वित्त मंत्रालय
वालमुंबई कस्टम विभाग ने अवैध बाजार में जब्त की गई 538 करोड़ रुपये मूल्य की नशीली दवाओं को नष्ट किया
Posted On:
30 DEC 2022 3:19PM by PIB Delhi
मुंबई कस्टम विभाग, जोन-III ने आज नवी मुंबई के तलोजा में स्थित मेसर्स मुंबई वेस्ट मैनेजमेंट लिमिटेड (एमडब्ल्यूएमएल) के भस्मक संयंत्र में 140.57 किलोग्राम वजन की नशीली दवाओं को नष्ट कर दिया। जब्त की गई नशीली दवाओं की कीमत अंतरराष्ट्रीय अवैध बाजार में 538 करोड़ रुपये है।
जब्त की गई नशीली दवाओं का विस्तृत विवरण देते हुए जोन III के प्रधान आयुक्त श्री राजेश सनन ने कहा कि नष्ट की गई नशीली दवाओं को जोन III के अधीनस्थ तीन आयुक्तालयों द्वारा जब्त किया गया था। इन नशीली दवाओं को जब्त करने की कार्रवाई का विवरण इस प्रकार है:
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- मुंबई एयरपोर्ट आयुक्तालय द्वारा 14 मामलों में 56.06 किलोग्राम हेरोइन और 33.81 किलोग्राम हशीश जब्त की गई।
- एयर कार्गो एक्सपोर्ट कमिश्नरेट में दर्ज किए गए एक मामले में 21.70 किलोग्राम हशीश जब्त की गई।
- डीआरआई द्वारा एक मामले में 29 किलोग्राम हेरोइन जब्त की गई, हालांकि मुंबई कस्टम विभाग, जोन-III के निवारक आयुक्तालय द्वारा इसे नष्ट किया गया।
प्रतिबंधित नशीली दवाओं और साइकोट्रोपिक पदार्थ ले जाने वाले सभी व्यक्ति नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम, 1985 की धारा 8 के तहत अपराध करने के दोषी हैं और सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 के प्रावधानों के साथ-साथ एनडीपीएस अधिनियम 1985 की धारा 21, धारा 23 और धारा 29 के तहत दंड के पात्र हैं।
सीमा शुल्क अधिकारियों के अनुसार, मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर नशीली दवाओं की जब्ती के आंकड़ों से पता चलता है कि मुख्य रूप से केन्या, युगांडा, जाम्बिया और जिम्बाब्वे जैसे देशों के नागरिकों द्वारा इनकी तस्करी की जाती है। बैगेज में विशेष रूप से बनाए गए गुप्त छेदों में नशीला पदार्थ छिपाकर मादक पदार्थों की तस्करी की जाती है। इस तरह के लोगों द्वारा कई बार इन नशीली दवाओं को निगल लिया जाता है और फिर इसी रूप में वे मादक पदार्थों की तस्करी करते हैं। मुंबई हवाई अड्डे के कस्टम विभाग ने इस तरह के मामलों का पता लगाने के लिए खोजी कुत्तों का इस्तेमाल प्रभावकारी ढंग से उपयोग किया है।
जब्त की गई ऐसी वस्तुओं, जो प्रकृति के लिए खतरनाक होती हैं, को उन भस्मकों में डाल कर नष्ट किया जाता है जिनमें मानकीकृत प्रदूषण नियंत्रण उपकरण लगे होते हैं।
प्रतिबंधित वस्तुओं को देश में विभिन्न तरह से छिपाकर लाया गया था, लेकिन कस्टम विभाग द्वारा उन्हें सक्रिय रूप से जब्त कर लिया गया। मुंबई कस्टम विभाग नारकोटिक ड्रग्स पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन 1961 के लिए प्रतिबद्ध है, जिस पर भारत ने भी हस्ताक्षर किया है। इस कन्वेंशन का उद्देश्य नशीली दवाओं के तस्करों को रोकने और हतोत्साहित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से मादक पदार्थों की तस्करी से निपटना भी है।
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