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वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट 2019 में प्रधान मंत्री जी का संबोधन

Posted On: 18 JAN 2019 2:13PM by PIB Delhi

विभिन्न देशों के माननीय मंत्रियों और महामहिम, साझेदार देशों के प्रतिनिधियों और नुमाइंदों, कॉर्पोरेट क्षेत्र के अग्रणियों, अतिथियों, प्रतिभागियों और मंच पर मौजूद प्रतिनिधियों, गणमान्य व्यक्तियों, युवा मित्रों, देवियों और सज्जनों!

वाइब्रेंट गुजरात समिट के 9 वें अध्याय में आप सभी का स्वागत करते हुए मुझे प्रसन्नता हो रही है।

जैसा कि आप देख सकते हैं, ये अब वास्तव में एक वैश्विक कार्यक्रम बन गया है। एक ऐसा कार्यक्रम जिसमें सभी के लिए स्थान है। इसमें वरिष्ठ राजनीतिक नेताओं की उपस्थिति की गरिमा है। इसमें सी.ई.ओ और कॉर्पोरेट क्षेत्र के अग्रणियों की ऊर्जा है। इसमें संस्थानों और राय देने वाले लोगों की संजीदगी है और इसमें नए उद्यमों और स्टार्ट-अप्स की मार्मिकता है।

वाइब्रेंट गुजरात ने हमारे उद्यमों को विश्वास बनाने में सहायता की है। इसने सरकारी अभिकरणों द्वारा क्षमता निर्माण और वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने में भी मदद की है।

मैं आप सभी को एक लाभकर, फलदायी और सुखद शिखर सम्मेलन की शुभकामना देता हूं। गुजरात में, यह पतंग के उत्‍सव या उत्‍तरायण का मौसम है। मैं आशा करता हूँ कि इस शिखर सम्मेलन के व्यस्त कार्यक्रम में से आप थोड़ा निकल कर उत्सवों के नज़ारों और आवाज़ों और इस राज्य का आनंद लेंगे।

मैं वाइब्रेंट गुजरात के इस संस्करण के 15 साझेदार देशों का विशेष रूप से स्वागत और धन्यवाद करता हूं।

मैं 11 साझेदार संगठनों, और उन सभी देशों, संगठनों और संस्थानों का भी धन्यवाद करता हूं, जो इस मंच पर अपनी संगोष्ठी आयोजित कर रहे हैं। ये भी संतोष का एक विषय है कि भारत के आठ राज्य अपने-अपने निवेश अवसरों को उजागर करने के आशय से इस मंच का उपयोग करने के लिए आगे आए हैं।

मैं आशा करता है कि आप ग्लोबल ट्रेड शो देखने के लिए कुछ समय निकाल पाएं, जो अपने पैमाने का एक उल्लेखनीय प्रदर्शन है, और विश्व स्तर के उत्पादों, प्रक्रियाओं और प्रौद्योगिकियों की श्रृंखला प्रदर्शित करता है। असल में, गुजरात भारत की सबसे अच्छी व्यावसायिक भावों का प्रतिनिधित्व करता है। इस कार्यक्रम ने, कई दशकों से गुजरात को मिलती आ रही महत्व को और भी बढ़ा दिया है। वाइब्रेंट गुजरात समिट ने आठ सफल संस्करणों की परिवर्तनकारी यात्रा की है।

विभिन्न विषयों पर कई सम्मेलनों और संगोष्ठियों का आयोजन किया गया है। ये मुद्दे भारतीय समाज और अर्थव्यवस्था के साथ-साथ संपूर्ण वैश्विक समुदाय के लिए महत्वपूर्ण हैं। मैं, मिसाल के तौर पर, कल मनाए गए अफ्रीका दिवस और 20 जनवरी को मनाए गए ग्लोबल कॉन्क्लेव ऑफ इंटरनेशनल चैम्बर्स के समारोह का उल्लेख करता हूँ।

