युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav g20-india-2023

महाराष्ट्र में शतरंज ओलंपियाड मशाल रिले का भव्य स्वागत


महाराष्ट्र के ग्रैंड मास्टर्स पूरे राज्य में मशाल लेकर चले

नागपुर, पुणे और मुंबई में भव्य स्वागत

Posted On: 02 JUL 2022 5:20PM by PIB Delhi

पहली शतरंज ओलंपियाड मशाल रिले आज महाराष्ट्र पहुंची और नागपुर व पुणे के प्रमुख स्थानों से गुजरी। मशाल शाम 6:30 बजे मुंबई पहुंचेगी जहां से यह कल महाराष्ट्र से गोवा के लिए रवाना होगी।

जैसा कि भारत अपनी स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष का जश्न मना रहा है, शतरंज ओलंपियाड मशाल को चेन्‍नई पहुंचने से पहले देश के 75 शहरों में ले जाया जा रहा है, जो 28 जुलाई से 10 अगस्त, 2022 तक 44वें फिडे शतरंज ओलंपियाड की मेजबानी कर रहा है।

शतरंज ओलंपियाड मशाल रिले ने महाराष्ट्र में जीरो माइल, नागपुर में प्रवेश किया

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/Chess1.JPEG6Z0R.png

मशाल रिले दमन से सुबह 6 बजे भारत के भौगोलिक केन्‍द्र बिन्‍दु नागपुर के प्रसिद्ध जीरो माइल पहुंची। ग्रैंड मास्टर्स रौनक साधवानी, दिव्या देशमुख और संकल्प गुप्ता ने मशाल ली।  20वीं महाराष्ट्र बटालियन के एनसीसी कैडेटों, नेहरू युवा केन्‍द्र और जिला खेल अधिकारियों और अन्य खेल प्रेमियों ने शतरंज ओलंपियाड मशाल रिले का भव्य स्वागत किया।

 

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/Chess2.JPEGIWU5.png

बाद में, ग्रैंड मास्टर मशाल को एक खुली जीप में विभिन्न स्थानों पर ले गए। रैली नागपुर शहर के मुख्य चौराहे से होते हुए संविधान चौक, ऑल इंडिया रेडियो, महाराज बाग, लॉ कॉलेज, रवि नगर चौक, वाडी टी पॉइंट, हिंगाना लिंक रोड या जीएच रायसोनी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, एमआईडीसी पुलिस स्टेशन के पास, श्रद्धा पार्क, छत्रपति स्क्वायर और हिंगाना वाडी लिंक रोडसे होकर गुजरी। बाद में, मशाल को आगे की यात्रा के लिए लगभग 8 बजे डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, नागपुर ले जाया गया।

 

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/Chess3.JPEGN508.png

शतरंज ओलंपियाड मशाल रिले पुणे पहुंची

ग्रैंड मास्टर्स ईशा करवड़े और अभिजीत कुंटे, महाराष्ट्र शतरंज संघ के प्रतिनिधि, खेल विभाग के अधिकारियों ने पुणे हवाई अड्डे पर मशाल ली।

 

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/Chess4.JPEGOVS1.png

मशाल को ग्रैंड मास्टर्स द्वारा दोपहर करीब 12 बजे हडपसर में अमनोरा टाउनशिप ले जाया गया जहां भव्य समारोह के साथ इसका स्वागत किया गया। इस अवसर पर राज्य खेल आयुक्त ओम प्रकाश बकोरिया, आयुक्त, पुणे महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण के आयुक्‍त डॉ. सुहास दिवासे, पुणे नगर आयुक्त विक्रम कुमार और महाराष्ट्र शतरंज संघ के पदाधिकारी भी उपस्थित थे।

 

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/Chess5.JPEGHJ1V.png

 https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/Chess6.JPEGI76I.png

भव्य स्वागत के बाद, मशाल को सड़क मार्ग के जरिये शहर के प्रमुख स्‍थानों पर ले जाया गया। इसे मुंबई की अपनी सड़क यात्रा शुरू करने से पहले, ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण शनिवार वाड़ा ले जाया गया।

 

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/Chess7.JPEGIJLV.png

शतरंज ओलंपियाड मशाल पुणे के प्रसिद्ध शनिवार वाडा में

मशाल के शाम 6:30 बजे मुंबई पहुंचने की उम्मीद है जहां ग्रैंडमास्टर प्रवीण थिप्से इसकी अगवानी करेंगे। ग्रैंडमास्टर अभिजीत कुंटे और सौम्या स्वामीनाथन भी मौजूद रहेंगे। शाम करीब 7 बजे वानखेड़े क्लब में मशाल के लिए भव्य समारोह आयोजित किया गया है।

 (मुंबई के कार्यक्रमों को शामिल कर अपडेटेड प्रेस विज्ञप्ति कार्यक्रम के बाद जारी की जाएगी)

शतरंज ओलंपियाड मशाल रिले के बारे में

ओलंपिक परंपरा के अनुसार भारत शतरंज ओलंपियाड मशाल रिले शुरू करने वाला पहला देश है। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 19 जून 2022 को इंदिरा गांधी स्टेडियम, नई दिल्ली में ऐतिहासिक मशाल रिले का शुभारंभ किया और इसे ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद को सौंपा।

इसकी शुरुआत के बाद, मशाल ने दिल्ली में लाल किला, हिमाचल प्रदेश में धर्मशाला, अमृतसर में अटारी बॉर्डर, आगरा में ताजमहल और लखनऊ में विधानसभा व गुजरात में दांडी सहित अन्य प्रतिष्ठित स्थानों की यात्रा की है।

मेजबान भारत चेन्नई के नजदीक महाबलीपुरम में आयोजित होने वाले ओलंपियाड में 20 खिलाड़ियों को मैदान में उतार रहा है। ओलंपियाड के लिए 188 देशों के पंजीकरण के साथ, भारत पहली बार भारत की धरती पर एक खेल आयोजन के लिए अनेक देशों का विशाल जमावड़ा देखने के लिए तैयार है।

शतरंज, जैसा कि हम आज जानते हैं, इसकी उत्पत्ति भारतीय खेल चतुरंगा से हुई, जो छठी शताब्दी ई. में खेला जाता था। आने वाली शताब्दियों में यह खेल पूरे एशिया और यूरोप में फैल गया, और अंततः 16 वीं शताब्दी के आसपास जिसे हम शतरंज के रूप में जानते हैं, उस रूप में विकसित हुआ।

***

सोशल मिडियावर आम्हाला फॉलो करा:    @PIBMumbai      /PIBMumbai     /pibmumbai   pibmumbai[at]gmail[dot]com

एमजी/एएम/केपी



(Release ID: 1838886) Visitor Counter : 342


Read this release in: English , Urdu , Marathi