राष्ट्रपति सचिवालय

भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविन्द का तुर्कमेनिस्तान की यात्रा के दौरान प्रेस वक्तव्य

Posted On: 02 APR 2022 2:26PM by PIB Delhi

महामहिम राष्ट्रपति श्री सर्दार बर्दीमुहामेदोव,

महामहिम, देवियो और सज्जनो,

  1. यह भारत के किसी राष्ट्रपति की तुर्कमेनिस्तान की पहली यात्रा है और तुर्कमेनिस्तान के नए व युवा नेता की मेजबानी में आयोजित पहली यात्राओं में से एक है। मैं महामहिम के लिए अपनी आभार और कृतज्ञता व्यक्त करता हूं कि तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति ने मेरा और हमारे प्रतिनिधिमंडल का गर्मजोशी से स्वागत और काफी आतिथ्य सत्कार किया है। आपकी भाव- भंगिमा हमारे दो महान राष्ट्रों के बीच मित्रता की जीवंतता को दिखाता है।
  2. भारत और तुर्कमेनिस्तान के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 30वीं वर्षगांठ के रूप में हमने एक अन्य उपलब्धि को प्राप्त किया है। हमारे पास पिछले तीन दशकों में और विशेष रूप से पिछले दशक में बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों के विकास से संतुष्ट होने के अच्छे कारण हैं।

