विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय

वर्षांत समीक्षा- 2022 : सीएसआईआर (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय)

Posted On: 28 DEC 2022 11:50AM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री ने सीएसआईआर समिति की बैठक की अध्यक्षता की

प्रधानमंत्री और सीएसआईआर के अध्यक्ष श्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अक्टूबर, 2022 को सीएसआईआर समिति की अध्यक्षता की। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह, जो सीएसआईआर के उपाध्यक्ष हैं और केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल सीएसआईआर सोसायटी के अन्य सदस्यों के साथ इस बैठक में उपस्थित थे। इसमें सरकार के अन्य मंत्रालयों के सचिव, उद्योगपति और प्रख्यात वैज्ञानिक भी शामिल रहे।

वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद की महानिदेशक डॉ. एन. कलाइसेल्वी ने सीएसआईआर की वर्तमान उपलब्धियों और योगदान पर एक प्रस्तुति दी। उन्होंने सीएसआईआर विजन 2030 की कार्य योजना भी प्रस्तुत की, जो राष्ट्रीय महत्वाकांक्षाओं और विजन@2047 के अनुरूप है।

प्रधानमंत्री ने पिछले 80 वर्षों में वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद के प्रयासों की सराहना की और वर्ष 2042 के लिए विजन विकसित करने का आग्रह किया। 2042 में सीएसआईआर 100 वर्ष का हो जाएगा। उन्होंने पिछले 80 वर्षों की यात्रा के अभिलेखीकरण के महत्व पर भी प्रकाश डाला, जो अब तक हुई प्रगति की समीक्षा करने में सहायक बन सकता है और कमियों वाले उन क्षेत्रों की पहचान कर सकता है जिन्हें ठीक किया जा सकता है।

हाइड्राजीन हाइड्रेट के उत्पादन के लिए संयंत्र का उद्घाटन

श्री नरेन्द्र मोदी ने 10 अक्टूबर, 2022 को हाइड्राजीन हाइड्रेट (एचएच) के उत्पादन के लिए एक स्केल अप संयंत्र का उद्घाटन किया। इससे सीएसआईआर-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी (आईआईसीटी), हैदराबाद और गुजरात अल्कालीज एंड केमिकल्स लि. (जीएसीएल), गुजरात ने मिलकर आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक पहल के तहत विकसित किया है।

यह संयंत्र सीएसआईआर-आईआईसीटी और जीएसीएल की प्रति वर्ष 10,000 टन हाइड्राजीन हाइड्रेट के उत्पादन के लिए संयुक्त रूप से पेटेंट सुरक्षित प्रौद्योगिकी के आधार पर विकसित किया गया है। सीएसआईआर-आईआईसीटी और जीएसीएल की भागीदारी से प्रयोगशाला से पायलट स्तर पर प्रक्रिया का विकास हुआ और फिर व्यावसायिक स्तर पर काम हो रहा है। इस प्रकार पायलट स्तर से व्यावसायिक स्तर तक अनुपात बढ़कर 100 गुना हो गया है।

केंद्र-राज्य विज्ञान सम्मेलन में सीएसआईआर की भागीदारी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 10 और 11 सितंबर 2022 को विज्ञान भवन, साइंस सिटी, अहमदाबाद में गुजरात सरकार के साथ मिलकर डीएसटी द्वारा आयोजित केंद्र-राज्य एसएंडटी कॉन्क्लेव का वर्चुअल उद्घाटन किया। सीएसआईआर की सचिव, डीएसआईआर और डीजी डॉ. एन कलाइसेल्वी और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत आने वाले विभिन्न विभागों के सचिवों ने हाल की सफल परियोजनाओं और कई राज्यों के समन्वय में चल रही परियोजनाओं का अवलोकन प्रस्तुत किया। इस कार्यक्रम के दौरान हाइड्रोजन मिशन, ई-मोबिलिटी और मधुमेह के अनुकूल और जीवाणु हानि-प्रतिरोधी सांबा महसूरी चावल की फसल सहित सीएसआईआर की सफलता की कई कहानियों का उल्लेख किया गया। सीएसआईआर ने कार्यक्रम के दौरान आयोजित एक्सपो में भाग लिया, जो स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए अनुसंधान और नवाचार को आगे बढ़ाने के विचारों को सामने लाने के उद्देश्य से खोला गया था। सीएसआईआर की 13 प्रयोगशालाओं ने प्रासंगिक पोस्टरों और उत्पादों के साथ अपनी प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया।

सार्स-सीओवी-2 के संचरण को कम करने के लिए कीटाणुशोधन प्रौद्योगिकियों पर सीएसआईआर के दिशानिर्देश जारी करना

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सार्स-सीओवी-2 संचरण को कम करने के लिए कीटाणुशोधन प्रौद्योगिकी पर सीएसआईआर दिशानिर्देश जारी किए। उन्होंने ऐलान किया कि सीएसआईआर-सीएसआईओ द्वारा विकसित यूवी-सी प्रौद्योगिकी सार्स-सीओवी-2 के वायु संचरण को कम करने के लिए पूरी तरह से प्रभावी है और यह कोविड-काल के बाद भी प्रासंगिक रहेगी। इस प्रौद्योगिकी का रेलवे, एसी बसों और यहां तक कि संसद भवन में भी इसका सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है और अब यह आम जनता के उपयोग के लिए सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध है।

आवास और शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) के सचिव श्री मनोज जोशी ने इस अवसर पर कहा कि सीपीडब्ल्यूडी सरकारी और निजी भवनों में यूवी-सी एयर डक्ट कीटाणुशोधन प्रणाली के व्यापक प्रसार और इसे अपनाने के लिए सीएसआईआर के साथ काम करेगा। रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक ए के मल्होत्रा ने बताया कि यूवी-सी कीटाणुशोधन प्रौद्योगिकी का एक महीने के लिए बांद्रा से चंडीगढ़ तक 1000 किलोमीटर की दूरी की रेलगाडियों के डिब्बों में सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है। उन्होंने कहा कि आरडीएसओ (रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गनाइजेशन), लखनऊ ने चरणबद्ध तरीके से सभी रेल कोचों में इस प्रौद्योगिकी का उपयोग करने की सिफारिश की है।

एम्स, जम्मू और सीएसआईआर-आईआईआईएम, जम्मू ने नजदीकी वैज्ञानिक भागादीरी के लिए एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) की उपस्थिति में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), जम्मू के निदेशक डॉ. शक्ति गुप्ता और सीएसआईआर-आईआईआईएम के निदेशक डॉ. श्रीनिवास रेड्डी ने 29 जनवरी, 2022 को दोनों संस्थानों की तरफ से एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए। बौद्धिक सहयोग की भावना से जानकारियों के आदान-प्रदान और विकास उपयोगी साझेदारी के लिए सीएसआईआर-आईआईआईएम, जम्मू और एम्स, जम्मू आपसी हित के संबंधित मामलों पर सहयोग करने के लिए सहमत हैं जो समय के साथ सामने आ सकते हैं। इस सहयोग का उद्देश्य भागीदारीपूर्ण अनुसंधान, विकास को बढ़ावा देना और विचारों के आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाना, नए ज्ञान का विकास करना और उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान कौशल को बढ़ाना है।

सीएसआईआर एनपीएल ने एक विशेष स्मारक डाक टिकट के विमोचन के साथ मनाई अपनी प्लेटिनम जयंती

