नागरिक उड्डयन मंत्रालय
हिरासर (राजकोट) में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट सौराष्ट्र क्षेत्र में औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करेगा
2534 एकड़ क्षेत्र में बन रहे नए एयरपोर्ट पर 1405 करोड़ रुपये की लागत आएगी
टर्मिनल में क्षेत्र की विभिन्न कलाएं प्रदर्शित की जाएंगी
Posted On:
10 JUN 2022 1:55PM by PIB Delhi
गुजरात के चौथे सबसे बड़े शहर की बढ़ती आबादी की आवश्यकता को पूरा करने तथा इस क्षेत्र में विमान सेवा की वृद्धि को देखते हुए भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण 1405 करोड़ रुपये की लागत से गुजरात के राजकोट में नया ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा बनाएगा। नए हवाई अड्डे की परिकल्पना राज्य से विदेश की यात्रा करने वाले लोगों के ट्रांस्पोर्टेशन हब के रूप में की गई है।
2534 एकड़ के नए ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट की योजना यात्रियों के लिए आधुनिक सुविधाओं के साथ बनाई गई है। हवाई अड्डों पर काउंटरों की संख्या अधिक होगी तथा अन्य आवश्यक सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी। यह हवाई अड्डा राजकोट शहर से 30 किलोमीटर दूर और राजकोट-अहमदाबाद राजमार्ग पर होगा। बेसमेंट को छोड़कर हवाईअड्डे का कुल बिल्ट-अप एरिया 23,000 वर्गमीटर है। नए हवाई अड्डे की टर्मिनल बिल्डिंग व्यस्त समय में 1800 यात्रियों का नियंत्रण कर सकेगी।
टर्मिनल में अत्याधुनिक यात्री सुविधाएं होंगी। इसमें आधुनिक अग्निशमन तथा अग्नि संबंधी चेतावनी प्रणाली के साथ यात्रियों के लिए चार बोर्डिंग ब्रिज, तीन कंवेयर बेल्ट तथा 20 चेक-इन काउंटर होंगे। हवाई अड्डे के शहरी छोर के क्षेत्र में कार, टैक्सी तथा बसों के लिए पर्याप्त पार्किंग सुविधाएं विकसित की जाएंगी। हवाई अड्डे के रनवे की लम्बाई सेवारत एबी-321 किस्म के विमानों के लिए 3040 मीटर होगी जो कि एक समय में 14 विमानों की पार्किंग में सक्षम होगी।
टर्मिनल के अगले भाग की डिजाइन राजकोट के वर्तमान महलों यथा रणजीत विलास पैलेस से प्रभावित है जो पारंपरिक तत्वों को समकालीन रूप में एकीकृत करता है। भवन के अंदर कम से कम गर्मी के लिए महलों की पारंपरिक जालियों की बाहरी त्वचा प्रदान की गई है। टर्मिनल में अपने गतिशील बाहरी अग्रभाग और शानदार आंतरिक सज्जा के माध्यम से डांडिया नृत्य सहित कला के विभिन्न रूपों को प्रदर्शित किया जाएगा। राजकोट स्वर्ण आभूषण तथा जरदोजी के काम के लिए प्रसिद्ध है। इसी से शहर के किनारे के ड्रॉप-ऑफ क्षेत्र में बाहरी पैनल का काम प्रेरित है।
82 प्रतिशत से अधिक भू-कार्य तथा 80 प्रतिशत रनवे और फर्श का काम पूरा कर लिया गया है। नए टर्मिनल भवन तथा एटीसी टावर के लिए कार्य प्रगति पर है। हवाई अड्डे को चालू करने के लिए 60 मीटर x 60 मीटर के प्रतिघंटे 300 यात्रियों को नियंत्रित करने में सक्षम अंतरिम टर्मिनल भवन का कार्य भी प्रगति पर है। कुल परियोजना की वर्तमान प्रगति 45 प्रतिशत है। आशा है कि नया हवाई अड्डा मार्च 2023 तक संचालन के लिए तैयार हो जाएगा।
राजकोट अपने लघु तथा भारी उद्योगों के माध्यम से प्रभावी रूप से भारत की अर्थव्यवस्था में योगदान कर रहा है। शहर वैश्विक संभावनाओं के साथ जटिल सप्लाइ चैन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और आशा है कि इसमें काफी वृद्धि होगी। अंतरारष्ट्रीय बाजार से एयर कनेक्टिविटी होने से औद्योगिक विकास होगा जिसके परिणामस्वरूप रोजगार के नए अवसरों का सृजन होगा। इसके अतिरिक्त नया हवाई अड्डा वाणिज्यिक दृष्टि से भी विकसित होगा। इससे यात्रा, लॉजिस्टिक, होटल उद्योग, रेस्तरां, वेयरहाउस-कार्गो कार्य और क्लेयरिंग बिजनेस को प्रोत्साहन मिलेगा।
प्रधानमंत्री गति-शक्ति की समावेशी मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी की भावना के अनुरूप हिरासर हवाई अड्डा राष्ट्रीय राजमार्ग 27 से पहुंचा जा सकता है। बिना किसी बाधा के हवाई अड्डा पहुंचने के लिए राजमार्ग पर त्रिपर्णी फ्लाई ओवर बनाने की योजना है।
राजकोट-अहमदाबाद राजमार्ग पर होने से यह हवाई अड्डा समय में कमी तथा क्षेत्र के अनेक उदयोगों के लिए लॉजिस्टिक से जुड़ी लागत कम करेगा। मोरबी का सेरामिक उद्योग तथा जामनगर के अन्य उद्योग भी एयर कनेक्टिविटी के लिए राजकोट पर निर्भर करते हैं।
प्राचीन शहर राजकोट को आधुनिक और सुंदर बनाने की योजना पहले से है तथा ऐसी ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा सहित सभी आधारभूत विकास परियोजनाएं स्थानीय व्यवसाय को बढ़ाएंगी और देश के लिए आर्थिक योगदान करेंगी।
पूरा हुआ रनवे
एटीसी टावर सह टेक्निकल ब्लॉक की कार्य प्रगति
ईएंडएम वर्कशॉप बिल्डिंग की कार्य प्रगति
एजीएल सबस्टेशन बिल्डिंग की कार्य प्रगति
रनवे के नीचे बॉक्स कलवर्ट
रनवे के नीचे बॉक्स कलवर्ट कार्य की प्रगति
संभावित एयर काइड
प्रस्तावित टर्मिनल बिल्डिंग
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एमजी/एमए/एजी/ओपी/एसके
(Release ID: 1832905)
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