इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय

अपने प्रौद्योगिकी दशक (टेकेड) की ओर अग्रसर लचीला भारत 2014 से विकास और नवाचार के लिए बनाई गई पीएम नरेन्द्र मोदी की नीतियों का नतीजा है: राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर


स्टार्टअप परितंत्र को मजबूत करने के लिए भारत की रणनीति देश में उद्यमिता और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक अच्छी तरह से क्रियान्वित योजना है

भारत को ट्रिलियन-डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था में बदलने के लिए हर क्षेत्र में सुधार हो रहे हैं

Posted On: 26 MAR 2022 5:32PM by PIB Delhi

केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्रीराजीव चंद्रशेखर ने भारत के नवाचारों और उद्यमिता क्षेत्र में लचीलापन और विकास के बारे में बात की। हैदराबाद में आज सीईओ क्लब्स में अपने संबोधन में मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत का विज़न अपने जीवंत स्टार्टअप्स,उद्यमिता और अब तक के उच्चतम एफडीआई के माध्यम से भारत के विकास की कहानी गढ़ रहा है। नतीजतन,भारत अब दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था हैजो कोविड के कारण आई बाधाओं के बावजूद व्यापारिक माल के निर्यात में नए रिकॉर्ड स्थापित कर रहा है। यह 2014 के बाद से पीएम नरेन्द्र मोदी की नीतियों के कारण है। पीएम नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने अपने कुशल कोविड प्रबंधन और महामारी के दौरान अर्थव्यवस्था के कुशल संचालन के लिए वैश्विक मान्यता हासिल कीजो कि आत्मनिर्भर भारत की सोच की वजह से संभव हुआ।

वैश्विक मंचों पर भारत की विकास गाथा को पेश करने की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुएमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि वैश्विक दायरे में भारत की विकास गाथा की चर्चा करने की आवश्यकता है क्योंकि यह भारतीय तकनीकी क्षेत्र में बदलाव का दौर है और विश्व के अधिक से अधिक निवेशकों को नए भारत की विकास गाथा के बारे में पता होना चाहिए। भारत की 'बाउंस बैक' - जैसा कि अब दुनिया हमें कहती है,मुख्य रूप से हमारे प्रधानमंत्री द्वारा 2005 में डिजिटल इंडिया के शुभारंभ के साथ प्रौद्योगिकी क्षेत्र में किए गए शुरुआती निवेश के कारण है।

आत्मनिर्भर भारत के आर्थिक विचार ने भारत के लिए एक अटल,लचीला और पुनरुत्थानशील राष्ट्र के रूप में उभरने का मार्ग प्रशस्त किया है। कोविड महामारी के दौरान,भारत ने लचीली अर्थव्यवस्था, लचीली सरकार और लचीली नागरिकता के निर्माण के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाया। प्रधानमंत्री के विज़न को धन्यवाद है कि उससे भारत न केवल अनुसंधान एवं विकास और तकनीकी विकास तथा नवाचारों के पारंपरिक क्षेत्रों में, बल्कि नागरिकों के जीवन को बदलने और उसे सशक्त बनाने के लिए तकनीक के उपयोग में दुनिया के पहले से प्रतिष्ठित देशों में से एक बन गया है।

केंद्रीय राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने जोर देते हुए यह भी कहा कि दुनिया भारत को प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी खिलाड़ी के रूप में देखती है। जिस तरह वेब 3.0,उद्योग 4.0 और बहुत सारे व्यवधानों के साथ देश में डिजिटलीकरण बढ़ रहा है,दुनिया पूरे परिप्रेक्ष्य को अगला संभावित प्रोत्साहन देने के लिए भारत की ओर तेजी से देख रही है। उन्होंने कहा कि,"जल्द ही हम सार्वजनिक सेवा वितरण को एक नए स्तर पर ले जाने के लिए शासन में डिजिटलीकरण की अगली लहर शुरू करने जा रहे हैं।"

केंद्रीय राज्य मंत्री ने सीईओ क्लब्स में बात करते हुए बताया कि कैसे उद्यमियों और सरकार के बीच की सहजीविता भारत को ट्रिलियन-डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का सूत्र होगी, खासकर स्टार्टअप्स की उस संख्या को देखते हुए जो हाल ही में यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हुए हैं।

09 फरवरी 2022 तक,भारत में 295.99 अरब डॉलर के कुल मूल्यांकन के साथ 88 यूनिकॉर्न (स्टार्टअप्स कंपनियां) हैं,जो कि स्टार्ट-अप को अर्थव्यवस्था में लचीला और मजबूत बनाए रखने के लिए सरकार के सक्रिय कदमों का परिणाम है।

उन्होंने उद्योग,दूरसंचार,एमएसएमई,श्रम,वित्त, आदि जैसे सभी क्षेत्रों में सरकार के कुशल संरचनात्मक और रणनीतिक सुधारों के बारे में भी बताया। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे इन सुधारों से भारत की जबरदस्त वृद्धि हुई और कैसे इसमें लचीलापन आया।

उन्होंने यह बताते हुए निष्कर्ष निकाला कि कैसे भारत 5 ट्रिलियन डॉलर वाली अर्थव्यवस्था और अपने नागरिकों के लिए समृद्धि प्राप्त करने के संकल्प के साथ दुनिया के अग्रणी राष्ट्रों में से एक के रूप में उभरा है। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे हमारी अर्थव्यवस्था,डिजिटल अर्थव्यवस्था और पूरा परितंत्र वैश्विक प्रतिकूलताओं का सामना करते हुए लगातार आगे बढ़ रही है।

सीईओ क्लब्स के बारे में

सीईओ क्लब्स उद्यमियों, उद्योगपतियों और शीर्ष अधिकारियों का एक गैर-लाभकारी संघ है। यह 3 मुख्य बातों का ध्यान रखता है: कॉर्पोरेट कल्याण,व्यक्तिगत कल्याण और सामाजिक कल्याण। यह एक सहकर्मी समूह है जो नेटवर्किंग से परे है - जहां एक-दूसरे की देखभाल और आदान-प्रदान का सह-अस्तित्व है।

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