सीएसआईआर-नेशनल फिजिकल लैबोरेटरी (एनपीएल), नई दिल्ली सीएसआईआर की शुरुआती प्रयोगशालाओं में से एक है जिसकी स्थापना आजादी के समय के आसपास की गई थी और इसका 75वां वर्ष भारत की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के साथ आता है। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह की उपस्थिति में सीएसआईआर- एनपीएल का 75वां प्लेटिनम जयंती वर्ष मनाया गया। इस समारोह के दौरान केंद्रीय मंत्री ने एक विशेष स्मारक डाक टिकट जारी किया। डॉ. जितेंद्र सिंह ने ऊर्जा सक्षम प्रकाश प्रौद्योगिकी विकसित करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना को साकार करने के लिए सीएसआईआर-राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला, नई दिल्ली में ‘एलईडी फोटोमेट्री लैबोरेटरी’ राष्ट्र को समर्पित की। उन्होंने स्कूली छात्रों की विज्ञान प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया और प्रदर्शित की गईं थीम और विषयों पर उनके साथ बातचीत की।

विलय के बाद सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर का पहला स्थापना दिवस समारोह मनाया गया

सीएसआईआर की दो प्रयोगशालायों नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, टेक्नोलॉजी एंड डेवलपमेंट स्टडीज (एनआईएसटीएडीएस) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस कम्युनिकेशन एंड इन्फोर्मेशन रिसोर्सेज (एनआईएससीएआईआर) के विलय के बाद बनी सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस कम्युनिकेशन एंड पॉलिसी रिसर्च) के पहले स्थापना दिवस का उद्घाटन समारोह 13 जनवरी, 2022 को आयोजित किया गया। केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रयोगशालाओं के कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकारी क्षेत्र के बाहर नौकरी और व्यवसाय के नए स्टार्ट-अप अवसरों के बारे में जन जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है।

सीएसआईआर जिज्ञासा विज्ञान महोत्सव 2022” के विजेताओं की घोषणा

3 जनवरी, 2022 को आरंभ हुआ सीएसआईआर जिज्ञासा विज्ञान महोत्सव 2022 देशभर में बूटकैम्प्स के माध्यम से 20000 से अधिक छात्रों तक पहुंच चुका है। ऊर्जा, स्वास्थ्य, आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस, जलवायु परिवर्तन, जल संरक्षण, आपदा शमन तथा कृषि प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में भविष्य से संबंधित विषय वस्तुओं के साथ सात बूटकैम्पों का आयोजन किया गया, जिसमें विज्ञान विशेषज्ञों ने ऐसे कुछ समसामयिक मुद्दों के बारे में छात्रों को जानकारी दी, जो हमारे सामने मौजूद हैं और जिनके बारे में अधिक जागरूकता फैलाए जाने तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आधारित समाधानों की आवश्यकता है। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह आजादी का अमृत महोत्सव के रूप में भारत की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का समारोह मनाने के लिए सीएसआईआर द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्तर की वैज्ञानिक रचनात्मकता प्रतियोगिता “सीएसआईआर जिज्ञासा विज्ञान महोत्सव 2022” के विजेताओं की घोषणा की। उन्होंने नवोन्मेषण स्टार्टअप्स की खोज, संरक्षण और टिकाऊ नवाचार का आह्वान किया। साथ ही, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर आधारित एक स्टार्टअप परितंत्र के सृजन पर जोर दिया।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने हिन्दी एवं अंग्रेजी माध्यम में आयोजित सीएसआईआर की राष्ट्रीय स्तर की वैज्ञानिक सृजनशीलता प्रतियोगिता के लिए तीन छात्रों मोहम्मद हिसाम, श्रृति निम्बाली तथा सांची बंसल- प्रत्येक को एक-एक लाख रुपए का पुरस्कार प्रदान किया। भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्षों के समारोह के हिस्से के रूप में देशभर से 75 विजेताओं का पुरस्कारों के लिए चयन किया गया, छात्रों का उनकी सृजनशीलता; नवोन्मेषी विचारों; कहानी कहने की क्षमता; संदेश प्रेषण; समग्र सौन्दर्यात्मकता; अनूठी सोच; एप्स/वीडियो/एनिमेशन के मामले में उपयोग करने या व्यवहार में लाने की क्षमता के लिए कड़ाई से मूल्यांकन किया गया है।

सीएसआईआर प्रयोगशालाओं ने इस कार्यक्रम को निष्पादित किया है और आईआईटी बॉम्बे तथा माई गॉव, केंद्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों तथा अटल नवोन्मेषण मिशन, मानव संसाधन विकास मंत्रालय और अन्य के साथ मजबूत साझेदारी तथा जुड़ाव विकसित किया है।

जम्मू में सीएसआईआर-आईआईआईएम के बायोनेस्ट-बायोइनक्यूबेशन सेंटर का शुभारम्भ

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने 23 अप्रैल, 2022 को सीएसआईआर-आईआईआईएम, जम्मू के बायो-नेस्ट-बायोइनक्यूबेटर का उद्घाटन किया। इस इनक्यूबेटर का उद्देश्य जम्मू और कश्मीर के युवाओं, स्थानीय किसानों और उद्यमियों के बीच उद्यमशीलता की सोच पैदा करना और स्टार्टअप संस्कृतिक को बढ़ावा देना है।

देश में बायोटेक इनोवेशन तंत्र को प्रोत्साहन देने के लिए बायो-नेस्ट इनक्यूबेशन सेंटर को डीबीटी-बीआईआरएसी द्वारा वित्तीय समर्थन दिया गया है। बायो-नेस्ट प्रोग्राम बायो-इनक्यूबेटर्स को या तो स्वचालित इकाई के रूप में या अकादमी के एक हिस्से के रूप में स्थापित करने के लिए सहायता प्रदान करता है। सीएसआईआर-आईआईआईएम, जम्मू के साथ 64 स्टार्ट-अप पहले ही पंजीकृत हो चुके हैं और केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय अपनी विभिन्न एजेंसियों और विभागों के जरिये वित्तीय, तकनीक और लॉजिस्टिक समर्थन के साथ स्टार्टअप को आजीविका के एक वैकल्पिक स्रोत के रूप में समर्थन दिया गया है। इन 64 स्टार्टअप में से 14 के उत्पाद विकसित किए जा चुके हैं और चार पहले ही बाजार में पहुंच चुके हैं।

सीएसआईआर-एनईआईएसटी जोरहाट में आइकॉनिक 75 इंडस्ट्री कनेक्ट ('आईकनेक्ट)का उद्घाटन

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने असम के जोरहाट में ‘आइकॉनिक 75 इंडस्ट्री कनेक्ट (‘आई’ कनेक्ट)’ का उद्घाटन किया। 12 मई, 2022 में हुए उद्घाटन समारोह में डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, युवा उद्यमियों द्वारा नवोन्मेषी स्टार्ट-अप को अगले 25 वर्षों की शानदार यात्रा के लिए जिम्मेदारी लेनी होगी, जब हम भारत की आजादी के 100 साल का उत्सव दुनिया में अग्रणी राष्ट्र के रूप में मनाएंगे।

