पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय
वर्षांत समीक्षा- पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय
तटीय जिलों के समग्र विकास के लिए सागरमाला कार्यक्रम के तहत 59,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के साथ 567 परियोजनाओं की पहचान की गई
तटीय नौवहन यातायात 2014 में 74.9 एमएमटीए से बढ़कर 2022 में 133 एमएमटीपीए हो गया
वित्त वर्ष 2025 तक पीपीपी मॉडल के तहत 42,400 करोड़ रुपये से अधिक की 81 परियोजनाओं की मजबूती
जवाहरलाल नेहरू पोर्ट पहला 100 प्रतिशत लैंडलॉर्ड मेजर पोर्ट बना
पहला अतुल्य भारत अंतर्राष्ट्रीय क्रूज सम्मेलन 2022 मुंबई में आयोजित किया गया
सीएसएल ने भारतीय नौसेना को प्रतिष्ठित स्वदेशी विमान वाहक (आईएसी) 'विक्रांत' की डिलिवरी करते हुए रचा इतिहास: विक्रांत की डिलिवरी के साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया जिनके पास विमान वाहक पोत के डिजाइन एवं विनिर्माण की स्वदेशी क्षमता है
Posted On:
27 DEC 2022 3:36PM by PIB Delhi
सागरमाला कार्यक्रम
- अवधारणा
मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित सागरमाला परियोजना के लिए संस्थागत ढांचा। इस ढांचे के शीर्ष स्तर पर समग्र नीतिगत मार्गदर्शन एवं उच्चस्तरीय समन्वय और योजना एवं परियोजनाओं के नियोजन एवं कार्यान्वयन के पहलुओं की समीक्षा करने के लिए एक राष्ट्रीय सागरमाला एपेक्स कमेटी का गठन किया गया है। इस समिति को नीतिगत दिशा प्रदान करने, पहल के कार्यान्वयन के लिए मार्गदर्शन और समुद्री योजना के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा करने का अधिकार दिया गया है। अब तक सागरमाला के पास 5.4 लाख करोड़ रुपये की 802 परियोजनाएं निगरानी में हैं। इनमें से 1.12 लाख करोड़ रुपये की 220 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, 2.21 लाख करोड़ रुपये की 231 परियोजनाएं क्रियान्वित किए जा रहे हैं और शेष परियोजनाएं विकास के विभिन्न चरणों में हैं। इसके अलावा, तटीय जिलों के समग्र विकास के लिए तटीय बुनियादी ढांचा विकास, तटीय औद्योगिक विकास, तटीय पर्यटन विकास एवं तटीय सामुदायिक विकास जैसे चार स्तंभों के तहत 59,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के साथ 567 परियोजनाओं की पहचान की गई है।
- राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर, लोथल
पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय ने लोथल में एक राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर की स्थापना को मंजूरी दी है जिसे 3 चरणों में स्थापित करने का प्रस्ताव है। यह हड़प्पा काल से भारत की समृद्ध समुद्री विरासत को प्रदर्शित करने के लिए देश में अपने प्रकार का पहला विश्वस्तरीय संग्रहालय परिसर और एक अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल होगा। गुजरात सरकार ने सरगवाड़ा गांव में 375 एकड़ जमीन टोकन रेट पर 99 साल के पट्टे के साथ पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय को हस्तांतरित कर दी है। इस परियोजना के लिए ईपीसी अनुबंध मार्च 2022 में मैसर्स टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को दिया गया। साथ ही इस परियोजना के आवश्यक आंतरिक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए गुजरात सरकार से 150 करोड़ की पहली किस्त प्राप्त हो चुकी है। सागरमाला के तहत अब तक 122 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं।
- रो-रो/रो-पैक्स
जलमार्ग परिवहन किफायती होने के साथ-साथ पर्यावरण के अनुकूल परिवहन का साधन भी है। इस वजह से पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय ने सागरमाला कार्यक्रम के तहत कई मार्गों पर रो-रो/रो-पैक्स और यात्री जेटी परियोजनाएं शुरू की हैं। गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्यों में 15 नई परियोजनाओं की पहचान की गई है जिससे सागरमाला कार्यक्रम के तहत रो-रो/रो-पैक्स जेट्टी परियोजनाओं की संख्या बढ़कर 71 हो चुकी है। सागरमाला वित्तपोषण योजना के तहत कुल 207 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता के साथ 9 परियोजनाएं पहले ही पूरी हो चुकी हैं। इनमें से एक प्रमुख प्रभावशाली परियोजना नवंबर, 2020 से शुरू हुई घोघा-हजीरा के बीच रो-पैक्स फेरी है। इसके परिणामस्वरूप 15,000 से अधिक ट्रकों, 50,000 कारों और अब तक करीब 2 लाख यात्रियों को त्वरित आवाजाही की सुविधा मिली है। साथ ही इस मार्ग पर यात्रा समय 10 घंटे से घटकर 4 घंटे रह गया है। इसी प्रकार, मुंबई में सड़क पर भीड़भाड़ को कम करने के लिए सरकार ने नवंबर, 2022 से मुंबई-मांडवा के बीच फेरी सेवा शुरू की। इससे सड़क मार्ग से समुद्र की दूरी 109 किमी से घटकर 18.5 किमी रह गई है जबकि समय 3 घंटे से घटकर सिर्फ 45 मिनट रह गया है। इससे अब तक 5.5 लाख से अधिक यात्रियों और 1 लाख से अधिक वाहनों की आवाजाही के साथ यात्रियों को काफी राहत मिली है। उत्तर-दक्षिण गुवाहाटी, धुबरी-हाटसिंगमारी, माजुली-नेमाती, वेलिंगटन द्वीप-बोलगाटी आदि कई मार्गों पर भी सेवाएं शुरू की गई हैं।
- तटीय नौवहन