मित्रों,

आज यहां वास्तव में एक भव्य सभा इकट्ठी हुई है। हमें कई राष्ट्राध्यक्षों और सरकार-अध्यक्षों तथा कई अन्य गणमान्य प्रतिनिधियों की उपस्थिति का सम्मान मिला है। इससे पता चलता है कि अंतर्राष्ट्रीय द्विपक्षीय सहयोग अब केवल राष्ट्रीय राजधानियों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अब हमारे राज्यों की राजधानियों तक भी विस्तृत हो चुका है।

उभरती हुई अधिकांश अर्थव्यवस्थाओं के समान ही, भारत में भी, हमारी बड़ी चुनौती रही है क्षैतिज और लंबवत विकास करना।

क्षैतिज विकास के तहत, हमें उन क्षेत्रों और समुदायों तक विकास के लाभ पहुंचाना होगा जो पिछड़ गए हैं।

लंबवत विकास के तहत, हमें जीवन की गुणवत्ता, सेवाओं की गुणवत्ता और बुनियादी संरचनाओं की गुणवत्ता के सन्दर्भ में बढ़ी हुई अपेक्षाओं को पूरा करना होगा। हम अच्छी तरह से जानते हैं कि यहाँ भारत में हासिल की गई हमारी उपलब्धियां, एक-छठे हिस्से मानवता को प्रत्यक्ष प्रभावित करेगी।

मित्रों,

जो लोग नियमित रूप से भारत आते रहते हैं, उन्होंने यहाँ की आबोहवा में बदलाव महसूस किया होगा। ये बदलाव, दिशा और गहनता दोनों ही सन्दर्भों में हुई है। पिछले चार वर्षों में, मेरी सरकार का पूरा ध्यान सरकार को घटाने और शासन को बढ़ाने पर रहा है। मेरी सरकार का मंत्र सुधार, प्रदर्शन, रूपांतरण और अगला प्रदर्शन करना रहा है।

हमने कई कठोर कदम उठाए हैं। हमने गहन संरचनात्मक सुधार भी किए हैं, जिसने हमारी अर्थव्यवस्था और राष्ट्र को मजबूती प्रदान की है।

ऐसा करते हुए, हम दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक बने रहे हैं। वर्ल्ड बैंक और आई.एम.एफ जैसी प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों और साथ ही मूडी जैसी अभिकरणों ने भारत की आर्थिक यात्रा पर विश्वास दिखाया है।

हमने उन बाधाओं को दूर करने पर ध्यान केंद्रित किया है, जो हमें अपनी पूरी क्षमता हासिल करने से रोक रही थीं। हम सुधारों और अविनियमन की गति और प्रक्रिया को जारी रखेंगे।

मित्रों,

भारत अब व्यवसाय के लिए पहले से भी ज़्यादा तैयार है। हमने डूइंग बिज़नस इज़ीयर बना दिया है।

पिछले चार वर्षों में, हमने वर्ल्ड बैंक की डूइंग बिज़नस रिपोर्ट की वैशिक रैंकिंग में 65 स्थानों की छलांग लगाई है।

वर्ष 2014 में 142 वे स्थान से अब 77 वे स्थान पर आ गए हैं, लेकिन हम अपने प्रदर्शन से अब भी संतुष्ट नहीं हैं। मैंने अपनी टीम को और ज़्यादा मेहनत करने को कहा है ताकि भारत अगले वर्ष शीर्ष 50 देशों के मध्य स्थान बना सके। मैं चाहता हूं कि हमारे विनियमनों और प्रक्रियाओं की तुलना दुनिया की सबसे अच्छी विनियमनों और प्रक्रियाओं के साथ हो। हमने डूइंग बिजनेस को अधिक किफ़ायती भी बना दिया है।

वस्तु और सेवा कर के ऐतिहासिक कार्यान्वयन और करों के सरलीकरण और समेकन के अन्य उपायों ने ट्रांसैकशन की लागत को घटाया और प्रक्रियाओं को कुशल बनाया है।

