राष्ट्रपति सचिवालय

राष्ट्रपति ने त्रिपुरा सरकार द्वारा आयोजित नागरिक स्वागत समारोह में भाग लिया

Posted On: 12 OCT 2022 8:31PM by PIB Delhi

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज शाम (12 अक्टूबर, 2022) टाउन हॉल, अगरतला में उनके सम्मान में त्रिपुरा सरकार द्वारा आयोजित एक नागरिक स्वागत समारोह में भाग लिया।

 

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इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने त्रिपुरा के लोगों को उनके गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा की मिली-जुली संस्कृति भारत का गौरव है। त्रिपुरा के आदिवासी समुदाय ने लोकतंत्र और परंपरा का एक सुंदर मिश्रण को बनाए रखा है।

 

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राष्ट्रपति ने कहा कि प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर रहना आदिवासी समाज की विशेषता है। त्रिपुरा का अधिकांश क्षेत्र वन संसाधनों से समृद्ध है। इस अमूल्य वन संपदा के संरक्षण में आदिवासी समाज की प्राकृतिक जीवन शैली ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि वर्ष 2020-21 के दौरान सतत विकास लक्ष्य-12 में शामिल 'जिम्मेदारीपूर्ण खपत और उत्पादन' के लक्ष्य को प्राप्त करने में त्रिपुरा शीर्ष स्थान पर था। उन्होंने यह भी कहा कि त्रिपुरा उन दो राज्यों में से एक है जो सबसे कम प्लास्टिक कचरा उत्पन्न करते हैं।

 

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राष्ट्रपति ने कहा कि त्रिपुरा एक बिजली अधिशेष राज्य है और यह बांग्लादेश को बिजली का निर्यात करता है। उन्होंने कहा कि फेनी नदी पर 'मैत्री सेतु' के निर्माण से बांग्लादेश और भारत के बीच संपर्क बढ़ा है। साथ ही त्रिपुरा के उद्यमियों के लिए चटगांव और आशुगंज के बंदरगाहों का उपयोग करना सुविधाजनक हो गया है। यह कहा जा सकता है कि, त्रिपुरा ने शुरू से ही बांग्लादेश के साथ भारत की दोस्ती को गहरा करने में एक प्रमुख भूमिका निभाई है।

 

राष्ट्रपति ने इस पर प्रसन्नता व्यक्त की कि त्रिपुरा एक शैक्षिक केंद्र के रूप में निरंतर प्रगति कर रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में उच्च और व्यावसायिक शिक्षा के कई संस्थान स्थापित हैं, जहां न केवल पूर्वोत्तर क्षेत्र बल्कि भारत के अन्य हिस्सों और विदेशों से भी छात्र शिक्षा के लिए आते हैं। उन्हें यह जानकर भी खुशी हुई कि त्रिपुरा ने प्रारंभिक शिक्षा के स्तर पर शत-प्रतिशत नामांकन का लक्ष्य हासिल कर लिया है।


इससे पहले, राष्ट्रपति ने अगरतला में अल्बर्ट एक्का युद्ध स्मारक का दौरा किया और 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान कर्तव्य निभाते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।


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