उपभोक्‍ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय

राष्ट्रीय लोक अदालत 12 नवंबर 2022 को देश भर में लगेगी


उपभोक्ता कार्य विभाग उपभोक्ताओं के लंबित मामलों को समझौता एवं समाधान के माध्यम से निपटाने के लिए राष्ट्रीय लोक अदालत के समक्ष प्रस्तुत करेगा

Posted On: 06 OCT 2022 7:05PM by PIB Delhi

उपभोक्ताओं से संबंधित विचाराधीन मामलों को निपटाने के लिए देश भर में 12 नवंबर 2022 को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा।

लोक अदालत व्यवस्था के लाभों और पार्टियों के बीच आपसी समाधान एवं समझौते को ध्यान में रखते हुए बड़ी संख्या में उपभोक्ता मामलों के निपटारे की उम्मीद है।

इस पूरी कार्रवाई के लिए जमीनी स्तर पर कार्य पहले ही शुरू किया जा चुका है। सभी उपभोक्ता आयोगों को उन मामलों की पहचान करने के लिए सूचित कर दिया गया है, जिनमें निपटान की संभावना है। इसके अलावा ऐसे लंबित मामलों की एक सूची तैयार करने को कहा गया है, जिन्हें लोक अदालत में भेजा जा सकता है। विभाग द्वारा सूची बनाने की नियमित निगरानी की जा रही है।

अधिकतम पहुंच सुनिश्चित करने और उपभोक्ताओं को लाभान्वित करने के लिए विभाग एसएमएस तथा ईमेल के माध्यम से उपभोक्ताओं, कंपनियों एवं संगठनों तक संदेश पहुंचा रहा है। विभाग के पास 3 लाख पार्टियों के फोन नंबर और ईमेल उपलब्ध हैं, जिनके मामले आयोग में लंबित पड़े हैं। विभाग ने उपभोक्ता आयोगों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये संवाद किया है, इसमें 200 से अधिक मामले के लंबित होने की जानकारी मिली है।

प्रौद्योगिकी की मदद से सभी हितधारकों के बीच एक अलग लिंक बनाया गया है और इस संबंध में संदेश भी प्रसारित किया जा रहा है, जिसमें कोई भी व्यक्ति अपना लंबित केस नंबर और अधिकार पत्र की सूचना दर्ज कर सकता है। इसके आधार पर लंबित मामले मामले को आसानी से लोक अदालत में भेजा जा सकता है। आवश्यक लिंक ईमेल और एसएमएस के माध्यम से प्रसारित किया जाएगा।

डेटा एनालिटिक्स के माध्यम से लंबित मामलों की क्षेत्रवार पहचान की गई है। कुल लंबित मामलों में 71379 बैंकिंग के, 168827 बीमा संबंधी, 1247 ई-कॉमर्स से जुड़े हुए, 33919 मामले बिजली के और 2316 रेलवे के मामले निपटाने के प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसे उपभोक्ता मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाने की दिशा में कार्य किया गया है।

उपभोक्ता मामले विभाग उपभोक्ता आयोगों में मामलों के निपटान की लगातार निगरानी कर रहा है और आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से निपटाए जाने वाले लंबित उपभोक्ता मामलों को शामिल करने के लिए राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (एनएएलएसए) के साथ सहयोग करने की प्रक्रिया में है, जहां दोनों पक्ष आपसी समझौते पर सहमत हैं। इस संबंध में एनएएलएसए को पहले ही संचार किया जा चुका है।

उपभोक्ता अपने लंबित मामले को लोक अदालत में भेजने के लिए अधिक जानकारी और सहायता हेतु, http://cms.nic.in/ncdrcusersWeb/lad.do?method=lalp लिंक पर जा सकते हैं। इसके माध्यम से वे लोक अदालत के संदर्भ के लिए अपने मामले दर्ज कर सकते हैं या फिर राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन 1915 पर कॉल कर सकते हैं, जो इस प्रक्रिया में उनकी सहायता करेगा। साथ ही उपभोक्ता आयोग उपरोक्त लिंक के माध्यम से संदर्भित मामलों की अद्यतन सूची को पोर्टल पर अपलोड कर सकते हैं।