उन्होंने कहा कि उद्योग से जुड़ने का उद्देश्य देश को आत्मनिर्भर और स्व-उत्पादक बनाने के लिए विश्व स्तर पर बेंचमार्क प्रौद्योगिकियों और उत्पादों की खोज करना है। उन्होंने कहा कि भले ही हमारे अनुसंधान प्रतिष्ठान प्रयोगशालाओं में विश्व स्तरीय प्रौद्योगिकियों और उत्पादों को विकसित करने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित और सक्षम हैं, लेकिन देश की आम महिलाओं और पुरुषों के लाभ के लिए इन्हें बाजार और आखिरकार समाज में ले जाने के मामले में अंतर है।

प्रतिष्ठित 75 इंडस्ट्री कनेक्ट (’आइ’-कनेक्ट) कार्यक्रमों का उद्देश्य 10 विषयगत/ प्रमुख क्षेत्रों में उद्योग के साथ साझेदारी करना है। उन्होंने कहा कि यह उद्योग तक पहुंचने के लिए भारत सरकार के डीएसआईआर/सीएसआईआर, डीबीटी, डीएसटी, एमओईएस और अन्य वैज्ञानिक विभागों का समेकित प्रयास है। उद्घाटन समारोह में असम सरकार में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और आईटी मंत्री श्री केशब महंता और नीति आयोक के सदस्य डॉ. वी. के. सारस्वत सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। इस अवसर पर डॉ. जितेंद्र सिंह ने पूर्वोत्तर भारत में प्रासंगिक उद्यमिता के लिए प्रौद्योगिकियों के सीएसआईआर संग्रह का भी विमोचन किया।

मैसूरू में सीएसआईआर-सीएफटीआरआई में टेकभारत के तीसरे संस्‍करण का उद्घाटन

‘भारत की खाद्य तकनीकी, कृषि तकनीकी और कृषि अर्थव्यवस्था परिदृश्य को परिवर्तित करने’ की थीम पर आधारित ‘टेक भारत’ का तीसरा संस्करण सीएसआईआर-सीएफटीआरआई, मैसूरू में आयोजित हुआ और माननीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने 20 मई 2022 को इसका उद्घाटन किया।

मैसूरू में कृषि तकनीकी और खाद्य तकनीकी विषय पर आयोजित सम्मेलन सह-प्रदर्शनी को संबोधित करते हुए डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा भारतीय कृषि के समक्ष उत्पन्न- आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, पुराने पड़ चुके उपकरणों के इस्तेमाल, अनुचित संरचना और किसानों की विभिन्न बाजारों का आकलन करने में अक्षमता- जैसी कठिनाइयों को दूर करने के लिए नीतिगत माहौल प्रदान किए जाने की वजह से पिछले कुछ वर्षों में भारत में कृषि तकनीकी स्टार्टअप्स की एक नई लहर आई है।

मैसूरू स्थित सीएसआईआर-सीएफटीआरई परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के चेयरमैन डॉक्टर जी. आर. चिंताला, सीएसआईआर- सेंट्रल फूड टेक्नोलॉजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीएफटीआरआई), मैसूरू की निदेशक डॉक्टर श्रीदेवी अन्नपूर्णा सिंह, लघु उद्योग भारती- मैसूरू विभाग के अध्यक्ष श्री महेश शिनॉय, लघु उद्योग भारती-मैसूरू विभाग के सचिव श्री राजप्पा के साथ ही कई वरिष्ठ अधिकारी, प्रतिनिधि और आमंत्रित लोग उपस्थित थे।

सीएसआईआर-सीएलआरआई ने अपना प्लेटिनम जुबली समारोह आयोजित किया

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने 19 मई, 2022 को चेन्नई में सीएसआईआर-सीएलआरआई का प्लेटिनम जुबली समारोह का उद्घाटन किया। सीएसआईआर-कें‍द्रीय चमड़ा अनुसंधान संस्थान के प्लेटिनम जयंती समारोह को संबोधित करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, चमड़ा प्रसंस्करण कार्य के कार्बन पदचिह्न को शून्य स्तर तक पहुंचाने की जरूरत है और पशुओं की त्वचा से उत्पन्न होने वाले उत्पादों की जैव-अर्थव्यवस्था समय का नया मंत्र है। उन्होंने कहा, तमिलनाडु जैसी जगहों पर चमड़ा क्षेत्र के पर्यावरण के अधिकतम भार को ढोना, वहां लागू पर्यावरणीय मानक को तरल पदार्थ पूरी तरह रोकने की मांग करती है, जिस पर विचार किया जा रहा है।

1948 से सीएलआरआई, चेन्नई के क्रमिक विकास को देखते हुए, डॉ. जितेन्‍‍द्र सिंह ने कहा कि पहले 25 वर्षों में, संस्थान ने प्रौद्योगिकी तक पहुंचने और क्षेत्र के नियोजित विकास को सुविधाजनक बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है। अगले 25 वर्षों में भारतीय चमड़ा अनुसंधान और उद्योग को आधुनिकीकरण और पर्यावरणीय तैयारियों को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना होगा। पिछले 25 वर्ष में वैश्विक बाजार में चमड़े की बिक्री से होने वाली आमदनी का यूनिट मूल्य बढ़ा। अगले 25 वर्ष के दौरान चमड़ा अनुसंधान और उद्योग के लिए नया विजन नवाचार और ब्रांड निर्माण के माध्यम से विश्व बाजार में एक नया स्थान हासिल करने का होगा।

सीएसआईआर-सीईसीआरआई का 75वां स्थापना दिवस

सीएसआईआर-सीईसीआरआई ने 25 जुलाई को अपना 75वां स्थापना दिवस मनाया। सीएसआईआर-सीईसीआरआई की निदेशक डॉ. कलाईसेल्वी ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में बताया कि संयोग से इसी दिन नोबेल पुरस्कार विजेता प्रो. जॉन बैनिस्टर गुडइनफ का 100वां जन्मदिन है, जिन्हें लिथियम आयन बैटरियों के विकास के लिए जाना जाता है। उन्होंने इलेक्ट्रोकेमिकल साइंस और टेक्नोलॉजी में सीएसआईआर-सीईसीआरआई के सभी विजनरी लीडर्स के उल्लेखनीय योगदानों को याद किया। इनमें 1949 में डॉ. ए जोगाराव शामिल हैं, जिनकी खोज ने औद्योगिक और सामाजिक क्षेत्रों में खासा प्रभाव डाला था। बार्क में डीएई-होमी भाभा प्रोफेसर, भारतीय परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व चेयरमैन और भारत सरकार के पूर्व प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार पद्म विभूषण डॉ. आर. चिदम्बरम ने मुख्य अतिथि के रूप में वर्चुअल माध्यम से सीईसीआरआई के 75वें स्थापना दिवस का उद्घाटन किया। एनटीपीसी, नई दिल्ली के निदेशक (परियोजना) श्री यू के भट्टाचार्य और सीएसआईआर-सीईसीआरआई के पूर्व निदेशक और विजनाना भारती के संस्थापक अध्यक्ष के. आई. वासु ने विशिष्ट अतिधि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। सीएसआईआर-सीएलआरआई के निदेशक डॉ. के. जे. श्रीराम और सीएसआईआर-एसईआरसी के निदेशक डॉ. एन. आनंदवल्ली ने सभी का आभार प्रकट किया और सामान्य अनुसंधान एवं विकास और संस्थागत गतिविधियों में अधिक संयुक्त प्रयासों का आह्वान किया। इसके बाद बैटरी-सुपरकैपेसिटर हाइब्रिड ई-रिक्शा का प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम के हिस्से के रूप में, कार्बन कैप्चर डेमो प्लांट का भी उद्घाटन किया गया।