सागरमाला के तहत तटीय नौवहन को बढ़ावा देना मंत्रालय की सर्वोच्च प्राथमिकता है और मंत्रालय ने देश में तटीय नौवहन को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं। इस रफ्तार बरकरार रखने और तटीय व्यापार के विकास गति देने के लिए एशियाई विकास बैंक द्वारा भारत में तटीय नौवहन के विकास पर 2025 तक के लिए एक योजना तैयार की गई है। बदलाव को प्रोत्साहित करने के लिए तटीय जहाजों को विदेश जाने वाले जहाजों की तुलना में बंदरगाह शुल्क में 40 प्रतिशत की छूट प्रदान की जा रही है। अन्य उपायों में बंकर ईंधन पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करना, कार्गो जहाजों के लिए कैबोटेज छूट, अंतर्देशीय एवं तटीय कार्गो का एकीकरण, भारतीय शिपिंग कंपनियों को सब्सिडी सहायता, तटीय कार्गो के लिए ग्रीन चैनल मंजूरी और प्रमुख बंदरगाहों पर तटीय जहाजों के लिए प्राथमिकता के आधार पर बर्थ आदि शामिल हैं। भारत सरकार विशेष तटीय बर्थों, प्लेटफॉर्मों या जेट्टी के निर्माण या उन्नयन, तटीय बर्थों के मशीनीकरण और पूंजी के लिए सहायता प्रदान कर रही है। विभिन्न बंदरगाहों पर पांच समर्पित तटीय बर्थ का निर्माण पहले ही को चुका है जबकि छह अन्य विभिन्न बंदरगाहों पर निर्माणाधीन हैं। पीएम गतिशक्ति और राष्ट्रीय लॉजिस्टिक पोर्टल के साथ ही तटीय नौवहन को और बढ़ावा मिलेगा। साथ ही इससे समग्र लॉजिस्टिक लागत को कम करने के लक्ष्य को हासिल करने में भी मदद मिलेगी। तटीय नौवहन यातायात 2014 में 74.9 एमएमटीपीए से बढ़कर 2022 में 133 एमएमटीपीए हो गया।
- क्रूज टर्मिनल
सागरमाला कार्यक्रम के तटीय नौवहन और आईडब्ल्यूटी स्तंभ के तहत विभिन्न परियोजनाएं विशेष रूप से क्रूज यात्री परिवहन को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। मुंबई के इंदिरा डॉक पर सागरमाला के तहत 303 करोड़ रुपये की कुल लागत के साथ अंतर्राष्ट्रीय क्रूज टर्मिनल का उन्नयन/ आधुनिकीकरण किया जा रहा है। इसके अलावा, मंत्रालय रिवरफ्रंट सौंदर्यीकरण कार्य के साथ-साथ रिवर क्रूज टर्मिनल और रिवर पर्यटन सुविधा के विकास के लिए श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट को सहायता प्रदान कर रहा है।
- फ्लोटिंग जेट्टी
वाटर एयरोड्रोम/ फ्लोटिंग जेट्टी के विकास के लिए, फ्लोटिंग जेट्टी/ प्लेटफॉर्म की उपयुक्तता और उनके व्यापक प्रदर्शन मानदंड एवं विशेषताओं और लोडिंग एवं स्थिरता सहित कार्यान्वयन के लिए विभिन्न तकनीकी पहलुओं पर मंत्रालय द्वारा दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। साथ ही पश्चिम बंगाल और झारखंड में पहचान किए गए 8 स्थानों पर पूर्व-व्यवहार्यता अध्ययन करने के लिए श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह प्राधिकरण (एसएमपीए) को मंजूरी दी गई है। पहचान किए गए स्थानों पर पूर्व-व्यवहार्यता अध्ययन करने के लिए सफल बोलीदाता को आशय पत्र (एलओआई) जारी किया गया है।
(viii) तटीय सामुदायिक विकास
मंत्रालय मछुआरा समुदाय के कल्याण के लिए मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय के साथ मिलकर केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित योजना 'प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के तहत फिशिंग हार्बर परियोजनाओं का आंशिक वित्तपोषण कर रहा है। सागरमाला कार्यक्रम के तहत मंत्रालय ने 549.03 करोड़ रुपये की कुल अनुमानित परियोजना लागत के साथ प्रमुख बंदरगाहों पर 5 प्रमुख फिशिंग हार्बर का आधुनिकीकरण किया है। एक नई पहल के तहत मंत्रालय ने फ्लोटिंग जेट्टी के विकास के लिए विभिन्न तटीय राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों में कुल 166 स्थानों की पहचान की है। मंत्रालय ने आईआईटी, चेन्नई के परामर्श से और एक डेस्कटॉप विश्लेषण के आधार पर फ्लोटिंग जेट्टी के विकास के लिए इनमें से 50 स्थानों को प्राथमिकता दी है।
- कौशल विकास
बंदरगाह एवं समुद्री क्षेत्र में कौशल विकास के लिए सागरमाला दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (डीडीयूजीकेवाई) का दूसरा चरण गुजरात, केरल, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में प्रगति पर है। इस कार्यक्रम के दूसरे चरण के तहत 2,400 लोगों को प्रशिक्षित किया गया है जिनमें से लगभग 1,200 लोगों को लॉजिस्टिक, शिप ब्रेकिंग, पर्यटन और आतिथ्य उद्योगों में रखा गया है। सभी प्रमुख बंदरगाहों पर मल्टी-स्किल डेवलपमेंट सेंटर (एमएसडीसी) स्थापित किए जा रहे हैं। जवाहरलाल नेहरू पोर्ट से जुड़े एमएसडीसी चालू हो चुके हैं। इसके अलावा, अलंग शिप ब्रेकिंग यार्ड के सुरक्षा प्रशिक्षण संस्थान में 39,000 से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया गया है।
सार्वजनिक निजी भागीदारी
- नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (एनएमपी)
- मंत्रालय के पास 42,400 करोड़ रुपये से अधिक की 81 परियोजनाओं की एक स्पष्ट और मजबूत कार्ययोजना है जो वित्त वर्ष 2025 तक पीपीपी मॉडल के तहत आवंटित की जाने वाली हैं।
- वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 6,944 करोड़ रुपये मूल्य की 13 परियोजनाओं को सरकार ने मंजूरी दे दी है। 5,278 करोड़ रुपये की 7 परियोजनाएं पहले ही आवंटित की जा चुकी हैं और अन्य बोली प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में हैं।
