उप राष्ट्रपति सचिवालय
उपराष्ट्रपति ने गैबॉन की पहली उच्च स्तरीय यात्रा की शुरुआत की
उन्होंने कहा कि भारत अफ्रीका के साथ अपने संबंधों को प्रगाढ़ करने में सर्वोच्च प्राथमिकता देता है
उपराष्ट्रपति ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने के लिए गैबॉन के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के साथ व्यापक चर्चा की
भारत और गैबॉन ने संयुक्त आयोग की स्थापना और राजनयिकों के प्रशिक्षण के लिए समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किया
उपराष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट की भारतीय दावेदारी का समर्थन करने के लिए गैबॉन को धन्यवाद दिया
Posted On:
31 MAY 2022 7:43PM by PIB Delhi
उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू ने आज गैबॉन की राजधानी लिब्रेविले में उच्च स्तरीय बैठकों के साथ गैबोनीज देश में पहले उच्च स्तरीय यात्रा की शुरुआत की। उपराष्ट्रपति, कल गैब़ॉन की राजधानी पहुंचे, जहां पर उनका औपचारिक रूप से स्वागत किया गया और गैबॉन की प्रधानमंत्री सुश्री रोज क्रिस्टियन ओस्सुका रापोंडा और गैबोन के विदेश मंत्री श्री माइकल मूसा-अदामो ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
श्री नायडू ने आज अपनी पहली मुलाकात में गैबॉन के विदेश मंत्री श्री माइकल मूसा-अदामो के साथ द्विपक्षीय बैठक की और फिर उन्होंने गैबॉन के राष्ट्रपति महामहिम श्री अली बोंगो ओंडिम्बा से मुलाकात की।
इसके बाद, उपराष्ट्रपति ने नेशनल असेंबली के अध्यक्ष, महामहिम श्री फॉस्टिन बोकोउबी और सीनेट की अध्यक्ष महामहिम सुश्री लुसी मिलेबो ऑबुसन के साथ एक संयुक्त बैठक की। इस अवसर पर, श्री नायडू ने भारत-गैबॉन संबंधों में लोकतंत्र और बहुलवाद के साझा मूल्यों के महत्व पर बल दिया और दोनों पीठासीन अधिकारियों को भारतीय संविधान की मूल प्रतिकृतियां भेंट कीं।
उपराष्ट्रपति ने दोनों देशों के लिए साझा हित वाले कई मुद्दों पर गैबॉन की प्रधानमंत्री सुश्री रोज क्रिस्टियन ओस्सुका रापोंडा के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता का नेतृत्व किया और द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने की बात की। इस दौरान, दो समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए जिसमें पहला एमओयू भारत और गैबॉन की सरकारों के बीच एक संयुक्त आयोग की स्थापना करना और दूसरा एमओयू राजनयिकों के लिए प्रशिक्षण संस्थान, सुषमा स्वराज विदेश सेवा संस्थान और गेबोनीज विदेश मंत्रालय के बीच किया गया। उपराष्ट्रपति, श्री नायडु और गैबॉन की प्रधानमंत्री, सुश्री रोज क्रिस्टियन ओस्सुका रापोंडा इन समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करने के दौरान उपस्थित रहे।
भारत और गैबॉन के बीच आज लिब्रेविले में समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए
गैबॉन के शीर्ष नेतृत्व से बातचीत करने के दौरान उपराष्ट्रपति ने बल देकर कहा कि भारत गैबॉन के साथ अपने संबंधों को बहुत महत्व देता है और अपनी विकास यात्रा में भारत सरकार द्वारा गैबॉन का विश्वसनीय भागीदार बनने की प्रतिबद्धता को दोहराया।
उन्होंने कहा, “हम अपने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और बहुपक्षीय सहयोग को और मजबूती प्रदान करने और उसे व्यापक बनाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग का अपना दायरा विस्तृत करने के लिए गैबॉन के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार हैं।“
