पृथ्‍वी विज्ञान मंत्रालय
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अंतरराष्ट्रीय मॉनसून परियोजना कार्यालय का शुभारंभ

Posted On: 28 FEB 2022 8:15PM by PIB Delhi

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्‍य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2022 के अवसर पर आज एक उच्चस्तरीय वर्चुअल कार्यक्रम के जरिये अंतरराष्ट्रीय मॉनसून परियोजना कार्यालय (आईएमपीओ) का शुभारंभ किया।

शुरुआत में 5 साल के लिए अंतरराष्ट्रीय मॉनसून परियोजना कार्यालय (आईएमपीओ) भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) में होगा जो भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अंतर्गत एक संस्‍थान है। आईएमपीओ की स्थापना राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के लिए मॉनसून के महत्व को दोहराती है। इसमें अंतरराष्ट्रीय मॉनसून अनुसंधान से संबंधित गतिविधियों और संपर्कों को शामिल किया जाएगा जिन्हें विश्व जलवायु अनुसंधान कार्यक्रम और विश्व मौसम अनुसंधान कार्यक्रम के नेतृत्व में आगे बढाया जाएगा। विश्व जलवायु अनुसंधान कार्यक्रम और विश्व मौसम अनुसंधान कार्यक्रम दोनों संयुक्त राष्ट्र विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) द्वारा समन्वित अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम हैं।

भारत में आईएमपीओ की स्थापना का मतलब होगा मॉनसून के कारण मौसमी बदलाव के समाधान के लिए एक एकीकृत वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विस्तार करना, मॉनसून एवं चक्रवातों की भविष्यवाणी कौशल को बढ़ाना, मदद संबंधी बेहतर संचालन एवं सेवाओं के लिए मॉनसून अनुसंधान को मजबूत करना और इससे कृषि, जल संसाधन एवं आपदा प्रबंधन, जल विद्युत एवं जलवायु के प्रति संवेदनशील सामाजिक-आर्थिक क्षेत्रों के लिए मॉनसून अनुसंधान जैसे क्षेत्रों में ज्ञान की साझेदारी  और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देना।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, 'आईएमपीओ दुनिया भर में मॉनसून के सामान्य एवं क्षेत्र विशेष पहलुओं को समझने करने के लिए भारत को मॉनसून अनुसंधान एवं समन्वय के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाने की दिशा में उठाया गया एक कदम है।' उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आईएमपीओ की स्थापना से वैश्विक मॉनसून अनुसंधान को काफी प्रोत्साहन मिलेगा जिससे अंतरराष्ट्रीय और भारतीय दोनों अनुसंधान जगत को पारस्परिक लाभ मिलेगा।

आईएमपीओ अपनी मुख्य दायित्‍वों के तहत विश्व जलवायु अनुसंधान कार्यक्रम के सीएलआईवीएआर (क्‍लाइमेट एंड ओसेन वेरिएबिलिटी, प्रेडिक्‍टेबिलिटी एंड चेंज) और जीईडब्‍ल्‍यूईएक्‍स (ग्‍लोबल एनर्जी एंड वेदर एक्‍सचेंज) परियोजनाओं द्वारा संयुक्त रूप से स्थापित मॉनसून पैनल की गतिविधियों में मदद करेगा। आईएमपीओ उष्णदेशीय मौसम विज्ञान अनुसंधान पर विश्व मौसम अनुसंधान कार्यक्रम के कार्यकारी समूह को भी मदद करेगा।

आईएमपीओ का शुभारंभ इस वर्ष के राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की थीम - 'सतत भविष्य के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में एकीकृत दृष्टिकोण' के अनुरूप है। यह मार्च 2022 में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, विश्व जलवायु अनुसंधान कार्यक्रम और विश्व मौसम अनुसंधान कार्यक्रम द्वारा संयुक्त रूप से भारत में आयोजित की जा रही मॉनसून पर 7वीं डब्‍ल्‍यूएमओ अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला से पहले की पहल है। अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला वैश्विक शोधकर्ताओं और हितधारकों को पृथ्वी प्रणाली विज्ञान से संबंधित घटनाओं के प्रमुख घटकों के रूप में मॉनसून से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने के लिए के लिए एक बड़ा मंच होगा।

 

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