जनजातीय कार्य मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

डिजिटल उद्यमिता के जरिए जनजातीय समुदायों के उत्थान के लिए ‘गोल’ कार्यक्रम का दूसरा चरण शुरू किया गया

Posted On: 28 JUN 2022 6:25PM by PIB Delhi

जनजातीय मामलों के मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने गोइंग ऑनलाइन एज़ लीडर्स (जीओएएल) कार्यक्रम के दूसरे चरण का शुभारंभ किया। यह कार्यक्रम जनजातीय मामलों के मंत्रालय और मेटा (फेसबुक) की एक संयुक्त पहल है। जीओएएल 2.0 पहल का उद्देश्य देश के जनजातीय समुदायों के बीच उद्यमिता को बढ़ावा देकर और डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग करके उनके लिए अवसर खोलकर 10 लाख युवाओं को डिजिटल रूप से सक्षम बनाना है।

 

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image001Y5DQ.jpg

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image002ABKU.jpg

 

इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री मुंडा ने कहा कि जीओएएल कार्यक्रम द्वारा सक्षम बनाए जा रहे लोग अपने समुदायों की अगुवाई कर रहे हैं और इस तरह यह कार्यक्रम एक मूक क्रांति बन रहा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारे समुदायों के पास मौजूद संसाधनों का अब आदिवासी समुदायों को सशक्त बनाने के लिए आधुनिक उपकरणों के साथ उपयोग किया जा सकता है।

श्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि इस कार्यक्रम के मूल लक्ष्य जनजातीय समुदाय को जोड़ना और उन्हें कुशल बनाना, क्षमता विकसित करना और अपने समुदायों के जीवन में बदलाव लाना हैं। उन्होंने कहा कि ये महत्वाकांक्षी लक्ष्य हैं। इस कार्यक्रम का लक्ष्य 10 लाख लोगों तक सीधे पहुंचना और उन्हें सक्षम बनाते हुए उनके माध्यम से कई और लोगों को सशक्त बनाना है।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image0038RC3.jpg

 

इस कार्यक्रम के माध्यम से, चिन्हित किए गए जीओएएल प्रतिभागियों की मेटा बिजनेस कोच-व्हाट्सएप आधारित लर्निंग बॉट तक पहुंच होगी जो प्रतिभागियों को फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप का उपयोग करके अपने व्यवसाय को बढ़ाने और विकसित करने के बारे में कौशल सीखने का अवसर देगा। प्रतिभागियों को डिजिटल अर्थव्यवस्था में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए उन्हें सशक्त बनाने के उद्देश्य से कार्यक्रम में सिद्ध प्रशिक्षकों के एंटी स्कैमिंग शिक्षा, ऑनलाइन सुरक्षित रहना, गलत सूचना का मुकाबला कैसे करें और एक बेहतर डिजिटल नागरिक होने जैसे विषयों पर 9 भाषाओं में फेसबुक लाइव सत्र भी शामिल होंगे। जीओएएल के पहले चरण में देश भर के आदिवासी युवाओं को प्रेरित करना व जोड़ना और उनका कौशल बढ़ाना शामिल था। इनमें से कुछ ने अब ऐसे व्यवसाय बना लिए हैं जो राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ रहे हैं।

 

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image004ZM3M.jpg

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image005YXRW.jpg

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image006AACR.jpg

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image007WUVM.jpg

 

इस अवसर पर जनजातीय कार्य मंत्रालय में सचिव श्री अनिल कुमार झा, आईआईपीए के महानिदेशक श्री एस. एन. त्रिपाठी, जनजातीय कार्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव डॉ. नवलजीत कपूर और देश भर के आदिवासी समुदायों के युवा और उद्यमी भी मौजूद थे।

जीओएएल कार्यक्रम के पहले चरण के परिणामस्वरूप, आदिवासी समुदाय के 75 प्रतिशत प्रतिभागियों ने अपने विचारों को शब्दों में बेहतर ढंग से व्यक्त करने में सक्षम होने की बात मानी और अपने पारस्परिक कौशल में सुधार देखा। लगभग 69 प्रतिशत प्रतिभागी डिजिटल कॉमर्स का लाभ उठाने में सक्षम हुए और लगभग 63 प्रतिशत ने कहा कि इससे उन्हें यह समझने में मदद मिली कि अपना व्यवसाय कैसे शुरू किया जाए।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य आदिवासी और स्वदेशी समुदायों के युवाओं और महिलाओं को डिजिटल प्लेटफॉर्म की पूरी क्षमता का उपयोग करने और सामुदायिक विकास को आगे बढ़ाने के लिए उनके नेतृत्व कौशल को बढ़ाने के लिए सशक्त बनाना है। डिजिटल समावेशन के साथ-साथ कार्यक्रम का उद्देश्य आदिवासी जिलों में सबसे कमजोर समुदायों की मदद करना जारी रखते हुए आदिवासी युवाओं और ग्रामीण क्षेत्रों में आदिवासी महिलाओं के नेतृत्व वाले व्यवसायों पर ध्यान केंद्रित करके अर्थव्यवस्था में सक्रिय रूप से योगदान देना है।

*******

एमजी/एमए/एके/डीवी


(Release ID: 1837708) Visitor Counter : 455


Read this release in: English , Urdu , Marathi