हंसा-एनजी विमान का हवा में इंजन रीलाइट परीक्षण सफलतापूर्वक संपन्न

सीएसआईआर-एनएएल द्वारा विकसित दो सीट डिजाइन वाला उड़ान प्रशिक्षक विमान हंसा-एनजी ने 17 मई, 2022 को डीआरडीओ की वैमानिकी परीक्षण रेंज (एटीआर) सुविधा, चल्लकेरे में इन-फ्लाइट इंजन रीलाइट परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया। भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के विमान और सिस्टम परीक्षण प्रतिष्ठान (एएसटीई) के परीक्षण पायलट विंग कमांडर के. वी. प्रकाश और विंग कमांडर एनडीएस रेड्डी द्वारा 60 से 70 समुद्री मील की गति सीमा के साथ 7000-8000 फुट की ऊंचाई पर उड़ान परीक्षण किया गया।

विंड मिलिंग प्रोपेलर और स्टार्टर असिस्टेड स्टार्ट के साथ विमान की इन-फ्लाइट इंजन रीलाइट क्षमता का प्रदर्शन किया गया। इन परीक्षण उड़ानों के दौरान विमान संचालन लक्षण और उड़ान मानक सामान्य पाए गए। डीजीसीए द्वारा विमान के प्रमाणन की दिशा में इन-फ्लाइट इंजन रीलाइट परीक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण और अहम है। डीजीसीए से आवश्यक अनुमोदन प्राप्त करने के बाद, विमान को 16 मई 2022 को एटीआर, चल्लकेरे के लिए रवाना किया गया था।

सीएसआईआर की गड्ढों की मरम्मत के लिए पैच फिल मशीन और मोबाइल कोल्ड मिक्सर कम पेवर मशीन का उद्घाटन और शुभारम्भ

सीएसआईआर-सीआरआरआई, नई दिल्ली में 9 मई 2022 को सड़क निर्माण और राजमार्गों में नवीनतम मूल्यवर्धन के लिए सीएसआईआर-सीआरआरआई के दो उपकरणों गड्ढों की मरम्मत के लिए पैच फिल मशीन और मोबाइल कोल्ड मिक्सर सह पेवर मशीन को जनता को समर्पित करने का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। माननीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेन्‍द्र सिंह, माननीय केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी तथा सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्यमंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) विजय कुमार सिंह ने बिटुमेन इमल्शन के उपयोग से ब्लैक टॉप लेयर के निर्माण के लिए ’मोबाइल कोल्ड मिक्सर कम पेवर’ और सड़कों पर गड्ढों की मरम्मत के लिए ’पैच फिल मशीन’ के औपचारिक शुभारंभ के कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने पुणे में केपीआईटी-सीएसआईआर द्वारा विकसित भारत की पहली स्वदेशी हाइड्रोजन फ्यूल सेल बस का शुभारंभ किया

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने 21 अगस्त, 2022 को पुणे में केपीआईटी-सीएसआईआर द्वारा विकसित भारत की पहली स्वदेशी हाइड्रोजन ईंधन सेल बस का शुभारंभ किया।

हाइड्रोजन फ्यूल सेल्स बस को शक्ति प्रदान करने में बिजली उत्पन्न करने के लिए हाइड्रोजन और वायु का उपयोग करता है और बस से केवल पानी का प्रवाह होता है इसलिए यह संभवतः परिवहन का सबसे पर्यावरण अनुकूल साधन है। इस अवसर पर डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि आत्मनिर्भर और सुलभ स्वच्छ ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन के लक्ष्यों को पूरा करने और नए उद्यमियों और नौकरियों के सृजन को सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का हाइड्रोजन विजन भारत के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हरित हाइड्रोजन एक उत्कृष्ट स्वच्छ ऊर्जा साधन है जो रिफाइनिंग उद्योग, उर्वरक उद्योग, इस्पात उद्योग, सीमेंट उद्योग और भारी वाणिज्यिक परिवहन क्षेत्र से भी कठिन से कम उत्सर्जन के गहरे डीकार्बोनाइजेशन को सक्षम बनाता है। उन्होंने केपीआईटी और सीएसआईआर-एनसीएल के संयुक्त विकास के प्रयासों की सराहना की और कहा कि भारतीय वैज्ञानिकों और इंजीनियरों का प्रौद्योगिकी कौशल दुनिया में सर्वश्रेष्ठ और बहुत कम लागत की है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने बाद में सीएसआईआर-एनसीएल में बिस्फेनॉल-ए पायलट संयंत्र का उद्घाटन किया।

एनसीएल कैम्पस में स्थित सीएसआईआर-यूआरडीआईपी के नए संस्थागत भवन का उद्घाटन

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने 20 अगस्त 2022 को पुणे स्थित सीएसआईआर-एनसीएल कैम्पस में सीएसआईआर-यूआरडीआईपी के नए संस्थागत भवन परिसर का उद्घाटन किया।

सीएसआईआर की एक विशेष सेवा इकाई के रूप में, विशिष्ट ज्ञान-आधारित सेवा क्षेत्र को सेवाएं दे रही सीएसआईआर-यूआरडीआईपी अपने अस्तित्व के 22वें वर्ष में है। यह पूर्व-अनुसंधान और पूर्व-विकास चरणों का समर्थन करने वाली निरंतर विश्लेषिकी और सूचना विज्ञान सेवाओं की गतिविधियों के लिए समर्पित है। साथ ही नियमित, मिशन-मोड और थीम-आधारित सीएसआईआर अनुसंधान और विकास परियोजनाओं के अलावा अनुसंधान संस्थानों, स्टार्ट-अप, एसएमई, भारतीय कॉरपोरेट्स तथा बहुराष्ट्रीय निगमों को सहायता सेवाएं भी प्रदान करता है।

इस अवसर पर स्वास्थ्य, ऊर्जा, पर्यावरण, डिजिटलीकरण और स्वचालन के विषयों पर काम कर रहे चयनित 30 स्टार्ट-अप संस्थापकों की एक मिनी प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने "पेटेंट कार्यालयों के अलावा, उपयोगकर्ताओं के लिए टीकेडीएल डेटाबेस तक पहुंच का विस्तार करने की मंजूरी दी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 17 अगस्त 2022 को "पेटेंट कार्यालयों के अलावा, उपयोगकर्ताओं के लिए भी पारंपरिक ज्ञान डिजिटल लाइब्रेरी (टीकेडीएल) डेटाबेस तक पहुंच का विस्तार करने की मंजूरी दे दी। उपयोगकर्ताओं के लिए टीकेडीएल डेटाबेस को खोलना भारत सरकार का महत्वाकांक्षी और भविष्य-उन्मुख निर्णय है। यह भारतीय पारंपरिक ज्ञान के लिए एक नयी सुबह है, क्योंकि टीकेडीएल विविध क्षेत्रों में भारत की मूल्यवान विरासत के आधार पर अनुसंधान व विकास तथा नवाचार को बढ़ावा देगा। टीकेडीएल को सुलभ बनाने की परिकल्पना, नई शिक्षा नीति 2020 के तहत भारतीय ज्ञान परम्परा के माध्यम से विचारों को जानने-समझने और ज्ञान नेतृत्व को विकसित करने को ध्यान में रखते हुए की गई है।

