विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने "बीटिंग रिट्रीट" ड्रोन लाइट शो के उस "स्टार्टअप्स" को सम्मानित किया, जिसने रंगीन तिरंगे से आसमान को रौशन कर राष्ट्र के मन को मोहने का काम किया


केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय अभिनव स्टार्ट-अप्स को उदार वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए अपने नियमों व विनियमनों को सरल बना रहा है

स्टार्ट-अप्स इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए एकल खिड़की अनुमति, परियोजनाओं के त्वरित कार्यान्वयन, इन्क्यूबेशन की सुविधाएं और स्टार्ट-अप की मिलान निधि दायित्व की समीक्षा जैसे मुद्दों को जल्द ही अधिसूचित किया जाएगा: डॉ. जितेंद्र सिंह

डॉ. जितेंद्र सिंह ने वरिष्ठ अधिकारियों को अभिनव स्टार्ट-अप्स की सहायता करने को लेकर एक रिवाल्विंग फंड (परिकामी निधि) बनाने के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण के साथ उद्योगों को इस प्रक्रिया में शामिल करने का निर्देश दिया

Posted On: 02 FEB 2022 6:49PM by PIB Delhi

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ), कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह आज "बीटिंग रिट्रीट" ड्रोन लाइट शो के "स्टार्टअप्स" को सम्मानित किया। इस स्टार्ट-अप्स ने 29 जनवरी, 2022 की शाम को नई दिल्ली के विजय चौक पर आसमान को रंगीन तिरंगे से रौशन कर पूरे राष्ट्र के मन को मोहने का काम किया था।

इस कार्यक्रम में “बोटलैब" स्टार्ट-अप के सह-संस्थापक - हरियाणा की सरिता अहलावत, मध्य प्रदेश के तन्मय बुनकर और बिहार के अनुज कुमार बर्णवाल अपने टीम के लगभग 30 सदस्यों के साथ उपस्थित थे। मंत्री ने इन सब को व्यक्तिगत रूप से बधाई दी और सम्मानित किया।

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केंद्रीय मंत्री ने परियोजना शुरू करने के छह महीने के भीतर प्राप्त की गई इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए “बोटलैब" की पूरी टीम को बधाई दी। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि देश को उन पर गर्व है और उन्हें सम्मानित करके विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय सही मायने  में ऐसे अविश्वसनीय युवा वैज्ञानिक मस्तिष्कों की खोज के लिए खुद की सराहना करता है। उन्होंने आगे कहा मंत्रालय की यह पहल पूरे देश में छिपी संभावनाओं तक पहुंचने व उनकी खोज करने के नए दृष्टिकोण की शुरुआत करता है और इसके बाद उनकी उन्नति व उन्हें विकसित करने में सक्षम बनाने के लिए उनकी सहायता करता है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने वरिष्ठ अधिकारियों को अभिनव स्टार्ट-अप की सहायता करने के लिए एक प्रकार का रिवाल्विंग फंड (परिकामी निधि) बनाने को लेकर एक एकीकृत दृष्टिकोण विकसित करने की प्रक्रिया में उद्योगों को भी शामिल करने का निर्देश दिया। मंत्री ने आगे बताया कि अभिनव स्टार्ट-अप्स को उदार वित्तीय सहायता प्रदान किया जा सके, इसके लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) अपने नियमों व विनियमनों को सरल बना रहा है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि देश में स्टार्ट-अप्स इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए एकल खिड़की अनुमति (सिंगल विंडो क्लीयरेंस), परियोजनाओं को तेजी से कार्यान्वित करना, इन्क्यूबेशन की सुविधाएं और स्टार्ट-अप्स की मिलान निधि दायित्व की समीक्षा जैसे मुद्दों को जल्द ही अधिसूचित किया जाएगा।

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बीते कल संसद में पेश केंद्रीय बजट का उल्लेख करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि स्टार्ट-अप्स के जरिए "ड्रोन शक्ति" सहित ड्रोन पर जोर और कृषि क्षेत्र में किसान ड्रोन का उपयोग के जरिए भारत को स्टार्ट-अप इकोसिस्टम का वैश्विक केंद्र बनाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच को पूरा करने के लिए उठाए गए कदम हैं।