हमने डिजिटल प्रक्रियाओं, ऑनलाइन ट्रांसैकशन और सिंगल पॉइंट इंटरफेस के माध्यम से डूइंग बिज़नस फास्टर भी बनाया है।

एफ.डी.आई, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में, हम अब सबसे खुले देशों में से एक बन गए हैं। हमारी अर्थव्यवस्था के अधिकांश क्षेत्र अब केवल एफ.डी.आई के लिए ही खुले हैं। 90 प्रतिशत से अधिक मंजूरियों को स्वचालित मार्ग पर रखा गया है। इस तरह के उपायों ने हमारी अर्थव्यवस्था को उच्च विकास के पथ पर अग्रसर किया है। पिछले चार वर्षों में, हमें 263 बिलियन डॉलर की एफ.डी.आई प्राप्त हुई है। यह पिछले 18 वर्षों में प्राप्त एफ.डी.आई का 45 प्रतिशत है।

और दोस्तों, हमने डूइंग बिज़नस स्मार्टर भी बनाया है। हम सरकारी अधिप्राप्ति और खरीद में आई.टी आधारित ट्रांसैकशन पर बल दे रहे हैं। सरकारी लाभों के प्रत्यक्ष हस्तांतरण सहित डिजिटल पेमेंट अब पूर्ण कार्यान्वयन के अधीन है। हम स्टार्ट-अप के क्षेत्र में दुनिया के सबसे बड़े पारिस्थितिकी तंत्रों में से एक हैं और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में ऐसे कई स्टार्ट-अप्स शुरू हुए हैं। इसलिए मैं निःसंदेह कह सकता हूं कि हमारे साथ व्यवसाय करना सभी के लिए एक अच्छा अवसर होगा।

ऐसा इसलिए भी है क्योंकि हम संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन (यू.एन.सी.टी.ए.डी) द्वारा सूचीबद्ध शीर्ष 10 एफ.डी.आई देशों में से एक हैं। हमारी अर्थव्यवस्था का वातावरण, विश्व स्तर पर एक लागत प्रतिस्पर्धी विनिर्माण वातावरण है। हमारे पास ज्ञान और ऊर्जा से लैस कुशल व्यावसायिकों का एक विशाल समूह मौजूद है। हमारे पास विश्व स्तर की इंजीनियरिंग शिक्षा आधार और मजबूत अनुसंधान और विकास सुविधाएं हैं। जी.डी.पी बढ़ने, मध्यम वर्ग के लोगों की उन्नति और उनकी खरीद शक्ति बढ़ने से हमारे विशाल स्वदेशी बाजार में अधिक विकास हो रहा है। पिछले दो वर्षों में, हम कॉरपोरेट की तरफ अल्प कर व्यवस्था की ओर बढ़े हैं। हमने नए निवेशों के साथ-साथ छोटे और मध्यम उपक्रमों के लिए कर को 30% से घटाकर 25% कर दिया है। आई.पी.आर के मुद्दों पर, हमने बेंच मार्किंग नीतियाँ बनाई हैं। अब, हम सबसे तेजी से बढ़ते ट्रेडमार्क व्यवस्थाओं में से एक हैं। दिवाला और दिवालियापन संहिता अब व्यवसायों पर लम्बे समय तक चलने वाले कानूनी और वित्तीय संघर्षों का बोझ डाले बिना इससे निकलने का एक मार्ग प्रदान करता है।

इस प्रकार, व्यवसाय की शुरुआत से लेकर इसके संचालन और समापन तक, हमने नए संस्थानों, प्रक्रियाओं और विधियों के निर्माण पर ध्यान दिया है। यह सब महत्वपूर्ण है, न केवल व्यवसाय करने के लिए, बल्कि हमारे लोगों का जीवन आसान बनाने के लिए भी। हम यह भी समझते हैं कि एक युवा राष्ट्र होने के नाते, हमें रोजगार के अवसर और बेहतर बुनियादी संरचनाओं का निर्माण करने की आवश्यकता है। ये दोनों ही निवेश के साथ जुड़े हुए हैं। इसलिए, हाल के वर्षों में, विनिर्माण और बुनियादी संरचनाओं पर अभूतपूर्व ध्यान दिया गया है।

