मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय

मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय द्वारा गुजरात से शुरू हो रहा कार्यक्रम "सागर परिक्रमा" हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों, नाविकों और मछुआरों को सलाम करता है

Posted On: 02 MAR 2022 6:29PM by PIB Delhi

महासागर दुनिया का सबसे बड़ा अकेला ईकोसिस्टम है, जो पृथ्वी की सतह के लगभग तीन-चौथाई हिस्से को कवर करता है इसलिए उभरते जटिल और परस्पर विकास के मुद्दों के लिए एक विशाल क्षेत्र प्रदान करता है। इन मुद्दों में आजीविका, जलवायु परिवर्तन, वाणिज्य और सुरक्षा जैसे क्षेत्र शामिल हैं। हिंद महासागर अपने तटीय राज्यों की अर्थव्यवस्थाओं, सुरक्षा और आजीविका के लिए महत्वपूर्ण है। देश में 8118 किमी की तटरेखा है, जो 9 समुद्री राज्यों और 4 केंद्र शासित प्रदेशों को कवर करती है और लाखों तटीय मछुआरों को आजीविका सहायता प्रदान करती है। हमारे समुद्र के प्रति कृतज्ञता के प्रतीक के रूप में हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों, नाविकों और मछुआरों को सलाम करते हुए 75वें आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर "सागर परिक्रमा" कार्यक्रम आयोजित करने का प्रस्ताव है। 'सागर परिक्रमा' का पहला चरण गुजरात से 5 मार्च 2022 को 2 दिनों के लिए शुरू होगा। सागर परिक्रमा कार्यक्रम को सभी तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एक पूर्व-निर्धारित समुद्री मार्ग के माध्यम से मनाने का प्रस्ताव  है। ये राज्य गुजरात, दीव, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल, तमिल नाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, अंडमान और निकोबार और लक्षद्वीप हैं जो तटीय मछुआरों की समस्याओं को जानने के लिए 75वें "आजादी का अमृत महोत्सव" के एक भाग के रूप में मछुआरों, मछुआरे समुदायों और हितधारकों के साथ बातचीत कार्यक्रम आयोजित करेंगे। यह भारत सरकार की आजादी के 75 साल और अपने लोगों, संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास का जश्न मनाने के लिए महत्वपूर्ण पहलों में से एक है। सभी मछुआरों, मत्स्य पालन से जुड़े किसानों और संबंधित हितधारकों के साथ आत्मनिर्भर भारत की भावना के साथ एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए तटीय क्षेत्र में समुद्र में एक विकासवादी यात्रा की परिकल्पना की गई है।

"सागर परिक्रमा" की यात्रा गुजरात राज्य से शुरू होगी। ब्रिटिश राज के दौरान भारत के गुजरात राज्य में बारडोली सत्याग्रह, 12 जून 1928 को भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में सविनय अवज्ञा और विद्रोह का एक प्रमुख प्रकरण था। इस आंदोलन का नेतृत्व अंततः सरदार वल्लभभाई पटेल ने किया था और इसकी सफलता ने पटेल को स्वतंत्रता आंदोलन के मुख्य नेताओं में से एक बना दिया। विशेष रूप से किसानों के मुद्दों को हल करने वालों में पटेल को जाना जाने लगा। गुजरात की तटीय लंबाई 1214 किमी है, जिसमें 16 तटीय जिले शामिल हैं और जिनमें समुद्र आधारित ईकोसिस्टम और विकास के अवसरों की विशाल विविधता है। मछुआरे, विक्रेताओं और उद्योगों की इस सेक्टर के विकास में आर्थिक तौर पर सीधी हिस्सेदारी है।

सागर परिक्रमा के पहले चरण के कार्यक्रम के रूप में यात्रा 5 मार्च 2022 को मांडवी से शुरू होगी और 6 मार्च 2022 को पोरबंदर में समाप्त होगी। पूरी दूरी मांडवी के तट से गुजरात के कच्छ जिले में अरब सागर के तट पर तय की जाएगी। ये उस मुहाने पर स्थित है जहाँ रुक्मावती नदी कच्छ की खाड़ी से मिलती है।

भारत सरकार के मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के तहत मत्स्य पालन विभाग और राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड के साथ-साथ मत्स्य पालन विभाग, गुजरात सरकार, भारतीय तटरक्षक बल, भारतीय मत्स्य सर्वेक्षण, गुजरात समुद्री बोर्ड और मछुआरे प्रतिनिधि सागर परिक्रमा उत्सव मनाएंगे जो 5 मार्च 2022 को मांडवी से गुजरात के श्यामीजी कृष्ण वर्मा मेमोरियल में शुरू होगा। केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री, श्री पुरुषोत्तम रूपाला; श्री राघवजीभाई पटेल, कृषि, पशुपालन और गाय-पालन मंत्री, गुजरात सरकार; श्री जीतूभाई चौधरी, कल्पसर और मत्स्य पालन राज्य मंत्री; श्री जतिन्द्र नाथ स्वैन, सचिव (मत्स्य पालन), भारत सरकार; श्री नलिन उपाध्याय, सचिव (मत्स्य पालन), गुजरात सरकार और मत्स्य पालन विभाग, भारत सरकार, राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड, गुजरात सरकार, भारतीय मत्स्य सर्वेक्षण, गुजरात समुद्री बोर्ड और भारतीय तटरक्षक के वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित होंगे। इस यात्रा में राज्य के मत्स्य अधिकारी, मछुआरे प्रतिनिधि, मछली-किसान उद्यमी, हितधारक, पेशेवर, अधिकारी और देश भर के वैज्ञानिक भी शामिल होंगे।

आयोजन के दौरान, प्रगतिशील मछुआरों, विशेष रूप से तटीय मछुआरों और मछली किसानों, युवा मत्स्य उद्यमियों आदि को प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, केसीसी और राज्य योजना से संबंधित प्रमाण पत्र और मंजूरी प्रदान की जाएगी। पीएमएमएसवाई योजना, राज्य योजनाओं, एफआईडीएफ और केसीसी आदि योजनाओं के व्यापक प्रचार और मछुआरों के बीच लोकप्रिय बनाने के मकसद से प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, वीडियो, डिजिटल अभियान का इस्तेमाल किया जाएगा। 75वें आजादी के अमृत महोत्सव की प्रतियोगिता में सागर परिक्रमा पर एक गीत भी लॉन्च किया जाएगा। यह कार्यक्रम बाद के चरणों में गुजरात के अन्य जिलों और अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में भी इसी तरह मनाया जाएगा।

भारत सरकार मछली पालन क्षेत्र को बदलने और एक ईकोसिस्टम दृष्टिकोण के माध्यम से स्थायी और जिम्मेदार विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी फिशरी गर्वनेंस की दिशा में नियामक ढांचे के साथ मात्स्यिकी प्रबंधन योजना तैयार करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। सागर परिक्रमा की यात्रा राष्ट्र की खाद्य सुरक्षा और तटीय मछुआरा समुदायों की आजीविका और समुद्री ईकोसिस्टम की सुरक्षा के लिए समुद्री मत्स्य संसाधनों के उपयोग के बीच स्थायी संतुलन पर केंद्रित होगी।

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एमजी/एएम/पीके



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