कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय
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केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा-सुशासन की अंतिम और असली परीक्षा यह है कि इसका लाभ भारत के सबसे दूरस्थ गांव में रहने वाले हर एक नागरिक तक पहुंचना चाहिए


केंद्रीय मंत्री ने 19 दिसंबर से 25 दिसंबर, 2022 तक चलने वाले सुशासन सप्ताह समारोह का उद्घाटन "प्रशासन गांव की ओर" राष्ट्रव्यापी अभियान के शुभारंभ के साथ किया

Posted On: 19 DEC 2022 4:55PM by PIB Delhi
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की "ग्रामीण उत्थान" की परिकल्पना जमीनी स्तर पर वास्तविक विकास का आकलन करने के लिए एक परिणाम-आधारित दृष्टिकोण पर बल देती है : डॉ. जितेंद्र सिंह
  • केंद्रीय मंत्री ने कहा, देश के पास अंतिम कतार में खड़े व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिए पर्याप्त संसाधन हैं और सुशासन के माध्यम से वांछित परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं
  • इस वर्ष, प्रधानमंत्री के निर्देश पर वर्ष 2047 के लिए जिले के विजन दस्तावेज की तैयारी में एक जिले के सेवानिवृत्त डीसी/डीएम को शामिल करने के लिए, जिला @100 नाम का एक अभिनव और दूरगामी कदम उठाया गया है

केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी; राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान; राज्य मंत्री प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने 19 दिसंबर से 25 दिसंबर, 2022 तक देशव्यापी सुशासन सप्ताह समारोह का आज उद्घाटन किया। इसके अंतर्गत "प्रशासन गांव की ओर" अभियान का राष्ट्रव्यापी शुभारंभ भी किया गया।

इस अवसर पर अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सुशासन का अंतिम और असली परीक्षण यह है कि इसका लाभ भारत के सबसे दूरस्थ गांव में रहने वाले हर एक नागरिक तक पहुंचना चाहिए।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, ''प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की "ग्रामीण उत्थान" परिकल्पना जमीन पर वास्तविक विकास का आकलन करने के लिए एक परिणाम-आधारित दृष्टिकोण पर बल देती है। श्री मोदी ने एक बार कहा था, "अंत्योदय की सच्ची भावना में अंतिम कतार में खड़े व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिए देश के पास पर्याप्त संसाधन हैं और सुशासन के माध्यम से वांछित परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं"।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि ग्रामीण भारत के सतत विकास के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए, योजनाओं को वास्तविक रूप से निचले स्तर पर रहने वाले लोगों की जरूरतों और इच्छाओं को ध्यान में रखना चाहिए और एक पारदर्शी, प्रभावी और जवाबदेह तरीके से नवीनतम तकनीकी साधनों के माध्यम से लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत के 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का बड़ा सपना गांवों को शामिल किए बिना पूरा नहीं किया जा सकता है। मंत्री महोदय ने रेखांकित किया कि ग्रामीण और उपेक्षित क्षेत्रों का विकास मोदी सरकार की मुख्य प्राथमिकताओं में से एक रहा है और शहरी और ग्रामीण भारत के बीच की खाई को पाटना है।

केंद्रीय मंत्री ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी को श्रद्धांजलि अर्पित की। सुशासन दिवस और सुशासन सप्ताह पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में मनाया जाता है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी जी ने नीतिगत सिद्धांत अपनाकर वाजपेयी जी के दृष्टिकोण 'अधिकतम शासन, न्यूनतम सरकार' को कार्यान्वित किया है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि इस वर्ष प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर एक जिले के सेवानिवृत्त उपायुक्त/जिलाधिकारी को वर्ष 2047 के लिए जिले का विजन दस्तावेज ज़िला @ 100 तैयार करने में शामिल करने के लिए एक अभिनव और दूरगामी कदम उठाया गया है। उन्होंने टिप्पणी करते हुए कहा कि राष्ट्र तभी विकसित हो सकता है जब देश के सभी जिले अपनी अंतर्निहित शक्तियों का लाभ उठाते हुए एक केंद्रित दृष्टिकोण के साथ विकास करने का लक्ष्य रखते हैं।