देवियो और सज्जनो,

  1. आज तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति के साथ बैठक के दौरान, हमने राष्ट्र और द्विपक्षीय संबंधों की संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा की। हमने महत्‍वपूर्ण विभिन्‍न क्षेत्रीय और अंतरराष्‍ट्रीय मुद्दों पर भी अपने विचारों का आदान-प्रदान किया। हम अपनी बहुआयामी साझेदारी को और अधिक मजबूत करने के प्रयासों को तेज करने पर सहमत हुए हैं।
  2. द्विपक्षीय संबंधों को आर्थिक संबंध मजबूत करते हैं। हम द्विपक्षीय व्‍यापार, जो अभी साधारण है, का और अधिक विस्‍तार करने पर सहमत हुए हैं। हमारे व्यापारिक समुदायों को अपने जुड़ाव को गहरा करना चाहिए, एक दूसरे के विनियमनों को जानना चाहिए और व्यापार व निवेश के नए क्षेत्रों की पहचान करनी चाहिए।
  3. मुझे विश्वास है कि आज भारत की वित्तीय खुफिया इकाई और तुर्कमेनिस्तान की वित्तीय निगरानी सेवा के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (एमओयू), दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग के ढांचे को मजबूत करेगा।
  4. किसी भी व्यापारिक व्यवस्था के लिए कनेक्टिविटी महत्वपूर्ण है। इस बारे में हमने अंतरराष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारा (आईएनएसटीसी) और अंतरराष्ट्रीय परिवहन और पारगमन (ट्रांजिट) गलियारे पर किए गए अश्गाबात समझौते के महत्व को रेखांकित किया। मैंने बताया कि ईरान में भारत की ओर से निर्मित चाबहार पत्तन का उपयोग भारत और मध्य एशिया के बीच व्यापार में सुधार के लिए किया जा सकता है।
  5. ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग आज की हमारी चर्चाओं के प्रमुख क्षेत्रों में से एक था। मैंने तापी पाइपलाइन पर सुझाव दिया कि तकनीकी व विशेषज्ञ स्तरीय बैठकों में पाइपलाइन की सुरक्षा और प्रमुख व्यावसायिक सिद्धांतों से संबंधित मुद्दों पर बात की जा सकती है।
  6. हमने आपदा प्रबंधन जैसे सहयोग के नए क्षेत्रों की भी पहचान की है, जिस पर हमने आज एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। मैंने डिजिटलीकरण की दिशा में अपने अभियान में तुर्कमेनिस्तान के साथ भागीदारी करने के लिए भारत की इच्छा से अवगत कराया। अंतरिक्ष आपसी लाभकारी सहयोग का एक अन्य क्षेत्र हो सकता है।
  7. हमारे देश सदियों पुरानी सभ्यता और सांस्कृतिक संबंधों को साझा करते हैं। इस बातचीत के दौरान मैंने एक-दूसरे के क्षेत्र में नियमित रूप से सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने के महत्व को रेखांकित किया। मुझे विश्वास है कि 2022-25 की अवधि के लिए आज हस्ताक्षरित संस्कृति और कला सहयोग कार्यक्रम हमारे सांस्कृतिक सहयोग को एक दिशा देगा।
  8. हमने दोनों देशों की ओर से हमारी जनसंख्या को प्रभावित करने वाली कोविड-19 महामारी के प्रभावी प्रबंधन पर गहरे सहयोग की जरूरत पर जोर दिया। मैंने प्रस्ताव दिया कि दोनों देशों की ओर से कोविड टीकाकरण प्रमाणपत्रों की आपसी मान्यता हमारे नागरिकों की यात्रा को सुविधाजनक बनाने में एक लंबा रास्ता तय करेगी।
  9. भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन प्रारूप में भारत के लिए तुर्कमेनिस्तान एक महत्वपूर्ण भागीदार है। इसकी पहली मेजबानी भारत ने इस साल जनवरी में की थी। हम भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन से प्राप्त होने वाले ढांचे के तहत इस सहयोग को और अधिक बढ़ाने पर सहमत हुए हैं।
  10. हम भारत-मध्य एशिया सांस्कृतिक सहयोग की सीमा में एक युवा प्रतिनिधिमंडल को भारत भेजने के लिए तुर्कमेनिस्तान की तत्परता का स्वागत करते हैं। युवा कार्यक्रम पर आज किया गया समझौता ज्ञापन (एमओयू) हमारे युवाओं के बीच आदान-प्रदान को और अधिक तेज करेगा।
  11. हमारी चर्चाओं में इस बात पर भी जोर दिया गया कि हम अंतरराष्ट्रीय प्रासंगिकता के मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र सहित क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मंचों पर आपसी सहयोग को जारी रखेंगे। सुधार किए गए और विस्तारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत की स्थायी सदस्यता के समर्थन के साथ-साथ 2021-22 की अवधि के लिए यूएनएससी के एक अस्थायी सदस्य के रूप में भारत की पहल करने के लिए मैंने तुर्कमेनिस्तान को धन्यवाद दिया।
  12. अफगानिस्तान के निकटतम पड़ोसियों के रूप में, हमारा देश स्वाभाविक रूप से उस राष्ट्र के विकास और उनके बाहरी प्रभावों के बारे में चिंतित हैं। हम अफगानिस्तान से संबंधित मुद्दों पर व्यापक 'क्षेत्रीय सहमति' साझा करते हैं। इसमें सही मायने में प्रतिनिधि और समावेशी सरकार का गठन, आतंकवाद व मादक पदार्थों की तस्करी से निपटना, संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की केंद्रीय भूमिका, अफगानिस्तान के लोगों के लिए तत्काल मानवीय सहायता प्रदान करना और महिलाओं, बच्चों, अन्य राष्ट्रीय जातीय समूहों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों का संरक्षण शामिल है।

 

महामहिम, देवियो व सज्जनो और मीडिया के सदस्यों

  1. मैं नियत समय पर पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तिथि को राष्ट्रपति श्री सर्दार बर्दीमुहामेदोव का भारत में स्वागत करने के लिए उत्सुक हूं।
  2. और क्या मैं यह कहकर अपनी बात समाप्त कर सकता हूं कि अश्गाबात के सुंदर व विस्मयकारी "सफेद संगमरमर" शहर से मैं और हमारा प्रतिनिधिमंडल सही मायने में प्रभावित हुए हैं।


बहुत- बहुत धन्यवाद!

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एमजी/एएम/एचकेपी/सीएस



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