सीएसआईआर की महानिदेशक एन. कलाइसेल्वी ने केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के साथ वर्तमान में जारी अत्याधुनिक और भविष्य की प्रौद्योगिकियों से जुड़ी शोध परियोजनाओं पर विचार विमर्श किया

सीएसआईआर की नवनियुक्त महानिदेशक एन. कलाइसेल्वी ने कार्यभार संभालने के बाद 8 अगस्त, 2022 को केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह से वर्तमान में जारी अत्याधुनिक और भविष्य की प्रौद्योगिकियों से जुड़ी शोध परियोजनाओं पर विचार विमर्श किया।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने डॉ. कलाइसेल्वी को सीएसआईआर के 80 साल के समृद्ध इतिहास और विरासत में पहली महिला महानिदेशक बनने पर शुभकामनाएं दी हैं। डॉ. कलाइसेल्वी ने डॉ. जितेंद्र सिंह को इलेक्ट्रोकेमिकल पावर सिस्टम, ऊर्जा भंडारण डिवाइस, लिथियम प्रौद्योगिकियों और इलेक्ट्रिक वाहन जैसे क्षेत्रों में दो दशकों से अधिक समय के अपने शोध अनुभवों के बारे में बताया।

उनका विचार विमर्श ऊर्जा संक्रमण में हाइड्रोजन, कार्बन कैप्चर और भंडारण, सुलभ सौर ऊर्जा, प्लास्टिक रीसाइक्लिंग और सस्ते ऊर्जा भंडार जैसे क्षेत्रों में हो रहे नवाचारों पर केंद्रित रहा। इसके अलावा सीएसआईआर-एनएएल की हाई एल्टीट्यूड परफॉर्मैंस (एचएपी) व्हीकल एंड ड्रोन तकनीक, सीएसआईआर के अरोमा मिशन और बैंगनी क्रांति, जल शक्ति मंत्रालय के सहयोग और समन्वय से भूजल प्रबंधन के लिए सीएसआईआर की अत्याधुनिक हेली बॉर्न सर्वे प्रौद्योगिकी से माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के “हर घर नल से जल” के विजन और मिशन को पूरा किए जाने का उल्लेख किया गया।

जम्मू में अपनी तरह के पहले स्टार्ट-अप्स एक्सपो का उद्घाटन

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सीएसआईआर-आईआईआईएम द्वारा जम्मू में आयोजित अपनी तरह के पहले स्टार्ट-अप्स एक्सपो का 30 सितंबर 2022 को उद्घाटन किया। उद्घाटन समारोह के दौरान माननीय मंत्री ने कहा कि सरकारी नौकरी की मानसिकता विशेष रूप से उत्तर भारत के लिए स्टार्टअप संस्कृति के लिए बाधा उत्पन्न कर रही है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को भविष्य के विजन स्टार्टअप के लिए पूरा श्रेय दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 2015 में लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में 'स्टार्टअप इंडिया स्टैंड अप इंडिया' का आह्वान किया था, जिसने लोगों में जागरूकता पैदा की। इसके परिणामस्वरूप भारत में स्टार्टअप की संख्या 2022 में 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ 77,000 से ज्यादा हो गई है जो 2014 में केवल 350 थी और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने स्टार्टअप की दुनिया में तीसरी रैंकिंग भी प्राप्त की है।

कृषि, अरोमा, डेयरी, फार्मा, आईटी, कंप्यूटर और संचार क्षेत्रों को कवर करते हुए अपनी तरह के पहले स्टार्ट-अप एक्सपो का उद्घाटन करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि स्टार्टअप संस्कृति अभी तक दक्षिण भारतीय राज्यों की तुलना में उत्तर भारतीय राज्यों के युवाओं और उद्यमियों की कल्पना से पूरी तरह जुड़ नहीं सकी है। इसीलिए दक्षिण भारत ने वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त स्टार्टअप की एक श्रृंखला बनाते हुए शानदार बढ़त हासिल की है।

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सीएसआईआर लीडरशिप मीट को संबोधित किया

पहली सीएसआईआर लीडरशिप मीट 26 सितंबर 2022 को आयोजित की गई और इसमें देश भर की सभी 37 सीएसआईआर प्रयोगशालाओं के निदेशकों और विभागाध्यक्षों ने भाग लिया।

लीडरशिप मीट को संबोधित करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि सीएसआईआर की विरासत इसकी कई राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं और संस्थानों के संचयी योगदान द्वारा बनी है। उन्होंने आगे कहा कि सीएसआईआर की प्रत्येक प्रयोगशाला अद्वितीय है और जीनोमिक्स से भूविज्ञान, सामग्री प्रौद्योगिकी से सूक्ष्मजैविक (माइक्रोबियल) प्रौद्योगिकी और भोजन से ईंधन जैसे विविध क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखती है। उन्होंने देश भर में फैली 37 सीएसआईआर प्रयोगशालाओं / संस्थानों में से प्रत्येक में तकनीकी सफलताओं और नवाचार प्रदर्शन के लिए “एक सप्ताह एक प्रयोगशाला (वन वीक वन लैब)” विषय पर आधारित अभियान की घोषणा की।

सीएसआईआर की  महानिदेशक डॉ. एन. कलाइसेल्वी ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि 21वीं शताब्दी  भारत की और भारत के लिए होने जा रही है। उन्होंने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी समुदाय को इस अवसर पर आगे आना चाहिए और भारत को वैश्विक स्तर पर एक सम्मानित नाम बनाने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए।

देश में स्कूलों को रसायन विज्ञान को समर्थन देने के उद्देश्य से रॉयल सोसायटी ऑफ केमिस्ट्री (आरएससी) और सीएसआईआर ने मिलकर काम किया

रॉयल सोसायटी ऑफ केमिस्ट्री और सीएसआईआर ने स्कूलों और विश्वविद्यालयों में रसायन विज्ञान को प्रोत्साहन देने के लिए एक आउटरीच कार्यक्रम तैयार करने में समर्थन देने के लिए भागीदारी की। दोनों संगठनों ने सीएसआईआर के जिज्ञासा कार्यक्रम पर मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए 22 सितंबर, 2022 को एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए। एमओयू गैर वित्तीय है और वैकल्पिक नवीनीकरण के साथ कम से कम तीन साल के लिए समयबद्ध होगा।

कार्यक्रम के अंतर्गत, इस भागीदारी के तहत सीएसआईआर की सभी प्रयोगशालाओं को शामिल करते हुए एक ग्लोबल एक्सपेरीमेंट का आयोजन किया गया। 30 से ज्यादा प्रयोगशालाओं में आयोजित आरएससी के ग्लोबल कॉइन प्रयोग में कम से कम 2,000 स्कूली बच्चों, 150 शिक्षकों और 350 स्वयंसेवकों ने भाग लिया, जिसमें प्रतिभागियों से विभिन्न प्रकार के कॉइनों से बनी बैटरियों की तुलना के लिए कहा जाता है।

टीकेडीएल तक पहुंच पर इंस्टीट्यूट नेशनल डे ला प्रोप्रिएट इंडस्ट्रियल, फ्रांस और सीएसआईआर के बीच सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर

