उपभोक्‍ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय

11 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में प्रायोगिक आधार पर राशन कार्ड की सामान्य पंजीकरण सुविधा शुरू की गई


अन्य राज्यों में रहने वाले प्रवासियों सहित एनएफएसए में शामिल होने के लिए पंजीकरण करने के इच्छुक व्यक्तियों के आंकड़े एकत्र करने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को सक्षम बनाने के लिए वेब आधारित सुविधा

Posted On: 05 AUG 2022 5:16PM by PIB Delhi

खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव, श्री सुधांशु पांडे ने आज 11 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों यानी असम, गोवा, लक्षद्वीप, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पंजाब, त्रिपुरा और उत्तराखंड के लिए प्रायोगिक आधार पर एक 'सामान्य पंजीकरण सुविधा' का शुभारंभ किया।

यह वेब आधारित सुविधा इन 11 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को अन्य राज्यों में रहने वाले प्रवासियों सहित एनएफएसए के तहत शामिल होने के लिए पंजीकरण करने के इच्छुक व्यक्तियों के आंकड़े एकत्र करने में सक्षम बनाएगी। यह सुविधा राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को एनएफएसए के तहत कवरेज के लिए पात्र लाभार्थियों की तेजी से पहचान में मदद करेगी जो कि तय स्वीकृति और अस्वीकृति के मानदंडों के अनुसार और एनएफएसए की उच्चतम सीमा के अधीन होगी, जिससे दिये जाने वाले लाभों के सही लक्ष्य प्राप्त होंगे।

यहां मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए, श्री पांडे ने कहा, "यह पोर्टल  राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को एनएफएसए के तहत अपने समावेशन प्रक्रिया को पूरा करने में सक्षम बनाता है।" उन्होंने जोर देकर कहा कि पोर्टल लाभार्थियों को शामिल करने में मदद करने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को एक मंच प्रदान करते हुए आंकड़ों के प्रबंधन को सुव्यवस्थित करने में मदद करेगा।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 (एनएफएसए) देश में अधिकतम 81.35 करोड़ व्यक्तियों के लिए खाद्य सुरक्षा कवरेज प्रदान करता है।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 (एनएफएसए) के तहत जारी इस विभाग के लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (कंट्रोल) आदेश, 2015 के तहत एनएफएसए में कवर किए जा रहे व्यक्तियों की राज्य/केंद्र शासित प्रदेश-वार कुल संख्या (एएवाई परिवारों सहित)  को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है। राष्ट्रीय स्तर पर वर्तमान एनएफएसए कवरेज, 81.35 करोड़ की कुल अधिकतम सीमा के मुकाबले लगभग 79.74 करोड़ है।

सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को लगातार सलाह दी जा रही है कि वे विशेष शिविरों, पहचान अभियान आदि के माध्यम से अधिक से अधिक पात्र और छूटे हुए व्यक्तियों (जो वर्तमान में एनएफएसए के तहत शामिल नहीं हैं) की पहचान करें और उन्हें उनकी पात्रता के अनुसार और संबंधित अधिकतम सीमा तक एनएफएसए कवरेज (एएवाई/पीएचएच) के तहत लाएं, साथ ही अपात्र लाभार्थियों को नियमित रूप से कवरेज से बाहर करें।

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एमजी/एएम/एसएस



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