पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री और जर्मन संघीय संसद की पर्यावरण समिति के बीच बैठक संपन्न हुई
भारत और जर्मनी जलवायु संबंधी वैश्विक चुनौतियों का स्थायी समाधान खोजने के लिए मिलकर काम करेंगे
जर्मन प्रतिनिधिमंडल ने भारत द्वारा की गई जलवायु संबंधी ठोस कार्रवाई की सराहना की
आईएसए, सीडीआरआई और लीडआईटी जैसी जलवायु संबंधी वैश्विक पहल भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती है: श्री भूपेंद्र यादव
भारत ने समय से पहले अक्षय ऊर्जा और ऊर्जा तीव्रता पर देशों के लिए निर्धारित (एनडीसी) पहला लक्ष्य हासिल कर लिया
प्रधानमंत्री श्री मोदी का मिशन लाइफ, हरित पृथ्वी के लिए एकमात्र रास्ता: केंद्रीय पर्यावरण मंत्री
Posted On:
27 OCT 2022 5:31PM by PIB Delhi
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने आज इंदिरा पर्यावरण भवन, नई दिल्ली में माननीय संसद सदस्य (एमडीबी) श्री हेराल्ड एबनेर की अध्यक्षता में जर्मन संघीय संसद की पर्यावरण समिति के साथ उपयोगी बैठक की। बैठक में, उन्होंने वैश्विक पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और अन्य संबंधित चुनौतियों के साथ-साथ इन चुनौतियों का स्थायी समाधान खोजने के लिए जर्मनी और भारत द्वारा मिलकर काम करने के उपायों के बारे में चर्चा की।
केंद्रीय मंत्री श्री भूपेंद्र यादव के साथ जर्मन संघीय संसद की पर्यावरण समिति
बैठक में स्थायी जीवन शैली, सर्कुलर इकोनॉमी, ई-कचरा, जलाशयों का संरक्षण, पेयजल, उर्वरकों की समस्या, शहरी प्रवास, क्षेत्रीय जलवायु कार्ययोजनाओं और उपलब्धियों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की गई। जर्मन प्रतिनिधिमंडल ने विशाल आकार और अधिक जनसंख्या के बावजूद भारत द्वारा किए गए पर्यावरण एवं जलवायु से संबंधित ठोस कार्यों की सराहना की। जर्मन प्रतिनिधिमंडल ने बताया किया कि जर्मनी भारत की जी-20 प्रेसीडेंसी का पूरा समर्थन करता है।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन से संबंधित चुनौतियों से निपटने के लिए जर्मनी द्वारा भारत को दिए गए समर्थन की सराहना की। उन्होंने गंगा संरक्षण में जर्मनी के समर्थन की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारत और जर्मनी को वैश्विक पर्यावरण चुनौतियों से निपटने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में घरेलू और वैश्विक स्तर पर जलवायु को लेकर कई ठोस कार्रवाई कर रहा है। इनमें एनसीएपी, जैव ईंधन, कल्याण योजना, अमृत सरोवर, आरई का 500 गीगावाट लक्ष्य, बीएस-VI, आदि शामिल हैं। श्री यादव ने कहा कि भारत हमेशा समाधान का हिस्सा बनने का प्रयास करता है, न कि समस्या का हिस्सा।
श्री यादव ने आईएसए, सीडीआरआई और लीडआईटी जैसी वैश्विक पहलों का नेतृत्व करके जलवायु परिवर्तन से जुड़ी समस्याओं का समाधान करने के लिए भारत की वैश्विक प्रतिबद्धता के बारे में विस्तार से बताया और उन्होंने आईएसए में शामिल होने के लिए जर्मनी को विशेष रूप से धन्यवाद दिया। उन्होंने सचेत खपत और सर्कुलर इकोनॉमी की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि भारत तीन पहलुओं-कानूनी, क्षमता और बाजार अर्थव्यवस्था से सर्कुलर इकोनॉमी को बढ़ावा दे रहा है।
जर्मन प्रतिनिधिमंडल द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए, केंद्रीय मंत्री ने जोर देकर कहा कि जलवायु संबंधी समस्याओं को लेकर भारत की कार्रवाई सीबीडीआर-आरसी के सिद्धांत पर आधारित है। उन्होंने कहा कि भारत ने अक्षय ऊर्जा और ऊर्जा की तीव्रता पर देशों के लिए निर्धारित (एनडीसी) में उल्लिखित लक्ष्यों के पहले चरण को समय से पहले हासिल कर लिया। इसके अलावा, भारत ने मिशन लाइफ के लॉन्च के साथ इन लक्ष्यों को आगे बढ़ाया है।
बैठक का समापन करते हुए, दोनों पक्षों ने पर्यावरण और जलवायु पर भारत-जर्मन द्विपक्षीय सहयोग के योगदान को महत्वपूर्ण बताया, और इसे और मजबूत करने के लिए सहमति व्यक्त की। साथ ही, दोनों देशों - भारत और जर्मनी द्वारा जलाशयों के संरक्षण, सर्कुलर इकोनामी तथा इलेक्ट्रॉनिक कचरे से जुड़ी समस्याओं के समाधान की दिशा में मिलकर काम करने के बारे में चर्चा की।
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