कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय

केंद्रीय कृषि मंत्री ने व्यवसाय करने में आसानी को प्रमुख रूप से बढ़ावा देने के लिए, कृषि वस्तुओं के निर्यात / आयात और कीटनाशकों के पंजीकरण पर एकीकृत और हाई-टेक ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किए


ड्रोन का उपयोग कर लगभग सभी पंजीकृत कीटनाशकों के आवेदन के लिए मंजूरी दी गई

यह गर्व की बात है कि कृषि-निर्यात और व्यवसाय करने में सुगमता की दिशा में बड़ी छलांग लगाई गई है: श्री नरेंद्र सिंह तोमर

केंद्र सरकार भारतीय कृषि को सुदृण करने के लिए प्रतिबद्ध है : श्री तोमर

Posted On: 18 APR 2022 4:28PM by PIB Delhi

 

 

केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज दो पोर्टलों की शुरुआत की, पहला पोर्टल कीटनाशक के कम्प्यूटरीकृत पंजीकरण (सीआरओपी) के लिए और दूसरा पोर्टल पादप संगरोध सूचना प्रणाली (पीक्यूआईएस) के लिए है। इस अवसर पर अपने संबोधन में मंत्री महोदय ने कहा कि कृषि क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री की परिकल्पना को ध्यान में रखते हुए इन दो पोर्टल का शुभारंभ किया गया है। श्री तोमर ने कहा कि यह पोर्टल डिजिटल कृषि और व्यापार करने में सुगमता को बढ़ावा देने में मदद करेंगे। श्री तोमर ने यह कहते हुए प्रसन्नता व्यक्त की कि कृषि निर्यात ने बड़ी छलांग लगाई है।

 

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी ने कहा कि प्रौद्योगिकी पर प्रधानमंत्री के बल देने से कृषि क्षेत्र का और विकास होगा। उन्होंने कहा कि नए पोर्टल से किसानों और निर्यातकों के साथ-साथ उद्योगपतियों को भी फायदा होगा।

 

कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय का कृषि और किसान कल्याण विभाग (डीएएफ़डबल्यू), पादप संरक्षण, संगरोध और भंडारण निदेशालय (डीपीपीक्यूएस), फरीदाबाद के माध्यम से भारतीय निर्यातकों और कृषि वस्तुओं तथा भारतीय कीटनाशक उद्योग के आयातकों की जरूरतों को अपने दो पोर्टल, कीटनाशक का कम्प्यूटरीकृत पंजीकरण (सीआरओपी) और पादप संगरोध सूचना प्रणाली (पीक्यूआईएस) के माध्यम से पूरा कर रहा है। कृषि जिंसों के निर्यात/आयात और कीटनाशकों के पंजीकरण से संबंधित आवेदनों के त्वरित निपटान की आवश्यकता को महसूस करते हुए, बाहरी प्रणालियों और हितधारकों के साथ अधिक समन्वित एकीकरण तथा मौजूदा ऑनलाइन प्रणाली में अधिक पारदर्शिता लाने के लिए, डीएएफडब्ल्यू ने आज दो पुनर्विकसित ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किए।

पीक्यूएमएस पोर्टल आवेदकों के लिए बिना किसी भौतिक स्पर्श बिंदु के एक पारदर्शी प्रणाली प्रदान करेगा और ऑनलाइन के माध्यम से उपयोगकर्ताओं को सुविधा सुनिश्चित करेगा, जिसमें ई-भुगतान और दस्तावेजों को अपलोड करना, ऑनलाइन मान्यता और उपचार एजेंसियों / सुविधाओं का नवीनीकरण तथा प्रमाण पत्र डाउनलोड करना शामिल है। इसी तरह, पुन: विकसित सीआरओपी पोर्टल व्यवसाय करने में सुगमता को बढ़ावा देने में मदद करेगा तथा देश के किसानों को अधिक और समय पर फसल सुरक्षा समाधान प्रदान करेगा।

डीएएफडब्ल्यू ने सीजीजी, हैदराबाद को नए प्रौद्योगिकी प्लेटफॉर्म पर पादप संगरोध प्रबंधन प्रणाली (पीक्यूएमएस) के लिए निर्बाध एकीकृत ई-गवर्नेंस समाधान के डिजाइन, विकास, तकनीकी सहायता रख-रखाव और पुनर्विकसित व्यापक कीटनाशकों के पंजीकरण (सीआरओपी) के लिए ई-गवर्नेंस समाधानों को प्रदान करने के लिए भी नियुक्त किया था।

ड्रोन का उपयोग कर कीटनाशकों का छिड़काव

भारत में ड्रोन प्रौद्योगिकी और इसके उपयोग को बढ़ावा देने तथा किसान ड्रोन के उपयोग को सुविधाजनक बनाने के लिए प्रधानमंत्री की परिकल्पना के अनुरूप, जैसा कि वर्ष 2022-23 के बजट दस्तावेज़ में घोषित किया गया है; विभाग ने इस क्षेत्र के सभी हितधारकों के परामर्श से कीटनाशक और पोषक तत्वों के अनुप्रयोग में ड्रोन के उपयोग के लिए मानक संचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) तैयार की हैं, जो ड्रोन के प्रभावी और सुरक्षित संचालन के लिए सटीक निर्देश प्रदान करती हैं। ड्रोन प्रौद्योगिकियों को सभी किसानों तक पहुंचाने के लिए जारी प्रयासों के अंतर्गत मंत्रालय ने आज आदेश जारी कर ड्रोन का उपयोग कर लगभग सभी पंजीकृत कीटनाशकों के फार्मूलेशन के छिड़काव के लिए अंतरिम मंजूरी दे दी है। ये कीटनाशक फॉर्मूलेशन वे हैं जिनकी सुरक्षा और प्रभावकारिता का मूल्यांकन विभिन्न फसलों पर पहले ही किया जा चुका है और देश में पहले से ही अन्य तरीकों का उपयोग करके इस्तेमाल किया जा रहा है। ड्रोन का उपयोग करने वाले कीटनाशकों के इस्तेमाल से न केवल किसानों के लिए पौधों को कीटों से कुशलतापूर्वक बचाना आसान हो जाएगा, बल्कि वास्तव में कम लागत मूल्य के माध्यम से उनकी आय बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।

इस अवसर पर उपस्थित लोगों में कृषि राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी, कृषि सचिव श्री मनोज आहूजा, कृषि मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, सुशासन केंद्र के महानिदेशक श्री राजेंद्र निमजे, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-आईसीएआर के वैज्ञानिक, राज्यों के प्रतिनिधि, उद्योग और किसान संगठन शामिल थे।

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