प्रमुख बिंदु
समझौता ज्ञापन में उत्तरी और उत्तर पूर्वी सीमावर्ती राज्यों में लोड क्लास 70 वाले 7.5 मीटर कैरिजवे के 27 डबल-लेन पुलों संबंधी आपूर्ति, उनका निर्माण एवं लॉन्चिंग शामिल है
यह समझौता स्वदेशी उपकरणों पर अधिक आत्मनिर्भरता और 'आत्मनिर्भर भारत' के समग्र लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए बीआरओ की प्रतिबद्धता दृढ़ करता है
सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) लिमिटेड ने इंडियन रोड कांग्रेस (आईआरसी) लोड क्लास 70 के साथ 7.5 मीटर के 27 कैरिजवे डबल लेन गैल्वेनाइज्ड मॉड्यूलर ब्रिज की आपूर्ति, निर्माण तथा लॉन्चिंग के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। लगभग 60 करोड़ रुपये की लागत वाले इस दो साल के अनुबंध पर 15 मार्च, 2022 को नई दिल्ली में बीआरओ के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी और जीआरएसई के कार्यवाहक अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक कमोडोर पीआर हरि (सेवानिवृत्त, भारतीय नौसेना) द्वारा हस्ताक्षर किए गए।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 'आत्मनिर्भर भारत' के आह्वान और बेहतर बुनियादी ढांचे की देश की आकांक्षा को पूरा करने के क्रम में बीआरओ ने पिछले साल जीआरएसई लिमिटेड द्वारा आईआरसी लोड क्लास 70 के "स्वदेशी 140 फीट डबल लेन मॉड्यूलर ब्रिज" का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। 28 दिसंबर, 2021 को रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह द्वारा अपनी तरह का पहला स्वदेशी पुल राष्ट्र को समर्पित किया गया। पुल का निर्माण फरवरी 2021 में प्रोजेक्ट स्वास्तिक के कर्मयोगियों द्वारा सिक्किम में महत्वपूर्ण "फ्लैग हिल-डोकला" रोड पर 11,000 फीट की ऊंचाई पर किया गया था।
सफल परीक्षणों के बाद इस समझौता ज्ञापन को अंतिम स्वरूप प्रदान करने के लिए दोनों एजेंसियों के बीच चर्चा हुई, जिसके तहत जीआरएसई लिमिटेड उत्तरी और उत्तर पूर्वी सीमाओं पर अनेक रणनीतिक सड़कों पर आईआरसी लोड क्लास 70 के 27 डबल लेन मॉड्यूलर ब्रिज संबंधी आपूर्ति, निर्माण एवं लॉन्चिंग करेगा।
जीआरएसई द्वारा विकसित डबल-लेन मॉड्यूलर स्टील ब्रिज भारत में उपलब्ध अपनी तरह का एकमात्र पुल है और यह 100 प्रतिशत स्वदेशी है। समझौता ज्ञापन के सबसे महत्वपूर्ण लाभों में से एक समय वाला कारक होगा क्योंकि इन पुलों को साइट सौंपने के 45 दिनों के भीतर लॉन्च किया जा सकता है। यह निश्चित रूप से देश में सड़कों संबंधी बुनियादी ढांचे के विकास में एक गेम-चेंजर साबित होगा। आईआरसी लोड क्लास 70 वर्गीकरण के साथ ऐसे मॉड्यूलर पुलों के निर्माण से अग्रिम क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की अभियानगत तैयारियों में भी वृद्धि होगी।
समझौता ज्ञापन से आगे आत्मनिर्भरता और राष्ट्र निर्माण के प्रति बीआरओ की प्रतिबद्धता को बढ़ावा मिलेगा। यह देश की सुरक्षा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सीमावर्ती क्षेत्रों में बेहतर बुनियादी ढांचे के विकास को भी सुनिश्चित करेगा।
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एमजी/एएम/एबी
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