना के प्रथम चरण की अनुमानित लागत 793.97 करोड़ है। परियोजना की आधारशिला अक्टूबर 2020 में माननीय मंत्री श्री नितिन गडकरी ने रखी थी। यह एमएमएलपी सभी पूर्वोत्तर राज्यों के लिए वितरण केंद्र के रूप में काम करेगा और बांग्लादेश, भूटान और नेपाल के साथ सीमापार व्यापार की सुविधा प्रदान करेगा।

(ii) एमएमएलपी चेन्नई परियोजना रिलायंस को सौंपी गई; प्रक्रिया में 3 एमएमएलपी के लिए बोलियां: इसके अलावा, एमएमएलपी चेन्नई परियोजना भी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड को दी गई है। परियोजना की अनुमानित लागत 1424 करोड़ रुपये है। यह पहली एमएमएलपी परियोजना है, जिसे पीपीपी मोड के तहत प्रदान किया गया है। एमएमएलपी बेंगलुरु, एमएमएलपी नागपुर और एमएमएलपी इंदौर के लिए बोलियां प्रक्रिया में हैं। शेष स्थानों के लिए पूर्व-व्यवहार्यता अध्ययन पर कार्य प्रगति पर है।

(iii) एमएमएलपी जालना के लिए समझौता-ज्ञापन: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी और केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग तथा आयुष श्री सर्बानंद सोनोवाल की उपस्थिति में राष्ट्रीय राजमार्ग लॉजिस्टिक्स प्रबंधन लिमिटेड (एनएचएलएमएल) और जेएनपीटी के बीच एक समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। महाराष्ट्र के जालना में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क (एमएमएलपी) का विकास।

2. पोर्ट कनेक्टिविटी

भारत में कुल 226 बंदरगाह हैं, जिनमें 12 प्रमुख बंदरगाह शामिल हैं। वर्तमान में, 87 परिचालन/कार्यान्वयन के तहत बंदरगाह हैं, जिन पर कनेक्टिविटी या क्षमता वृद्धि के मामले में मूल्यांकन के लिए विचार किया जा रहा है। देश के सभी प्रमुख और गैर-प्रमुख बंदरगाहों के लिए पहले/अंतिम पड़ाव तक कनेक्टिविटी में सुधार के लिए विशेष रूप से परिचालन/कार्यान्वयन के तहत बंदरगाहों, 55 पोर्ट कनेक्टिविटी और संबंधित अंदरूनी इलाकों की कुल लंबाई 2,779 किलोमीटर है। यहां परियोजनाएं पहले ही मंत्रालय द्वारा शुरू की जा चुकी हैं और एजेंसियों द्वारा इनका कार्यान्वयन किया जा रहा है। अब तक, 294 किमी लंबाई की 8 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, 1,645 किमी लंबाई की 14 परियोजनाएं कार्यान्वयन के अधीन हैं, 363 किमी लंबाई की 13 परियोजनाएं बोली के अधीन हैं और 476 किमी लंबाई की 20 परियोजनाएं अभी सौंपी जानी हैं। इन परियोजनाओं के पूरा होने के बाद, 45 समुद्री बंदरगाहों को राष्ट्रीय राजमार्ग या 4 लेन+ कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी।

 

मंत्रालय इस प्रयास को एनएचएलएमएल के साथ प्रमुख और छोटे बंदरगाहों को राष्ट्रीय राजमार्गों से जोड़कर बंदरगाहों के लॉजिस्टिक्स इको-प्रणाली को बढ़ाने के लिए काम कर रहा है। देश में सभी प्रमुख बंदरगाहों, गैर-प्रमुख बंदरगाहों के साथ-साथ अंतर्देशीय जलमार्ग टर्मिनलों को जोड़ने के लिए कार्यक्रम की परिकल्पना की गई है, ताकि कुशल और निर्बाध माल ढुलाई का समर्थन करने के लिए एक एकीकृत नेटवर्क तैयार किया जा सके। पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत समुद्री बंदरगाहों और आईडब्ल्यूटी (अंतर्देशीय जलमार्ग टर्मिनल) को जोड़ने के लिए एमओपीएसडब्ल्यू द्वारा पहचान की गई। इसके मद्देनजर52 महत्वपूर्ण अधोरचना परियोजनाएं शुरू की जाएंगी। वर्तमान में, इस श्रेणी के अंतर्गत कुल 1215 किमी लंबाई वाली कुल 56 परियोजनाओं (11 आईडब्ल्यूटी परियोजनाओं सहित) की डीपीआर इन परियोजनाओं के व्यवहार्यता मूल्यांकन के लिए बोली चरण में है, जिसे एनएचएआई द्वारा किया जा रहा है।