इंस्टीट्यूट नेशनल डे ला प्रोप्रिएट इंडस्ट्रियल (आईएनपीआई; नेशनल इंडस्ट्रियल प्रॉपर्टी इंस्टीट्यूट), फ्रांस तथा वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) ने पारंपरिक ज्ञान डिजिटल लाइब्रेरी (टीकेडीएल) तक पहुंच (एक्सेस) पर सहयोग के लिए डॉ. एन. कलाइसेल्वी, महानिदेशक, सीएसआईआर और सचिव, डीएसआईआर की गरिमामयी उपस्थिति में 16 सितंबर, 2022 को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। समझौते का आदान-प्रदान भारत के क्षेत्रीय आईपी काउंसलर श्री सेबेस्टियन कोनन और वैज्ञानिक-एच एवं सीएसआईआर-टीकेडीएल यूनिट के प्रमुख डॉ. विश्वजननी जे सत्तीगेरी के बीच किया गया था। इस समझौते के माध्यम से, आईएनपीआई; फ्रांस को पेटेंट अनुदान प्रक्रिया के प्रयोजनों के लिए भारतीय पारंपरिक ज्ञान से संबंधित पूर्व कला की जांच करने के लिए संपूर्ण टीडीकेएल डेटाबेस तक पहुंच मिल गई है।

इंटरनेशनल कमेटी फॉर कोल एंड ऑर्गनिक पेट्रोलॉजी (आईसीसीपी-2022) की 73वीं वार्षिक बैठक और संगोष्ठी का आयोजन नई दिल्ली में हुआ

सीएसआईआर-सीआईएमएफआर ने इंटरनेशनल कमेटी फॉर कोल एंड ऑर्गनिक पेट्रोलॉजी (आईसीसीपी-2022) की 73वीं वार्षिक बैठक और संगोष्ठी का आयोजन 18-25 सितंबर, 2022 के दौरान नई दिल्ली में किया। महानिदेशक, सीएसआईआर, डॉ. एन कलाइसेल्वी की उपस्थिति में इसका उद्घाटन हुआ। प्रौद्योगिकी कार्य समूहों द्वारा 19-22 सितंबर, 2022 तक चार दिन बैठकों का आयोजन किया और प्रस्तुतियां दी गईं। इसके बाद 23 सितंबर, 2022 को संगोष्ठी का आयोजन हुआ। इसमें शिक्षाविदों, आरएंडडी और उद्योग के वैश्विक स्तर के जाने माने विशेषज्ञों ने भाग लिया, संबंधित काउंसिल और कमीशन मीटिंग्स में अपने शोष निष्कर्ष पेश किए। बैठक के बाद उत्तर प्रदेश में एनटीपीसी दादरी तापीय विद्युत संयंत्र का दो दिवसीय तकनीक भ्रमण का आयोजन किया गया।

भारत की तकनीकी क्षमता के दोहन के लिए सीएसआईआर और आईक्रिएट के बीच समझौता ज्ञापन हुआ

तेज आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और विश्व स्तरीय स्टार्टअप्स तैयार करने में सहायता के उद्देश्य से सीएसआईआर ने गुजरात सरकार के प्रमुख प्रौद्योगिकी इनक्यूबेटर - आईक्रिएट (इंटरनेशनल सेंटर फॉर एंटरप्रेन्योरशिप एंड टेक्नोलॉजी) के साथ 25 अप्रैल, 2022 को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल की अध्यक्षता में हुए एक कार्यक्रम के दौरान यह एमओयू हुआ। एमओयू के तहत सीएसआईआर और आईक्रिएट देश में उद्यमियों और नवोन्मेषकों के लिए संयुक्त संसाधन उपलब्ध कराकर भरोसेमंद तकनीकी स्टार्ट-अप के लिए एक सहयोगी समर्थन प्रणाली स्थापित करने का विचार है। इस साझेदारी से वैज्ञानिक नवाचार और उच्च तकनीक स्टार्ट-अप की विपणन क्षमता को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

इसके अलावा, आईक्रिएट चिन्हित सीएसआईआर प्रयोगशालाओं में नए इन्क्यूबेटरों को स्थापित करने में मदद करेगा। ऐसे स्टार्ट-अप सीएसआईआर के उपकरण, सुविधाओं और वैज्ञानिक मानवशक्ति का उपयोग करेंगे। सीएसआईआर उभरते उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए बौद्धिक संपदा सहायता प्रदान करेगा और भारत के अभिनव स्टार्ट-अप को वित्तीय रूप से समर्थन देने के तरीकों का पता लगाएगा।

गोल्डन पीकॉक इको-इनोवेशन अवार्ड- 2022

सीएसआईआर को “प्रभावी प्रबंधन के लिए अपशिष्ट जल में सार्स-सीओवी-2 के लिए पर्यावरण निगरानी” के लिए 2022 का द गोल्डन पीकॉक इको-इनोवेशन अवार्ड मिला। कोविड से जुड़ी व्यवस्था के दौरान निगरानी के लिए सीएसआईआर प्रयोगशालाओं आईआईसीटी, सीसीएमबी, एनसीएल और एनईईआरआई द्वारा किए गए संपीडित और व्यापक कार्य को मान्यता दी गई।

राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा पुरस्कार, 2021 और 2022

सीएसआईआर को “पेटेंट आवेदन, ग्रांट और व्यावसायीकरण के लिए शीर्ष आरएंडडी संस्थान/ संगठन” की श्रेणी के तहत वर्ष 2021 और 2022 का राष्ट्रीय आईपी पुरस्कार हासिल हुआ। यह पुरस्कार माननीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल द्वारा दिया गया।

टाटा इनोविस्टा अवार्ड, 2022

“इंटेलिजेंट बिलेट कास्टर : गुणवत्ता एवं उत्पादकता सुधार” पर टाटा स्टाल के साझीदार के रूप में काम करने के लिए सीएसआईआर-एनएमएल को “मोस्ट इनोवेटिव पार्टनर” की श्रेणी में टाटा इनोविस्टा 2022 पुरस्कार दिया गया।

सीएसआईआर-आईएचबीटी में सीएसआईआर के निदेशकों का सम्मेलन

सीएसआईआर निदेशकों का एक सम्मेलन सीएसआईआर-आईएचबीटी, पालमपुर में 28-29 अक्टूबर, 2022 के दौरान आयोजित किया गया था, जिसकी अध्यक्षता डीएसआईआर की सचिव और सीएसआईआर की डीजी डॉ. एन. कलाइसेल्वी ने की थी। इस सम्मेलन में सीएसआईआर मुख्यालय की सभी सीएसआईआर प्रयोगशालाओं, इकाइयों और निदेशालयों के निदेशकों और प्रमुखों ने भाग लिया और विजन 2030 और प्रयोगशालाओं की कार्रवाई से जुड़ी रिपोर्ट पर चर्चा की गई।

स्वच्छ सागर सुरक्षित सागर अभियान

सामूहिक प्रयास के माध्यम से समुद्र की सेहत में सुधार के उद्देश्य से नागरिकों की अगुआई वाली एक 75 दिवसीय “स्वच्छ सागर, सुरक्षित सागर/स्वच्छ तट सुरक्षित समुद्र” अभियान 5 जुलाई, 2022 को रणनीतिक अंतर्निहित लक्ष्यों के साथ शुरू हुआ। यह अभियान व्यवहार परिवर्तन के माध्यम से परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण को लक्षित करता है। सीएसआईआर और इसकी प्रयोगशालाओं एसईआरसी, सीएलआरआई, एनआईआईएसटी, एनआईओ और आईआईसीबी ने इस अभियान में भाग लिया और देश के विभिन्न हिस्सों में तटीय सफाई अभियान का अवलोकन किया।

