विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने केंद्र और राज्यों के बीच सर्वोत्तम प्रौद्योगिकी को साझा करने के लिए एक डैशबोर्ड स्थापित करने की घोषणा की
केंद्रीय मंत्री ने अहमदाबाद के साइंस सिटी में आयोजित दो दिवसीय 'केंद्र-राज्य विज्ञान सम्मेलन' के समापन सत्र की अध्यक्षता की
डॉ. जितेंद्र सिंह ने राज्यों से सर्वोत्तम प्रौद्योगिकी विधियों को जानने और साझा करने के लिए समन्वय एवं सहयोग के लिए एक नो़डल अधिकारी की नियुक्ति करने को कहा
Posted On:
11 SEP 2022 5:10PM by PIB Delhi
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने केंद्र और राज्यों के बीच सर्वोत्तम प्रौद्योगिकी को साझा करने के लिए आज एक डैशबोर्ड स्थापित करने की घोषणा की।
अहमदाबाद के साइंस सिटी में दो दिवसीय 'केंद्र-राज्य विज्ञान सम्मेलन' के समापन सत्र की अध्यक्षता करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि इस सम्मेलन के बाद की कार्रवाई की निगरानी और समन्वय के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से एक उच्च स्तरीय व्यवस्था बनाई जाएगी।
केंद्रीय मंत्री ने राज्यों से सर्वोत्तम प्रौद्योगिकी के तरीकों को जानने और साझा करने के लिए समन्वय एवं सहयोग के लिए एक नो़डल अधिकारी की नियुक्ति करने को भी कहा है।
अक्टूबर 2021 में जोधपुर, राजस्थान से शुरू की गई हेली-बॉर्न तकनीक का उदाहरण सामने रखते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि राजस्थान, गुजरात, पंजाब और हरियाणा राज्यों को इस नवीनतम हेली बॉर्न सर्वे के लिए शामिल किया गया था। मंत्री ने कहा कि अगर वही तकनीक डैशबोर्ड पर अपलोड की जाती है तो दूसरे राज्य भी इस सीएसआईआर तकनीक से जुड़ सकते हैं और साझा भी कर सकते हैं। इसकी मदद से वे जल स्रोत का पता लगाने से लेकर पानी का ट्रीटमेंट (उपचार) तक कर सकेंगे और इस तरह से देशभर के लाखों लोगों को लाभ होगा।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'हर घर नल से जल' और 'किसानों की आय दोगुना करने' के लक्ष्यों में भी सकारात्मक योगदान देगा। उन्होंने कहा कि शुष्क क्षेत्रों में भूजल स्रोतों की मैपिंग और पीने के लिए भूजल का उपयोग करने में मदद के लिए वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की ओर से अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है।
अहमदाबाद की साइंस सिटी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कल दो दिवसीय 'केंद्र-राज्य विज्ञान सम्मेलन' का औपचारिक उद्घाटन किया था।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि राज्य के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रियों के साथ महत्वपूर्ण सत्रों में कई अहम मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई, जैसे- कृषि, खारे पानी से नमक अलग करने जैसी तकनीक के प्रयोग समेत पोर्टेबल पेयजल प्राप्त करने के लिए नवाचार, डीएसटी द्वारा विकसित हेलि बॉर्न विधि, हाइड्रोजन मिशन में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की भूमिका समेत सभी के लिए स्वच्छ ऊर्जा, एमओईएस के गहरे समुद्री मिशन और तटीय राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के लिए इसकी प्रासंगिकता, सभी के लिए डिजिटल स्वास्थ्य देखभाल और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के साथ विज्ञान को जोड़ना।
अहमदाबाद में केंद्र-राज्य विज्ञान सम्मेलन में 100 से अधिक स्टार्ट-अप और उद्योग के सीईओ के साथ विशेष सत्र में कृषि, ड्रोन, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, जैव प्रौद्योगिकी समाधान, एक बार इस्तेमाल वाले प्लास्टिक का विकल्प, सिंचाई और डिजिटल स्वास्थ्य के क्षेत्रों में वैज्ञानिक समाधान आदि पर चर्चा हुई। कई राज्य सरकारों ने कुछ प्रौद्योगिकियों में गहरी रुचि दिखाई है और राज्य-विशिष्ट तकनीकी समाधानों के लिए कुछ स्टार्ट-अप्स के साथ साझेदारी के लिए भी सहमत हुए हैं।
एमजी/एएम/एएस
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