- वित्त वर्ष 2022-23 में 12,550 करोड़ रुपये मूल्य की 24 परियोजनाएं आवंटन के लिए निर्धारित हैं। इनमें से 7 परियोजनाओं को सरकार से मंजूरी मिल चुकी है, 343 करोड़ रुपये की एक परियोजना का आवंटन हो चुका है और अन्य निविदा/ विकास चरण के में हैं।
- वित्त वर्ष 2024 और वित्त वर्ष 2025 से पीपीपी मॉडल के लिए 22,790 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की शेष 44 परियोजनाओं की पहचान की गई है।
- वर्ष 2030 तक कार्गो की मात्रा 1.7 से 2 गुना (2020 के) के बीच बढ़ने की उम्मीद है। इसके साथ ही पीपीपी या अन्य ऑपरेटरों द्वारा प्रमुख बंदरगाहों पर कार्गो का प्रतिशत वर्ष 2030 तक 85 प्रतिशत तक पहुंचने के आसार हैं।
- टूना टेकरा के समीप बहुउद्देशीय कार्गो बर्थ का विकास
कांदला के कच्छ की खाड़ी में टूना टेकरा के समीप एक बहुउद्देशीय कार्गो (कंटेनर/लिक्विड के अलावा) का सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड के तहत बिल्ड, ऑपरेट एंड ट्रांसफर (बीओटी) के आधार पर 2,250.64 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से विकास किया जाएगा। इसके लिए आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति के जरिये सरकार ने मंजूरी दे दी है। इस बर्थ के विकास से इसे एक रणनीतिक लाभ मिलेगा क्योंकि यह भारत के उत्तरी भाग के विशाल भीतरी इलाकों को सेवा प्रदान करने वाला सबसे निकटतम कंटेनर टर्मिनल होगा।
- टूना टेकरा में कंटेनर टर्मिनल का विकास
दीनदयाल पोर्ट के टूना टेकरा पर एक कंटेनर टर्मिनल का विकास सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड के तहत बिल्ड, ऑपरेट एंड ट्रांसफर (बीओटी) के आधार पर 4,243.64 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति के जरिये सरकार ने मंजूरी दे दी है। इस परियोजना के चालू होने से कंटेनर कार्गो यातायात में भविष्य में होने वाली वृद्धि से निपटने में मदद मिलेगी।
बंदरगाह क्षेत्र
- डिजिटलीकरण
प्रमुख बंदरगाहों पर महत्वपूर्ण एक्जिम प्रक्रियाओं के डिजिटलीकरण की दिशा में कई उल्लेखनीय कदम उठाए गए हैं। पीसीएस 1x पर कस्टोडियन द्वारा कार्गो की भौतिक रिहाई के लिए इलेक्ट्रॉनिक चालान (ई-चालान), इलेक्ट्रॉनिक भुगतान (ई-भुगतान) और इलेक्ट्रॉनिक डिलीवरी ऑर्डर (ई-डीओ) जैसी प्रक्रियाओं को डिजिटल किया गया है। इसके अलावा, इलेक्ट्रॉनिक बिल ऑफ लैडिंग (ई-बीएल) तैयार करने की प्रक्रिया और लेटर ऑफ क्रेडिट (एलसी) प्रक्रिया को पीसीएस 1x में पहले ही डिजिटल किया जा चुका है। पीसीएस 1x और इंडियन कस्टम्स ईडीआई गेटवे (आईसीईजीएटीई) का पूरी तरह एकीकरण भी होने जा रहा है। इसके अलावा पीसीएस 1x को राष्ट्रीय लॉजिस्टिक पोर्टल मरीन (एनएलपी मरीन) में बूटस्ट्रैप करने की प्रक्रिया पहले से ही चल रही है जो सभी समुद्री हितधारकों के लिए एक एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य करेगी। एनएलपी मरीन + पीसीएस 1x प्लेटफॉर्म की परिकल्पना बंदरगाह, टर्मिनल शिपिंग लाइन/ एजेंट, सीएफएस और सीमा शुल्क ब्रोकर, आयातक/ निर्यातक आदि विभिन्न हितधारकों के साथ सभी बातचीत के लिए एक केंद्रीय हब के रूप में की गई है।
एनएलपी-एम का पीसीएस मॉड्यूल आंशिक रूप से 5/12/2022 को जारी किया गया है। एनएलपी-एम को मौजूदा संदेशों के लिए एसएफटीपी के जरिये आईसीईजीएटीई के साथ एकीकृत किया गया है। आगे एससीएमटीआर संदेशों के लिए एलपी-एम-आईसीईजीएटीई को एपीआई के साथ एकीकृत किया जा रहा है। 11 एपीआई पेलोड में से 7 एपीआई पेलोड को एकीकृत किया गया है।
इसके अलावा, रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस (आरएफआईडी) समाधान को सभी प्रमुख बंदरगाहों पर लागू किया गया है ताकि पोर्ट गेट्स पर ट्रैफिक की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित हो सके जिसमें दस्तावेजों की जांच में उल्लेखनीय कमी भी शामिल है। सभी प्रमुख बंदरगाहों ने रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस (आरएफआईडी) को पहले ही लागू कर दिया है। मेरीटाइम इंडिया विजन 2030 में आईजीओटी, लेनदेन में आसानी के लिए ब्लॉकचेन और रियल टाइम ट्रैकिंग जैसी नई प्रौद्योगिकी के उन्नयन एवं एकीकरण की परिकल्पना की गई है।
- प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरण अधिनियम, 2021
प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरण अधिनियम 2021 (2021 का 1) 03.11.2021 से प्रभावी हो गया है। भारत के राजपत्र में इस अधिनियम के तहत पांच नियम 22 नवंबर 2021 को अधिसूचित किए गए। छठा नियम यानी 'प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरण (चयरपर्सन, डिप्टी चेयरपर्सन एवं बोर्ड सदस्य) नियम, 2022' को 26.09.2022 को अधिसूचित किया गया।
- प्रमुख बंदरगाहों के लिए मध्यस्थता एवं सुलह समिति
मध्यस्थता अथवा अदालतों के जरिये वाणिज्यिक विवादों के समाधान में काफी समय लग जाता है और यह प्रमुख बंदरगाह जैसी वाणिज्यिक संस्थाओं के लिए वित्तीय तौर पर काफी बोझिल हो जाता है। इसलिए एक वैकल्पिक विवाद समाधान ढांचे के तौर पर अक्टूबर 2021 में प्रमुख बंदरगाहों के लिए एक मध्यस्थता एवं सुलह समिति (सीएससी) की स्थापना की गई। इसमें स्वतंत्र विशेषज्ञों को शामिल किया गया है और विवाद समाधान के लिए 6 महीने का समय, सफलता के आधार पर शुल्क आदि कई नई विशेषताओं को शामिल किया गया है। यह विवाद समाधान ढांचा विवाद को अंतिम रूप देते हुए पक्षों के बीच समझौता कराएगा। इस प्रकार समाधान के लिए किसी मध्यस्थता या अदालत की आवश्यकता नहीं होगी।
