श्रम और रोजगार मंत्रालय
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ईपीएफओ ने मार्च, 2022 में कुल 15.32 लाख सब्सक्राइबर जोड़े


नये जोड़े गए लोगों में 18-25 वर्ष के आयु-समूह के लगभग 45.96 प्रतिशत सब्सक्राइबर शामिल हैं

नये जोड़े गए कुल सब्सक्राइबर में महिलाओं की हिस्सेदारी 22.70 प्रतिशत है

लगभग 10.14 लाख सब्सक्राइबर (66.18 प्रतिशत) जोड़ने के द्वारा महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात, हरियाणा और दिल्ली सबसे आगे

Posted On: 20 MAY 2022 5:24PM by PIB Delhi

20 मई, 2022 को जारी ईपीएफओ के अनंतिम पेरोल डाटा में रेखांकित किया गया है कि ईपीएफओ ने मार्च, 2022 के महीने में कुल 15.32 लाख सब्सक्राइबर जोड़े हैं। पेरोल डाटा की माह-दर-माह तुलना फरवरी, 2022 के महीने के दौरान कुल जोड़े गए सब्सक्राइबर की तुलना में मार्च, 2022 में कुल 2.47 लाख सब्सक्राइबर की वृद्धि दर्शाती है।

महीने के दौरान जोड़े गए कुल 15.32 लाख सब्सक्राइबर में से लगभग 9.68 लाख नए सदस्यों को पहली बार ईपीएफ और एमपी अधिनियम, 1952 के प्रावधानों के तहत शामिल किया गया है। पिछले महीने की तुलना में मार्च, 2022 में नए सदस्यों की संख्या में 81,327 की वृद्धि हुई है। लगभग 5.64 लाख सब्सक्राइबर इसके दायरे से बाहर निकल गए, लेकिन अंतिम निकासी का विकल्प चुनने की बजाए अपने फंड को पिछले पीएफ खाते से वर्तमान पीएफ खाते में स्थानांतरित करने के द्वारा वे ईपीएफओ के तहत आने वाले प्रतिष्ठानों में फिर से शामिल हो गए।

पेरोल डाटा की आयु-वार तुलना से संकेत मिलता है कि मार्च, 2022 के दौरान 4.11 लाख की वृद्धि के साथ कुल नामांकनों की सर्वोच्च संख्या दर्ज कराने के द्वारा 22-25 वर्ष का आयु-समूह अग्रणी रहा है। इसके बाद 3.17 लाख कुल सब्सक्राइबर जोड़ने के साथ 29-35 के आयु-समूह का स्थान रहा है। 18-21 वर्ष के आयु समूह ने भी महीने के दौरान लगभग 2.93 लाख कुल सब्सक्राइबर जोड़े। महीने के दौरान 18-25 वर्ष के आयु-समूह में लगभग 45.96 प्रतिशत कुल सब्सक्राइबर शामिल हैं। आयु-वार पेरोल डाटा से संकेत मिलता है कि पहली बार रोजगार चाहने वाले बड़ी संख्या में संगठित क्षेत्र के कार्यबल में शामिल हो रहे हैं।

पेरोल के आंकड़ों की राज्य-वार तुलना रेखांकित करती है कि महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात, हरियाणा और दिल्ली राज्यों में शामिल प्रतिष्ठान महीने के दौरान लगभग 10.14 लाख कुल सब्सक्राइबर को जोड़कर अग्रणी स्थान पर बने हुए हैं, जो सभी आयु समूहों में कुल पेरोल वृद्धि का 66.18 प्रतिशत है।

जेंडर-वार विश्लेषण से संकेत मिलता है कि माह के दौरान लगभग 3.48 लाख महिलाएं पेरोल वृद्धि में शामिल रहीं। मार्च, 2022 के महीने के दौरान महिला नामांकन की हिस्सेदारी कुल सब्सक्राइबर वृद्धि का 22.70 प्रतिशत रही, जो कि फरवरी, 2022 के पिछले महीने की तुलना में 65,224 कुल नामांकनों की वृद्धि है। संगठित कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी में अक्टूबर 2021 से सकारात्मक रुझान दिख रहा है।

उद्योग-वार पेरोल डाटा से संकेत मिलता है कि महीने के दौरान मुख्य रूप से 'विशेषज्ञ सेवाओं' (श्रमबल एजेंसियों, निजी सुरक्षा एजेंसियों और छोटे ठेकेदारों आदि से मिलकर) तथा 'व्यापारिक-वाणिज्यिक प्रतिष्ठान' की दो श्रेणियों में सब्सक्राइबर की हिस्सेदारी कुल 47.76 प्रतिशत रही। फरवरी, 2022 में कुल सब्सक्राइबर वृद्धि की तुलना में मार्च, 2022 में कपड़ा, हेवी-फाइन रसायन, होटल और रेस्तरां आदि जैसे उद्योगों में कुल पेरोल वृद्धि का बढ़ता रुझान देखा गया है।

पेरोल डाटा अनंतिम है क्योंकि डाटा सृजन एक निरंतर अभ्यास है और कर्मचारी रिकॉर्ड को अपडेट करने की प्रक्रिया नियमित आधार पर की जाती है। इसलिए, पिछला डाटा हर महीने अपडेट हो जाता है। अप्रैल-2018 के महीने से ईपीएफओ सितंबर, 2017 की अवधि को कवर करते हुए पेरोल डाटा जारी कर रहा है।

ईपीएफओ देश का प्रमुख संगठन है जो ईपीएफ और एमपी अधिनियम, 1952 के दायरे में आने वाले संगठित/अर्ध-संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा लाभ उपलब्ध कराने के लिए उत्तरदायी है। यह अपने सदस्यों को विभिन्न प्रकार की सेवाएं प्रदान करता है, जिसमें सदस्यों और उनके परिवारजन दोनों के लिए भविष्य निधि, बीमा और पेंशन शामिल हैं।

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