नीति आयोग
व्यापक स्तर पर इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए पीएलआई योजना हेतु अधिकार प्राप्त समिति ने फॉक्सकॉन इंडिया और पैडेट इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए प्रोत्साहन को स्वीकृति दी
Posted On:
20 DEC 2022 6:55PM by PIB Delhi
प्रधानमंत्री की अवधारणा के अनुरूप पीएलआई योजनाओं को 14 क्षेत्रों की शक्ति, उनकी उत्पादन क्षमताओं और वैश्विक चैंपियन बनने के अभियान के आधार पर तैयार किया गया हैं। आज एक अन्य महत्वपूर्ण पहल के तहत, नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की अध्यक्षता वाली अधिकार प्राप्त समिति ने व्यापक स्तर पर इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण (एलएसईएम) क्षेत्र के उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के अंतर्गत मोबाइल निर्माण के लिए दो कंपनियों (एक घरेलू कंपनी और दूसरी वैश्विक कंपनी) के लिए प्रोत्साहन को स्वीकृति दे दी है।
मैसर्स फॉक्सकॉन होन हाई टेक्नोलॉजी इंडिया मेगा डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड पहली वैश्विक कंपनी है जिसे लक्षित खंड 'मोबाइल फोन' (श्रेणी: इनवॉइस मूल्य 15,000 रुपये और उससे अधिक) के तहत 01 अगस्त 2021 से 31 मार्च 2022 की अवधि के लिए अपने वृद्धिशील निवेश और बिक्री के आंकड़े के आधार पर प्रोत्साहन प्राप्त करने के लिए अनुमोदित किया गया था। इसकी स्वीकृत प्रोत्साहन राशि 357.17 करोड़ रुपये है।
फॉक्सकॉन होन हाई टेक्नोलॉजी इंडिया मेगा डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड (फॉक्सकॉन इंडिया), जिसका स्वामित्व होन हाई/फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी ग्रुप के अधीन है, फॉक्सकॉन ग्रुप का हिस्सा है। यह मोबाइल फोन के मामले में दुनिया की नंबर-वन निर्माता/असेंबलर कंपनी है। फॉक्सकॉन इंडिया एक ताइवानी बहुराष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स अनुबंध निर्माता कंपनी है जिसका मुख्यालय तुचेंग, न्यू ताइपेई शहर में है।
मैसर्स पैडेट इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड, एक घरेलू कंपनी है, जिसे लक्षित खंड 'मोबाइल फोन' (श्रेणी-घरेलू कंपनियां) के तहत अपने वृद्धिशील निवेश और बिक्री के आंकड़ों के आधार पर जनवरी से मार्च 2022 तिमाही के लिए मोबाइल निर्माण के तहत प्रोत्साहन प्राप्त करने के लिए अधिकार प्राप्त समिति द्वारा अनुमोदित किया गया। इसकी स्वीकृत प्रोत्साहन राशि 58.29 करोड़ रुपये है।
पैडेट इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड डिक्सन टेक्नोलॉजीज प्राइवेट की 100 प्रतिशत सहायक कंपनी है और उत्तर प्रदेश के नोएडा में इसकी विनिर्माण सुविधाएं हैं। पैडेट इलेक्ट्रॉनिक्स को अपने वृद्धिशील निवेश और बिक्री के आंकड़ों के आधार पर अगस्त से दिसंबर 2021 की अवधि के लिए बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए पीएलआई योजना के तहत पहले ही 53.28 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हो चुकी है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत प्रोत्साहनों के वितरण के प्रस्तावों पर अधिकार प्राप्त समिति द्वारा विचार किया गया, जिसमें नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी परम अय्यर, डीपीआईआईटी सचिव अनुराग जैन, एमईआईटीवाई सचिव अलकेश कुमार शर्मा और अधिकार प्राप्त समिति के अन्य सदस्य शामिल थे।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए पीएलआई योजना भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के क्षेत्र एक प्रतिस्पर्धी गंतव्य बनाने और इस क्षेत्र में अधिक वैश्विक चैंपियन बनाते हुए आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
सितंबर 2022 तक, एलएसईएम के लिए पीएलआई योजना ने 4,784 करोड़ रुपये का निवेश हासिल किया है, और 80,769 करोड़ रुपये के निर्यात सहित कुल 2,03,952 करोड़ रुपये का उत्पादन हुआ है। इस योजना से 40,916 लोगों को रोजगार भी मिला है। इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के 2025-26 तक बढ़कर 300 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
सरकार की पहल और उद्योग के प्रयासों के परिणामस्वरूप, भारत ने पिछले पांच वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के क्षेत्र में तेजी से प्रगति की है। मोबाइल फोन का उत्पादन 2014-15 में लगभग 6 करोड़ से बढ़कर 2021-22 में लगभग 31 करोड़ हो गया है। मोबाइल फोन के निर्यात में भी तीव्र वृद्धि दर्ज की गई है। भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 में 45,000 करोड़ रुपये के मोबाइल फोन का निर्यात किया और चालू वर्ष के दौरान नवंबर 2022 तक, मोबाइल फोन का निर्यात पहले ही 40,000 करोड़ रुपये को पार कर चुका है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के दौरान किए गए निर्यात के दोगुने से भी अधिक है।
बड़े पैमाने के इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र के लिए पीएलआई योजना ने फॉक्सकॉन, सैमसंग, पेगाट्रॉन, राइजिंग स्टार और विस्ट्रॉन सहित प्रमुख वैश्विक कंपनियों को आकर्षित किया है, जबकि लावा, माइक्रोमैक्स, ऑप्टिमस, यूनाइटेड टेलीलिंक्स नियोलिंक्स और पैडेट इलेक्ट्रॉनिक्स सहित प्रमुख घरेलू कंपनियों ने भी इसमें भागीदारी की है।
***
एमजी/एएम/एसएस/जीआरएस
(Release ID: 1885337)
Visitor Counter : 281