स्टील स्लैग रोड : सड़क बनाने वाले सामान के रूप में इस्पात के रूपांतरण के लिए स्टील स्लैग वैलोराइजेशन

भारत दुनिया का दूसरा बड़ा इस्पात उत्पादक होते हुए सालाना लगभग 1.9 करोड़ टन सॉलिड स्टील स्लैग भी पैदा करता है। इस्पात मंत्रालय और भारत की चार बड़ी इस्पात कंपनियां जेएसडब्ल्यू स्टील, एएमएनएस, टाटा स्टील और राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड द्वारा प्रायोजित और सीएसआईआर-सीआरआरआई के तहत हुए एक अहम शोध अध्ययन में अपशिष्ट स्टील स्लैग को सड़क निर्माण के सामान में परिवर्तित करने के लिए स्टील स्लैग वैलोराइजेशन तकनीक विकसित की गई थी। वेस्ट स्टील स्लैग के माध्यम से विकसित प्रसंस्कृत स्टील स्लैग एग्रीगेट का हजीरा, सूरत में भारत की पहली स्टील स्लैग सड़क के निर्माण में सफलतापूर्वक उपयोग किया गया है। स्टील स्लैग रोड निर्माण में लगभग एक लाख टन प्रसंस्कृत स्टील स्लैग एग्रीगेट का उपयोग प्राकृतिक एग्रीगेट के 100 प्रतिशत विकल्प के रूप में किया गया था। सीआरआरआई तकनीक के माध्यम से स्टील स्लैग रोड बनाने की अपनी विशेष डिजाइन की खूबी के लिए इसे इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में पहली स्टील स्लैग रोड के रूप में जगह मिली है।

केंद्रीय इस्पात मंत्री श्री आर. सी. पी सिंह ने 15 जून 2022 को हजीरा, सूरत में स्टील स्लैग रोड का उद्घाटन किया। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर प्रौद्योगिकी की व्यापक रूप से सराहना की गई है। प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए जेएसडब्ल्यू स्टील, एएमएनएस इंडिया और राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड जैसे विभिन्न इस्पात उद्योगों के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

पानी की गुणवत्ता के परीक्षण के लिए स्वदेशी कलरीमीट्रिक टेस्ट किट

भारतीय परिदृश्य में, कई राज्यों में पानी आर्सेनिक, सेलेनियम, क्रोमियम, कैडमियम आदि भारी धातुओं के उच्च स्तर के प्रदूषण से प्रभावित है। इसलिए, प्रभावित क्षेत्रों में उपभोगा के साथ-साथ कृषि में उपयोग से पहले इनके पता लगाने के लिए के पूर्ण खोज के प्लेटफॉर्म की जरूरत थी। सीएसआईआर-सीएसआईओ में शुरू किया गया कार्य किफायती कागज/मेम्बरेन यानी झिल्ली आधारित डिस्पोजेबल सेंसर स्ट्रिप का उपयोग करके संदूषण का स्तर निर्धारित करने के लिए मोबाइल फोन-आधारित इमेज प्रोसेसिंग के साथ पानी में भारी धातुओं का पता लगाने के लिए सफलतापूर्वक स्वीकृत कलरीमीट्रिक दृष्टिकोण को एकीकृत करता है। विकसित मोबाइल ऐप कोलोमीट्रिक सेंसर के उन्मूलन को सुनिश्चित करता है, जो संसाधन सीमित क्षेत्रों विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्र में उपयोगकर्ताओं द्वारा उनके सही सीमा तक उपयोग को सीमित करता है।

सीएसआईआर-एनएएल का ऑक्टा-कॉप्टर

सीएसआईआर-एनएएल ने एक मध्यम श्रेणी का बीवीएलओएस (बियॉन्ड विजुअल लाइन ऑफ साइट) मल्टी-कॉप्टर यूएवी विकसित किया है। यह यूएवी आसान परिवहन के लिए हल्के कार्बन फाइबर फोल्डेबल स्ट्रक्चर का बनाया गया है और इसमें उन्नत उड़ान उपकरण प्रणालियों के साथ दोहरी अतिरिक्त एमईएमएस-आधारित डिजिटल ऑटोपायलट के माध्यम से स्वतंत्र मार्गदर्शन जैसी अनूठी विशेषताएं हैं। डीजीसीए, नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारत सरकार ने बीवीएलओए उड़ान के परीक्षण कराने के लिए सीएसआईआर-एनएएल को सशर्त मंजूरी दी है। इसके बाद, एनएएल ड्रोन ने प्रदर्शन मापदंडों को सत्यापित करने के लिए लगभग 50 घंटे की उड़ान पूरी कर ली है और रिपोर्ट एमओसीए को अनुमोदन के लिए प्रस्तुत की जा रही है।

एनएएल का ऑक्टा-कॉप्टर ड्रोन 20 मिनट की अवधि के लिए 20 किग्रा का भार ले जाने में सक्षण है। हालांकि, लंबी अवधि के उपयोग के लिए वजन उसके अनुरूप घटा दिया गया है। यह 500 मिनट एजीएल की संचालन उड़ान और 36 किमी प्रति घंटे की अधिकतम उड़ान स्पीड के साथ उड़ सकता है। इसके विनियामक अनुपालन में डीजीसीए-एनपीएनटी, जियो-फेंसिंग और 360 डिग्री टक्कर से बचाव के साथ डिजिटल स्काई शामिल है, जो इसे अपनी श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ यूएवी बनाता है। इस यूएवी की विशिष्टता इसका उच्च पेलोड और उच्च सहनशक्ति है जो अंतिम-मील तक डिलिवरी, फूलों की खेती का मानचित्रण, भौगोलिक अन्वेषण, सटीक कृषि कीटनाशक छिड़काव और दूरस्थ स्थानों पर चिकित्सा परिवहन के लिए एकदम सही है। ये ड्रोन सामाजिक जरूरतों के लिए कई उपयोगों के अनुकूल बनाए गए हैं। ये तीन उपयोग इस प्रकार हैं- (1) आपात चिकित्सा/ वैक्सीन की आपूर्ति, (2) कृषि छिड़काव और (3) भूभौतिकी सर्वेक्षण अनुप्रयोग।

ऑटोपायलट नियंत्रण कानूनों के मॉडल आधारित डिजाइन के कारण इसने मजबूत नियंत्रण हासिल किया है। इससे ऑक्टा-कॉप्टर इन अलग-अलग उपयोगों के लिए अनुकूल बनने में सक्षम हो गया है। आंकड़े तीन अलग-अलग पेलोड के साथ तीनों ऑक्टा-कॉप्टर दिखाते हैं। विंग्स इंडिया 2022 के दौरान इस प्रौद्योगिकी को 4 एमएसएमई को हस्तांतरित कर दिया गया है।