3.राजमार्ग के आसपास उपलब्ध सुविधायें

राजमार्ग उपयोगकर्ताओं के आराम और सुविधा में सुधार करने के लिए, मंत्रालय ने पीपीपी मोड पर राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ लगभग हर 40 किलोमीटर पर अत्याधुनिक वे-साइड सुविधाओं (डब्ल्यूएसए) के विकास की योजना बनाई है। इन सुविधाओं का उद्देश्य राजमार्ग यात्रियों को उनकी यात्रा के दौरान आराम और जलपान के कई विकल्प प्रदान करना है। कुछ अनिवार्य सुविधाओं में ईंधन स्टेशन, ईवी चार्जिंग स्टेशन, फूड कोर्ट / रेस्तरां, ढाबे, सुविधा स्टोर, स्वच्छ और स्वच्छ शौचालय सुविधाएं, पीने का पानी, प्राथमिक चिकित्सा / चिकित्सा कक्ष शामिल हैं, जिसमें चाइल्ड केयर रूम, बच्चों के लिए समर्पित क्षेत्र भी हैं। स्थानीय कारीगरों, कार/बस/ट्रक पार्किंग, ड्रोन लैंडिंग सुविधाओं/हेलीपैड इत्यादि को बढ़ावा भी दिया जायेगा।

2024-25 तक कुल 600+ साइटों को सौंपने की योजना है, जिनमें से 144 वे-साइड सुविधाएं (डब्ल्यूएसए) पहले ही प्रदान की जा चुकी हैं। 72 डब्ल्यूएसए बोली लगाने के चरण में हैं। ये डब्ल्यूएसए निवेशकों, डेवलपर्स, ऑपरेटरों और खुदरा विक्रेताओं के लिए बड़े अवसर प्रदान करेंगे। सभी आगामी ग्रीनफील्ड/एक्सेस नियंत्रित राजमार्ग परियोजनाओं में अनिवार्य रूप से वे-साइड सुविधाएं होने का प्रावधान किया गया है, जो रोजगार के अवसर पैदा करके स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगी और स्थानीय लोगों को इन स्थानों पर विकसित ग्रामीण हाटों में अपने अद्वितीय उत्पादों/हस्तशिल्प आदि की बिक्री करने में मदद करेगी।

 

4. यूटिलिटी कॉरिडोर

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे और बेंगलुरु-हैदराबाद एक्सप्रेसवे- के साथ ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) परियोजना बिछाने का काम सौंपा गया है। व्यवहार्यता अध्ययन-सह-पीएमसी के लिए सलाहकार नियुक्त करने की प्रक्रिया जारी है। साथ ही ओएफसी के आबंटन की नीति को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

H. नई प्रौद्योगिकी

1. नई प्रौद्योगिकी पर विचार-मंथन बैठक: 20 जुलाई 2022 को ताजमहल होटल, मान सिंह रोड, नई दिल्ली में सड़क निर्माण के लिए नई प्रौद्योगिकी का उपयोग करने वाले सड़क विकासकर्ताओं (रियायतदारों और ठेकेदारों) के साथ सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री और एमओआरटीएच के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच एक विचार-मंथन सत्र आयोजित किया गया था। इसके विशेष बिन्दु इस प्रकार हैं:

(i) मृदा स्थिरीकरण तकनीक;

(ii) अल्ट्रा हाई-परफॉर्मेंस कंक्रीट;

(iii) प्री-कास्ट संरचनाएं;

(iv) निर्माण सामग्री का पुनर्चक्रण;

(v) प्री-फैब्रिकेटेड मॉड्यूलर स्टील ब्रिज;