समिति ने दिसंबर 2021 में मोरमुगाओ पोर्ट अथॉरिटी और रोडविंग्स इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के वाणिज्यिक विवाद को निपटाने की पहल की थी। बर्थ नंबर 10 और 11 पर 5 साल की अवधि के लिए 'आपूर्ति, परिचालन, कंटेनर हैंडलिंग उपकरणों के रखरखाव, लॉजिस्टिक और यार्ड प्रबंधन के अनुबंध पर 2018 में विवाद शुरू गया था। उसके बाद करीब चार साल तक दोनों पक्ष वाणिज्यिक विवादों उलझे रहे। हालांकि इस समिति के सुझाव, सहायता और सलाह के साथ दोनों पक्ष पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समझौते पर पहुंचे, जिसे 1 मार्च, 2022 को मध्यस्थों द्वारा सत्यापित किया गया। इस प्रकार विवाद को 3 बैठक में और सीएससी के की मदद से 3 महीने के भीतर पारस्परिक तौर पर निपटा लिया गया।
- डीएफसी अनुपालन के साथ रेल यार्ड का उद्घाटन
केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री ने 15.05.2022 को जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी (जेएनपीए) में डीएफसी अनुपालन के साथ रेल यार्ड और हाल में पुनर्निर्मित प्रशासनिक भवन का उद्घाटन किया। उन्होंने पहली स्थायित्व रिपोर्ट भी जारी की और बंदरगाह पर विभिन्न बुनियादी ढांचे एवं विकास परियोजनाओं की समीक्षा की।
- जेएनपीए एसईजेड इन्वेस्टर कॉन्क्लेव 2022
जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी (जेएनपीए) ने निवेशकों से निवेश आकर्षित करने और उन्हें देश की बंदरगाह आधारित अर्थव्यवस्था में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के साथ मिलकर 27.05.2022 को मुंबई में 'जेएनपीए एसईजेड इन्वेस्टर कॉन्क्लेव 2022' का आयोजन किया। बंदरगाह आधारित औद्योगीकरण के उद्देश्य के अनुरूप इस बहुउत्पाद विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) परियोजना का विकास जेएन पोर्ट द्वारा 277.38 हेक्टेयर फ्रीहोल्ड भूमि किया गया है जिसमें बंदरगाह की भूमि उपयोग योजना भी शामिल है। यह औद्योगिक केंद्र भारत का पहला बंदरगाह आधारित चालू बहुउत्पाद एसईजेड है।
- कोचिन पत्तन प्राधिकरण को मोहलत
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 14.06.2022 को कोचिन पत्तन प्राधिकरण (सीओपीए) के लिए भारत सरकार के ऋण की 446.83 करोड़ की बकाया राशि की अदायगी के लिए तीन साल (2020-21, 2021-22 और 2022-23) की मोहलत को मंजूरी ताकि उसे कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण वित्तीय संकट से उबरने में मदद मिल सके।
- जवाहरलाल नेहरू पोर्ट पहला शत-प्रतिशत लैंडलॉर्ड मेजर पोर्ट बना
जवाहरलाल नेहरू पोर्ट (जेएनपी) की शुरुआत से ही पिछले 25 वर्षों के दौरान पीपीपी मोड के तहत भारतीय बंदरगाहों में निवेश में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। इसके परिणामस्वरूप क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि और उत्पादकता में काफी सुधार हुआ है। अब जेएनपी शत-प्रतिशत लैंडलॉर्ड पोर्ट बनने वाला देश का पहला प्रमुख बंदरगाह बन गया है जहां सभी बर्थ पीपीपी मॉडल पर संचालित हो रहे हैं। जेएनपीए ने 28.06.2022 को जेएम बक्सी पोर्ट्स एंड लॉजिस्टिक्स लिमिटेड और कंसोर्टियम के सदस्य सीएमए टर्मिनल्स को आवंटन पत्र (एलओए) दिया और 29.07.2022 को रियायत समझौते पर हस्ताक्षर किए। जवाहरलाल नेहरू पोर्ट कंटेनर टर्मिनल (जेएनपीसीटी) में 680 मीटर लंबे और 15 मीटर चौड़े कुल 2 बर्थ हैं जिन्हें पीपीपी अनुबंध के तहत 30 साल के लिए 54.74 हेक्टेयर के बैकअप क्षेत्र के साथ सौंपे जाएंगे। कंसेस्नायर को पीपीपी आधार पर इस टर्मिनल का उन्नयन, संचालन, रखरखाव और हस्तांतरण करना होगा।
- रो-पैक्स/ पैसेंजर फेरी को बंदरगाह एवं जहाज संबंधी शुल्कों से छूट
तेल विपणन कंपनियों द्वारा समुद्री जहाज ईंधन की कीमतों में की गई वृद्धि के प्रभाव से कुछ राहत प्रदान करने के लिए पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय ने सभी प्रमुख बंदरगाहों को निर्देश दिया है कि वे रो-पैक्स/ पैसेंजर फेरी पर लगाए जा रहे सभी मौजूदा बर्थ किराया एवं जहाज संबंधी शुल्कों से छूट दें। यह छूट जुलाई, 2022 से प्रभावी होकर अगले छह महीनों के लिए दी जाएगी।
- केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री की उपस्थिति में चाबहार दिवस
इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल के सहयोग से मंत्रालय ने 30.07.2022 को 'चाबहार दिवस' मनाया। इसका उद्देश्य आईपीजीएल द्वारा संचालित चाबहार बंदरगाह को इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर (आईएनएसटीसी) के लिंक के रूप में बढ़ावा देना है जो मुंबई में मध्य एशियाई बाजारों को जोड़ता है। कार्यक्रम के दौरान मध्य एशियाई देशों के प्रतिनिधियों ने इस बात पर प्रकाश डाला कि आईएनएसटीसी के साथ चाबहार लिंक किस प्रकार उनके क्षेत्रों में एक्जिम व्यापार को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। साथ ही उन्होंने बताया कि इसमें चारों ओर स्थल वाले देशों में विकास को बढ़ावा देने की क्षमता है। दिन भर चलने वाले कार्यक्रम के दौरान कई प्रस्तुतियां दी गईं और सरकार से व्यापार पर सत्र आयोजित हुए।
(x) केंद्रीय मंत्री की ईरान यात्रा
केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग और आयुष मंत्री ने बंदरगाह के विकास में प्रगति की समीक्षा करने के लिए 20.08.2022 को ईरान के चाबहार में शाहिद बेहेस्ती बंदरगाह का दौरा किया। केंद्रीय मंत्री ने बंदरगाह की कार्गो हैंडलिंग क्षमता में सुधार के लिए चाबहार बंदरगाह पर इंडियन पोर्ट्स ग्लोबल चाबहार फ्री ट्रेड जोन (आईपीजीसीएफटीजेड) को छह मोबाइल हार्बर क्रेन भी सौंपे। केंद्रीय मंत्री के साथ ईरान में भारत के राजदूत भी मौजूद थे।
(xi) केंद्रीय मंत्री द्वारा किया गया उद्घाटन और शिलान्यास
केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री ने सतत विकास में चैंपियन बनाने के लिए 14.08.2022 को चेन्नई बंदरगाह पर दो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की आधारशिला रखी। इन दोनों संयंत्रों की संयुक्त क्षमता 130 किलो लीटर प्रति दिन (केएलडी) आंकी गई है जिसमें एक 90 केएलडी और दूसरा 40 केएलडी क्षमता का संयंत्र है। इन संयंत्रों के जरिये प्रॉसेस्ड जल का उपयोग बंदरगाह के भीतर ताजे पानी के उपयोग पर निर्भरता को कम करने के लिए किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री द्वारा कंटेनर स्कैनर के जरिये एक नई पहल का उद्घाटन भी किया गया ताकि बड़े पैमाने पर उत्पादन और व्यापार को बढ़ावा दिया जा सके।
- प्रधानमंत्री द्वारा एनएमपी परियोजनाओं का उद्घाटन/ शिलान्यास
प्रधानमंत्री ने 2 सितंबर 2022 को न्यू मंगलूर पोर्ट (एनएमपी) के अपने दौरे के दौरान 1,277 करोड़ रुपये की 6 परियोजनाओं का उद्घाटन/ शिलान्यास किया। डीबीएफओटी आधार पर बर्थ नंबर 14 पर कंटेनर हैंडलिंग एवं अन्य कार्गो का मशीनीकरण परियोजना का उद्घाटन किया गया। इस दौरान कुलई में खाद्य तेल, एलपीजी, बिटुमन के लिए 4 स्टोरेज टैंक फार्म स्थापित करने और मत्स्य बंदरगाह के निर्माण के लिए आधारशिला रखी गई।
(xiii) तमिलनाडु के तूतीकोरिन में 231.21 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का अनावरण
केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री ने 30 सितंबर, 2022 को तमिलनाडु के तूतीकोरिन में 231.21 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का अनावरण किया। बंदरगाह आधारित उद्योगों के विकास के लिए 1300 एकड़ में फैले तूतीकोरिन एसपीईईडीजेड (तटीय रोजगार इकाई) भूमि के शिलान्यास के अलावा 100 करोड़ रुपये और 65.53 करोड़ रुपये की लागत वाले इनर हार्बर विकास कार्यों (बंदरगाह के प्रवेश मार्ग को चौड़ा करना और चौड़े हिस्से को ड्रेज करना) की आधार शिला रखी गई। साथ ही 16 करोड़ रुपये की लागत से अपग्रेडेड कोल यार्ड रोड एवं ड्रेनेज सिस्टम, 18.79 करोड़ रुपये की लागत वाली ऑयल जेट्टी में फिक्स्ड फायर फाइटिंग सिस्टम और 1.15 करोड़ रुपये की लागत से 22 केवी एचटी विद्युत नेटवर्क का उद्घाटन किया गया।
- स्वच्छ सागर सुरक्षित सागर अभियान
सभी प्रमुख बंदरगाहों ने स्वच्छ सागर सुरक्षित सागर अभियान में सक्रियता से भाग लिया और इसके तहत जागरूकता गतिविधियों का आयोजन किया। इसमें समुद्र तटों, तटीय सड़कों, बंदरगाह परिसर आदि पर सफाई अभियान शामिल थे। अभियान के तहत बड़ी मात्रा में प्लास्टिक के कचरे एवं अन्य कूड़े एकत्रित किए गए।
(xv) राष्ट्रपति द्वारा शिलान्यास
राष्ट्रपति ने 03.10.2022 को गुजरात के कांडला में दीनदयाल पोर्ट पर 280 करोड़ रुपये से अधिक की चार परियोजनाओं की आधारशिला रखी। ये परियोजनाएं बंदरगाह के बुनियादी ढांचे के साथ-साथ उसके लॉजिस्टिक प्रदर्शन को बेहतर करने और पूरे भीतरी इलाकों के लिए समग्र आर्थिक विकास में मदद करेंगी। इन परियोजनाओं से जहाजों के टर्नअराउंड समय में सुधार होने के साथ-साथ कार्गो की तेजी से निकासी एवं बंदरगाह की कार्गो हैंडलिंग क्षमता भी बेहतर होगी।
- पारादीप अस्पताल में आपातकालीन विभाग
पारादीप पोर्ट के अध्यक्ष द्वारा पारादीप पोर्ट अस्पताल में एक सुसज्जित 'आपातकालीन विभाग' का उद्घाटन किया गया। वहां गंभीर मरीजों की देखभाल के लिए डॉक्टर सहित सभी स्टाफ सातो दिन चौबीस घंटे उपलब्ध होंगे।
(xvii) प्रधानमंत्री का विशाखापत्तनम दौरा
प्रधानमंत्री ने 10,742 करोड़ रुपये की लागत की कई परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करने और उन्हें राष्ट्र को समर्पित करने के लिए 12.11.2022 को विशाखापत्तनम का दौरा किया। माननीय प्रधानमंत्री ने पोर्ट रोड के कॉन्वेंट जंक्शन से शीला नगर तक 566 करोड़ रुपये की लागत वाली परियोजना और 152 करोड़ रुपये की लागत से विशाखापत्तनम फिशिंग हार्बर के आधुनिकीकरण एवं उन्नयन परियोजना की आधारशिला रखी।
(xviii) पीएम गति शक्ति मल्टीमॉडल मैरीटाइम समिट 2022
केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग राज्य मंत्री ने 23.11.2022 को कोलकाता में पीएम गति शक्ति मल्टीमॉडल मैरीटाइम समिट 2022 में भाग लिया। इसका आयोजन श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट द्वारा समुद्री एवं लॉजिस्टिक उद्योग में बदलाव की आवश्यकता को उजागर करने के लिए किया गया था। पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान ने दूरदराज तक कनेक्टिविटी के लिए कुशल लॉजिस्टिक और लागत में सुनिश्चित की है। विशाखापत्तनम पोर्ट ने भी 22.11.2022 और 23.11.2022 को पीएम गति शक्ति मैरीटाइम समिट 2022 का आयोजन किया।