'प्रशासन गांव की ओर' 2022 जन शिकायतों के निवारण और सेवा वितरण में सुधार के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान है जो भारत के सभी जिलों, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आयोजित किया जाएगा। 700 से अधिक जिला कलेक्टर 'प्रशासन गांव की ओर' 2022 में भाग ले रहे हैं।

अभियान के एक भाग के रूप में, जिला कलेक्टर "सुशासन प्रथाओं/पहलों" पर एक कार्यशाला का आयोजन करेंगे और भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक सेवानिवृत्त अधिकारी के परामर्श के साथ जिले के लिए एक विजन की रूपरेखा तैयार करने का प्रयास करेंगे, जिन्होंने जिले में उपायुक्त/जिलाधिकारी के रूप में कार्य किया है और प्रमुख शिक्षण संस्थानों के सेवानिवृत्त शिक्षाविदों और विचारकों को भी इसमें शामिल किया जाएगा। ये अधिकारी विजन डॉक्यूमेंट डिस्ट्रिक्ट@100 के अंतर्गत जिले वर्ष 2047 के लिए जिले के लिए विजन/लक्ष्यों को परिभाषित करेंगे। यह आशा की जाती है कि सेवानिवृत्त उपायुक्त/जिलाधिकारी, शिक्षाविद्, थिंक-टैंक का प्रशासनिक अनुभव वर्तमान की ऊर्जा के साथ परियोजना को पूरा करने में लाभकारी सिद्ध होगा। विकास की यात्रा में आगे बढ़ने के लिए उपायुक्त/जिलाधिकारी जिले के लिए एक दूरदर्शी दस्तावेज को परिभाषित और तैयार करेंगे।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, ''जैसा कि विषय से ही पता चलता है कि 'प्रशासन गांव की ओर', अभियान के दौरान प्रशासन को सीधे लोगों तक ले जाने पर बल दिया जाता है। उन्होंने कहा, मोदी सरकार ने व्यापक डिजिटलीकरण नीति द्वारा हजारों नागरिक केंद्रित सेवाओं को नागरिकों के दरवाजे तक पहुंचाने का प्रयास किया है, ताकि ग्रामीण-शहरी विभाजन के बिना देश के विकास का लाभ पूरे देश में समान रूप से प्रदान किया जा सके। उन्होंने बताया कि जन शिकायतों के समाधान और बेहतर सेवा प्रदान करने के लिए जिला कलेक्टर तहसील/पंचायत समिति स्तर पर विशेष शिविर/कार्यक्रम आयोजित करेंगे।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, वन नेशन-वन पोर्टल दृष्टिकोण के अंतर्गत हमने सभी संबंधित राज्य/सूचना प्रौद्योगिकी पोर्टल्स को सीपीजीआरएएमएस से जोड़ने का एक व्यापक जनादेश लिया है। उन्होंने कहा कि मुझे बताया गया है कि 18 (अठारह) राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के पास एक अलग लोक शिकायत पोर्टल नहीं है और इसके बजाय नागरिकों की शिकायतों को हल करने के लिए सीपीजीआरएएमएस इंटरफेस का लाभ उठा रहे हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि शिकायत निवारण सुशासन का मूल है और नागरिकों की आवाज सुनी जानी चाहिए और उनकी शिकायत का निवारण किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि सीपीजीआरएएमएस ने 10 सूत्रीय सुधार को अपनाया है जिससे शिकायत निवारण समय में महत्वपूर्ण कमी और निपटान की गुणवत्ता में सुधार सुनिश्चित हुआ है।

मंत्री महोदय ने कहा कि आज सरकार में 86 प्रतिशत से अधिक शिकायतें ऑनलाइन दर्ज की जाती हैं, और एआई/एमएल प्रथाओं के उपयोग के माध्यम से बड़े डेटा को संभालना संभव हो गया है और सीपीजीआरएएमएस पोर्टल देश में अधिकारियों के अनुसार लंबित शिकायतों की पहचान करने की स्थिति में है। उन्होंने कहा कि एक शिकायत का निवारण न केवल पीड़ित को लाभान्वित करता है बल्कि यह प्रशासन को भी पुरस्कृत करता है क्योंकि एक संतुष्ट नागरिक नीतियों के प्रभावी कार्यान्वयन में मदद करता है, इस प्रकार सरकार के प्रयासों को काफी हद तक सफल बनाता है।