भारत और गैबॉन के बीच द्विपक्षीय व्यापार में हो रही निरंतर प्रगति का उल्लेख करते हुए, जो कोविड-19 महामारी होने के बावजूद 2021-22 में 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर को पार कर चुका है, श्री नायडू ने विशेष रूप से स्वास्थ्य और फार्मास्यूटिकल्स, ऊर्जा, कृषि, चावल, रक्षा, सुरक्षा आदि के क्षेत्रों में हमारे व्यापार में विविधता लाने की संभावनाओं का पता लगाने का आह्वान किया। उन्होंने दोनों देशों के बीच तेल एवं गैस, खनन, लकड़ी प्रसंस्करण, रक्षा, सौर ऊर्जा आदि जैसे प्रमुख क्षेत्रों में साझेदारी बढ़ाने की बात की।
अफ्रीका के साथ भारत की साझेदारी में क्षमता निर्माण को एक महत्वपूर्ण स्तंभ बताते हुए उपराष्ट्रपति ने 20 गैबॉनी राजनयिकों के अगले बैच के लिए एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए भारत सरकार द्वारा मंजूरी प्रदान करने की घोषणा की।
श्री नायडू ने 2022-23 के कार्यकाल के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य चुने जाने के लिए गैबॉन को बधाई दी और यूएनएससी की स्थायी सदस्यता के लिए भारत की उम्मीदवारी का समर्थन करने पर गैबॉन के नेतृत्व को धन्यवाद दिया। संयुक्त राष्ट्र में विशेषरूप से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में संरचनात्मक सुधारों की आवश्यकता पर बल देते हुए श्री नायडू ने आतंकवाद से निपटने और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर दोनों देशों के बीच घनिष्ठ सहयोग स्थापित करने का आह्वान किया।
बातचीत में, उपराष्ट्रपति ने आम अफ्रीकी स्थिति के लिए भारत के समर्थन को दोहराया, जो एजुलविनी आम सहमति और सिर्ते घोषणा में निहित है, और अफ्रीकी महाद्वीप के साथ हुए ऐतिहासिक अन्याय में सुधार लाने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए एक साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता पर भी बल दिया जो कि ‘नाम’ के संस्थापक मूल्यों और सिद्धांतों का पूर्ण रूप से और भावना के साथ पालन करता है, और यह कि ‘नाम विकासशील दुनिया के लिए प्रासंगिक और मुख्यधारा वाले समकालीन विषयों पर अपना ध्यान केंद्रित करता है।
इस बात को स्वीकार करते हुए कि गैबॉन अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन समझौते पर हस्ताक्षर करनेवाला और इसकी पुष्टि करने वाला पहले देशों में से एक रहा है और यह 2030 तक शतप्रतिशत स्वच्छ ऊर्जा प्राप्त करने की योजना बना रहा है, श्री नायडू ने कहा कि भारत अपने नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए गैबॉन को हरसंभव सहायता प्रदान करना चाहता है।
गैबॉन में भारतीय समुदाय की संख्या अपेक्षाकृत कम है, लेकिन उपराष्ट्रपति ने गैबोनी अर्थव्यवस्था में उनके बहुमूल्य योगदान की सराहना की और भारतीय नागरिकों की देखभाल ठीक प्रकार से करने के लिए गैबोनीज सरकार की सराहना की।
गैबॉन की प्रधानमंत्री ने उपराष्ट्रपति के सम्मान में एक भोज का आयोजन किया। लैंगिक समानता के क्षेत्र में हुई प्रगति के लिए गैबॉन की प्रशंसा करते हुए, श्री नायडू ने गैबॉन की पहली महिला प्रधानमंत्री बनने के लिए महामहिम सुश्री रोज क्रिस्टियन ओस्सुका रापोंडा को बधाई दी।
इस यात्रा में, श्री नायडू के साथ स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री, डॉ भारती प्रवीण पवार, संसद सदस्य, श्री सुशील कुमार मोदी, श्री विजय पाल सिंह तोमर, श्री पी. रवींद्रनाथ और उपराष्ट्रपति सचिवालय और विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी गए हैं।
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