- बंदरगाह का प्रदर्शन
चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2022-23) में अप्रैल से नवंबर के दौरान प्रमुख बंदरगाहों पर यातायात हैंडलिंग में पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 8.78 प्रतिशत की वृद्धि हुई। यह पिछले वर्ष के 46.619 करोड़ टन से बढ़कर इस वर्ष 50.712 करोड़ टन हो गई।
- कंटेनर हैंडलिंग
कंटेनर यातायात के मामले में अप्रैल से नवंबर 2022 के दौरान जेएनपीए पर 39,29,735 टीईयू की हैंडलिंग हुई जो अप्रैल से नवंबर 2021 में 36,52,474 टीईयू के मुकाबले 7.59 प्रतिशत अधिक है। नवंबर 2022 के दौरान, जेएनपीए ने 559 कंटेनर रेक और 79,765 टीईयू की हैंडलिंग की जबकि नवंबर 2021 में उसने 515 रेक और 80,704 टीईयू की हैंडलिंग की थी। अप्रैल से नवंबर 2022 के दौरान, जेएनपीए ने पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के दौरान 4,133 रेक और 651,654 टीईयू की तुलना में 4,352 कंटेनर रेक और 674,243 टीईयू को संभाला।
अंतर्देशीय जल परिवहन
- केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री द्वारा नई परियोजनाओं का उद्घाटन
- केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री और केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री द्वारा 5 फरवरी, 2022 को एफसीआई के खाद्यान्न ले जाने वाले एमवी लाल बहादुर शास्त्री को पटना से पांडु के लिए रवाना किया गया।
- आईडब्ल्यूटी के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री ने 16 फरवरी, 2022 को हल्दिया डॉक कॉम्प्लेक्स में मैसर्स टाटा स्टील लिमिटेड के 1798.27 मीट्रिक टन रिम टीएमटी से लदे डंब बार्गे एपीजे अब्दुल कलाम और कल्पना चावला के साथ एमवी राम प्रसाद बिस्मिल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
- केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग और कृषि मंत्री ने देश के विभिन्न भागों में जिप्सम की आपूर्ति करने के लिए बल्क कार्गो (जिप्सम) की खेप को एमवी दृष्टि को इफको रिवराइन जेट्टी से पारादीप बंदरगाह के लिए रवाना किया।
- असम के डिब्रूगढ़ के बोगीबील में 19 सितंबर 2022 को केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री की उपस्थिति में बोगीबील रिवरफ्रंट (रेलवे) पर टूरिस्ट जेटी का उद्घाटन हुआ और एनडब्ल्यू-2 (आईडब्ल्यूएआई) पर बोगीबील एवं गुइजन में फ्लोटिंग जेटी के निर्माण के लिए आधारशिला का अनावरण किया गया।
- साल 2022 के दौरान गंगा नदी पर फ्लोटिंग एवं पारंपरिक सामुदायिक जेटी के निर्माण का काम शुरू हुआ। इससे नदी के आसपास की आबादी को क्रॉस-रिवर ट्रांसपोर्ट की सुविधा मिलेगी।
- हितधारक सम्मेलन
वाटरवेज कॉन्क्लेव का आयोजन 11 और 12 अप्रैल 2022 को डिब्रूगढ़ में किया गया था। इस कार्यक्रम में केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री, असम के माननीय मुख्यमंत्री एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।
- भारत अंतर्राष्ट्रीय क्रूज सम्मेलन 2022
पहला अतुल्य भारत अंतर्राष्ट्रीय क्रूज सम्मेलन 2022 का आयोजन 14 से 15 मई 2022 को मुंबई में किया गया था। आईडब्ल्यूएआई द्वारा रिवर क्रूजिंग की क्षमता से संबंधित सत्र का आयोजन किया गया जिसमें प्रमुख क्रूज ऑपरेटरों ने भाग लिया था। उन्होंने भारत में नदी क्रूज पर्यटन की क्षमता के दोहन में गहरी रुचि दिखाई जो फिलहाल प्रारंभिक अवस्था में है। मैसर्स हेरिटेज रिवर जर्नीज प्रा. लिमिटेड, मैसर्स अंतरा नदी क्रूज और मैसर्स जेएम बक्सी एंड कंपनी के साथ समझौता ज्ञापनों पर भी हस्ताक्षर किए गए।
- पीएम गतिशक्ति मल्टीमॉडल वाटरवे कनेक्टिविटी समिट
वाराणसी में 11 से 12 नवंबर 2022 को आयोजित पीएम गतिशक्ति मल्टीमॉडल वाटरवेज कनेक्टिविटी समिट में केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, केंद्रीय वाणिज्य मंत्री ने भाग लिया। यह शिखर सम्मेलन पीएम गति शक्ति के बारे में अधिक जागरूकता पैदा करने पर केंद्रित था। इस दौरान 7 सामुदायिक घाटों का उद्घाटन किया गया और गंगा पर 8 सामुदायिक घाटों की आधारशिला रखी गई।
- एमओयू पर हस्ताक्षर
- राष्ट्रीय जलमार्ग 5, राष्ट्रीय जलमार्ग 64 पर मौजूद इफको की पारादीप उर्वरक इकाई से बिहार और पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय जलमार्ग 1 के किनारे स्थित सीमेंट संयंत्रों तक कार्गो (जिप्सम) की आवाजाही के लिए आईडब्ल्यूएआई और अल्ट्राटेक सीमेंट के बीच 06.06.2022 को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
- वाराणसी में 11 से 12 नवंबर 2022 को आयोजित पीएम गतिशक्ति मल्टीमॉडल वाटरवेज कनेक्टिविटी समिट के दौरान बिजली से चलने वाले कैटामरान के निर्माण के लिए कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
- राष्ट्रीय जलमार्गों पर कार्गो/ क्रूज का संचालन
- अप्रैल 2021 से मार्च 2022 के दौरान राष्ट्रीय जलमार्गों पर कार्गो की आवाजाही 10.879 करोड़ टन के सर्वकालिक ऊंचाई पर पहुंच गई। यह पिछले वर्ष की समान अवधि में 8.361 करोड़ टन के मुकाबले 30.12 प्रतिशत अधिक रही। अप्रैल से सितंबर, 2022 के दौरान राष्ट्रीय जलमार्गों पर कार्गो की आवाजाही 6.025 करोड़ टन (अप्रैल से सितंबर 2021 में 4.634 करोड़ टन के मुकाबले 30 प्रतिशत की वृद्धि) दर्ज की गई।
