कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय

राष्ट्रीय जल परियोजना निगम (एनएचपीसी) के सीएमडी (अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक) एके सिंह ने केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से मुलाकात की और जम्मू और कश्मीर में एनएचपीसी की चल रही परियोजनाओं के बारे में जानकारी दी

Posted On: 18 JUN 2022 5:31PM by PIB Delhi

राष्ट्रीय जल परियोजना निगम (एनएचपीसी) के सीएमडी (अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक) श्री एके सिंह ने आज केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से मुलाकात की और उन्हें किश्तवाड़ में चल रही बिजली परियोजनाओं की स्थिति के बारे में जानकारी दी। इस परियोजना के पूरा होने पर किश्तवाड़ को लगभग 6000 एमवी बिजली पैदा करने वाले एक प्रमुख बिजली केंद्र में बदल देगा।

बैठक के दौरान, जम्मू और कश्मीर में एनएचपीसी की चल रही परियोजनाओं और जम्मू और कश्मीर में भविष्य के व्यापार विकास की संभावनाओं के बारे में चर्चा की गई। सीएमडी एनएचपीसी ने उन्हें इन परियोजनाओं की प्रगति से अवगत कराया।

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दिनांक 1 नवंबर 2021 को रिवर डाइवर्जन के बाद पाकल दुल जलविद्युत परियोजना (1000 मेगावाट) सक्रिय रूप से निर्माणाधीन है। यह परियोजना सालाना 3230 एमयू विद्युत उत्पन्न करेगी और जुलाई 2025 तक इसके पूरा होने की उम्मीद है। किरू जलविद्युत परियोजना (624 मेगावाट) भी सक्रिय रूप से निर्माणाधीन है।

31 दिसंबर 2021 को रिवर डाइवर्जन किया गया था और इससे सालाना 2272 एमयू विद्युत पैदा होगी। परियोजना के जुलाई 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है। क्वार जलविद्युत परियोजना (40 मेगावाट) का काम 11 मई 2022 को सिविल वर्क पैकेज सौंपने के साथ शुरू हुआ। यह परियोजना सालाना 1975 एमयू उत्पन्न करेगी और नवंबर 2026 में इसका पूरा होना निर्धारित है। रतले जलविद्युत परियोजना (850 मेगावाट) निर्माणाधीन है और 18 जनवरी 2022 को ईपीसी अनुबंध देकर काम शुरू किया गया है।

परियोजना के चालू होने की निर्धारित तिथि 10 फरवरी 2026 है और एक बार चालू होने के बाद, परियोजना सालाना 3136 एमयू उत्पन्न करेगी। किरथाई-द्वितीय जलविद्युत परियोजना (930 मेगावाट) की जांच चल रही है और चालू होने पर सालाना 3329.52 एमयू उत्पन्न करेगी।

इन सभी परियोजनाओं के चालू होने से जम्मू और कश्मीर की बिजली की आवश्यकता में भारी सुधार होगा और शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी। उन्होंने एनएचपीसी को राज्य के निरंतर समर्थन और सहयोग का भी आश्वासन दिया।

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