(vi) जियोसिंथेटिक

2. औद्योगीकृत प्री-कास्ट कंक्रीट में सभी मौसम और तेजी से निर्माण, विश्वसनीय गुणवत्ता और बेहतर प्रदर्शन, एकरूपताऔर कम निर्माण गतिविधियां होती है। इस वजह से समय में कम देर, कार्बन उत्सर्जन में कमी, शोर और वायु प्रदूषण में कमी आती है। राष्ट्रीय राजमार्गों, एक्सप्रेस-वे और अन्य केंद्र प्रायोजित सड़क परियोजनाओं के निर्माण में प्री-फैब्रिकेशन से लाभ उठाने के लिए, मंत्रालयने प्री-कास्ट फैक्ट्री के 100 किमी के दायरे में परियोजनाओं में फैक्ट्री निर्मित प्री-कास्ट कंक्रीट तत्वों का उपयोग करना अनिवार्य कर दिया है। पुलों/वायडक्ट/आरओबी की नींव और उप-संरचनाओं के अलावा न्यूनतम अनिवार्य उपयोग कुल ठोस मात्रा का 25 प्रतिशत होना चाहिए।

I. हरित पहलें

1. हाइड्रोजन ईंधन वाली सेल से चलने वाले वाहनों की शुरूआतः 16 मार्च को, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने दुनिया की सबसे उन्नत तकनीक - विकसित ग्रीन हाइड्रोजन फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक व्हीकल - टोयोटा मिराई को लॉन्च किया। यह भारत में अपनी तरह की पहली परियोजना है, जिसका उद्देश्य ग्रीन हाइड्रोजन और एफसीईवी प्रौद्योगिकी की अनूठी उपयोगिता के बारे में जागरूकता पैदा करके देश में एक हरित हाइड्रोजन आधारित इको-प्रणाली बनाना है। यह एक महत्वपूर्ण पहल है, जो जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करके स्वच्छ ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देगी और इस प्रकार 2047 तक भारत को 'ऊर्जा आत्मनिर्भर' बना देगी।

2. बीएस IV वाहनों में आईसी इंजन ईंधन के रूप में हाइड्रोजन: मंत्रालय ने 6 सितंबर, 2022 के जीएसआर 683 (ई) के मसौदे के तहत बीएस IV वाहनों में आईसी इंजन ईंधन के रूप में हाइड्रोजन के उपयोग को अधिसूचित किया है, जिसका सकल वाहन वजन 3.5 टन से अधिक है। इससे पहले, जीएसआर 889 (ई) दिनांक 16 सितंबर 2016 को 3.5 टन से कम या उसके बराबर सकल वाहन वजन वाले वाहनों के लिए हाइड्रोजन को ईंधन के रूप में पेश करने के लिए अधिसूचित किया गया था। हितधारकों से तीस दिनों की अवधि के भीतर टिप्पणियां और सुझाव आमंत्रित किए गए हैं।

J. वाहन स्क्रैपिंग नीति

भविष्योन्मुखी बजट 2021-22 के एक भाग के रूप में, भारत सरकार ने स्वैच्छिक वाहन- आधुनिकीकरण कार्यक्रम या "वाहन स्क्रैपिंग नीति" पेश की है, जिसका उद्देश्य चरणबद्ध तरीके से एक इको-प्रणाली बनाना है, ताकि अनुपयुक्त और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को पर्यावरण-अनुकूल तरीके से समाप्त किया जा सके।इस नीति में अनुपयुक्त वाणिज्यिक और यात्री वाहनों को उनकी फिटनेस के आधार पर स्वेच्छा से स्क्रैप करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है,चाहे उक्त वाहन की उम्र कुछ भी हो।

मंत्रालय ने इस नीति के एक डिजिटल और उपयोगकर्ता के अनुकूल कार्यान्वयन की परिकल्पना की है। इस संबंध में, मंत्रालय द्वारा 23 सितंबर 2021 को स्वचालित फिटनेस परीक्षण स्टेशन और पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधाओं की स्थापना के लिए अंतिम नियम जारी किए गए थे। ये नियम 25 सितंबर 2021 को लागू हुए थे। इन नियमों में संशोधन भी जीएसआर के माध्यम से किए गए हैं। अधिसूचना 695 (ई) दिनांक 13.09.2022 के जरिये वाहन स्क्रैपिंग सुविधा नियम, 2021 के पंजीकरण और कार्यों में संशोधन का अवसर मिलता है। इसके अलावा जीएसआर 653 (ई) दिनांक 23.09.2021 और जीएसआर अधिसूचना 797 (ई) दिनांक 31.10.2022 के माध्यम से कार्य-निष्पादन किया जाता है। इसके पूर्व वाले क्रम में स्वचालित फिटनेस परीक्षण के नियमों में संशोधन के लिए जी.एस.आर. 652 (ई) दिनांक 23 सितंबर 2021। जारी की गई। इन नियमों को निवेशकों के लिए बहुत सरल रखा गया है और उद्योग और अन्य हितधारकों के परामर्श से तैयार किया गया है।