हमने अपने युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बनाने के लिए विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए कड़ी मेहनत की है। हमारे "मेक इन इंडिया" पहल के तहत निवेश करने में 'डिजिटल इंडिया' और 'स्किल इंडिया' जैसे कार्यक्रमों ने काफी सहायता की है। हमारे प्रयासों में हमारे औद्योगिक बुनियादी संरचनाओं, नीतियों और प्रथाओं को विश्व के सर्वोत्कृष्ट मानकों के समतुल्य बनाना और भारत को एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र में बदलना भी शामिल है।

स्वच्छ ऊर्जा और हरित विकास। शून्य दोष और शून्य प्रभाव विनिर्माण। ये भी हमारी प्रतिबद्धताएं हैं। हम जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने की दिशा में काम करने हेतु विश्व के प्रति कटिबद्ध हैं। ऊर्जा के क्षेत्र में, हम अब दुनिया में अक्षय ऊर्जा उत्पादन करने वाला पांचवा सबसे बड़ा देश हैं। हम पवन ऊर्जा के चौथे और सौर ऊर्जा के पांचवें सबसे बड़े उत्पादक हैं।

हम सड़कों, बंदरगाहों, रेलों, हवाई अड्डों, दूरसंचार, डिजिटल नेटवर्क और ऊर्जा सहित अगले दर्जे की बुनियादी संरचनाओं में निवेश करने के इच्छुक हैं। हम अपने लोगों को बेहतर आमदनी और जीवन देने के लिए अपने सामाजिक, औद्योगिक और कृषि-बुनियादी संरचनाओं में भी भारी निवेश कर रहे हैं। कुछ उदाहरण के तौर पर बताना चाहूँगा कि, पिछले चार वर्षों में बिजली के क्षेत्र में अधिकतम क्षमता वृद्धि और उत्पादन किया गया है। पहली बार, भारत बिजली का सकल निर्यातक बना है। हमने बड़े पैमाने पर एल.ई.डी बल्ब बांटा है। इससे बड़ी मात्रा में ऊर्जा की बचत हुई है। हमने अभूतपूर्व गति से ट्रांसमिशन लाइनें लगाईं हैं। सड़के बनाने में हमारी गति लगभग दोगुनी हो गई है। हमने बड़े बंदरगाहों में अभूतपूर्व क्षमता वृद्धि की है। अब 90% गाँव सड़कों के ज़रिए जुड़े हुए हैं। रेल की नई पटरियां बिछाने, पटरियों का गेज बदलने, दोहराने और इन तक बिजली पहुंचाने की गति भी दोगुनी हो गई है। हम एक ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से नियमित आधार पर बड़ी परियोजनाओं का निष्पादन करके अधिक लाभ अर्जित कर रहे हैं। बुनियादी संरचनाओं के निर्माण के लिए सार्वजनिक-निजी साझेदारी व्यवस्था को निवेशकों के अधिक अनुकूल बनाया गया है। हमारी सरकार के पूरे कार्यकाल में औसत सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी) में हुई 7.3% की वृद्धि, 1991 के बाद से भारत के किसी भी सरकार के तहत हुई जी.डी.पी वृद्धि की तुलना में सबसे अधिक है। इसके साथ ही, 4.6% के दर की मुद्रास्फीति, सं 1991, जब भारत ने उदारीकरण की प्रक्रिया शुरू की थी, उसके बाद से भारत के किसी भी सरकार के तहत हुई मुद्रास्फीति की तुलना में सबसे कम है।