- मैसर्स असम बंगाल नेविगेशन कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के पर्यटक जहाज एमवी राजमहल ने अगस्त से सितंबर 2022 के दौरान कोलकाता-पटना-वाराणसी से विदेशी पर्यटकों को ले जाने और राष्ट्रीय जलमार्ग 1 पर उनकी वापसी के साथ अपनी यात्रा सफलतापूर्वक पूरी कर ली है।
- अंतर्देशीय वेसेल अधिनियम, 2021
पिछले अंतर्देशीय वेसेल अधिनियम, 1917 के तहत राज्यवार विनियमों के बजाय अंतर्देशीय वेसेल अधिनियम, 2021 के तहत देश में अंतर्देशीय बेसल्स के पंजीकरण, प्रमाणन एवं विशिष्टताओं की एकीकृत व्यवस्था शुरू करने के लिए नियम बनाए और अधिसूचित किए गए हैं।
पोत परिवहन क्षेत्र
(i) मेक इन इंडिया
सार्वजनिक खरीद (मेक इन इंडिया को प्राथमिकता) आदेश, 2017 के अनुसरण में उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) की अधिसूचना संख्या 45021/2/2017-पीपी (बीईII) दिनांक 15.06.2017, 28.05.2018 और 16.09.2020 द्वारा अधिसूचित संशोधित अधिसूचनाएं इस मंत्रालय द्वारा 17.09.2021 को निम्नलिखित विषयों पर जारी की गईं:
- 'मेक इन इंडिया' को प्रोत्साहित करने और भारत में विनिर्माण और वस्तुओं एवं सेवाओं के उत्पादन को बढ़ावा देते हुए आय एवं रोजगार बढ़ाने के लिए मंत्रालय ने बौद्धिक संपदा अधिकार रखने और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समझौता वाले विदेशी विनिर्माता से लाइसेंस के तहत भारत में निर्मित/ असेंबल किए जा रहे कुछ जहाज निर्माण वस्तुओं को अधिसूचित किया गया है।
- 'मेक इन इंडिया' को प्रोत्साहित करने और भारत में आय एवं रोजगार बढ़ाने के लिए विनिर्माण और वस्तुओं एवं सेवाओं के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय ने जहाज निर्माण संबंधी कुछ वस्तुओं को अधिसूचित किया है जिनके लिए पर्याप्त स्थानीय क्षमता है और जिनकी सार्वजनिक खरीद वर्ग-I स्थानीय आपूर्तिकर्ता से की जा सकती है।
- प्रमुख बंदरगाहों द्वारा टग चार्टर के लिए एसओपी
आत्मनिर्भर अभियान नीति के तहत प्रमुख बंदरगाहों द्वारा टगों के चार्टर के लिए जारी किए गए एसओपी को जारी रखते हुए स्वीकृत मानकीकृत टग डिजाइन एवं विशिष्टता (एएसटीडीएस) को वित्त वर्ष 2021-22 में आईपीए की वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया।
(iii) वित्तीय सहायता नीति के संबंधित दिशानिर्देशों में संशोधन
एसबीएफएपी दिशानिर्देशों की अनुसूची II (विशिष्ट जहाजों की सूची) में स्वचालित ड्रेजर्स (आईएसीएस सदस्यों द्वारा वर्गीकृत) को शामिल करने के लिए दिसंबर, 2021 में वित्तीय सहायता नीति से संबंधित दिशानिर्देशों में संशोधन किया गया।
(iv) गहरे समुद्र में मछली पकड़ने वाले जहाजों की खरीद के लिए एसओपी
पीएमएमएसवाई के त्वरित कार्यान्वयन के तहत राज्यों के मत्स्य विभागों की सहायता के लिए गहरे समुद्र में मछली पकड़ने वाले जहाजों की खरीद के लिए 08.02.2021 को एसओपी जारी की गई। पीएमएमएसवाई योजना के लिए मछली पकड़ने वाले जहाजों के तीन डिजाइ न तैयार कर मत्स्यपालन विभाग को भेजे गए हैं।
- एमटी स्वर्ण गोदावरी पर सभी महिला अधिकारियों की सेलिंग 2.0
मैरीटाइम में महिलाओं के लिए आईएमओ अंतर्राष्ट्रीय दिवस के उद्घाटन अवसर पर एससीआई ने एमटी स्वर्ण गोदावरी पर सभी महिला मर्चेंट अधिकारियों के एक अन्य बेड़े की उपलब्धि हासिल की। इस जहाज को मुंबई के जवाहरद्वीप तेल टर्मिनल से 14 मई 2022 को केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री द्वारा रवाना किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी मुख्य अतिथि थीं। यह दूसरी अनुकरणीय समुद्री यात्रा (पहला एमटी स्वर्ण कृष्णा) है जिसे एससीआई ने वैश्विक मौजूदगी के साथ भारतीय पोत परिवहन उद्योग में विविधता और समावेशिता को बढ़ावा देने की दिशा में आगे बढ़ाया है।
- राष्ट्रपति ने की 12वीं फ्लीट रिव्यू में भागीदारी
एससीआई के स्वामित्व वाले दो जहाजों एमटी स्वर्ण सिंधु और एमवी एससीआई साबरमती ने 21 फरवरी, 2022 को भारत के राष्ट्रपति और सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर द्वारा नौसेना बेड़े के साथ 12वीं फ्लीट रिव्यू में भाग लिया। इसमें आंध्र प्रदेश में विशाखापत्तनम तट पर भारत की समुद्री ताकत का प्रदर्शन किया गया था।
(vii) ड्रेजिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड
आठ करोड़ घन मीटर की वार्षिक अनुमानित रखरखाव ड्रेजिंग मात्रा वाले प्रमुख बंदरगाहों को बेहतर डिजाइन बनाए रखते हुए ड्रेजिंग की गति बढ़ाने के लिए उच्च हॉपर क्षमता वाले ड्रेजर की आवश्यकता है। आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत ड्रेजिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (डीसीआईएल) ने कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड को 12000 घन मीटर हॉपर क्षमता वाले ट्रेलिंग सक्शन हॉपर ड्रेजर (टीएसएचडी) की खरीद के लिए 10.459 करोड़ यूरो के अनुमानित लागत से 34 महीने की निर्माण अवधि के साथ ऑर्डर दिया है।
- नेविगेशन के लिए समु्द्री सहायता अधिनियम, 2021
