रक्षा मंत्रालय

'आजादी का अमृत महोत्सव' मनाने के लिए रक्षा मंत्रालय क्वांटम संचार प्रौद्योगिकी में छलांग लगाने को पूरी तरह तैयार


बेंगलुरु स्थित स्टार्ट-अप, आई-डीईएक्स के तहत, ने क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम के ज़रिए उन्नत सुरक्षित संचार का नवाचार किया

सफल परीक्षणों के बाद भारतीय सेना ने वाणिज्यिक आरएफपी जारी किया

Posted On: 14 AUG 2022 1:28PM by PIB Delhi

ऐसे समय जब देश स्वतंत्रता के 75 साल पर 'आज़ादी का अमृत महोत्सव' मना रहा है, तो भारत उच्चस्तरीय रक्षा प्रणालियों से अपने सशस्त्र बलों को लैस करने के लिए स्वदेशी और अधिक उन्नत क्वांटम संचार प्रौद्योगिकी के साथ वैश्विक नेताओं की पांत में शामिल होने के लिए तैयार है। रक्षा उत्कृष्टता के लिए नवाचार (आईडीईएक्स)
- रक्षा नवाचार संगठन (डीआईओ) के तत्वावधान में बेंगलुरु स्थित डीप टेक स्टार्ट-अप क्यूएनयू लैब्स ने क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन (क्यूकेडी) के माध्यम से उन्नत सुरक्षित संचार का नवाचार कर दूरी की बाधाओं को तोड़ दिया है । यह परियोजना भारतीय सेना के साथ आईडीएक्स-डीआईओ द्वारा क्यूरेटेड की गई । सफल परीक्षणों के बाद अब भारतीय सेना ने प्रस्ताव (आरएफपी) और इसकी तैनाती के लिए वाणिज्यिक अनुरोध जारी करके क्यूएनयू लैब्स द्वारा विकसित क्यूकेडी सिस्टम की खरीद की प्रक्रिया शुरू की है।

क्वांटम प्रौद्योगिकी की सैन्य प्रयोजनों में काफी संभावना है तथा आधुनिक काल के युद्ध में लीक से हट कर यह प्रभाव डाल सकती है । एक क्यूकेडी प्रणाली स्थलीय ऑप्टिकल फाइबर बुनियादी ढांचे में कुछ दूरी (इस मामले में, 150 किमी से अधिक) के बीच अलग-अलग दूरी (150 किमी से अधिक) के बीच सममितीय की के क्वांटम सिक्योर सीक्रेट पेयर के निर्माण की अनुमति देती है । क्यूकेडी हैक न किए जाने योग्य क्वांटम चैनल बनाने में मदद करता है ताकि हैक न किए जाने योग्य एन्क्रिप्शन कुंजी बनाई जा सके, जिसका उपयोग एंड पॉइंट्स पर महत्वपूर्ण डेटा / आवाज / वीडियो को एन्क्रिप्ट करने के लिए किया जाता है।

स्टार्ट-अप की सफलता से उत्साहित रक्षा सचिव डॉ अजय कुमार ने 'आज़ादी का अमृत काल' में एक मील की पत्थर की उपलब्धि के रूप में स्वदेशी क्यूकेडी प्रौद्योगिकी के विकास को और 'आत्मनिर्भर भारत' की एक सफल सफलता की कहानी के रूप में बताया । उन्होंने डीप टेक में काम कर रहे आईडीईएक्स स्टार्ट-अप के प्रयासों की सराहना की क्योंकि वे आधुनिक और भविष्य के युद्ध के लिए अभिनव समाधान के साथ सशस्त्र बलों को लैस कर रहे हैं । रक्षा सचिव ने रक्षा उत्पादन विभाग, रक्षा मंत्रालय, आईडीईएक्स-डीआईओ, आर्मी डिजाइन ब्यूरो और भारतीय सेना सिग्नल निदेशालय के प्रयासों की भी सराहना की, जिसने देश में पहली बार हाई एंड क्वांटम प्रौद्योगिकी के विकास में योगदान दिया है । उन्होंने कहा कि आईडीईएक्स रक्षा नवाचार में क्रांतिकारी बदलाव करता है और लागत और समय के एक अंश पर नए तकनीकी समाधानों को बढ़ावा देने में मदद करता है।

क्यूएनयू लैब्स के सह-संस्थापक और सीईओ श्री सुनील गुप्ता ने कहा कि भारत को क्वाण्टम प्रौद्योगिकी के ज़रिए डीप तकनीक के क्षेत्र में आगे रखने के दृष्टिकोण ने अंततः परिणाम दिए हैं । उन्होंने कहा कि आईडीईएक्स के ओपन चैलेंज -2 जीतने ने इस सफलता को प्राप्त करने के लिए क्यूएनयू प्रयोगशालाओं को लॉन्चिंग पैड प्रदान किया है।

 

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