विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
केन्द्रीय मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने नवोन्मेषण स्टार्टअप्स के अन्वेषण, संरक्षण तथा उसे सहारा देने की अपील की, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर आधारित एक स्टार्टअप परितंत्र के सृजन पर जोर दिया
मंत्री ने सीएसआईआर द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्तर वैज्ञानिक रचनात्मकता प्रतियोगिता “सीएसआईआर जिज्ञासा विज्ञान महोत्सव 2022” के विजेताओं की घोषणा की
सीएसआईआर जिज्ञासा कार्यक्रम का कार्यान्वयन 2017 से किया जा रहा है तथा इसने देशभर में 4 लाख से अधिक छात्रों को लाभान्वित किया है: डॉ. जितेन्द्र सिंह
Posted On:
26 FEB 2022 11:21AM by PIB Delhi
केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, जन शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने आज नवोन्मेषण स्टार्टअप्स के अन्वेषण, संरक्षण तथा उसे सहारा देने की अपील की तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर आधारित एक स्टार्टअप परितंत्र के सृजन पर जोर दिया।
डॉ. सिंह आजादी का अमृत महोत्सव के रूप में भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष का समारोह मनाने के लिए सीएसआईआर द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्तर वैज्ञानिक रचनात्मकता प्रतियोगिता “सीएसआईआर जिज्ञासा विज्ञान महोत्सव 2022” के विजेताओं की घोषणा करने के बाद संबोधित कर रहे थे।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने सीएसआईआर जिज्ञासा टीम से छात्रों का संरक्षण करते रहने का आग्रह किया जिससे कि वे रोडमैप 2047 के लिए मजबूत बुनियाद रख सकें तथा भारत को विभिन्न चुनौतियों का समाधान करने तथा इसे एक वैश्विक नेता बनने में सहायता कर सकें। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों तथा तकनीकविदों की भविष्य की पीढ़ी को जोड़ना महत्वपूर्ण है। उन्होंने हमारे देश के प्रत्येक हिस्से से विज्ञान, प्रौद्योगिकी तथा नवोन्मेषण को रेखांकित किया।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने संतोष जताया कि 3 जनवरी, 2022 को आरंभ सीएसआईआर जिज्ञासा विज्ञान महोत्सव 2022 देशभर में बूटकैम्प्स के माध्यम से 20000 से अधिक छात्रों तक पहुंच चुका है। उन्होंने कहा ऊर्जा, स्वास्थ्य, कृत्रिम आसूचना, जलवायु परिवर्तन, जल संरक्षण, आपदा शमन तथा कृषि प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में भविष्य से संबंधित थीमों के साथ सात बूटकैम्पों का आयोजन किया गया जिसमें विज्ञान विशेषज्ञों ने छात्रों को कुछ समसामयिक मुद्दों के बारे में जानकारी दी जो हमारे सामने हैं तथा जिनके बारे में अधिक जागरूकता फैलाये जाने तथा एस एवं टी आधारित समाधान किए जाने की आवश्यकता है।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि सीएसआईआर के पास विभिन्न कलाकार, एनिमेटर, एप डेवलेपर आदि हैं और उसने कॉमिक्स, साइन्स फिक्शन, वीडियो, इनफोग्राफिक्स ऐप डवलपमेंट, एनिमेशन आदि जैसे कन्टेंट डेवलप करने के लिए बूटकैम्पों का आयोजन किया। उन्होंने कहा कि इन बूट कैंपों ने वैज्ञानिक अवधारणाओं को समझने तथा उनकी सोच तथा दृष्टिकोण को प्रेरित करने में छात्रों की सहायता की है।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा सीएसआईआर वर्चुअल लैब वैज्ञानिक रूझान विकसित करने में अगला तार्किक कदम है और 14 फरवरी, 2020 को आयोजित सीएसआईआर सोसायटी की एक बैठक में प्रधानमंत्री ने देश के सभी हिस्सों में छात्रों के सभी वर्गों तक विज्ञान को पहुंचाने की दिशा में निर्देश भी दिया था। 