हमारा मानना ​​है कि लोगों को विकास के लाभ बड़ी ही आसानी और कुशलता से मिलने चाहिए।

आपको कुछ उदाहरण देना चाहूँगा, अब हमारे देश के प्रत्येक परिवार के पास एक बैंक खाता है। हम प्रमाणिकता के बिना ही छोटे उद्यमों को ऋण दे रहे हैं। अब हर गांव में बिजली पहुँच रही है। अब लगभग सभी घरों में बिजली है। हमने बड़ी संख्या में ऐसे लोगों को रसोई गैस दी है जो अब तक इसका खर्च उठाने में सक्षम नहीं थे। हमने सुनिश्चित किया है कि सभी क्षेत्रों - शहरी और ग्रामीण दोनों में उचित स्वच्छता हो। हम सभी परिवारों के लिए शौचालय के सम्पूर्ण कवरेज और उनके उचित उपयोग की दिशा में काम कर रहे हैं।

देवियों और सज्जनों,

हम 2017 में, दुनिया की सबसे ज़्यादा तेज़ी से बढ़ती पर्यटन स्थलों में से थे। 2016 में भारत में 14 प्रतिशत के दर से वृद्धि हुई थी, जबकि उसी साल पूरी दुनिया में औसतन 7 प्रतिशत के दर से वृद्धि हुई थी। हम दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते विमानन बाजार भी रहे हैं, जहाँ चार वर्षों में यात्रियों की टिकेटिंग के सन्दर्भ में दोहरे आंकड़ों की वृद्धि हुई है।

इस प्रकार एक नया भारत उभर रहा है, जो आधुनिक और प्रतिस्पर्धी होगा पर फिर भी सभी की परवाह करने वाला और संवेक्षाशील होगा। इस संवेक्षा का उदाहरण है हमारी चिकित्सा आश्वासन योजना, जिसे आयुष्मान भारत कहा जाता है। इससे लगभग 500 मिलियन लोगों – जो संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और मैक्सिको की कुल आबादी से अधिक है, को लाभ मिलेगा । आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बुनियादी संरचनाओं, चिकित्सा उपकरण विनिर्माण और स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्रों में भारी निवेश के अवसर प्रदान करेगा।

मैं कुछ और उदाहरण पेश करना चाहूँगा। भारत के 50 शहर मेट्रो रेल सिस्टम बनाने के लिए तैयार हैं। हमें 50 मिलियन घर बनाने हैं। सड़क, रेल और जलमार्गों की बहुत अधिक आवश्यकता है। हम चाहते हैं कि विश्व स्तरीय प्रौद्योगिकियां तेजी और स्वच्छता के साथ लक्ष्य प्राप्त करने में हमारी मदद करे।

मित्रों,

भारत इस प्रकार, अपार अवसरों का देश है। यह ऐसा एकमात्र स्थान है, जो आपको लोकतंत्र, जनसांख्यिकी और मांग प्रदान करता है। भारत के साथ जुड़े लोगों को, मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारी लोकतांत्रिक प्रणाली, मानवीय मूल्य और मजबूत न्यायिक प्रणाली आपके निवेशों की सुरक्षा और रक्षितता सुनिश्चित करेगी। हम निवेश के माहौल को और बेहतर बनाने और अपने-आप को अधिक से अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

भारत के साथ नहीं जुड़े हुए लोगों को, मैं आमंत्रित और प्रोत्साहित करता हूँ कि वे भारत आएं और यहाँ के अवसरों की खोज करें। यहां आने का ये सबसे अच्छा समय है। हमने निवेशकों को वन-टू-वन बेसिस पर मदद करने के लिए समर्पित साधन स्थापित किए हैं। इन सब से ऊपर उठकर, मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आपकी यात्रा में आपका हाथ थामने के लिए मैं हमेशा तैयार रहूंगा।

धन्यवाद!
आपका बहुत बहुत धन्यवाद।

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DS/LP



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