मंत्री ने कहा कि बोटलैब ने विश्व के सामने यह साबित कर दिया है कि एक भारतीय स्टार्ट-अप बीटिंग रिट्रीट समारोह के दौरान एक बार में 1,000 ड्रोन के साथ आकाश को रौशन करने की बहुचर्चित और बहुप्रशंसित अद्वीतीय उपलब्धि को प्राप्त कर सकता है।

इस कार्यक्रम में डीएसटी के सचिव डॉ. एस. चंद्रशेखर, सीएसआईआर के सचिव डॉ. शेखर मांडे, जैव प्रद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ. राजेश गोखले, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ. एम. रविचंद्रन, डीएसटी के पूर्व सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा, प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) के सचिव राजेश कुमार पाठक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

पृथ्वी भवन में बोटलैब डायनेमिक्स प्राइवेट लिमिटेड की एमडी डॉ. सरिता अहलावत और ड्रोन शो को पूरा करने वाले तन्मय बुनकर, सुजीत राणा, मोहित शर्मा, हर्षित बत्रा, कुणाल मीणा और इंजीनियरों की पूरी टीम बोटलैब की सफलता का उत्सव मनाने के लिए एकत्रित हुई थी।

उन्होंने आगे बताया कि प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड लद्दाख और उत्तर पूर्व स्टार्ट-अप्स की ओर से निधि प्राप्त करने के संबंध में प्राप्त दो प्रस्तावों की जांच कर रहा है। उन्होंने कहा कि स्टार्ट-अप्स के टिकाऊपन के लिए निधि की उदार उपलब्धता एक पूर्व शर्त है और इसके लिए उद्योग जगत को केंद्रीय वैज्ञानिक विभागों के साथ भागीदारी करनी चाहिए। इस बात का स्मरण किया जा सकता है कि बोटलैब डायनेमिक्स को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) की ओर से अनुसंधान व विकास के लिए एक करोड़ रुपये की शुरूआती निधि (सीड फंड) दी गई थी। इसके बाद भारत में अपनी तरह की पहली तकनीकी परियोजना विकसित करने के लिए प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड ने बोटलैब को अपनी क्षमता बढ़ाने और व्यावसायिकरण के लिए 2.5 करोड़ रुपये प्रदान किए थे।

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डीएसटी के सचिव और टीडीबी के अध्यक्ष ने कहा, "मुझे विश्वास है कि टीडीबी आने वाले वर्षों में स्वदेशी तकनीकों के व्यावसायीकरण को सक्षम बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहेगा और मौजूदा नेतृत्व में यह कई गुना बढ़ जाएगा। टीडीबी स्टार्ट-अप्स की सहायता करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और उन्हें आत्मनिर्भर भारत के मिशन को आगे बढ़ाने व इसमें योगदान करने में मदद करेगा।”

भारतीय डाक और दूरसंचार लेखा व वित्त सेवा (आईपीएंडटीएएफएस) के अधिकारी व टीडीबी के सचिव राजेश कुमार पाठक ने कहा, “टीडीबी को इस बात पर गर्व है कि उसने 1000 ड्रोन के साथ आसमान को रौशन करने व शानदार ड्रोन लाइट शो करने और भारत को यह उपलब्धि प्राप्त करने वाला विश्व का चौथा देश बनाने के लिए बोटलैब डायनेमिक्स के संस्थापकों- डॉ. सरिता अहलावत, श्री तन्मय बुनकर और श्री अनुज कुमार बर्णवाल के नेतृत्व में सपने देखने वाले इन युवाओं की सहायता की है।

वहीं, बोटलैब की सह-संस्थापक सरिता अहलावत ने कहा कि बोटलैब की पूरी स्टार्टअप टीम महत्वपूर्ण समय में वित्तीय सहायता के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग और आईआईटी- दिल्ली की आभारी है। उन्होंने आगे कहा, “विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के विभिन्न निकायों से प्राप्त वित्तीय सहायता के कारण ही हम गणतंत्र दिवस रिट्रीट समारोह में ड्रोन शो के सपने की सफलतापूर्वक संकल्पना कर सके।”

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एमजी/एएम/एचकेपी



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