रक्षा मंत्रालय

रक्षा मंत्री ने कोलकाता में जीआरएसई लिमिटेड में प्रोजेक्ट 17 ए के वाई-3023 युद्धपोत दूनागिरी का उद्घाटन किया


रक्षा मंत्री ने दोहराया- भारतीय नौसेना, भारतीय तटरक्षक बल और अन्य संगठनों को उभरती हुई चुनौतियों से निपटने में सबसे आगे रहने के लिए बुनियादी ढांचे को बढ़ाने की आवश्यकता है

Posted On: 15 JUL 2022 4:26PM by PIB Delhi

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 15 जुलाई, 2022 को कोलकाता में गार्डन रीच शिपबिल्डर्स लिमिटेड (जीआरएसई) द्वारा निर्मित प्रोजेक्ट 17ए के वाई- 3023 युद्धपोत दूनागिरी का उद्घाटन किया। इस समारोह में भाग लेने वाले अन्य गणमान्य व्यक्तियों में नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार और भारतीय नौसेना तथा रक्षा मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे।

प्रोजेक्ट 17ए के सभी युद्धपोत पी17 (शिवालिक क्लास) के युद्धपोतों का ही फॉलो-ऑन हैं और सभी युद्धक नौकाओं में रडार से बचने में पहले से अधिक सक्षम प्रणाली, उन्नत हथियार, सेंसर तथा प्लेटफॉर्म प्रबंधन प्रणालियां स्थापित की गई हैं। मझगांव डॉक लिमिटेड (एमडीएल) और जीआरएसई में सात पी17ए  युद्धक नौकाएं निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं।

इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने युद्धपोत निर्माण के संबंध में आत्मनिर्भरता के लिए राष्ट्र की खोज को साकार करने में नौसेना डिजाइन निदेशालय और नौसेना की अन्य टीमों के प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने विभिन्न चुनौतियों के बावजूद नौसैनिक जहाज उत्पादन के क्षेत्र में जीआरएसई के निरंतर सहयोग और भारतीय नौसेना को अपने युद्धपोत शामिल करने की योजना को सफल बनाने में सहायता करने के लिए भी सराहना की। रक्षा मंत्री ने कहा कि ‘दूनागिरी’ समुद्र, आकाश और पानी के भीतर दुश्मनों को नष्ट करने के लिए बहुआयामी क्षमताओं वाला एक विश्व स्तरीय स्टील्थ फ्रिगेट साबित होगा।

रक्षा मंत्री ने बदलते वैश्विक परिदृश्य में रक्षा बुनियादी ढांचे और रक्षा परिसंपत्तियों को बढ़ाने की आवश्यकता का उल्लेख करते हुए कहा कि देशों के बीच आर्थिक, राजनीतिक एवं व्यापारिक संबंध लगातार विकसित हो रहे हैं। श्री सिंह ने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियां लगातार बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘सागर’ के दृष्टिकोण अर्थात ‘क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा एवं विकास’ को हासिल करने और भारत के राष्ट्रीय समुद्री हितों की रक्षा, संरक्षण तथा बढ़ावा देने के लिए भारतीय नौसेना, भारतीय तटरक्षक बल एवं अन्य संगठनों को बुनियादी ढांचे व रक्षा परिसंपत्तियों को बढ़ाना होगा ताकि देश इन चुनौतियों से निपटने में सबसे आगे रहे।

रक्षा मंत्री ने इस अवसर पर बंगाल के वीर सेनानियों जतिंद्रनाथ मुखर्जी (बागा), खुदीराम बोस तथा नेताजी सुभाष चंद्र बोस को याद किया और राष्ट्र के लिए उनके अविस्मरणीय योगदान का उल्लेख किया, विशेषकर जब हमारा देश ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मना रहा है। उन्होंने बंगाल की बहादुर स्त्रियों बेगम रुकैया, बीना दास और कई अन्य महिलाओं की भूमिका की भी प्रशंसा की, जिन्होंने न केवल बंगाल बल्कि पूरे देश को गौरवान्वित किया है।

इस अवसर पर नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय नौसेना का प्राथमिक कर्तव्य राष्ट्र के समुद्री हितों को सुरक्षित करना, संरक्षित रखना और इन्हें बढ़ावा देना है, इसका देश की अर्थव्यवस्था के निर्माण में भी महत्वपूर्ण योगदान होता है। उन्होंने कहा कि दूनागिरी परियोजना से 3000 से अधिक स्थानीय रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं। इसके अलावा, देश भर में एमएसएमई के साथ 29 भारतीय मूल उपकरण निर्माता (ओईएम) इस परियोजना में अपना योगदान दे रहे हैं। इस प्रकार, नौसेना का बजट देश की अर्थव्यवस्था में और राष्ट्र-निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण ‘पुनर्निवेश’ ही है। उन्होंने कहा कि नौसेना के भविष्य के 88 प्रतिशत अनुबंधों में लगभग 1,75,000 करोड़ रुपये का निवेश भारतीय उद्यमों के माध्यम से किया जा रहा है।

नेवी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन (एनडब्ल्यूडब्ल्यूए) की अध्यक्ष श्रीमती कला हरि कुमार ने युद्धपोत को पारंपरिक सम्मान दिया और नामकरण करके इसका नाम दूनागिरी रखा। बेहद उल्लासपूर्ण माहौल में तालियों की गड़गड़ाहट के साथ फ्रिगेट दूनागिरी का हुगली नदी में जलावतरण किया गया।

*********

एमजी/एएम/एनके/डीवी



(Release ID: 1841882) Visitor Counter : 486