नेविगेशन के लिए समुद्री सहायता विधेयक 2021 को लोकसभा में 22.03.2021 को और राज्यसभा में 27.07.2021 को पारित कर दिया गया। इस पर 31.07.2021 को राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद इसे 2 अगस्त, 2021 को आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचित कर दिया गया। यह अधिनियम 31.03.2022 से लागू हुआ। इसने पुराने लाइटहाउस अधिनियम 1927 की जगह ली है। यह नेविगेशन के लिए समुद्री सहायता के क्षेत्र में वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं, तकनीकी विकास और भारत के अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों को शामिल करता है। नया अधिनियम भारतीय समुद्र तट के आसपास समुद्री नेविगेशन और पोत यातायात सेवाओं के लिए सामंजस्यपूर्ण एवं प्रभावी कार्यप्रणाली की सुविधा प्रदान करेगा।
(ix) नए लाइटहाउस की स्थापना
नाविकों और मछुआरों की सुरक्षा बढ़ाने और भारतीय तट पर निर्बाध कवरेज प्रदान करने के लिए दो लाइटहाउस स्थापित किए गए हैं। पीएसडब्लयू मंत्री ने मुंबई में 14 से 15 मई, 2022 को आयोजित अतुल्य भारत अंतर्राष्ट्रीय क्रूज सम्मेलन के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये 14 मई, 2022 को धनुषखोडी (तमिलनाडु) और केल्शी (महाराष्ट्र) में दो नए प्रकाशस्तंभों का उद्घाटन किया।
(x) समुद्री क्षेत्र में स्टार्टअप कार्यक्रम- सीएसएल और आईआईटी (मद्रास) के बीच समझौता ज्ञापन
कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (आईआईटी मद्रास) ने समुद्री क्षेत्र में स्टार्टअप की मदद करने के लिए 06.11.2022 को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। आईआईटी मद्रास इस पहल के एक कार्यान्वयन भागीदार के रूप में कार्य करेगा और इसके तहत चयनित स्टार्टअप को इनक्यूबेशन, मेंटरशिप और प्रशिक्षण प्रदान करेगा। यह स्टार्टअप एंगेजमेंट प्रोग्राम 'यूएसएचयूएस' का हिस्सा है जिसे तकनीकी, नियामकीय, वित्तीय और विपणन के मोर्चे पर हितधारकों को साथ लाने के लिहाज से समुद्री क्षेत्र के स्टार्टअप की मदद के लिए देश में एक परिवेश तैयार करने और उसे बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार की पहल को बढ़ावा देने के लिए सीएसएल द्वारा शुरू किया गया है। इस कार्यक्रम से सीएसएल द्वारा प्रदान की जाने वाली वित्तीय सहायता के साथ समुद्री क्षेत्र में उत्पाद/ सेवाएं तैयार करने के लिए युवा और प्रतिभाशाली उद्यमियों को एक प्लेटफॉर्म मिलने की उम्मीद है। इस पहल के तहत स्टार्टअप को सीड ग्रांट के तौर पर 50 लाख रुपये तक, प्रोटोटाइपिंग अनुदान के रूप में 1 करोड़ रुपये और स्टार्टअप के लिए स्केल अप चरण में इक्विटी फंडिंग मिल सकती है।
(xi) हुगली कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड
केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग और आयुष मंत्री ने 16 अगस्त 2022 को पश्चिम बंगाल में हावड़ा के नजीरगंज में हुगली कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड के नवनिर्मित अत्याधुनिक जहाज विनिर्माण संयंत्र राष्ट्र को समर्पित किया। करीब 180 करोड़ रुपये की लागत से तैयार यह संयंत्र कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है जो पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय के तहत एक पीएसई है। केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग और आयुष मंत्री ने इसे केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग राज्य मंत्री की उपस्थिति में राष्ट्र को समर्पित किया।
(xii) सीएसएल द्वारा भारतीय नौसेना को स्वदेशी विमान वाहक (आईएसी) 'विक्रांत' की डिलिवरी
सीएसएल ने 28.07.2022 को भारतीय नौसेना को प्रतिष्ठित स्वदेशी विमान वाहक (आईएसी) 'विक्रांत' की डिलिवरी करते हुए समुद्री क्षेत्र में इतिहास रच दिया। इस जहाज को भारतीय नौसेना के डायरेक्टरेट ऑफ नेवल डिजाइन (डीएनडी) द्वारा इनहाउस डिजाइन किया गया और इसे 20,000 करोड़ रुपये की कुल लागत से सीएसएल द्वारा तैयार किया गया है। इस विमान वाहक का नाम भारत के पहले शानदार विमान वाहक पोत के नाम पर रखा गया है जिसने 1971 के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। करीब 262 मीटर लंबे इस विमान वाहक पोत में करीब 45,000 टन का पूर्ण विस्थापन की क्षमता है जो अपने पूर्ववर्ती की तुलना में काफी बड़ा और उन्नत है। यह जहाज कुल 88 मेगावॉट बिजली की चार गैस टर्बाइनों द्वारा संचालित है और इसकी अधिकतम गति 28 समुद्री मील है। विक्रांत की डिलिवरी के साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है जिनके पास स्वदेशी विमान वाहक के डिजाइन और विनिर्माण की क्षमता है।
(xiii) सीएसएल द्वारा अंडमान निकोबार प्रशासन के दूसरे 500 पीएएक्स जहाज की डिलिवरी
अंडमान निकोबार प्रशासन का दूसरा 500 पीएएक्स जहाज एमवी नालंदा की डिलिवरी 05.07.2022 को की गई। इस जहाज को कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड, कोच्चि में बनाया गया है। शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एससीआई) तकनीकी प्रबंधक के रूप में इस जहाज की विनिर्माण प्रक्रिया में सक्रिय तौर पर शामिल थी। इसके अलावा परिचालन एवं प्रबंधन (ओएंडएम) भी एससीआई द्वारा किया जाएगा। एमवी नालंदा 22.07.2022 को 6:30 बजे कोच्चि लंगरगाह से अपने पहले सफर पर रवाना हुआ और 26.07.2022 को पोर्ट ब्लेयर पहुंचा।
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एमजी/एएम/एसकेसी/एजे
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