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सीएसआईआर-भारतीय पेट्रोलियम संस्थान, देहरादून में सिंधिया कन्या विद्यालय, ग्वालियर के छात्रों के लिए जिज्ञासा 2.0 के तहत 29 अगस्त-1 सितंबर, 2022 के बीच चार दिवसीय "नवीकरणीय ईंधन के लिए जिज्ञासा" कार्यक्रम आयोजित हुआ

Posted On: 01 SEP 2022 5:51PM by PIB Delhi

सीएसआईआर-भारतीय पेट्रोलियम संस्थान, देहरादून में सिंधिया कन्या विद्यालय, ग्वालियर के ग्यारहवीं कक्षा के छात्रों के लिए जिज्ञासा 2.0 कार्यक्रम के तहत चार दिवसीय "नवीकरणीय ईंधन के लिए जिज्ञासा" कार्यक्रम का 29 अगस्त-1 सितंबर 2022 के दौरान सफलतापूर्वक आयोजन किया गया।

इस 4 दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन सीएसआईआर-आईआईपी देहरादून के निदेशक डॉ अंजन रे ने किया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य अखाद्य वनस्पति तेलों, इस्तेमाल किए जा चुके खाना पकाने के तेल और अपशिष्ट प्लास्टिक के विभिन्न प्रकार के ईंधन के उपयोग के लिए विकसित विभिन्न प्रौद्योगिकियों के बारे में जानकारी देना है।

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डॉ. अंजन रे ने छात्रों को अपने दैनिक जीवन में उत्पन्न होने वाले विभिन्न प्रकार के कचरे की पहचान करने के लिए प्रेरित किया और अपशिष्ट उत्पादन को कम करने और ऊर्जा और ईंधन के आगे उपयोग के लिए मार्ग सुझाया। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य प्राप्त करने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है। इस कार्यक्रम के दौरान छात्रों को सीएसआईआर-भारतीय पेट्रोलियम संस्थान के वैज्ञानिकों और तकनीकी अधिकारियों के साथ बातचीत करने का अवसर मिला।

विभिन्न विषयों जैसे अक्षय ईंधन, वैकल्पिक ईंधन, भविष्य के ईंधन के रूप में एच 2, विद्युत वाहन रेट्रोफिटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग, पेट्रोकेमिकल्स और पॉलिमर जैसे विभिन्न विषयों पर व्याख्यान की एक श्रृंखला डॉ अंजन रे, डॉ नीरज अत्रे, डॉ आनंद नारानी, डॉ. सुनील कुमार सुमन, डॉ. सनत कुमार, डॉ. शुभम पॉल, डॉ. नैनोजी इसलावथ, डॉ. रोबिन्द्रो एल., डॉ. तुहिन एस. खान, डॉ. डी.वी. नाइक और डॉ. उमेश कुमार द्वारा दी गई। इस दौरान  छात्रों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण पैदा करने की कोशिश की गई।

छात्रों को बायोडीजल के लिए रूको की प्रक्रिया के साथ-साथ CO2 से ड्राई आइस के निर्माण का भी अनुभव मिला। इसके अलावा, छात्रों ने विभिन्न प्रयोगशालाओं जैसे जैव-प्रौद्योगिकी और जैव रसायन प्रयोगशाला, अब्सोर्पशन एंड मेंब्रेन सेपरेशन लैब सीएफआर इंजन, उत्सर्जन परीक्षण प्रयोगशाला, थर्मो कैटेलिटिक प्रोसेस लैब, उन्नत कच्चे तेल अनुसंधान केंद्र, आईआर और जीसी-एमएस प्रयोगशाला का भी दौरा किया। उन्होंने अपशिष्ट प्लास्टिक से ईंधन और रसायन, और बायोजेट ईंधन के पायलट संयंत्रों का भी दौरा किया। समापन समारोह के दौरान सीएसआईआर-आईआईपी के मुख्य वैज्ञानिक प्रो. एसके गांगुली द्वारा छात्रों को भागीदारी प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।

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इस कार्यक्रम के आयोजन को सफल बनाने में डॉ. अंकुर बोरदोलोई, प्रधान वैज्ञानिक; डॉ. उमेश कुमार, वरिष्ठ वैज्ञानिक; डॉ जीडी ठाकरे, वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक; डॉ कमल कुमार, वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी; डॉ. दीपेंद्र त्रिपाठी, वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी; डॉ ज्योति पोरवाल, वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी; डॉ. प्रदीप त्यागी, वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी; डॉ. रघुवीर सिंह, वरिष्ठ तकनीकी अधिकारीश्री मुकुल शर्मा और श्री पंकज भास्कर ने अनुकरणीय भूमिका निभाई। पूरे कार्यक्रम का समन्वय जिज्ञासा समन्वयक डॉ. आरती, प्रधान वैज्ञानिक सीएसआईआर-आईआईपी द्वारा किया गया।

 

एमजी/एएम/पीकेडी


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