डीएआरपीजी के सचिव, श्री वी. श्रीनिवास ने कहा कि वर्ष 2021 में, 20-25 दिसंबर, 2021 के सुशासन सप्ताह के दौरान, भारत के इतिहास में पहली बार एक केंद्रित राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया गया, जो जन शिकायतों को दूर करने और सेवा वितरण में सुधार के उद्देश्य से तहसील और ब्लॉक स्तर तक पहुंचा। उन्होंने कहा कि अभियान बेहद सफल रहा और इसने सुशासन के लिए एक राष्ट्रीय आंदोलन का निर्माण किया। अभियान के दौरान, सेवा वितरण के लिए 289 लाख से अधिक आवेदनों का निस्तारण किया गया और 6.67 लाख से अधिक जन शिकायतों पर ध्यान दिया गया, जो अपने आप में एक कीर्तिमान था। एक अभियान स्तर पर राष्ट्र के शिकायत निवारण पोर्टल के एक साथ काम करने का सामूहिक प्रभाव अभूतपूर्व था।

कार्मिक, लोक शिकायत, कानून और न्याय संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने अपनी 121वीं रिपोर्ट में पिछले वर्ष के प्रशासन गांव की ओर अभियान की अभूतपूर्व सफलता की सराहना की और सिफारिश की कि ऐसे अभियानों को और अधिक बार आयोजित किया जाना चाहिए।

मंत्री महोदय ने सुशासन प्रथाओं पर एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया और जिला कलेक्टरों और राज्य सरकारों द्वारा प्रगति के ऑनलाइन अपडेट करने के लिए 'प्रशासन गांव की ओर' 2022 (www.pgportal.gov.in/GGW22) के लिए समर्पित अभियान पोर्टल का शुभारंभ किया। इस अवसर पर "प्रशासन गांव की ओर" अभियान पर एक फिल्म प्रदर्शित की गई।

सुशासन सप्ताह के दौरान, 23 दिसंबर, 2022 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में सुशासन प्रथाओं पर एक कार्यशाला आयोजित की जाएगी, जिसमें मंत्रिमंडल सचिव मुख्य अतिथि होंगे। विशेष अभियान 2.0 और निर्णय लेने में दक्षता बढ़ाने पर सत्र आयोजित किए जाएंगे।

डाक विभाग के सचिव; रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष; भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार के महानिदेशक विशेष अभियान 2.0 के दौरान अपने विभागों द्वारा सर्वोत्तम प्रथाओं पर प्रस्तुतीकरण देंगे। राष्ट्रीयय सूचना केंद्र के महानिदेशक, एनआईसी; सचिव (पूर्व), विदेश मंत्रालय और सचिव, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय 'निर्णय लेने में बढ़ती दक्षता' पर प्रस्तुतियां देंगे। इस कार्यशाला में विशेष अभियान 2.0 पर आंकलन रिपोर्ट जारी की जाएगी।

अरुणाचल प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव, श्री धर्मेंद्र कुमार, उत्तर प्रदेश सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री देवेश चतुर्वेदी, डॉ. श्रीवत्स कृष्णा, प्रधान सचिव, प्रशासनिक सुधार, कर्नाटक सरकार, अमर नाथ, अतिरिक्त सचिव, डीएआरपीजी, एनबीएस राजपूत, संयुक्त सचिव, डीएआरपीजी, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासनिक सुधार के मुख्य सचिव और सचिव 'प्रशासन गांव की ओर' 2022 के राष्ट्रव्यापी अभियान के नोडल अधिकारी, रेजिडेंट कमिश्नर और अन्य अधिकारी, सभी केंद्रीय और राज्य नोडल शिकायत अधिकारी, जिला कलेक्टर/मजिस्ट्रेट हाईब्रिड माध्यम से उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए।

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