इस्‍पात मंत्रालय

इस्पात मंत्रालय ने विशेष अभियान 2.0 को बड़ी सफलता के साथ आयोजित किया


43841 भौतिक फाइलों का उन्मूलन किया गया और 4947 इलेक्ट्रॉनिक फाइलों को बंद कर दिया गया है

केंद्रीय इस्पात सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में धातु और गैर-धातु आधारित कबाड़ के निपटान से 37722 वर्ग फुट जगह खाली करा ली गई है

Posted On: 03 NOV 2022 1:43PM by PIB Delhi

इस्पात मंत्रालय ने 7 केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों-सीपीएसई यानी भारतीय इस्पात निगम लिमिटेड-सेल, राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड-आरआईएनएल, राष्ट्रीय खनिज विकास निगम-एनएमडीसी, मैंगनीज अयस्क (इंडिया) लिमिटेड-एमओआईएल, मेटलर्जिकल एंड इंजीनियरिंग कंसल्टेंट्स लिमिटेड-मेकॉन, कुद्रेमुख लौह अयस्क कंपनी-केआईओसीएल और धातु कबाड़ विपणन निगम लिमिटेड-एमएसटीसी के साथ 2 अक्टूबर 2022 से 31 अक्टूबर 2022 तक आयोजित 'लंबित मामलों के निपटान के लिए विशेष अभियान 2.0' (एससीडीपीएम 2.0) में सक्रिय रूप से भाग लिया। यह अभियान कर्मचारियों के बीच नियमित गतिविधियों के रूप में स्वच्छता और रिकॉर्ड प्रबंधन को संस्थागत बनाने तथा लंबित मामलों को कम करने के साथ-साथ मंत्रालय से संबंधित सरकारी व्यवसाय की महत्वपूर्ण वस्तुओं के समय पर निपटान के लिए आंतरिक निगरानी व्यवस्था को मजबूत करने के लिए था।

अभियान की तैयारी का चरण 14 सितंबर 2022 से शुरू होकर 30 सितंबर तक चला था। इसका उपयोग अभियान के बारे में अधिकारियों को जागरूक करने, जमीनी कार्यकर्ताओं को शामिल करने, रुझानों की पहचान करने, अभियान स्थलों को अंतिम रूप देने, कबाड़ और अन्य अनावश्यक सामग्री की पहचान करने आदि के लिए किया गया था।

अभियान के प्रमुख क्षेत्र: कबाड़, फर्नीचर, कागज और ई-कचरा बेचना ताकि रीसाइक्लिंग और स्वच्छता गतिविधियों का संचालन किया जा सके, रिकॉर्ड प्रबंधन अभ्यास, वीआईपी संदर्भों के लंबे मामलों को समाप्त करना, आईएमसी संदर्भ, प्रधानमंत्री कार्यालय/राज्य सरकार के संदर्भ, सार्वजनिक शिकायतें, जन शिकायत अपील, आदि थे। अभियान का नेतृत्व और पहल इस्पात मंत्री (एचएसएम), इस्पात राज्य मंत्री और इस्पात सचिव के मार्गदर्शन में की गई थी। अभियान की तैयारी और कार्यान्वयन की समीक्षा इस्पात मंत्री, राज्य मंत्री (इस्पात), सचिव (इस्पात) और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा विभिन्न मंजिलों और अनुभागों / कमरों की अचानक की गई जांच के माध्यम से नियमित रूप से की गई। इस्पात मंत्री और इस्‍पात राज्य मंत्री ने नई दिल्ली में भारतीय इस्पात निगम लिमिटेड के प्रधान कार्यालय सहित उद्योग भवन और उसके आसपास स्वच्छता गतिविधियों में भाग लिया। मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने दिल्ली में स्थित केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों-सीपीएसई के कार्यालयों का दौरा किया और उनकी तैयारी और अभियान मानकों के कार्यान्वयन की समीक्षा की।

अभियान के दौरान, इस्पात क्षेत्र के केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों-सीपीएसई ने धातु और गैर-धातु कबाड़, कागज, ई-कचरे आदि के निपटान से 37722 वर्ग फुट जगह खाली कराई गई और इसकी बिक्री से लगभग 394 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया। साथ ही मंत्रालय में 568 वर्ग फुट जगह खाली कर दी गई है, जिससे 0.80 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों-सीपीएसई के साथ मिलकर, 55800 भौतिक फाइलों और 7980 ई-फाइलों के प्रारंभिक लक्ष्य के मुकाबले 58082 भौतिक फाइलों और 10258 ई-फाइलों की समीक्षा की गई। कम से कम 43841 भौतिक फाइलों का उन्मूलन कर दिया गया है और 4947 इलेक्ट्रॉनिक फाइलों को बंद कर दिया गया है। अभियान के दौरान 237 स्वच्छता अभियानों के लक्ष्य के विपरीत मंत्रालय और इसके केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों-सीपीएसई द्वारा 278 स्वच्छता अभियान चलाए गए। इसके अलाव, 114 जन शिकायत अपीलों या शिकायतों, 12 सांसद संदर्भों, 8 प्रधानमंत्री कार्यालय संदर्भों और 2 आईएमसी संदर्भों का निपटारा किया गया है। विशेष अभियान के दौरान इस्पात क्षेत्र के केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों-सीपीएसई द्वारा सात नियमों या प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया है।

विशेष अभियान 2.0 को मीडिया में व्यापक कवरेज प्राप्त हुई है

 

इस अभियान ने 25 से अधिक ट्वीट और 250 रीट्वीट के साथ अच्छी संख्या में सोशल मीडिया कवरेज प्राप्त की है। इस्‍पात मंत्रालय और उसके केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों ने जन जागरूकता पैदा करने और गांधी जी की इस परिकल्पना ''स्‍वच्‍छता ईश्वर की आराधना की तरह ही है'' को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर सक्रिय रूप से भाग लिया।

अभियान के चित्र

मंत्रालय और केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में स्वच्छता अभियान के पहले और बाद के चित्र:

मंत्रालय न केवल अभियान की शुरुआत में विभिन्न मापदंडों के लिए निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम रहा था, बल्कि विशेष रूप से स्वच्छता अभियानों की संख्या और पुरानी फाइलों की रिकॉर्डिंग और उन्मूलन के संबंध में लक्ष्यों को भी प्राप्त कर लिया गया। अभियान के उद्देश्यों को इस्पात मंत्री, इस्पात राज्य मंत्री, मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के कुशल मार्गदर्शन और मंत्रालय के अंतर्गत केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों सहित अधिकारियों और कर्मचारियों के सक्रिय सहयोग के अंतर्गत प्राप्त किया गया था। मंत्रालय के विशेष अभियान ने अपने कार्यालयों, संयंत्रों, खानों, टाउनशिप आदि के साथ केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों की अखिल भारतीय स्तर पर उपस्थिति के कारण देश के सबसे दूर-दराज के क्षेत्रों को भी शामिल किया। अभियान में उनकी सक्रिय भागीदारी के परिणामस्वरूप और विभिन्न गतिविधियों के संचालन से मंत्रालय के कार्यालय परिसर में और उसके आसपास पर्यावरण के अनुकूल वातावरण के निर्माण और रखरखाव के लिए विशेष अभियान 2.0 के उद्देश्यों को प्राप्त करने में सक्षम रहा है और स्वच्छता अभियान के उद्देश्यों के अनुरूप कार्यालयों और परिवेश को स्वच्छ रखने के अपने प्रयासों को आगे भी जारी रखेगा।

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