कोयला मंत्रालय
श्री प्रल्हाद जोशी ने 18 नई खदानों सहित 122 कोयला/लिग्नाइट खानों की नीलामी का शुभारंभ किया
ये खदानें 11 कोयला/लिग्नाइट खान भंडार वाले राज्यों में फैली हैं
नीलामी में शामिल 59 खदानें पूरी तरह से खोजी हुई हैं
कोयला मंत्रालय खनन में निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए और प्रोत्साहन देने पर विचार कर रहा है
Posted On:
30 MAR 2022 7:22PM by PIB Delhi
कोयला मंत्रालय ने आज कोयला खदानों की व्यावसायिक नीलामी के लिए 18 नई कोयला खदानों को शामिल करते हुए 122 कोयला/लिग्नाइट खदानों की पेशकश की है। केंद्रीय कोयला, खान एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने नीलामी के पांचवें चरण को शुरू करते हुए कहा कि अब तक 42 कोयला खदानों की सफलतापूर्वक नीलामी की जा चुकी है। मंत्री ने कहा कि यह देश को ऊर्जा सुरक्षा देने के साथ-साथ 1.17 लाख से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करेगा। इन नीलामियों की सफलता इस बात की गवाही देती है कि कोयला क्षेत्र के विकास को और गति प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा सही कदम उठाए जा रहे हैं। मंत्री ने कहा कि कोयला मंत्रालय इस क्षेत्र में सुधार करने और इसकी क्षमता को विस्तार करने की दिशा में काम कर रहा है। श्री जोशी ने कहा कि कोयला क्षेत्र में हाल ही में शुरू किए गए सुधार आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को और मजबूत करेंगे।
नीलामी के लिए विभिन्न चरणों में शामिल खानों का विवरण इस प्रकार है:
- कोयला खान (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 2015 के 15वें चरण और खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 की 5वीं श्रृंखला के तहत 109 कोयला खदानें,
- कोयला खान (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 2015 के 14वें चरण के दूसरे प्रयास और खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 की चौथी श्रृंखला के दूसरे प्रयास के तहत चार कोयला खदानें, और
- iii. कोयला खान (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 2015 के 13वें चरण और खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 की तीसरी श्रृंखला के दूसरे प्रयास के तहत नौ कोयला खदानें
प्रस्तावित 109 खदानों में से 59 पूरी तरह से खोजी गई खदानें हैं और 50 आंशिक रूप से खोजी गई खदानें हैं। ये खदानें 11 कोयला/लिग्नाइट खान भंडार वाले राज्यों में फैली है। जिन राज्यों में फैली हैं ये खदानें उनके नाम हैं झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, बिहार और तेलंगाना।
विस्तृत विचार-विमर्श के बाद खदानों की सूची को अंतिम रूप दे दिया गया है और संरक्षित क्षेत्रों, वन्यजीव अभयारण्यों, महत्वपूर्ण आवासों, 40% से अधिक वन क्षेत्र, बड़े पैमाने पर निर्मित क्षेत्र आदि के अंतर्गत आने वाली खदानों को बाहर रखा गया है।
नीलामी प्रक्रिया की प्रमुख विशेषताओं में राष्ट्रीय कोयला सूचकांक की शुरुआत, पूर्व कोयला खनन अनुभव के बिना नीलामी प्रक्रिया में शामिल होने की छूट, कोयले के उपयोग में पूर्ण लचीलापन, आसान भुगतान संरचना, शीघ्र उत्पादन शुरू करने के लिए प्रोत्साहन के माध्यम से दक्षता संवर्धन और स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकी का उपयोग शामिल है। कोयला मंत्रालय द्वारा खनन में निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए और प्रोत्साहनों देने पर विचार किया जा रहा है।
नीलामी में भाग लेने के लिए टेंडर दस्तावेज की बिक्री आज से शुरू हो जाएगी। एमएसटीसी के नीलामी प्लेटफॉर्म पर खानों, नीलामी की शर्तों, समय-सीमा आदि का विवरण देखा जा सकता है। राजस्व हिस्सेदारी में प्रतिशत के आधार पर बंटवारे के साथ दो चरणों की पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से ऑनलाइन नीलामी आयोजित की जाएगी।
एसबीआई कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड, वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी के लिए कोयला मंत्रालय के एकमात्र लेन-देन सलाहकार है। एसबीआई कैपिटल ने ही कार्यप्रणाली तैयार किया है और नीलामी प्रक्रिया में कोयला मंत्रालय की सहायता कर रहा है।
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