वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने पीएम गतिशक्ति की प्रगति की समीक्षा की


गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान और संस्थागत संरचना भारत के मल्टीमॉडल अवसंरचना नेटवर्क की नींव रखने के लिए आवश्यक: श्री गोयल

32 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के पास सचिवों का अधिकारसंपन्न समूह है, उनमें से 29 राज्यों के पास नेटवर्क प्लानिंग तथा तकनीकी सहायता इकाइयां, केंद्रीय तथा राज्य मंत्रालयों के लिए पोर्टल अब पूरी तरह क्रियाशील

पीएम गतिशक्ति में सभी अनिवार्य डाटा लेयर अपलोड किए गए, अवसंरचना मंत्रालय/विभाग सभी लंबित तथा भविष्य की परियोजनाओं के लिए नेशनल मास्टर प्लान का उपयोग कर सकते हैं

नेशनल मास्टर प्लान का उपयोग करने के माध्यम से 5 ग्रीनफील्ड कॉरीडोर के पूर्व-संयोजन को फास्ट ट्रैक किया गया: एमओआरटीएच

Posted On: 06 JUL 2022 8:00PM by PIB Delhi

पीएम गतिशक्ति ने पहले से ही देश भर में कई अवसंरचना परियोजनाओं को फास्ट ट्रैक करना आरंभ कर दिया है और कुछ राज्यों ने सामाजिक क्षेत्र परियोजनाओं के बेहतर कार्यान्वयन के लिए इसे उपयोग में लाना आरंभ कर दिया है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज पीएम गतिशक्ति की प्रगति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में अभी अर्जित की गई प्रगति पर विचार-विमर्श किया गया तथा इसमें रेल मंत्रालय, सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय, बंदरगाह, जहाजरानी एवं जलमार्ग मंत्रालय, खाद्य एवं पीडीएस विभाग, कोयला मंत्रालय, स्टील मंत्रालय, उर्वरक विभाग, डीओटी, ग्रामीण विकास मंत्रालय और बीआईएसएजी -एन (भास्कराचार्य अंतरिक्ष अनुप्रयोग एवं जियो-इंफॉर्मेटिक्स राष्ट्रीय संस्थान) के विभिन्न वरिष्ठ अधिकारियों ने सहभागिता की। 

बैठक में नेशनल मास्टर प्लान के 13 अक्तूबर, 2021 को इसके लॉन्‍च के बाद की स्थिति की समीक्षा की गई तथा पोर्टल में डाटा के त्वरित समेकन के लिए योजनाओं पर विचार-विमर्श किया गया। केंद्रीय मंत्रालयों द्वारा अपडेट किए गए 900 से अधिक डाटा लेयर तथा राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा 316 अनिवार्य लेयरों के साथ विभिन्न मंत्रालयों/विभागों द्वारा इनका उपयोग करते हुए इनकी मैपिंग कराने तथा डिजिटल तरीके से संयोजित करने के बाद अपनी प्रस्तावित परियोजनाओं को साझा करने पर बैठक में विचार किया गया।

इस अवसर पर संबोधित करते हुए, श्री पीयूष गोयल ने कहा कि पीएम गतिशक्ति के रूपांतरकारी दृष्टिकोण के तहत, सरकार विभिन्न विभागीय संवादहीनता से उबरते हुए उपयोगकर्ता मुद्दों का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि नेशनल मास्टर प्लान तथा संस्थागत संरचना के माध्यम से इसकी भूमिका भारत के मल्टीमॉडल अवसंरचना नेटवर्क की नींव रखने के लिए आवश्यक है।

बैठक में राज्य स्तरीय संस्थागत व्यवस्थाओं पर की गई प्रगति की भी सराहना की गई। डीपीआईआईटी के सचिव श्री अनुराग जैन ने सूचित किया कि 32 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के पास सचिवों का कार्यशील अधिकारसंपन्न समूह के साथ-साथ उनमें से 29 राज्य अपनी नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप तथा तकनीकी सहायता इकाई का निर्माण करने में भी सहायक रहे हैं।

डीपीआईआईटी के विशेष सचिव श्री अमृत लाल मीणा ने भी उस भूमिका को रेखांकित किया जो नेशनल मास्टर प्लान अंतर-मंत्रालयी विनियोजन तथा समन्वयन में निभाती आ रही है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय तथा राज्य मंत्रालयों के पोर्टल के पूरी तरह क्रियाशील हो जाने के साथ सभी अनिवार्य डाटा लेयर अपलोड कर दिए गए हैं जिससे कि अवसंरचना मंत्रालयों/विभागों को सभी लंबित तथा भविष्य की परियोजनाओं के लिए नेशनल मास्टर प्लान का व्यापक उपयोग करने में सक्षम बनाया जा सके। उन्होंने तरंगा पहाड़ी-अम्बाजी-आबू रोड ब्रॉड गेज न्यू रेलवे लाइन के मामले को रेखांकित किया जिसने खेसरा डाटा, वन तथा वन्य जीवन अभयारण्य पर फील्ड सर्वे  की कमी और खनन क्षेत्रों में इंटरसेक्शन की दृश्यता न होने के कारण लगभग 6 महीने से प्री-एलाइनमेंट का अपना काम रोक रखा था। नेशनल मास्टर प्लान का उपयोग करने के माध्यम से इसे केवल 7 दिनों में पूरा कर दिया गया। सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिकारियों ने यह भी साझा किया कि नेशनल मास्टर प्लान का उपयोग करने के माध्यम से 5 ग्रीनफील्ड कॉरीडोर के पूर्व-संयोजन को फास्ट ट्रैक किया गया।

बैठक में नेशनल मास्टर प्लान को सार्वजनिक क्षेत्र में जारी करने पर विचार किया गया। वरिष्ठ अधिकारियों ने जानकारी दी कि रिलीज के लिए दिशानिर्देश पहले से ही जारी हैं। बैठक में विशेष रूप से उस भूमिका पर जोर दिया गया जो नेशनल मास्टर प्लान सामाजिक क्षेत्र में निर्णय निर्माण में निभा सकता है। विशेष सचिव ने यह भी जानकारी दी कि कुछ राज्यों /केंद्र शासित प्रदेशों ने पहले से ही यह करना आरंभ कर दिया है।

समेकित विनियोजन तथा समन्वयन की दिशा में एक दृष्टिकोण के रूप में, बैठक में हाल ही में दूरसंचार विभाग द्वारा प्रचालित गतिशक्ति संचार पोर्टल की सराहना की गई। अपने लॉन्‍च के बाद से, पोर्टल विचाराधीनता को कम करता रहा है जिससे परियोजनाओं का तेजी से कार्यान्वयन हुआ है। स्टील मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी जियोटैगिंग अवसंरचना तथा जियोलोकेशन उपलब्धता मुद्दों के समाधान के लिए नेशनल मास्टर प्लान के तहत एक मोबाइल ऐप का लॉन्‍च साझा किया।

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एमजी/एएम/एसकेजे/एसएस



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