आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय
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आवास एवं शहरी कार्य मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने प्लंबेक्स इंडिया प्रदर्शनी में 'भारत टैप' पहल का शुभारंभ किया


भारत टैप पहल का उद्देश्य बड़े पैमाने पर कम प्रवाह वाले सेनेटरी-वेयर उपलब्ध कराना और इस प्रकार से स्रोत पर पानी की खपत को काफी कम करना है

कोई भी देश बिना पर्याप्त स्वच्छता के प्रगति नहीं करेगा; अमृत योजना स्वच्छता की यात्रा को सुगम बनाने में महत्वपूर्ण साबित हुई है: श्री पुरी
प्लम्बेक्स इंडिया प्रदर्शनी में प्लंबिंग, पानी और स्वच्छता उद्योग से संबंधित उत्पादों और सेवाओं को प्रदर्शित किया जाएगा

Posted On: 12 MAY 2022 2:51PM by PIB Delhi

आवास और शहरी कार्य तथा पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने आज नई दिल्ली में 'प्लम्बेक्स इंडिया' प्रदर्शनी में भारत टैप पहल का शुभारंभ किया। यह प्रदर्शनी नल से संबंधी उपकरणों, पानी और स्वच्छता उद्योग से संबंधित उत्पादों और सेवाओं के प्रदर्शन के लिए आयोजित की गई है।

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श्री पुरी ने कहा कि यह प्रदर्शनी राष्ट्र के विकास में जल और स्वच्छता की एक आधारभूत सेवा प्रदान करने में सहयोग करती है और पर्याप्त स्वच्छता के बिना कोई देश प्रगति या विकास नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि यह सेवाएं नागरिकों के लिए आवश्यक बुनियादी आवश्यकताओं के अनुसार अपेक्षित मूलभूत सेवाएं हैं। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद भारत के सामाजिक विकास में एक आदर्श बदलाव आया है और स्वच्छता भारत के विकास की प्रमुख कुंजी है। उन्होंने न केवल खुले में शौच की समस्या से निपटने और स्वच्छता के प्रति व्यवहार में बदलाव लाने के लिए महत्वाकांक्षी स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की। श्री पुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने भारत की 60 प्रतिशत शहरी आबादी के लिए सुरक्षित पानी और गंदे पानी की निकासी की प्रणाली प्रदान करने के लिए अटल मिशन फॉर रिजुवेनेशन एंड ट्रांसफॉर्मेशन (अमृत) की भी अवधारणा तैयार की। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं का देश में स्वच्छता की स्थिति पर जबरदस्त प्रभाव पड़ा है।

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श्री पुरी ने कहा कि भारत, ग्रामीण क्षेत्रों में 38 प्रतिशत शौचालय से 100 प्रतिशत शौचालय कवरेज तक पहुंच गया है। श्री पुरी ने कहा कि इसके अलावा शहरी क्षेत्रों में 73.32 लाख घरेलू और सामुदायिक शौचालयों का निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन एक जन आंदोलन बन गया जिसने देश को सुरक्षित और उचित स्वच्छता के लिए प्रेरित किया है। स्वच्छता की यात्रा को सुविधाजनक बनाने में अमृत मिशन काफी महत्वपूर्ण रहा है। उन्होंने कहा कि यह मिशन पानी की आपूर्ति और गंदे पानी की निकासी / नालों की सफाई के लिए प्रमुख आवंटन के साथ बुनियादी ढांचे के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

मंत्री महोदय ने कहा कि परिणाम असाधारण से कम नहीं है और 42,224 करोड़ रुपये की लागत से 1,336 जल आपूर्ति परियोजनाओं के माध्यम से 33,840 करोड़ रुपये लागत की 860 सीवरेज और सेप्टेज प्रबंधन परियोजनाएं पूरी कर, अमृत मिशन ने शहरी भारत में 127 लाख घरेलू नल कनेक्शन और 95 लाख सीवर कनेक्शन प्रदान किए हैं। इसी तरह, अमृत मिशन के अंतर्गत सीवरेज परियोजनाओं से एसटीपी की लगभग 6,000 एमएलडी उपचार क्षमता का विकास होने की आशा है, जिसमें लगभग 2,360 एमएलडी क्षमता पहले ही प्राप्त की जा चुकी है और लगभग 3,650 एमएलडी क्षमता की एसटीपी प्रगति पर है।

श्री पुरी ने कहा कि अमृत मिशन की सफलता के बाद, अगला लक्ष्य देश के पूर्ण शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) को शामिल किया जाना है, जबकि अमृत शहरों में पानी और स्वच्छता सेवाओं का सुदृढ़णीकरण जारी है। उन्होंने कहा कि यह अमृत 2.0 का आधार था, जिसे 1 अक्टूबर 2021 को प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किया गया था। अमृत 2.0 को 2,77,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ, हमारे सभी शहरों को 'जल सुरक्षित' बनाकर 'नए शहरी भारत' की आकांक्षाओं को साकार करने के लिए डिजाइन किया गया है।

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श्री पुरी ने कहा कि अमृत 2.0 मिशन, 2.68 करोड़ नल कनेक्शनों के माध्यम से लगभग 4,700 शहरी स्थानीय निकायों में सभी घरों में पानी की आपूर्ति का 100 प्रतिशत कवरेज प्रदान करेगा और 2.64 करोड़ सीवर कनेक्शन के माध्यम से 500 शहरों में सीवरेज और सेप्टेज की 100 प्रतिशत कवरेज प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि इससे शहरी क्षेत्रों के 10.5 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ होगा।

श्री पुरी ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि राज्य सरकारें राज्य जल कार्य योजनाओं के माध्यम से परियोजनाओं को प्रस्तावित करने की प्रक्रिया में हैं। इनमें से 41,500 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। उन्होंने आगे कहा कि इन मिशनों, विशेष रूप से अमृत के सफल कार्यान्वयन से जो एक बड़ा लाभ सामने आया है, वह यह है कि देश भर में बड़ी मात्रा में पानी की आपूर्ति के लिए पाइपलाइन बिछाई गई हैं।

मंत्री महोदय ने कहा कि प्लम्बिंग उद्योग देश में स्वच्छता और अन्य बुनियादी सेवाओं के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए व्यावसायिक अवसरों का लाभ उठा रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भारत टैप पहल से कम प्रवाह वाले सेनेटरी-वेयर बड़े पैमाने पर उपलब्ध होंगे और इस तरह स्रोत पर पानी की खपत में काफी कमी आएगी। मंत्री महोदय ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि इस पहल को देश में जल्दी से स्वीकार किया जाएगा और जल संरक्षण के प्रयास पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित किया जाएगा। 

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श्री पुरी ने नारेडको माही की 'निर्मल जल प्रयास' पहल की भी शुरूआत की जो प्रति वर्ष 500 करोड़ लीटर पानी की बचत के लिए काम करेगी।

इस अवसर पर इंडियन प्लंबिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष, श्री गुरमीत सिंह अरोड़ा, आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय, इंडियन प्लंबिंग एसोसिएशन, नारडेको और वाटर मैनेजमेंट एंड प्लंबिंग स्किल काउंसिल के अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

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