राष्ट्रीय लोक अदालतें नियमित अंतराल पर आयोजित की जाती हैं, जहां पर एक ही दिन में पूरे देश में उच्चतम न्यायालय से लेकर जिला स्तर तक सभी अदालतों में लोक अदालतें आयोजित की जाती हैं और बड़ी संख्या में मामलों का निपटारा किया जाता है।

उपभोक्ता कार्य विभाग का मिशन प्रगतिशील कानून के माध्यम से उपभोक्ता संरक्षण एवं सुरक्षा को मजबूत करना, जागरूकता तथा शिक्षा के माध्यम से उपभोक्ताओं को सशक्त बनाना और उचित और कुशल शिकायत निवारण तंत्र तक पहुंच प्रदान करना है। राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (नालसा) अन्य कानूनी सेवा संस्थानों के साथ लोक अदालतों का आयोजन करता है। यह वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्रों में से एक है, और एक ऐसा मंच है जहां अदालतों/आयोगों में लंबित विवादों/मामलों को सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटाया/समझौता किया जाता है।

देश में करीब 6,07,996 उपभोक्ता मामले लंबित हैं। एनसीडीआरसी में करीब 22250 मामले विचाराधीन हैं। 28318 मामलों के साथ उत्तर प्रदेश जैसे प्रमुख राज्य, 18093 लंबित मामलों के साथ महाराष्ट्र, 15450 लंबित मामलों के साथ दिल्ली, 10319 के साथ मध्य प्रदेश, और 9615 लंबित मामलों के साथ कर्नाटक कुछ ऐसे राज्य हैं जहां सबसे अधिक लंबित मामले हैं। सबसे अधिक विचाराधीन मामलों वाले जिलों में मुजफ्फरपुर (बिहार) में 1853 मामले लंबित हैं, सीवान (बिहार) में 1046, पटना (बिहार) में 4849, रांची (झारखंड) में 1044, खोरधा (उड़ीसा) में 2308, पुरी ( उड़ीसा) 1884, बर्दवान (पश्चिम बंगाल) 1324, उत्तर 24 परगना (पश्चिम बंगाल) 1195, हावड़ा 9 पश्चिम बंगाल) 1253, राजारहाट (पश्चिम बंगाल) 1148, हिसार (हरियाणा) 2693, रोहतक (हरियाणा) के साथ 2038, 1811 के साथ गुड़गांव (हरियाणा), 1125 के साथ शिमला (हिमाचल प्रदेश), 2688 के साथ संगरूर (पंजाब), 1755 के साथ एसएएस नगर मोहाली (पंजाब), 1675 अमृतसर (पंजाब), 4640 के साथ चुरू (राजस्थान), अलवर (राजस्थान) 4180, भरतपुर (राजस्थान) 1605, अजमेर (राजस्थान) 1977, मेरठ (यूपी) 2461, गाजियाबाद (यूपी) 2442, कानपुर नगर (यूपी) 3789, इलाहाबाद (यूपी) 3299, झांसी (यूपी) 2070, गोरखपुर (यूपी) 3067 के साथ, बलिया (यूपी) 2372 के साथ, बस्ती (यूपी) 1947 के साथ, देहरादून (उत्तराखंड) 1225 के साथ, त्रिशूर (केरल) 6391 के साथ, 2951 इरनाकुलम (केरल), 1782 तिरुवनंतपुरम (केरल), 2221 बेलगाम (कर्नाटक), 1242 तिरुनेलवेली (तमिलनाडु), 2079 वडोदरा (गुजरात), 2585 सूरत (गुजरात), 1708 आनंद (गुजरात), 2020 जलगांव (महाराष्ट्र), 2337 नागपुर (महाराष्ट्र), 5488 नांदेड़ (महाराष्ट्र), 3636 ठाणे (महाराष्ट्र), 2834 मुंबई (उपनगरीय) (महाराष्ट्र), 2652 इंदौर (एमपी), जबलपुर (एमपी) 2463, भोपाल (मध्यप्रदेश) 2160 के साथ, दुर्ग (छ.ग.) 2593, रायपुर (छ.ग.) 3329, करीमनगर (तेलंगाना) 1338 मामले हैं।

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