जनजातीय कार्य मंत्रालय
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जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा अनुसूचित जनजाति के छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए दी जाने वाली राष्ट्रीय फेलोशिप एवं छात्रवृत्ति (एनएफएसटी) ने नागालैंड की लोबेनो मोझुई को उनकी पीएचडी से जुड़े कठिन फील्ड सर्वे को सफलतापूर्वक पूरा करने में सहायता की


जनजातीय कार्य मंत्रालय, एनएफएसटी और अन्य फेलोशिप मंचों के माध्यम से अपनी शोध गतिविधियों को पूरा करने में शोधार्थियों को अमूल्य सहायता प्रदान करता है: डॉ. लोबेनो मोझुई

Posted On: 05 JUN 2022 5:26PM by PIB Delhi

लुमामी में नागालैंड विश्वविद्यालय के जीव विज्ञान विभाग में डॉ. लोबेनो मोझुई ने वर्ष 2013 में नागालैंड के आठ अलग-अलग जिलों में एंटोमोफैगी (भोजन के रूप में कीड़ों का उपयोग) और एंटोमो-थेरेप्यूटिकल (चिकित्सा में कीड़ों का उपयोग) के अध्ययनों से संबंधित दस्तावेज़ीकरण के लिए क्षेत्रीय सर्वेक्षण के माध्यम से शोध के लिए पीएचडी में प्रवेश लिया था। उन्होंने कहा कि राज्य के 53 गांवों की यात्रा के लिए डेटा संग्रह की आवश्यकता थी, जो कि वित्तीय मदद के बिना संभव नहीं था। इसके लिए अप्रैल 2015 से मार्च 2020 के लिए एनएफएसटी के अंतर्गत 5 वर्ष की फेलोशिप जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा प्रदान की गई थी।

 

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उन्होंने जून 2014 में अपना शोध कार्य शुरू किया और किसी भी फेलोशिप का लाभ नहीं मिलने के कारण उन्हें भारी वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ा। उन वर्षों के दौरान, उन्हें अपने माता-पिता और परिवार के सदस्यों से आर्थिक मदद लेनी पड़ी।

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि वह भाग्यशाली थी कि उसे अप्रैल 2015 से मार्च 2020 के लिए एनएफएसटी के तहत 5 वर्ष की फेलोशिप का लाभ प्रदान करने के लिए चुना गया। इस दौरान, उन्होंने वर्ष 2018 तक अपना फील्ड सर्वेक्षण किया। वह एनएफएसटी के माध्यम से वित्तीय सहायता के कारण अपने फील्ड सर्वेक्षणों को सफलतापूर्वक पूरा कर सकीं और कीटविज्ञान प्रभाग, आईएआरआई, पूसा, नई दिल्ली में पोषण संबंधी खाद्य कीटों पर प्रयोगशाला कार्यों का संचालन कर सकीं।

उन्होंने एनएफएसटी और अन्य फेलोशिप मंचों के माध्यम से अपनी शोध गतिविधियों को पूरा करने के लिए शोधार्थियों को दिए जाने वाले अमूल्य समर्थन के लिए जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की है। उन्होंने अपनी पीएचडी का कार्य पूरा किया और 13 जुलाई, 2021 को नागालैंड विश्वविद्यालय, लुमामी से जीव विज्ञान में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की।

उन्होंने गर्व के साथ अपने पर्यवेक्षक, प्रो. एल.एन. काकाती (सेवानिवृत्त) का उल्लेख किया है, जिन्होंने उन्हें शोध के सभी पहलुओं में उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने के लिए प्रेरित करते हुए, समर्थन और मदद की है। उन्होंने कहा कि वह जीव विज्ञान विभाग, नागालैंड विश्वविद्यालय, लुमामी के साथी शोधार्थियों और विद्यार्थियों के लिए भी एक प्रेरणा हैं और वह शोध संबंधी गतिविधियों में रुचि रखने वाले किसी भी व्यक्ति की मदद और सलाह देने के लिए तैयार हैं। प्रो. एल.एन. काकाती देख-रेख में काम करने वाले सभी शोधार्थी भविष्य में उनके जैसे महान शिक्षाविद बनने की इच्छा रखते हैं।

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