स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय
गुजरात के केवड़िया में आयोजित तीन दिवसीय "स्वास्थ्य चिंतन शिविर" का का समापन हुआ
"मैं सभी से जल्द ही शुरू होने वाली "टीबी रोगी/ग्राम गोद लेना" योजना में शामिल होने की अपील करता हूं, जहां हर कोई टीबी रोगियों को गोद ले सकता है और उनके कल्याण को सुनिश्चित कर सकता है: डॉ. मांडविया
"टेली-परामर्श हमारी स्वास्थ्य प्रणालियों का भविष्य है और चूंकि यह सुदूर क्षेत्र तक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए एक आदर्श मंच प्रदान करता है, इसलिए हमें बड़े पैमाने पर इसे बढ़ावा देने की दिशा में काम करना चाहिए"
“आयुष्मान भारत राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन, भारत को स्वास्थ्य क्षेत्र में डिजिटल क्रांति के लिए प्रेरित करने के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है। हमें युद्ध स्तर पर आभा आईडी बनाने की दिशा में काम करना चाहिए”
"राज्यों से अनुरोध है कि वे सरकारी अस्पतालों में सेवा वितरण के बारे में लाभार्थियों/रोगियों की प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए केंद्रीय मंत्रालय के 'मेरा अस्पताल' पोर्टल के बारे में जागरूकता उत्पन्न करें"
Posted On:
07 MAY 2022 5:27PM by PIB Delhi
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने 5 से 7 मई, 2022 तक गुजरात के केवड़िया में आयोजित केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण परिषद (सीसीएचएफडब्ल्यू) के 14वें सम्मेलन 'स्वास्थ्य चिंतन शिविर' के समापन सत्र को संबोधित किया। इस दौरान स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार और नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल भी उपस्थित थे। इसके अलावा इस तीन दिवसीय सम्मेलन में राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों, स्वास्थ्य सचिवों, राज्य के स्वास्थ्य प्रतिनिधियों, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, नीति आयोग, आईसीएमआर के प्रतिनिधियों व वैज्ञानिकों ने भी हिस्सा लिया।
डॉ. मांडविया ने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा कि "सिद्धि हर संकल्प के पीछे की प्रेरक शक्ति है।" उन्होंने इस तीन दिवसीय "स्वास्थ्य चिंतन शिविर" में लगभग 25 स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा मंत्रियों की भागीदारी की सराहना की। मंत्री ने कहा, “हम राज्यों की ओर से प्रस्तुत किए गए सर्वश्रेष्ठ अभ्यासों के कारण ज्ञान की गहरी अंतर्दृष्टि से समृद्ध हुए हैं। इससे हमें स्वास्थ्य क्षेत्र में सरकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के बारे में जानकारी मिली है।" उन्होंने आगे कहा कि "सभी राज्यों ने एक बेहतर अभ्यास को साझा किया है, इसलिए अब हमारे पास पूरे देश में सीखने और लागू करने के लिए 25 से अधिक सर्वश्रेष्ठ अभ्यास हैं। केंद्र और राज्यों के लक्ष्य एक-दूसरे पर आश्रित हैं। राज्य का यह लक्ष्य केंद्रीय स्तर पर नीति निर्माण को परिभाषित करेगा।"
केंद्रीय मंत्री ने सहकारी संघवाद की भावना से काम करने के महत्व को रेखांकित किया। डॉ. मांडविया ने कहा, "राज्य के लक्ष्य हमें राष्ट्रीय लक्ष्य प्रदान करते हैं।" उन्होंने आगे कहा, “वे हमें विभिन्न नीतियों के लिए रोडमैप प्रदान करते हैं। स्वास्थ्य शिविर ने देश के लिए "स्वस्थ परिवार" की नींव रखी है। आइए हम अंत्योदय के उद्देश्य को पूरा करने को लेकर अपने नागरिकों के कल्याण के लिए स्वास्थ्य नीतियों के सर्वश्रेष्ठ कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने का संकल्प लें और एक प्रतिज्ञा करें। स्वास्थ्य सेवाओं के वितरण के लिए सुदूर क्षेत्र के नागरिक हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।"
मंत्री ने आगे जोर देकर कहा, “स्वास्थ्य हमारे लिए एक व्यापार नहीं, बल्कि एक सेवा है। हम चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं और आने वाले वर्षों में 'हील बाई इंडिया' व 'हील इन इंडिया' हमारे स्वास्थ्य इकोसिस्टम के दो महत्वपूर्ण स्तंभ हैं, जो भारत को एक वैश्विक स्वास्थ्य नेता के रूप में खड़ा करेंगे।”
डॉ. मांडविया ने सभी से "जल्द ही शुरू होने वाली 'टीबी रोगी/ग्राम गोद लेना' योजना में शामिल होने का अनुरोध किया। इसके तहत हर कोई टीबी रोगियों को गोद ले सकता है और उनके कल्याण, लोगों का पोषण, समय पर निदान और शीघ्र उपचार सुनिश्चित कर सकता है। उन्होंने बताया, "यह 2025 तक टीबी मुक्त भारत के हमारे लक्ष्य में बहुत अधिक योगदान देगा।"
डॉ. मांडविया ने मोतियाबिंद सर्जरी के बैकलॉग को दूर करने को लेकर राष्ट्रीय पहल के लिए सहभागिता को भी आमंत्रित किया। उन्होंने राज्य के मंत्रियों से ई-संजीवनी के जरिए टेली-परामर्श को लोकप्रिय बनाने का अनुरोध किया। मंत्री ने आगे कहा, “मैं सभी मंत्रियों से अपील करता हूं कि वे अपने जिले के दौरे के दौरान एबी एचडब्ल्यूसी का दौरा करें और व्यक्तिगत रूप से इस योजना की निगरानी करें। इसने कोविड के दौरान समुदाय को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की हैं।" उन्होंने आगे कहा, "टेली-परामर्श हमारी स्वास्थ्य प्रणालियों का भविष्य है और चूंकि यह सुदूर क्षेत्र तक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए एक आदर्श मंच प्रदान करता है, इसलिए हमें इसे बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने की दिशा में काम करना चाहिए।"
