अंतरिक्ष विभाग
azadi ka amrit mahotsav

केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह शुक्रवार को श्रीहरिकोटा  में ऐतिहासिक पहले निजी विक्रम-सबऑर्बिटल (वीकेएस) रॉकेट प्रक्षेपण के साक्षी बनेंगे

Posted On: 16 NOV 2022 6:39PM by PIB Delhi
  • मंत्री ने कहा इसरो की यात्रा में यह प्रक्षेपण एक प्रमुख मील का पत्थर साबित होगा, प्रधानमंत्री मोदी ने 2020 में निजी भागीदारी के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र को अनलॉक किया था।
  • विक्रम रॉकेट प्रक्षेपण, प्रवेश बाधाओं को पार करते हुए लागत-प्रभावी उपग्रह प्रक्षेपण सेवाओं के लिए एक समान अवसर की शुरुआत करेगा: डॉ जितेंद्र सिंह

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) शुक्रवार को इतिहास रचेगा, जब वह भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष की यात्रा में पहला निजी रॉकेट प्रक्षेपित करेगा और एक नया मील का पत्थर स्थापित करेगा।

यह जानकारी आज यहां केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री, डॉ जितेंद्र सिंह ने दी, जो श्रीहरिकोटा, आंध्र प्रदेश में 18 नवंबर को व्यक्तिगत रूप से ऐतिहासिक पहले निजी विक्रम-सबऑर्बिटल (वीकेएस) रॉकेट के प्रक्षेपण का गवाह बनने के लिए वहां उपस्थित रहेंगे।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image001GK1P.jpg

डॉ जितेंद्र सिंह ने 18 नवंबर को दिन में 11 बजे होने वाले प्रक्षेपण से पहले आज मीडिया में एक बयान जारी कर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दो वर्ष पहले निजी भागीदारी के लिए भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र को अनलॉक किया था, जिसके बाद यह कदम इसरो की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।

डॉ जितेंद्र सिंह ने जानकारी दी कि इस वीकेएस रॉकेट को गैर-सरकारी संस्थान/स्टार्टअप, स्काईरूट एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड (एसएपीएल) द्वारा विकसित किया गया है जो लगभग 550 किलोग्राम वजन वाला एक सिंगल स्टेज स्पिन स्टेबलाइज्ड सॉलिड प्रोपेलेंट रॉकेट है। उन्होंने कहा कि रॉकेट अधिकतम एक सौ किलोमीटर की ऊंचाई तक पहुंचकर समुद्र में गिरेगा और प्रक्षेपण की कुल अवधि केवल 300 सेकेंड होगी।

डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि स्काईरूट पहला स्टार्ट-अप है, जिसने अपने रॉकेट को प्रक्षेपित करने के लिए इसरो के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया। उन्होंने कहा कि देश का पहला निजी रॉकेट प्रक्षेपित होने के साथ-साथ यह स्काईरूट एयरोस्पेस का पहला अभियान भी होगा जिसका नाम 'प्रारंभ' है। यह अंतरिक्ष में कुल मिलाकर तीन पेलोड लेकर जाएगा, जिसमें एक पेलोड विदेशी है।  

मंत्री ने कहा कि इसके माध्यम से प्रवेश बाधाओं को पार करते हुए लागत-प्रभावी उपग्रह प्रक्षेपण सेवाओं में समान अवसर प्राप्त किया जाएगा और स्टार्टअप को अंतरिक्ष उड़ानों को लागत-प्रभावी और विश्वसनीय बनाने में भी सहायता मिलेगी।

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि अंतरिक्ष सुधारों ने स्टार्टअप की अभिनव संभावनाएं उत्पन्न की हैं। तीन-चार वर्ष पहले हमारे पास कुछ अंतरिक्ष स्टार्ट थे लेकिन बहुत ही कम समय में आज हमारे पास अंतरिक्ष अवशेष प्रबंधन, नैनो उपग्रह, प्रक्षेपण यान, ग्राउंड सिस्टम, अनुसंधान जैसे नवीनतम क्षेत्रों में काम करने वाले 102 स्टार्टअप मौजूद हैं। मंत्री ने कहा कि  समान हिस्सेदारी में अनुसंधान और विकास, शिक्षा और उद्योग का एकीकरण करने के साथ, यह कहना बिल्कुल सही है कि इसरो के नेतृत्व में निजी क्षेत्र और स्टार्टअप के साथ एक अंतरिक्ष क्रांति जमीनी रूप ले रही है।

डॉ जितेंद्र सिंह ने रेखांकित किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश को भारत की विज्ञान, प्रौद्योगिकी, नवाचार क्षमताओं के लिए सार्वभौमिक मान्यता प्राप्त करने में सक्षम बनाया है और आज हमारे स्टार्टअप की बहुत ज्यादा मांग है। उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया भारत को एक प्रेरणादायक स्थल के रूप में देख रही है क्योंकि यह नवोदित देशों को क्षमता निर्माण, उपग्रह और नैनो उपग्रह निर्माण में सहायता प्रदान कर रहा है।

आम लोगों को 'ईज ऑफ लिविंग' प्रदान करने के लिए, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का अनुप्रयोग रेलवे, राजमार्ग, कृषि, जल मानचित्रण, स्मार्ट सिटी, टेलीमेडिसिन और रोबोटिक सर्जरी जैसे विभिन्न क्षेत्रों में करने का उल्लेख करते हुए, डॉ. जितेन्द्र सिंह ने परमाणु ऊर्जा का अनुप्रयोग ठीक उसी प्रकार से परमाणु कृषि और फसल सुधार, पौधों के लिए कृषि प्रौद्योगिकियां, खाद्य संरक्षण के लिए मृदा स्वास्थ्य और विकिरण प्रौद्योगिकियां, फलों और सब्जियों के विकिरण प्रसंस्करण और फसल विकास और जल संरक्षण को बढ़ाने के लिए विकिरण-आधारित प्रौद्योगिकियां जैसे क्षेत्रों में करने की बात की, जो अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा को उनकी पारंपरिक भूमिकाओं जैसे उपग्रह प्रक्षेपण और स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन से आगे ले जाकर उनकी विकासात्मक अधिदेश के लिए एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करता है।

 

एमजी/एएम/एके


(Release ID: 1876648) Visitor Counter : 480


Read this release in: English , Urdu , Marathi , Telugu