रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय
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अधूरे परीक्षणों के साथ नैनो यूरिया के फास्ट ट्रैक अनुमोदन संबंधी समाचार रिपोर्ट भ्रामक है और इस विषय पर उपलब्ध मौजूदा तथ्यों तथा आंकड़ों का आंशिक रुप प्रस्तुत करती है


उर्वरक नियंत्रण आदेश (एफसीओ), 1985 के अनुसार उर्वरक के पंजीकरण के लिए स्थापित और मौजूदा प्रक्रियाओं का पूरी तरह पालन किया गया

आईसीएआर और राज्य कृषि विश्वविद्यालयों से प्राप्त उत्साहजनक परिणामों और जानकारी के आधार पर नैनो यूरिया को एफसीओ के तहत अस्‍थायी रूप से अधिसूचित किया गया है

केन्‍द्रीय उर्वरक समिति (सीएफसी) ने डेटा के आधार पर और जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) के साथ विचार-विमर्श के बाद इसकी सिफारिश की

Posted On: 04 SEP 2022 6:36PM by PIB Delhi

एक प्रमुख राष्ट्रीय दैनिक ने आज एक भ्रामक समाचार रिपोर्ट प्रकाशित की है जिसमें आरोप लगाया गया है कि "अधूरे परीक्षणों के बावजूद नैनो यूरिया का फास्‍ट ट्रैक अनुमोदन किया गया"। यह समाचार भ्रामक और गलत है तथा इस विषय पर उपलब्‍ध वर्तमान तथ्‍यों और आंकड़ों को आंशिक रुप से प्रस्‍तुत करती है। 

समाचार रिपोर्ट में इसे गलत तरीके से उद्धृत किया गया है कि प्रक्रिया को "फास्ट ट्रैक" किया गया। यह स्पष्ट किया जाता है कि उर्वरक नियंत्रण आदेश (एफसीओ), 1985 के अनुसार अधिसूचना के लिए किसी भी उर्वरक के पंजीकरण के लिए स्थापित और मौजूदा प्रक्रिया पूरी तरह से जवाबदेह है। नैनो यूरिया को एफसीओ के तहत अस्‍थायी रूप से अधिसूचित किया गया है जो एफसीओ, 1985 के अंतर्गत उर्वरकों के परिचय के लिए मौजूदा प्रक्रिया पर आधारित है, जिसमें केवल दो मौसमों के डेटा की आवश्यकता होती है। नैनो यूरिया को आईसीएआर और राज्य कृषि विश्‍वविद्यालयों के वैज्ञानिकों से प्राप्त उत्साहजनक परिणामों और जानकारी के आधार पर एफसीओ के तहत अस्‍थायी रूप से अधिसूचित किया गया है। केन्‍द्रीय उर्वरक समिति (सीएफसी), कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय (एमओए और एफडब्ल्यू) ने भी इस संबंध में डेटा और उचित विचार-विमर्श के आधार पर इसकी सिफारिश की है। इसके अलावा, जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) को भी सुरक्षा और जैव सुरक्षा मुद्दे के बारे में बताया गया है। प्रभावोत्‍पादकता, जैव सुरक्षा और जैव विषाक्तता के संबंध में संतुष्टि के बाद ही नैनो यूरिया को नैनो उर्वरकों की एक अलग श्रेणी के रूप में एफसीओ के तहत लाया गया है।

इसके अलावा, डेटा दो मौसमों तक ही सीमित नहीं है जैसा कि समाचार रिपोर्ट में गलत जानकारी दी गई है, क्योंकि पिछले चार से अधिक मौसमों के लिए अनुसंधान और किसान खेत परीक्षण जारी रखा गया है।

मृदा स्वास्थ्य/उर्वरता स्थिति (तालिका 1) के लिए बिना किसी नुकसान के लगातार परिणाम दर्ज किए गए हैं।

तालिका 1. मौसमवार/फसलवार - प्रायोगिक परीक्षण किए गए

  प्रयोग

मौसम

फसलें और परीक्षण (संख्या)

निश्चित अवधि के लिए परीक्षण

रबी 2019-20

(24 संख्या)

अनाज: गेहूं (11);

तिलहन: सरसों (1);

सब्जियां: प्याज (2);शिमला मिर्च (1), गोभी (1), टमाटर (3); पॉलीहाउस के नीचे पार्थेनोकार्पिक खीरा(1)

चीनी फसलें: सुरू गन्ना (1)

ग्रीष्म ऋतु 2019-20

(3 संख्या)

अनाज: धान (1), मक्का (2)

खरीफ 2020

(16 संख्या)

अनाज: धान (6);मक्का (5);बाजरा (3)

रेशे: कपास (1)

सब्जियां: भिंडी (1)

रबी 2020-21

(8 संख्या)

अनाज: गेहूं (6);

तिलहन: सरसों (1);

सब्जियां: प्याज (1)

ग्रीष्म ऋतु 2020-21

(2 संख्या)

अनाज: धान (1), मक्का (1)

खरीफ 2021

(21 संख्या)

तालिका 2 देखें।

 

रबी 2021-22

(19 संख्या)

गेहूं (8); रेपसीड/सरसों (3); प्याज (1); मूंगफली (1);सूरजमुखी (1); अदरक (1); हल्‍दी (1); गन्‍ना (1), धाल (1), मक्‍का (1)

 

खरीफ- 2022

(7 संख्या)

धान (3), सेब (1), बाजरा (1), रागी (2)

 

रबी -2022-23

(6 संख्या)