22 नवम्बर, 2021 को सीएसआईआर वर्चुअल लैब प्लेटफार्म के लॉन्च का स्मरण करते हुए तथा कुछ स्कूली छात्रों, जिन्हें जिज्ञासा कार्यक्रम से लाभ पहुंचा है, के साथ बातचीत करते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि आईआईटी बॉम्बे के साथ विकसित सीएसआईआर वर्चुअल लैब प्लेटफार्म मनोरंजक तथा रचनात्मक तरीके से वैज्ञानिक अवधारणाओं को समझने में प्रत्येक छात्र के लिए बहुत उपयोगी साबित हो रहा है।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि सीएसआईआर जिज्ञासा भारत भर में स्कूली छात्रों के साथ बड़ी संख्या में संपर्क से साथ सीएसआईआर के एक अग्रणी लोकसंपर्क कार्यक्रम के रूप में उभरी है। उन्होंने कहा न केवल छात्रों ने वास्तविक रूप से सीएसआईआर प्रयोगशालाओं का अवलोकन किया तथा छात्रों के साथ परस्पर बातचीत की, बल्कि महामारी के दौरान भी छात्र वेबीनारों के माध्यम से वैज्ञानिकों के साथ कनेक्ट कर सकते थे तथा वैज्ञानिक तरीके से परस्पर बातचीत कर सकते थे। डॉ. सिंह को यह जानकर प्रसन्नता हुई कि सीएसआईआर जिज्ञासा कार्यक्रम का कार्यान्वयन 2017 से किया जा रहा है तथा इसने देशभर में 4 लाख से अधिक छात्रों को लाभान्वित किया है।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि विज्ञान, रचनात्मकता तथा विचारों का मिश्रण देश के भविष्य के विजन की दिशा में एक कदम है जब हम 2047 की योजना बना रहे हैं। उन्होंने वैज्ञानिक अवधारणाओं पर आधारित रचनात्मक कंटेन्ट विकसित करने के लिए कार्य करने तथा अंतर्दृष्टि उपलब्ध कराने के लिए सीएसआईआर की भूमिका की सराहना की। डॉ. सिंह ने यह भी वादा किया कि छात्रों द्वारा विकसित कंटेन्ट को अन्य छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए सीएसआईआर जिज्ञासा वर्चुअल प्लेटफार्म तथा अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर भी प्रदर्शित किया जाएगा।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने बताया कि 22 फरवरी से 28 फरवरी तक के सप्ताह को आजादी के अमृत महोत्सव के तहत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रतिष्ठित सप्ताह के रूप में मनाया जाएगा। सभी वैज्ञानिक विभाग इससे सक्रियतापूर्वक जुड़े हैं। जिज्ञासा विज्ञान महोत्सव भी इसी समारोह का एक हिस्सा है।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने हिन्दी एवं अंग्रेजी माध्यम में आयोजित सीएसआईआर की राष्ट्रीय स्तर की वैज्ञानिक सृजनशीलता की प्रतियोगिता के लिए तीन छात्रों मोहम्मद हिसाम, श्रृति निम्बाली तथा सांची बंसल- प्रत्येक को एक-एक लाख रुपए का पुरस्कार प्रदान किया। भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्षों के समारोह के हिस्से के रूप में देशभर से 75 विजेताओं का पुरस्कारों के लिए चयन किया गया, छात्रों का उनकी सृजनशीलता; नवोन्मेषी विचारों; कहानी कहने की क्षमता; संदेश प्रेषण; समग्र सौन्दर्यात्मकता; अनूठी सोच; एप्स/वीडियो/एनिमेशन के मामले में उपयोग करने या व्यवहार में लाने की क्षमता के लिए कड़ाई से मूल्यांकन किया गया है।
सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. शेखर सी. माण्डे ने कहा कि सीएसआईआर प्रयोगशालाओं ने इस कार्यक्रम को निष्पादित किया है तथा आईआईटी बॉम्बे तथा माई गॉव, केन्द्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों तथा अटल नवोन्मेषण मिशन, मानव संसाधन विकास मंत्रालय तथा अन्य के साथ मजबूत साझेदारी तथा जुड़ाव विकसित किया है।
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एमजी/एएम/एसकेजे/डीसी
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