एमआरएनए वैक्सीन विकास प्लेटफॉर्म

सीएसआईआर-सीसीएमबी ने एमआरएनए टीकों के विकास के लिए एक प्लेटफॉर्म स्थापित किया है। इसकी शुरुआत कोविड-19 के एक टीके की पहचान के साथ शुरुआत की गई है। एमआरएनए टीके मॉड्युलर हैं। सैद्धांतिक रूप से एमआरएनए को मानव कोशिकाओं में संबंधित रोगजनक का प्रोटीन बनाने के लिए डाला जा सकता है। इसका उपयोग वास्तविक रोगजनक से बचने के लिए प्राप्तकर्ता की प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रशिक्षित करने के लिए किया जा सकता है।

फिनोम इंडिया- सीएसआईआर हेल्थ कोहोल्ड नॉलेजबेस (पीआई-चेक)

सीएसआईआर ने अपनी प्रयोगशालाओं और देश भर में फैले केंद्रों में, जातीय उपवर्गों, भू-सामाजिक आवासों और व्यावसायिक जोखिमों की एक विस्तृत श्रृंखला का प्रतिनिधित्व करते हुए, कोविड-19 के बोझ का अनुमान लगाने और एंटीबॉडी की स्थिरता के आकलन के लिए एक लॉन्गिट्यूडनल कोहोर्ट अध्ययन (फिनोम-इंडिया कोहोर्ट) शुरू किया। भारत के अपनी तरह के पहले अध्ययन में, इस कोहोर्ट ने देश भर में सीरो-पॉजिटिविटी का पता लगाने और संपर्क से होने वाले संक्रमण के अतिसंवेदनशील समूहों की पहचान करने में सक्षम बनाया। लॉन्गिट्यूडनल डिजाइन सीरो-पॉजिटिव व्यक्तियों पर नजर रखने और इन एंटीबॉडीज की स्थिरता पर जानकारी प्रदान करने में सक्षम है।

इस बहु केंद्रित कार्यक्रम में लगभग 5,000 सीएसआईआर कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और उनके परिजनों के मल्टी-पैरामीट्रिक डेटा के समवर्ती संग्रह के साथ उनके जैविक नमूनों का देशांतर संग्रह और जैव बैंकिंग शामिल है। साथ ही इसमें नैदानिक ​​प्रश्नावली, जीवन शैली और आहार की आदतें, एंथ्रोपोमेट्रिक मानदंडों, इमेजिंग / स्कैनिंग, जैव रासायनिक डेटा और जीनोमिक्स, प्लाज्मा प्रोटिओमिक्स और मेटाबोलॉमिक्स सहित आणविक डेटा शामिल है। केंद्रीय डेटा सर्वर में जमा डेटा का विश्लेषण मजबूत व्यक्तिगत और उससे जुड़ी निगरानी को विकसित करने के लिए किया गया था, जिसमें आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस आधारित साधनों का उपयोग करके जोखिम के कारकों की पहचान करने और विभिन्न संक्रामक (कोविड-19) और गैर संक्रामक बीमारियों (सीवीडी, मधुमेह) के लिए जोखिम से निपटने की क्षमता विकसित करने में मदद करेगा। यह भारतीय जनसंख्या पर लागू होगा। जब जैव नमूनों के संग्रहण और बिग डेटा के इस्तेमाल में फिनोम के विश्लेषण जोड़ा जाएगा तो इससे विशेष रूप से पुराने गैर-संचारी चयापचय रोगों के लिए नैदानिक और रोग के पूर्व लक्षणों की पहचान और विकास को निर्धारित करने में जानकारियों का खजाना मिल सकता है, जो भारत में एक उभरता हुआ स्वास्थ्य संकट है।

एसी पावर्ड इंटेलिजेंट, रिमोट कंट्रोल्ड यूवीसी एलईडी स्टर्लाइजर यूनिट

सीएसआईआर-सीएमईआरआई ने इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स (मोबाइल फोन, रिमोट, पावर बैंक आदि) और मास्क, चाबी के गुच्छों, घड़ियों, पर्स, करेंसी नोट, चश्मे, आभूषणों आदि व्यक्तिगत इस्तेमाल के सामानों को कीटाणुमुक्त करने के लिए यूवीसी एलईडी आधारित एक बुद्धिमत्तापूर्ण, अल्ट्रा-पोर्टेबिल, सुरक्षित कीटाणुशोधन तकनीक विकसित की है। यह रसायन रहित, गर्मी से मुक्त और बिना ओजोन की मानक यूवीसी खुराक के साथ कीटाणुशोधन में दक्ष, उच्च गुणवत्ता वाली, पर्यावरण अनुकूल, शॉर्ट वेव लेंथ (275 एनएम) की लंबे समय तक चलने वाली एलईडी आधारित स्वच्छ प्रौद्योगिकी है। प्रणाली में टाइमर, डिस्प्ले, बजर और एलईडी आधारित कार्यक्षमता शामिल है जो कीटाणुशोधन चक्र के अंत या कम बैटरी स्तर का संकेत देती है। यह मानक 220वी एसी बिजली की आपूर्ति के माध्यम से संचालित होता है। यह प्रौद्योगिकी एक एमएसएमई मैसर्स ए. आर. इन्फोटेक, मध्यमग्राम, पश्चिम बंगाल को हस्तांतरित कर दी गई है।

टाटा स्टील जमशेदपुर से सीमा सड़क संगठन परियोजना अरुणांक, ईटानगर, अरुणाचल प्रदेश तक स्टील स्लैग एग्रीगेट्स रेलवे रैक को वर्चुअल माध्‍यम से झंडी दिखाकर रवाना किया गया

अरुणाचल प्रदेश में सड़कों के निर्माण के लिए सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) को स्टील स्लैग एग्रीगेट्स की एक विशेष खेप रवाना की गई। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद सिंह ने टाटा स्टील, जमशेदपुर से सीमा सड़क संगठन परियोजना अरुणांक, ईटानगर, अरुणाचल प्रदेश तक 1600 मीट्रिक टन प्रसंस्कृत स्टील स्लैग एग्रीगेट्स रेलवे रैक को वर्चुअल समारोह में हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

सीएसआईआर की नई टैगलाइन सीएसआईआर - द इनोवेशन इंजन ऑफ इंडिया जारी और देशव्यापी अभियान एक सप्ताह, एक प्रयोगशाला का शुभारम्भ

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद सिंह ने नई दिल्ली में सीएसआईआर के शासी निकाय की 200वीं बैठक को संबोधित किया; इस दौरान माननीय मंत्री ने सीएसआईआर की नई टैगलाइन “सीएसआईआर - द इनोवेशन इंजन ऑफ इंडिया” जारी की।

केंद्रीय मंत्री ने “एक सप्ताह एक प्रयोगशाला (वन वीक, वन लैब)” की विषयवस्तु पर आधारित इस अभियान का भी शुभारम्भ किया, जिससे गहन तकनीकी स्टार्टअप उपक्रमों के माध्यम से अवसरों की तलाश करने के लिए युवा नवोन्मेषकों, छात्रों, स्टार्ट-अप्स, शिक्षाविदों एवं उद्योगों मेधा के प्रज्वलित होने की सम्भावना है।

अभियान के तहत देश भर में फैली सीएसआईआर की सभी 37 प्रयोगशालाएं/संस्थान, प्रत्येक क्रमिक सप्ताह में एक के बाद एक, अपने विशिष्ट नवाचारों और तकनीकी सफलताओं को राष्ट्र के लोगों के सामने प्रदर्शित करेंगे।

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