जारी

खेत पर

परीक्षण

रबी 2019-20

93 फसलें; 11224 परीक्षण (9037 दर्ज)

खरीफ2020

44 फसलें; 1511 परीक्षण (1435 दर्ज)

रबी 2020-21

34 फसलें; 1126 परीक्षण

कुल

11,598 परीक्षण

 

नैनो यूरिया के मूल्यांकन के लिए, प्रमुख आईसीएआर अनुसंधान संस्थान और राज्य कृषि विश्वविद्यालय नैनो यूरिया परीक्षणों में अग्रणी रहे हैं। फसल उत्पादकता से जुड़े विभिन्न पहलुओं; उर्वरकों की खुराक में कमी, किसानों की लाभप्रदता को इन परीक्षणों के माध्यम से निपटाया गया है। नैनो यूरिया परीक्षणों में लगे कुछ प्रमुख अनुसंधान संस्थानों/एसएयू की एक सूची निम्नानुसार हैं (सारणी 2)

क्रम संख्‍या

   फसलें

       स्‍थान

मौसम/के बाद वर्ष

1

मक्का

आईसीएआर-सीआरआईडीए, हैदराबाद, तेलंगाना

खरीफ 2021

2

रागी

एआईसीआरपीडीए सेंटर, बेंगलुरू

खरीफ 2021

3

अपलैंड चावल

एआईसीआरपीडीए सेंटर, जगदलपुर, छत्‍तीसगढ़

रबी 2021-22

4

वर्षा आधारित चावल

आईआरआरआई-आईएसएआरसी, वाराणसी

खरीफ 2021

5

वर्षा आधारित चावल

आईआरआरआई-आईएसएआरसी, वाराणसी

खरीफ 2021

6

वर्षा आधारित चावल

आईआरआरआई आईएसएआरसी, असम

खरीफ 2021

7

गेहूं

सीएसएसआरआई करनाल, हरियाणा

रबी2020-21

8

धान

सीएसएसआरआई करनाल, हरियाणा

खरीफ 2021

9

गेहूं

एएयू, आणंद, गुजरात

रबी 2019-20

10

मक्‍का

एएयू, आणंद, गुजरात

खरीफ 2021

11

गेहूं

एएनडीयूएटी, अयोध्‍या, उत्‍तर प्रदेश

रबी 2019-20

12

गेहूं

एमपीयूएटी, उदयपुर, राजस्‍थान

रबी2019-20

13

गेहूं

एसकेएनएयू, जोबनर, राजस्‍थान

रबी2019-20

14

गेहूं

आईएआरआई, नई दिल्‍ली

रबी 2019-20

15

सरसों

आईएआरआई, नई दिल्‍ली

रबी2019-20

16

बाजरा

आईएआरआई, नई दिल्‍ली

खरीफ  2019-20

17

गेहूं

बीएयू, रांची

रबी 2019-20

18

धान

यूएएचएस, शिवमोगा, कर्नाटक

रबी 2019-20

19

धान

टीएनएयू (भवानीसागर स्‍टेशन) ड्रोन विशेषज्ञ

खरीफ 2021

20

मक्‍का

यूएएस जीकेवीके, कर्नाटक

ग्रीष्म ऋतु 2019-20

21

मक्‍का

पीजेटीएसएयू, तेलंगाना

ग्रीष्म ऋतु 2019-20

22

प्‍याज

एमपीकेवीवी, रहूरी, महाराष्‍ट्र

रबी 2019-20

23

बंदगोभी

आईआईएचआर, बेंगलुरू, कर्नाटक

रबी 2019-20

24

खीरा

आईआईएचआर, बेंगलुरू, कर्नाटक

रबी 2019-20

 

विभिन्न स्थानों और कृषि-जलवायु क्षेत्रों में नैनो यूरिया-तरल (नैनो एन) के उपयोग के परिणामों से पता चला है कि चावल, गेहूं, मक्का, टमाटर, खीरा और शिमला मिर्च जैसी फसलों के महत्वपूर्ण विकास चरणों में नैनो यूरिया का पत्‍तों संबंधी उपयोग नाइट्रोजन उर्वरकों के उपयोग में कमी लाता है और गेहूं की उपज में 3-23 प्रतिशत की वृद्धि; टमाटर में 5-11 प्रतिशत; धान/चावल में 3-24 प्रतिशत; मक्का में 2-15 प्रतिशत, ककड़ी में 5 प्रतिशत और शिमला मिर्च में 18 प्रतिशत बढ़ाता है।

विज्ञान और वैज्ञानिक प्रयास एक निरंतर जारी रहने वाली प्रक्रिया है और इस प्रक्रिया में अवधारणा से बदलाव की अवस्‍था तक महत्वपूर्ण प्रयास चलते हैं। नैनो उर्वरक इस मायने में अनूठे हैं कि वे वर्तमान तीव्र कृषि कार्य प्रणालियों के सामने आने वाली चुनौतियों का निपटारा करने के अपरिमित अवसर देता है जो अंतत: मिट्टी, हवा और पानी को नुकसान पहुंचाते हैं। इसलिए अनावश्‍यक खतरों से बचते हुए नैनो यूरिया जैसे नैनो उर्वरकों को रासायनिक उर्वरकों की पोषक तत्व उपयोग दक्षता (एनयूई) के गिरते परिप्रेक्ष्य और वैकल्पिक समाधान में समग्र रूप से देखा जाता है जिन्हें किसानों को उपलब्ध कराने की आवश्यकता है।

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