सूचना और प्रसारण मंत्रालय

भारतीय पैनोरमा (गैर-फीचर फिल्म) के जूरी सदस्यों ने आईएफएफआई 53 में मीडिया के साथ बातचीत की


सिनेमाई, सौंदर्यबोध और नाटकीय उत्कृष्टता से समृद्ध गैर-फीचर कंटेंट पर फोकस करने का प्रयास : जूरी अध्यक्ष

सर्वश्रेष्ठ का चयन करने के लिए हम 15 दिनों के बौद्धिक बंधन में बंधे रहे थे : जूरी सदस्य

Posted On: 21 NOV 2022 11:20PM by PIB Delhi

गोवा में आज 21 नवंबर, 2022 को 53वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में भारतीय पैनोरमा (गैर-फीचर फिल्म) के जूरी सदस्यों ने 'टेबल टॉक्स' में हिस्‍सा लिया।

जूरी सदस्यों द्वारा की गई कठोर चयन प्रक्रियाओं पर प्रकाश डालते हुए अध्‍यक्ष और विख्‍यात फिल्म निर्माता ओइनम डोरेन ने कहा कि 15 दिनों के समय में हमने 242 फिल्में देखीं और 20 का चयन किया। यह एक तनावपूर्ण लेकिन मनोरंजक प्रक्रिया थी।

यह साझा करते हुए कि प्रविष्टियों में से कुछ सर्वश्रेष्ठ फिल्‍मों को शामिल करने के लिए सर्वसम्मति से उन्‍होंने कैसे दृढ़तापूर्वक अपनी बातें रखीं, ओइनम डोरेन ने कहा कि उनका प्रयास सर्वश्रेष्ठ कृति का चयन करना था जो सिनेमाई, सौंदर्यबोध और नाटकीय उत्कृष्टता से समृद्ध हो।

एक पुरस्कार विजेता फिल्म समीक्षक, वरिष्ठ पत्रकार, ए चंद्रशेखर, जो जूरी सदस्यों में से एक हैं, ने कहा कि यह हर चीज का मिश्रण था जहां कुछ प्रविष्टियां बहुत आनंददायक थीं और अन्य स्‍तरीय नहीं थीं। उन्‍होंने कहा कि सर्वश्रेष्ठ का चयन करना एक दुष्‍कर कार्य था, फिर भी हम इसमें से बेहतरीन खोजने में सफल रहे।

फिल्म निर्माता, पटकथा लेखक, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता कथावाचक हरीश भिमानी ने टीम के साथ काम करने में अपनी प्रसन्‍नता व्यक्त करते हुए कहा कि सभी सात सदस्यों ने सर्वसम्मति से एक साथ 242 फिल्में देखने का निर्णय किया। उन्‍होंने कहा कि यह जूरी की बौद्धिक ईमानदारी को दर्शाता है।

चयन किए जा रहे कंटेंट में विविधता को बनाए रखने के प्रयास पर बल देते हुए जूरी के एक अन्य सदस्य राकेश मित्तल ने कहा कि जूरी ने विविधता के प्रति न्याय करने की कोशिश की और कहा कि आप इस बार 20 फिल्मों का गुलदस्ता देख सकते हैं, जो 10 भाषाओं की फिल्में हैं।

भारतीय पैनोरमा  2022 की शुरुआती गैर-फीचर फिल्म के लिए जूरी की पसंद दिव्या कोवासजी द्वारा निर्देशित 'द शो मस्ट गो ऑन' रही, जो पारसी समुदाय, जिसकी आबादी तेजी से घट रही है, पर आधारित फिल्म है। निर्णायक मंडल के सदस्यों के अनुसार,  यह फिल्म दर्शनीयता और और वृत्तचित्र के सम्मिश्रण का उत्तर है, यह मनोरंजन और सार्थक सिनेमा का मेल है जो भारतीय सिनेमा को समग्र रूप से प्रतिबिंबित करेगा।

गैर-फीचर फिल्म श्रेणी के तहत फिल्मों को प्रदर्शित करने के लिए प्लेटफार्मों की कमी पर अपनी व्‍यथा व्यक्त करते हुए जूरी ने सर्वसम्मति से गैर-फीचर फिल्मों को फीचर फिल्मों के समान बर्ताव करने के लिए सभी से ठोस प्रयास करने की मांग की।

गैर-फीचर फिल्म जूरी, जिसमें छह सदस्य शामिल हैं, की अध्यक्षता विख्‍यात फिल्म निर्माता, निर्माता, लेखक और राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता, अध्यक्ष श्री ओइनम डोरेन कर रहे हैं। जूरी ने निम्नलिखित सदस्यों का गठन किया जो व्यक्तिगत रूप से विभिन्न विख्‍यात  फिल्मों और फिल्म से संबंधित पेशों, व्यवसायों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जबकि सामूहिक रूप से विविध भारतीय बंधुत्‍व का प्रतिनिधित्व करते हैं : -

  1. श्री चंद्रशेखर ए; फिल्म समीक्षक, पत्रकार और मीडिया शिक्षाविद्
  2. श्री हरीश भिमानी, फिल्म निर्माता, पटकथा लेखक, एंकर और अभिनेता
  3. श्री मनीष सैनी; फिल्म निर्माता, लेखक और संपादक
  4. श्री पी. उमेश नाइक; फिल्म निर्माता और पत्रकार
  5. श्री राकेश मित्तल; फिल्म समीक्षक, पत्रकार और लेखक
  6. श्री संस्कार देसाई; फिल्म निर्माता, पटकथा लेखक, शिक्षाविद्

लगभग 242 समसामयिक भारतीय गैर-फीचर फिल्मों को क्वालिफाई करने वाले व्यापक स्पेक्ट्रम से 53वें आईएफएफआई के भारतीय पैनोरमा खंड में स्क्रीनिंग के लिए 20 गैर-फीचर फिल्मों के पैकेज का चयन किया गया है। गैर-फीचर फिल्मों का पैकेज उभरते और स्थापित फिल्म निर्माताओं के प्रलेखन, जांच, मनोरंजन करने की क्षमता का उदाहरण है और यह समकालीन भारतीय मूल्यों को भी प्रतिबिंबित करता है।

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