वाहन स्क्रैपिंग इको-प्रणाली में निजी निवेश को आकर्षित करने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम विकसित किया गया है। यह पोर्टल नेशनल सिंगल विंडो सिस्टमका हिस्सा है, जिसे डीपीआईआईटीऔर इन्वेस्ट इंडिया द्वारा चलाया जाता है। वर्तमान में, 11 राज्यों को वी-वीएमपी के लिए एनएसडब्ल्यूएस में शामिल किया गया है। ये राज्य हैं गुजरात, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, असम, गोवा, उत्तराखंड और चंडीगढ़। एनएसडब्ल्यूएस पर अन्य सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की भी तेजी से ऑनबोर्डिंग शुरू की गई है।

(1) 117 आवेदन प्रक्रियाधीन:14.11.22 तक 117 निवेशकों के आवेदन प्रक्रियाधीन हैं, जिन्होंने आरवीएसएफ के लिए रुचि दिखाई है। इनमें से 36 आवेदनों को संबंधित राज्य सरकारों (बिहार-21, गुजरात-3, उत्तर प्रदेश-4, हरियाणा - 2, मध्य प्रदेश - 2, असम - 4) ने मंजूर कर दिया है। इसी तरह एटीएस के लिए 349 आवेदन प्रक्रियाधीन हैं, जिनमें से 64 (बिहार-48, छत्तीसगढ़-8, गुजरात-4, उत्तराखंड-2, असम-2) स्वीकृत हो चुके हैं। इसके अलावा, 11 राज्यों में 84 एटीएस आवश्यक निविदा करके राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकार के नियंत्रण में प्रस्ताव के लिए अनुरोध (आरएफपी) के माध्यम से प्रस्तावित हैं।

(2) निवेशक शिखर सम्मेलन: वी-वीएमपी नीति की मुख्य विशेषताओं को बढ़ावा देने के लिए 16 राज्यों में निवेशक शिखर सम्मेलन आयोजित किए गए हैं। इसके लिये सरकार और राज्य सरकारों की नीतियों को पेश किया गया,ताकि निजी निवेश को आकर्षित किया जा सके।‘वाहन’ पर वाहन पंजीकरण डेटा के आधार पर अनुमानों के अनुसार, पूरे भारत में अगले 2 वर्षों में 40-45 आरवीएसएफ और आने वाले 5 वर्षों में 60-70 आरवीएसएफ की आवश्यकता है। इसी तरह, पूरे भारत में अगले 2 वर्षों में 130-150 एटीएसऔर आने वाले 5 वर्षों में 450-500 एटीएस की आवश्यकता है।

K. भारतीय राजमार्ग अभियंता अकादमी (आईएएचई)

1. 2022 के दौरान आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम: 2022 के दौरान, अकादमी ने 14 इन-कैंपस प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए, जिसमें मंत्रालय के सहायक कार्यकारी अभियंताओं के लिए पहले 10 महीने का फाउंडेशन प्रशिक्षण कार्यक्रम, एनएचएआई के उप प्रबंधकों के लिए तीन 16 सप्ताह का फाउंडेशन प्रशिक्षण कार्यक्रम, सीमा सड़क के लिए दो कार्यक्रम शामिल हैं। संगठन और एनएचएआई; मंत्रालय के वरिष्ठ तकनीकी अधिकारियों के लिए दो पाठ्यक्रम, सलाहकारों के कर्मियों के लिए राजमार्ग परियोजनाओं के लिए डीपीआर तैयार करने पर दो अनिवार्य प्रशिक्षण कार्यक्रम, एनआरआईडीए के राष्ट्रीय गुणवत्ता मॉनिटरों के लिए एक पाठ्यक्रम और सड़क सुरक्षा लेखा परीक्षकों के लिए तीन 15 दिवसीय प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम चलाये गये। इसके अलावा 37 ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम/कार्यशाला का भी आयोजन हुआ। कैंपस और ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुल 2486 इंजीनियरों और पेशेवरों ने भाग लिया।