केंद्रीय मंत्री ने राज्य के मंत्रियों से राज्यों में आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाते (आभा) को लोकप्रिय बनाने और इसके कार्यान्वयन में तेजी लाने का अनुरोध किया। उन्होंने आगे कहा, “आयुष्मान भारत राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन भारत को स्वास्थ्य क्षेत्र में डिजिटल क्रांति के लिए प्रेरित करने को लेकर एक महत्वपूर्ण योजना है। हमें युद्ध स्तर पर आभा आईडी बनाने की दिशा में काम करना चाहिए। यह योजना सेवा वितरण के साथ गोपनीयता सुनिश्चित करती है।”
डॉ. मांडविया ने सरकारी अस्पतालों में सेवा वितरण के बारे में लाभार्थियों/रोगियों की प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए केंद्रीय मंत्रालय के 'मेरा अस्पताल' पोर्टल के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने आगे जोर देकर कहा, "हमें अपनी जीवन शैली और भोजन पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है।"
डॉ. मांडविया ने बताया कि इस सम्मेलन ने केंद्र और राज्य सरकारों के लिए क्षेत्र आधारित लक्ष्य प्रदान किए हैं, जिनमें टीबी मुक्त भारत और मोतियाबिंद सर्जरी के बैकलॉग को पूरा करना शामिल है। उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि "हमें स्वास्थ्य लक्ष्यों को पूरा करने के लिए जनभागीदारी की जरूरत है।" मंत्री ने यह भी बताया कि 1 जून से मोतियाबिंद ऑपरेशन करने के लिए एक समर्पित अभियान शुरू किया जाएगा।
उन्होंने अपने संबोधन के समापन में चिंतन शिविर की सफलता का श्रेय सभी टीमों को उनकी परिकल्पना और इसे इतनी कुशलता से लागू करने में कड़ी मेहनत करने के लिए दिया। उन्होंने इस शिविर में सक्रिय रूप से हिस्सा लेने के लिए सभी राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों को भी धन्यवाद दिया। डॉ. मांडविया ने केवड़िया में तीन दिवसीय चिंतन शिविर के दौरान स्वस्थ जीवनशैली गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए साइकिल की सवारी, ट्रेकिंग और योग अभ्यास में प्रतिभागियों का नेतृत्व किया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने 14वें सीसीएचएफडब्ल्यू की वेबसाइट का भी उद्घाटन किया।
वहीं, डॉ. भारती प्रवीण पवार ने कहा, "चिंतन शिविर ने हमें स्वास्थ्य क्षेत्र और गुणवत्ता सेवा वितरण के विभिन्न पहलुओं पर सामूहिक विचार-विमर्श के लिए लाभकारी सहयोगी मंच प्रदान किया है।" उन्होंने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में केंद्र और राज्यों के सहयोगात्मक दृष्टिकोण की सराहना की। इसके अलावा डॉ. पवार ने 190 करोड़ वैक्सीन खुराक लगाए जाने की उपलब्धि प्राप्त करने के लिए राज्यों की भी सराहना की। उन्होंने कहा, "हम भारत को स्वास्थ्य क्षेत्र में 'विश्व गुरु' बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
डॉ. वी.के. पॉल ने कहा कि "यह (चिंतन शिविर) भारत के भविष्य के स्वास्थ्य इकोसिस्टम का एक ढांचा विकसित करने की राह दिखाएगा।" उन्होंने आगे चिंतन शिविर के आयोजन के लिए केंद्र और राज्यों की स्वास्थ्य टीमों को धन्यवाद दिया।
सीसीएचएफडब्ल्यू के 14वें सम्मेलन 'स्वास्थ्य चिंतन शिविर' के तीसरे दिन राज्यों के सर्वश्रेष्ठ अभ्यासों, भारत की सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया व कोविड -19 से सीख, भारत को भविष्य की स्वास्थ्य आपात स्थितियों के लिए तैयार करना, हील इन इंडिया व हील बाई इंडिया और एक स्वस्थ भारत के लिए रोड मैप पर विषयगत सत्र का आयोजन किया गया। हर एक के अनुभवों से सीखने के लिए एक मंच प्रदान करने को लेकर विभिन्न राज्यों के स्वास्थ्य प्रबंधन पर सर्वश्रेष्ठ अभ्यासों को राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों और प्रतिनिधियों ने साझा किया। इसके अलावा स्वास्थ्य और कल्याण के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा और विचार-विमर्श भी किए गए।
केंद्र और राज्यों ने सभी के लिए सुलभ, सस्ती और समान स्वास्थ्य सेवा के पवित्र उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों ने पिछले तीन दिनों में जिस तरीके से सम्मेलन का आयोजन किया गया, उस पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की। इसके अलावा उन सब ने सम्मेलन की अवधारणा और इसके आयोजन के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को धन्यवाद दिया, जिसने सभी के लिए एक शानदार शिक्षण अनुभव प्रदान किया।
इस तीन दिवसीय सम्मेलन का उद्देश्य केंद्र और राज्यों को देश में स्वास्थ्य इकोसिस्टम के भविष्य के लिए रोडमैप पर चर्चा, विचार-विमर्श व सिफारिश करने के लिए एक मंच प्रदान और स्वास्थ्य क्षेत्र की विभिन्न केंद्रीय व राज्य सरकार की योजनाओं के कार्यान्वयन की समीक्षा करना है।
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