वस्‍त्र मंत्रालय

हथकरघा क्षेत्र हमारे देश की समृद्ध और विविध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है : कपड़ा राज्य मंत्री श्रीमती दर्शना जरदोश


महिला सांसदों ने हथकरघा हाट में विशेष हथकरघा एक्सपो का दौरा किया

Posted On: 05 AUG 2022 5:42PM by PIB Delhi

कपड़ा और रेल राज्य मंत्री श्रीमती दर्शना विक्रम जरदोश ने सम्मानित महिला सांसदों श्रीमती हेमा मालिनी, श्रीमती नवनीत कौर राणा, श्रीमती महुआ मोइत्रा और अन्य के साथ आज हथकरघा हाट में विशेष हथकरघा एक्सपो 'माई हैंडलूम माई प्राइड एक्सपो' का उद्घाटन किया। उन्होंने बुनकरों और कारीगरों के साथ बातचीत की और उत्कृष्ट हथकरघा उत्पाद खरीदे। श्रीमती दर्शना जरदोश ने सभी महिला सांसदों को जनपथ हाट में विशेष हथकरघा एक्सपो में आने और बुनकरों को प्रोत्साहित करने और उद्योग को बढ़ावा देने के लिए समृद्ध हथकरघा विरासत को देखने के लिए आमंत्रित किया था।

 

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image001GI5F.jpg

 

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image002C0VF.jpg

14 राज्यों के कुल 55 संत कबीर और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता उत्कृष्ट हथकरघा उत्पादों का प्रदर्शन और बिक्री कर रहे हैं। यह प्रदर्शनी 11 अगस्त, 2022 तक 7 दिनों के लिए सुबह 11 बजे से रात 8 बजे तक जनता के लिए खुली रहेगी। यह विशेष हथकरघा एक्सपो राष्ट्रीय हथकरघा विकास निगम (एनएचडीसी) लिमिटेड के माध्यम से भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय के विकास आयुक्त (हथकरघा) कार्यालय की एक पहल है।

श्रीमती जरदोश ने कहा, "हथकरघा क्षेत्र हमारे देश की समृद्ध और विविध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है।"

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image003OCY8.jpg

 

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image004TVD5.jpg

 

स्वदेशी आंदोलन जिसकी शुरूआत 7 अगस्त, 1905 को हुई थी, उसने स्वदेशी उद्योगों और विशेष रूप से हथकरघा बुनकरों को प्रोत्साहित किया था। 2015 में, भारत सरकार ने हर साल 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के रूप में मनाने का निर्णय किया।

 

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image005HVFW.jpg

 

इस दिन, हम अपने हथकरघा बुनकर समुदाय का सम्मान करते हैं और इस देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में इस क्षेत्र के योगदान को उजागर करते हैं। हम अपनी हथकरघा विरासत की रक्षा करने और हथकरघा बुनकरों और श्रमिकों को अधिक अवसरों के साथ सशक्त बनाने के अपने संकल्प की पुष्टि करते हैं।

हथकरघा बुनाई की कला से पारंपरिक मूल्य जुड़े हुए हैं और प्रत्येक क्षेत्र में उत्कृष्ट किस्में देखने को मिलती हैं। पोचमपल्ली, तंगलिया साड़ी, कोटा डोरिया, बनारसी, जामदानी, बलूचरी, इकत, कलमकारी आदि उत्पादों की विशिष्ट बुनाई, डिजाइन और पारंपरिक नमूनों की विशिष्टता दुनिया भर के ग्राहकों को आकर्षित करती है।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image006FLR4.jpg

 

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image0071S33.jpg

 

इन प्रदर्शनियों के माध्यम से, हथकरघा बुनकर न केवल उचित दरों पर अपने उत्पादों का विपणन करते हैं, बल्कि भविष्य में उत्पाद में सुधार के लिए रंग, डिजाइन और बुनाई के संबंध में ग्राहकों की पसंद को भी जानने की कोशिश करते हैं। प्रदर्शनी पुरस्कार विजेता हथकरघा बुनकरों और उपभोक्ताओं के बीच सीधे सम्‍बन्‍ध बनाती है।

भारत के कुछ मोहक स्थानों पर तैयार किए गए हथकरघा उत्पाद इस प्रदर्शनी में प्रदर्शित और बिक्री के लिए हैं। एक संक्षिप्त सूची नीचे दी गई है: -

 

· आंध्र प्रदेश

वेंकटगिरी जामदानी सूती साड़ी,

· असम

वेजीटेबल डाइड सिल्‍क साड़ी

  • गुजरात

टंगालिया साड़ी, दुपट्टा मैरीनो ऊनी शॉल

  • हिमाचल प्रदेश

कुल्लू शॉल

  • जम्मू और कश्मीर

कनी शॉल

· मध्य प्रदेश

चंदेरी साड़ी, सूट, दुपट्टा

· मणिपुर

मणिपुर पारंपरिक एच / एल उत्पाद

· नगालैंड

नगालैंड पारंपरिक एच / एल उत्पाद

· ओडिशा

त्रियंत्र साड़ी, प्रतिजना, रामशिला, बेटी कॉटन साड़ी

· राजस्थान

पुंजा दूरी, कोटा डोरिया साड़ी

· तमिलनाडु

कांचीपुरम कोरवई सिल्क साड़ी

· तेलंगाना

डबल इकत तेलिया रुमाल साड़ी

· उत्तर प्रदेश

रंगकट साड़ी, कॉटन जामदानी, कटवर्क स्टोल

· पश्चिम बंगाल

जामदानी साड़ी, ड्रेस मैटीरियल, स्टोल

*****

एमजी/एएम/केपी/सीएस



(Release ID: 1848921) Visitor Counter : 473


Read this release in: English , Urdu , Manipuri , Telugu