इसके अलावा सूरत (गुजरात), इंदौर (मध्य प्रदेश) और कोलकाता (पश्चिम बंगाल) में "निर्माण के दौरान प्री-स्ट्रेस्ड कंक्रीट एलिवेटेड स्ट्रक्चर्स एंड ब्रिज के पतन से बचाव" पर तीन पाठ्यक्रम भी आयोजित किए गए, जिनमें 317 पेशेवरों ने भाग लिया। तीन मध्य कैरियर प्रशिक्षण कार्यक्रम - एक मुख्य अभियंताओं (सीई) के लिए और दो मंत्रालयके अधीक्षण अभियंताओं के लिए -  में मंत्रालय के 35 अभियंताओं ने भाग लिया। यूपीएसबीसीएल द्वारा लखनऊ, उत्तर प्रदेश में प्रायोजित ईपीसी मोड पर पुलों के कार्य निष्पादन पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किया गया, जिसमें 57 इंजीनियरों ने भाग लिया।

2.आईएएचई में सेंटर फॉर एडवांस्ड ट्रांसपोर्टेशन टेक्नोलॉजी एंड सिस्टम (सीएटीटीएस)की स्थापना:मंत्रालय ने क्षमता निर्माण, प्रौद्योगिकी के लिए एक परियोजना शुरू करने के लिए 2019-20 के दौरान 48.71 करोड़ रुपये (2022-23 के दौरान संशोधित लागत 52.13 करोड़ रुपये स्वीकृत) की राशि का अनुमान लगाया है। न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय, सिडनी और दो प्रमुख विश्वविद्यालयों के साथ साझेदारी के आधार पर आईएएचईमें सीएटीटीएसकी स्थापना की जा सके।

L. रिकॉर्ड / मान्यताएँ

1. रिकॉर्ड के मामले में सोने में सुहागा यह है कि100 घंटे में सड़क निर्माण के लिए उच्चतम मात्रा में तारकोल मिश्रित पदार्थ के इस्तेमाल का रिकॉर्ड बना तथा उसे इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में दर्ज किया गया। पीएनसी इंफ्राटेक लिमिटेड को 100 घंटे में सबसे लंबे समय तक फ्लेक्सिबल पेवमेंट (डीबीएम कोर्स) सड़क निर्माण का ठेका दिया गया। यह निर्माण आठ लेन की सड़क से सम्बंधित है। इसके तहत एक्सप्रेस-वे एनएच-47, यान बहमिया गांव के चौराहे से शुरू होकर पंचमहल जिला(सीएच-780+920 से सीएच-803+420)  में बालेतिया गांव के एसएच-175 के चौराहे पर समाप्त होती है। इसी तरह दिल्ली-वडोदरा- ग्रीनफील्ड एलाइनमेंट सेक्शन की डिजाइन (सीएच-328+500 से सीएच-351+000) भी इसमें शामिल है।

2. टीम महाराष्ट्र मेट्रो और टीम एनएचएआई ने 10 जुलाई को नागपुर में हाईवे फ्लाईओवर और सिंगल कॉलम पियर्स पर समर्थित मेट्रो रेल के साथ सबसे लंबे डबल डेकर वायाडक्ट (3.14 किमी) का निर्माण करके विश्व रिकॉर्ड बनाया।

3. एनएचएआई ने महाराष्ट्र में अमरावती और अकोला जिलों के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग पर 105 घंटे और 33 मिनट में 75 किलोमीटर की सबसे लंबी एक बार में तारकोल की लेन बनाने के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। परियोजना को 720 श्रमिकों द्वारा पूरा किया गया था, जिसमें स्वतंत्र सलाहकारों की एक टीम भी शामिल थी, जिन्होंने दिन-रात काम किया। 75 किलोमीटर की सिंगल-लेन तारकोल मिश्रित कंक्रीट से सड़क बनाई गई, जो दो लेन वाली37.5 किलोमीटर सड़क के बराबर है। यह काम 3 जून को सुबह 7:27 बजे शुरू हुआ और 7 जून को शाम 5 बजे पूरा हुआ। सबसे लंबे समय तक तारकोल बिछाकर सड़क बनाने का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड दोहा, कतर में फरवरी 2019 को बनाया गया था। इस रिकॉर्ड के तहत 25.275 किलोमीटर सड़क बनाई गई थी। यह कार्य 10 दिनों में पूरा किया गया था।

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